कांग्रेस की सभी पांच राज्यों में शर्मनाक हार के साथ, उसकी चुनावी कहानी खत्म होती दिख रही है। अन्य राजनीतिक दलों ने शायद इसे महसूस किया है और वे ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ का मजाक उड़ा रहे हैं। हाल ही में, कांग्रेस और केरल सीपीएम के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है, जो गली में लड़ने वाले गुंडे मव्वालियों जैसा प्रतीत होता है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के इडुक्की जिला सचिव को एक वीडियो में यह कहते हुए सुना गया है कि कांग्रेस के राज्य प्रमुख सुधाकरन का जीवन उनकी पार्टी ने बख्शा हैं। मंगलवार को चेरुथोनी में एक पार्टी कार्यक्रम में बोलते हुए वर्गीस ने कहा कि सुधाकरण को सीपीएम ने बख्शा था, केवल इसलिए कि पार्टी को सुधाकरण जैसे ‘दुष्ट प्राणी’ को मारने में कोई दिलचस्पी नहीं थी। मणि की मौजूदगी में दिया गया भाषण बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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वर्गीज ने अपने बयान को यह कहते हुए इसे सही ठहराया कि उनका भाषण सुधाकरन के भड़काऊ भाषण का प्रतिउत्तर था। वर्गीज के अनुसार- “ सुधाकरण ने धीरज राजेंद्रन के हत्यारों का बचाव करते हुए कहा था कि कांग्रेस आरोपियों को समर्थन देगी। सुधाकरन ने सीपीएम कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की। मेरा भाषण सुधाकरन द्वारा की गई टिप्पणियों के जवाब में था।“
पाठकों को बता दें की इडुक्की जिले में सीपीएम और कांग्रेस के बीच संबंध तब से तनावपूर्ण हैं, जब से स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के एक इंजीनियरिंग छात्र की यूथ कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। सुधाकरन ने धीरज राजेंद्रन की हत्या के कथित दोषियों का बचाव किया था। उन्होंने कहा कि मामले का मुख्य आरोपी निखिल पैली निर्दोष है।
कांग्रेस नेतृत्व ने वर्गीज के बयान को गंभीरता से लेते हुए माकपा नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विपक्ष के नेता वी डी सतीसन और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल सुधाकरन के समर्थन को आगे आ चुके हैं।
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष सुधाकरन अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। दशकों से वे मार्क्सवादी पार्टी के शरीर में कांटे की तरह चुभ रहे हैं और कन्नूर में मार्क्सवादियों को उनके गढ़ में लगभग अकेले ही चुनौती दी है। पिछले साल सुधाकरन ने मार्क्सवादी दिग्गज और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ अपने छात्र जीवन के दौरान संघर्षों को लेकर विवादित बयान दिया था।
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केपीसीसी प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद सुधाकरन ने दावा किया था कि अपने कॉलेज के दिनों में उन्होंने थालास्सेरी के गवर्नमेंट ब्रेनन कॉलेज में पिनाराई विजयन की पिटाई की थी। परंतु, विजयन ने दयालु प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि कैसे उन्होंने सुधाकरण को उस समय बख्शा था?
हालांकि, सीपीएम के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने विवाद से खुद को दूर कर लिया। कोडियेरी ने कहा कि टिप्पणी उनके ध्यान में नहीं आई है और वह इस पर गौर करने के बाद जवाब देंगे। परंतु, यह तो स्पष्ट हो गया है की राजनीतिक प्रतिशोधों के लिए बदनाम केरल में अब काँग्रेस और सीपीएम के बीच खूनी गैंगवार होने की प्रबल संभावना है।
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