हम तो चले परदेस, हम परदेसी हो गये, छूटा अपना देस हम परदेसी हो गये। अरे नहीं नहीं कोई नहीं जा रहा विदेश,बात इतनी सी है स्वार्थ नहीं है, कुछ बनने की लालसा नहीं है कहकर अपनी परिपक्वता और देशप्रेम का बखान करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू सोनिया गांधी के इस्तीफा मांगने और बाद में पंजाब इकाई के प्रमुख पद से इस्तीफा देने के बाद अब वो आजाद पंछी हो गए हैं जिनका पदार्पण शीघ्र ही आम आदमी पार्टी में होता दिखाई दे रहा है। इसकी तस्दीक करता है गुरुवार को सिद्धू द्वारा किया गया भगवंत मान की तारीफ में किया गया उनका ट्वीट। ट्वीट में ठोको-ठोको के बजाय सिद्धू के लिखित रूप से मधुर और कुस्मित फूलों की वर्षा हो रही थी।
आप के साथ अपनी गोटी फिट करने की जुगत में हैं सिद्धू
ऐसा लगने लगा है कि सिद्धू कांग्रेस में चंद दिनों के मेहमान रह चुके हैं और वो अब आम आदमी पार्टी के साथ अपनी गोटी फिट करने की जुगत में लग चुके हैं।
पंजाब में बड़ी हार के बाद कांग्रेस का अपना एक शासित राज्य हाथ से पलभर में छिटक गया तो वहीं आम आदमी पार्टी सफल रही। वैसे ही जैसे दिल्ली में कांग्रेस के 15 साल के शासन को “आप” ने पलभर में ध्वस्त कर दिया था और आज स्थिति ऐसी है कि दो बार के विधानसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस को दिल्ली में शुन्य और जमानत जब्त के अतिरिक्त कुछ मिल ही नहीं रहा है। इसी क्रम में जहां दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया पंजाब उसका प्रतिबिम्ब बनता नज़र आ रहा है और कारक है वही आम आदमी पार्टी जिसने 2022 के शुरुआती महीनों में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में एक राज्य फ़तेह कर लिया और भगवंत मान ने राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ भी ले ली।
और पढ़ें- पंजाब में कद्दावर नेताओं की हार चुनाव का खालिस्तानिकरण दर्शाता है!
ताज़ा हार के प्रमुख कारणों में से एक हैं सिद्धू
जैसा की आम आदमी पार्टी दिल्ली में सरकार चलाने के साथ-साथ काम कम और प्रचार ज़्यादा के लिए जानी जाती है, वही हाल अब पंजाब में हो रहा है और इसी क्रम में भगवंत मान के एक फैसले से और कोई खुश होता या प्रतिक्रिया देता उससे पूर्व राज्य कांग्रेस इकाई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस की ताज़ा-ताज़ा हार के प्रमुख कारणों में से एक नवजोत सिंह सिद्धू ने अपना रुख तटस्थ रखना शुरू तो किया ही साथ ही आम आदमी पार्टी और भगवंत मान की सराहना करने में क्षणभर नहीं लगाया।
The happiest man is the one from whom no one expects … Bhagwant Mann unfurls a new anti – Mafia era in Punjab with a mountain of expectations …hope he rises to the occasion , brings back Punjab on the revival path with pro – people policies … best always
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 17, 2022
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान को बधाई देते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया, “सबसे खुश आदमी वह है जिससे कोई उम्मीद नहीं करता… भगवंत मान ने पंजाब में उम्मीदों के पहाड़ के साथ एक नए माफिया विरोधी युग की शुरुआत की है… आशा है कि वह इस पर खरे उतरेंगे, जनहितैषी नीतियों के साथ पंजाब को पुनरुद्धार के रास्ते पर वापस लाएंगे.. उन्हें शुभकामनाएं..”
कोई भी नेता इतनी करारी हार के बाद अपने पार्टी के विरोधी दल के लिए इतना खुश तभी होता है जब वो में रही बची महत्वकांक्षों की पूर्ति करने के लिए एक दल छोड़ दूसरे का रुख करने की फिराक में होते हैं। और ऐसे में नवजोत सिंह सिद्धू का इतिहास और हाथ दोनों ही तंग रहा है। भारतीय जनता पार्टी में मलाई मिलती रही वहां बने रहे, 2017 में पंजाब का मुख्यमंत्री बनने की योजना से कांग्रेस में गए पर वहां हाथ मलते रह गए। ऐसे में लगता है सिद्धू का नया नारा होने जा रहा है कि, “आकाश की कोई सीमा नहीं, पारस का कोई मोल नहीं, साधू की कोई जात नहीं और छोटे भाई केजरीवाल और मान का कोई तोल नहीं,कोई तोल नहीं। ठोको ताली !!”
और पढें- सिद्धू की बेजोड़ यात्रा – शून्य से पुनः शून्य तक
अब बहाना चाहिए ही था की कैसे निकले कांग्रेस के मायाजाल से, क्योंकि अब तो न पद का मतलब और न पार्टी का। जब तक कांग्रेस सत्ता में बनी रही यह इच्छा बनी रही कि चलो अमरिंदर के बाद सीएम बन जाएंगे, बाद में चन्नी आ गए तो फिर कसक रह गयी, सोचा कि पुनः कांग्रेस की सरकार आ गई तो 10 जनपथ पर खूंटा डालकर बैठ जाऊंगा कि “मैडम अब मुझे बनाओ मुख्यमंत्री।”
सिद्धू का मलाल बढ़ता ही गया
हुआ ये कि समय और नियति को कुछ और ही मंजूर था और सिद्धू का मलाल बढ़ता ही गया। ऐसे में अब कैसे भी साम-दाम-दंड-भेद के साथ सिद्धू का लक्ष्य है सत्ता प्राप्ति, आम आदमी पार्टी की सराहना करना और माफिया वाले मामले पर यह वही प्रयोग है जो कांग्रस पार्टी में रहते हुए अमरिंदर और चन्नी के मुख्यमंत्री रहते हुए सिद्धू अपनी ही सरकार को घेरा करते थे। अब जब भगवंत मान की तारीफ में कसीदे पढ़े जाने लगे हैं,यह तय है कि सिद्धू का अगला गंतव्य आम आदमी पार्टी होने जा रही है।
As desired by the Congress President I have sent my resignation … pic.twitter.com/Xq2Ne1SyjJ
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) March 16, 2022
कांग्रेस, जिसे शुरू में राज्य विधानसभा चुनावों में एक प्रमुख बहुकोणीय लड़ाई के रूप में देखा गया था, को AAP के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसने कुल 117 विधानसभा सीटों में से 92 पर जीत हासिल की। 2017 के चुनावों की तुलना में भव्य पुरानी पार्टी ने अपने वोट शेयर में तेज गिरावट देखी, यहां तक कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को भी दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। सिद्धू स्वयं अमृतसर पूर्व सीट आम आदमी पार्टी (आप) की जीवनज्योत कौर से 6,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गए। जहां उन्हें 32,929 वोट मिले, वहीं कौर को 39,520 वोट मिले।
और पढें- पद का मोह नहीं छोड़ पा रहीं सोनिया, पार्टी का नाश करके ही मानेगा गांधी परिवार
अब जब मैडम सोनिया गांधी ने इस्तीफा भी ले ही लिया है तो सिद्धू ” पंछी बनूं उड़ती फिरूं मस्त गगन में ” की भांति स्वतंत्र हो गए हैं कि कभी भी कांग्रेस को टाटा-बाय-बाय करने में देर नहीं लगाएंगे। अन्तोत्गत्वा पार्टी जाए चूल्हे में, मैं तो अपनी करूंगा।