हाल ही में एक समाचार चर्चा में रहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 100 दिन का एक्शन प्लान बनाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट के समक्ष प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा विभिन्न विभागों से ली गई रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए 100 दिन के एक्शन प्लान का प्रेजेंटेशन दिया गया।
इस एक्शन प्लान के अंतर्गत प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य ढांचे में सुधार, रोजगार और निवेश को प्रमुखता से जगह मिली है। कुछ दिन पूर्व ही सीएम योगी ने ट्वीट किया था कि, “राज्य सरकार ने सभी सेवा चयन बोर्ड को अगले 100 दिनों में राज्य के 10,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान करने का निर्देश दिया है.”
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हर हाल में विकासकार्य शुरू करना है प्राथमिकता
एक सरकारी अधिकारी ने बताया है कि योगी सरकार अगले 100 दिन में 20,000 सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य लेकर चल रही है। अर्थात 10,000 सरकारी नौकरी का तो ऐलान हो चुका है इसके अतिरिक्त अगले 100 दिन में 10000 सरकारी नौकरी और आ सकती है। इतना ही नहीं स्वरोजगार के अंतर्गत 50,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने का संकल्प किया गया है।
प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए योगी सरकार 1.58 लाख प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध करवाएगी। इसके अतिरिक्त विधायकों को एक-एक विद्यालय गोद लेने का आदेश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने प्रथम 5 वर्ष के कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सेवाओं के विकास पर ध्यान दिया था। क्योंकि सरकार में विकास कार्यों की नींव मजबूती के साथ रखी है, इसलिए अब आगे के रोडमैप पर तुरंत कार्य शुरू कर दिया गया है।
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योगी जी ने बनाया 100 दिन का एक्शन प्लान
योगी आदित्यनाथ में नरेंद्र मोदी जैसी विशेषता देखने को मिलती है। जिस प्रकार नरेंद्र मोदी ने 2014 से 2019 के कार्यकाल में विकास कार्यों की नींव डाली थी और उसे मजबूत के साथ 2019 के बाद भी विकास की गाड़ी को तेजी से आगे बढ़ाया उसी प्रकार योगी आदित्यनाथ ने भी 5 वर्षों में बुनियादी सेवाओं और सुविधाओं को विकसित करके अब उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया है। योगी सरकार ने जीतने से पहले ही अगले कार्यकाल की कार्य योजना बना रखी थी। इसीलिए सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और प्रशासनिक अधिकारी आगे की योजना पर कार्य करने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने कार्यों पर विश्वास था और इसी आधार पर उन्होंने अपनी जीत सुनिश्चित मानकर पहले ही कार्य योजना बना रखी थी।
रामायण विश्वविद्यालय इस विश्वास का एक उदाहरण है। इसकी घोषणा योगी आदित्यनाथ ने मेनिफेस्टो में की थी और सरकार बनते ही इस पर कार्य शुरू हो गय। कहा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी के विकास मॉडल को अपनाया है और वह उन्हीं के पदचिन्हों पर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारत के आर्थिक विकास की रीढ़ बनेगा।