आज दुनिया भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते हुए देख रही है, जो हर क्षेत्र में नेतृत्व करने की क्षमता रखता है। अब पश्चिमी देशों पर अपनी पकड़ और मजबूत बनाने की दिशा में भारत ने एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है। अमेरिका के साथ मिलकर भारत ने पश्चिमी देशों का नए समीकरण तैयार किया है। दरअसल, भारत, अमेरिका, यूएई और इज़राइल इन चार देशों ने मिलकर एक नया QUAD समूह बनाया है। इस नए QUAD में समूह में भारत एक बेहद ही अहम भूमिका निभाने जा रहा है। नई चौकड़ी को I2U2 का नाम दिया गया है, जिसमें I2 का मतलब भारत और इज़राइल है। तो वहीं U2 से तात्पर्य अमेरिका और यूएई से हैं।
अगले महीने समूह के शीर्ष नेताओं के बीच पहली वर्चुअल बैठक का आयोजन होगा। जिसका हिस्सा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, इज़राइल के प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेंट और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद बनेंगे।
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चारों देशो के बीच होने वाली बैठक काफी अहम
अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इससे संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि जुलाई में राष्ट्रपति जो बाइडेन के पहले सऊदी और इज़राइल दौरे के दौरान 13 से 16 जुलाई के बीच वर्चुअल सम्मेलन का आयोजन होगा। अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन के दौरान खाद्य सुरक्षा संकट और सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा होगी, जहां संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल महत्वपूर्ण नवाचार केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह बैठक ऐसे वक्त में होने जा रही है जब रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनियाभर पर खाद्नन संकट गहरा रहा है। खाद्यान्न और तेल जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है। इस लिहाज से इन चार देशों के बीच होने वाली यह वर्चुअल बैठक काफी अहम हो जाती है।
अमेरिकी अधिकारी ने I2U2 की अहमियत समझाते हुए कहा कि कुछ साझेदारियों का विस्तार मध्य पूर्व के बाहर भी हो रहा है और इसी सिलसिले में I2U2 की वर्चुअल बैठक आयोजित किया जा रहा है। I2U2 का यह समूह यूएई और इज़राइल के संबंधों के चलते भी विशेष महत्व रखता है। नए संगठन की शीर्ष स्तर की बैठक पहली बार भले ही अब जुलाई में होने जा रही है, लेकिन इसकी बुनियाद पिछले अक्टूबर 2021 में पड़ गई थी। तब इन्हीं चार देशों के विदेश मंत्रियों ने एक बैठक में लिया गया था। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर बैठक का हिस्सा बनने के लिए इजराइल गए थे। तब इस समूह को ‘इंटरनेशनल फोरम फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन’ का नाम दिया गया। उस दौरान बैठक में समुद्री सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन जैसे मुद्दों पर चार देशों में चर्चाएं हुई थीं।
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नया QUAD समूह में भारत की होगी अहम भूमिका
इस नए समूह में भारत की भूमिका सबसे अहम होगी। दरअसल, भारत ऐसा देश है, जिसके संबंध यूएई से भी अच्छे रहे हैं और इज़राइल के साथ भी। इस वजह से अमेरिका भी चाहता है कि मध्य पूर्व में भारत अहम भूमिका निभाएं। इसलिए I2U2 समूह की इस साझेदारी में भारत नेतृत्व की भूमिका निभाएगा।
भारत के लिए भी पश्चिमी एशियाई देशों की इस नई समूह को लीड करना काफी अहम है। क्योंकि एक तरफ तो विस्तारवादी चीन एशिया पर अपना प्रभुत्व बढाने के लिए पड़ोसी देशों पर बड़ी ही चालाकी ने पड़ोसी देशों में अपना दबदबा बना रहा है। वही इस बीच दूसरी ओर भारत भी रणनीतिक रूप से स्वयं को मजबूत करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। भारत पहले ही एक क्वाड समूह का हिस्सा है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा चीन, रूस और ब्राजील जैसे देशों के संगठन ब्रिक्स में भारत की भूमिका को अहम माना जाता है। ऐसे में अब पश्चिमी देशों के साथ नई साझेदारी से भारत पश्चिमी देशों में अपनी धमक बढ़ाने की तैयारी में हैं।
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