वर्ष 2023 के लिए QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी की जा चुकी है. इस सूची के 19 वें संस्करण में विश्वभर की 1400 से अधिक यूनिवर्सिटीज को शामिल किया गया. पिछले वर्ष 35 भारतीय विश्वविद्यालयो ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में जगह बनाई थी लेकिन इस बार इस लिस्ट में 41 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं. वैश्विक उच्च शिक्षा विश्लेषक क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) की एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि 2023 की विश्व रैंकिंग में वैश्विक स्तर पर टॉप 1400 संस्थानों में 41 भारतीय संस्थानों को जगह मिली है. उनमें से 12 ने पिछली बार से अपनी रैंक में सुधार किया है, जबकि लिस्ट में अन्य 10 संस्थानों ने अपनी रैंकिंग गिरा दी है.
बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) ने प्रतिष्ठित QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में 31 स्थान की छलांग लगाकर 155वां स्थान प्राप्त किया है. इस बार भारत अनुसंधान के मोर्चे पर भी मजबूती से सामने आया है, आईआईएससी विश्व स्तर पर ‘उद्धरण प्रति संकाय’ (citations per Faculty) संकेतक में नंबर एक पर है। CPF संकेतक के अनुसार, जब विश्वविद्यालयों को संकाय आकार के लिए समायोजित किया जाता है, तो IISc बेंगलुरु दुनिया का शीर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालय है, जो इस मीट्रिक के लिए 100/100 का सही स्कोर प्राप्त करता है.
और पढ़ें: मोदी सरकार का मास्टरप्लान, अब अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान नहीं बनेंगे राजनीति का अड्डा
इसी के साथ बेंगलुरु के भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह देश में शोधकर्ताओं के लिए सबसे अधिक मांग वाला शैक्षणिक गंतव्य है। गुरुवार को जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में रिलीज़ हुई QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भारत के IISC इंस्टिट्यूट ने IIT दिल्ली और IIT बॉम्बे को पीछे छोड़ते हुए 155वीं रैंक हासिल की है.
क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया में विश्वविद्यालय के प्रदर्शन पर सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला तुलनात्मक आंकड़ा है. यह रैंकिंग 51 विषयों को कवर करते हुए अलग-अलग विषय क्षेत्रों में दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों को रैंक करती है. रैंकिंग का उद्देश्य है कि संभावित छात्र अपने चुने हुए विषय क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी स्कूलों की पहचान कर सकें। QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में विश्वविद्यालयों की रैंक तय करने के लिए पांच घटकों का इस्तेमाल किया जाता है. जो हैं – शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता प्रतिष्ठा, प्रति पेपर अनुसंधान उद्धरण (Research Citations per paper), एच सूचकांक और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क.
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के 19वें संस्करण में अधिकांश शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालय जैसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) और जामिया मिलिया इस्लामिया की रैंकिंग डाउन हुई है, जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली 11 स्थान चढ़कर 174वें स्थान पर पहुंच गया है. IISc भारत के सबसे पुराने शोध आधारित संस्थानों में से एक है, जिसकी स्थापना लगभग 113 वर्षों पहले वर्ष 1909 में जमशेदजी टाटा और कृष्णराजा वाडियार IV द्वारा की गई थी. आज यह संसथान विभिन्न क्षेत्रों में मास्टर की डिग्री और पीएचडी के लिए अपनी पहचान बना चुका है.
आज जहां IIT केवल अपने करोड़ों के पैकेज और कॉरपोरेट जॉब्स तक ही सीमित रह गए हैं, वहीं दूसरी ओर IISc अनुसंधान के क्षेत्र में दिनों इन प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है. इस संस्थान की इसी मेहनत ने आज उसे IIT से भी आगे पहुंचा दिया है. अगर IISc इसी तरह शोध-अनुसंधान के क्षेत्र में मेहनत करता रहा तो जल्द ही वह विश्व के सर्वोत्तम 100 शैक्षणिक संस्थानों का हिस्सा भी बन सकता है.
और पढ़ें: भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान IISc की छवि को धूमिल करने के लिए ठोस प्रचार किया जा रहा है
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।