छह साल पहले मुकेश अंबानी ने सस्ते डेटा और मुफ्त कॉल के साथ जियो की शुरुआत की थी। Jio अब 410 मिलियन ग्राहकों के साथ दूरसंचार की दिग्गज कंपनी है। मुकेश अंबानी की जियो आज 95 बिलियन डॉलर की कंपनी है।
दूसरी तरह गौतम अडानी के नेतृत्व में अडानी समूह प्रत्येक सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ग्रीन एनर्जी, रक्षा निर्माण, एयरपोर्ट, रियल स्टेट, गैस और खनन समेत कई सेक्टर्स में गौतम अडानी तेजी से कारोबार फैला रहे हैं लेकिन अभी तक गौतम अडानी ने टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री नहीं की थी। लेकिन अब गौतम अडानी ने टेलीकॉम सेक्टर में भी अपने कदम बढ़ा दिए थे। इसी के साथ टेलीकॉम सेक्टर में अब दुनिया के दो धनवान लोगों की टक्कर होने जा रही है।
और पढ़ें: किसकी दम पर टेलीकॉम सेक्टर में मुकेश अंबानी को टक्कर देने जा रहे हैं गौतम अडानी
अडानी की टेलीकॉम में एंट्री
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 5G की नीलामी में कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। मुकेश अंबानी की जियो, एयरटेल और अडानी टेलीकॉम के बीच टक्कर हो सकती है। 26 जुलाई से 5G की नीलामी शुरू होने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रिलायंस जियो 55,000-60,000 करोड़ की तो वहीं एयरटेल 45,000-50,000 करोड़ की बोली लगा सकता है।
अडानी ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि हम हवाई अड्डे, बंदरगाहों और रसद, बिजली उत्पादन, वितरण और विभिन्न विनिर्माण कार्यों में बढ़ी हुई साइबर सुरक्षा के साथ निजी नेटवर्क समाधान प्रदान करने के लिए 5G स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग ले रहे हैं। IIFL सिक्योरिटीज़ के बालाजी सुब्रमण्यम ने कहा कि “अगर अडानी पूरी तरह से वोडाफोन-आइडिया को खरीद लेते हैं तो वो टेलीकॉम मार्केट में पूरी तरह से खेलने के इरादे से उतरेंगे।’’
और पढ़ें: मुकेश अंबानी को जल्द ही मीलों पीछे छोड़ देंगे गौतम अडानी
वोडाफोन पर दांव लगा रहे हैं अडानी?
जब से विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया है कि अडानी भी मोबाइल टेलीकॉम सर्विस प्रदान करा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने व वोडाफोन आइडिया पर नज़रें गड़ाईं हैं इसके बाद से टेलीकॉम मार्केट में हलचल हो गई है। हालांकि अभी इस पर किसी भी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि वर्तमान स्थिति में वोडाफोन आइडिया के अधिग्रहण के लिए करीब 2500 बिलियन रुपये की ज़रूरत पड़ सकती है।
टेलीकॉम में अंबानी बनाम अडानी
अंबानी और अडानी के बीच प्रतिद्वंदिता कोई नई नहीं है। और अब यह प्रतिद्वंदिता टेलीकॉम सेक्टर तक पहुंच गई है। अब देखना होगा कि अडानी अब मास्टर प्लान को कैसे क्रियान्वित करते हैं। इसके साथ ही यह भी कि क्या इस मास्टर प्लान से अडानी जियो को टक्कर दे पाएंगे।
और पढ़ें: अरबपति गौतम अडानी ने अरबपति मुकेश अंबानी को मीलों पीछे छोड़ दिया है, फासला डबल का है
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।