आज का युग डिजिटल है और लोगों के पास हर खबर पहुंचाना बेहद ही आसान हो गया है। आप देखेंगे कि किसी भी खबर को फैलने में कुछ सेकेंड का भी वक्त नहीं लगता, फिर चाहे वो सही न्यूज हो गया गलत। इंटरनेट ने लोगों की दुनिया को आसान तो बना दिया परंतु इसके साथ ही यह कई समस्याएं भी लेकर आया। आजकल झूठी खबर और दुष्प्रचार का जाल लगातार बढ़ता चला जा रहा है। फेक न्यूज को फैलाना बहुत आसान बन गया है और सोशल मीडिया इसमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हुआ नजर आता है। अभी के समय में सोशल मीडिया लोगों के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है और प्रोपेगेंडाधारी आम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।
जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से ही सरकार को बदनाम करने के लिए कई झूठी खबरों का सहारा लिया जाता रहा है। सरकार के खिलाफ विपक्ष और लिबरल लॉबी लगातार दुष्प्रचार में जुटा हुआ नजर आता है। सरकार कोई भी फैसला ले, कानून लाए या कदम उठाए, उसे लेकर एक वर्ग के द्वारा तेजी से झूठी खबरें फैलाने का काम शुरू हो जाता है और इसके जरिए वो आम जनता को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं लेकिन अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह खेल अब और नहीं चलेगा।
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पीएम मोदी ने दे दिया है संकेत
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दिए गए अपने एक बयान में इसका जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि कैसे Misinformation (यानी गलत सूचना) और Disinformation (यानी दुष्प्रचार) हमारे लिए एक बड़ा खतरा बनती जा रही है। पीएम मोदी ने अपने बयान में कहा कि आज भारत जैसे-जैसे ग्लोबल स्टेज पर स्वयं को स्थापित कर रहा है, वैसे-वैसे Misinformation, Disinformation के माध्यम से लगातार हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह आवश्यक है कि स्वयं पर भरोसा रखते हुए भारत के हितों को हानि पहुंचाने वाली ताकतें चाहे देश में हो या फिर विदेश में, उनके हर प्रयास को नाकाम करना है। प्रधानमंत्री आगे बोले कि राष्ट्ररक्षा अब केवल सीमाओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि बहुत व्यापक है। इसलिए हर नागरिक को इसके लिए जागरूक करना भी उतना ही आवश्यक है।
राष्ट्ररक्षा अब सिर्फ सीमाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि बहुत व्यापक है।
इसलिए हर नागरिक को इसके लिए जागरूक करना, भी उतना ही आवश्यक है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 18, 2022
प्रधानमंत्री ने बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि लंबे वक्त से लेफ्ट लिबरल लॉबी के द्वारा जिस तरह से गलत सूचना के जाल को तेजी से फैलाया जा रहा है, उसे अब सरकार खुले तौर पर स्वीकार करने लगी। ध्यान देने वाली बात है कि जब किसी समस्या को इस तरह स्वीकार किया जाता है तब ही उसका समाधान भी निकलकर आता है। ऐसे में इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार इसके विरुद्ध बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
हाल के वर्षों में देखी गई है तेजी
आपको बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों में हमें इसमें काफी तेजी देखने को मिला है। ऐसा हमें नागरिकता संशोधन कानून के दौरान भी देखने को मिला था। मोदी सरकार जब सीएए कानून लेकर आई तो इसे लेकर आम जनता के बीच कई तरह की भ्रामक खबरें फैलाई गई थी। इसका परिणाम यही निकला कि देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए और इन प्रदर्शनों ने इतना व्यापक रूप ले लिया कि देश की राजधानी दिल्ली को दंगों तक का दंश झेलना पड़ा था।
नागरिकता संशोधन कानून पर प्रोपेगेंडा फैलाने के बाद वामपंथियों के एजेंडे का नया शिकार बना कृषि कानून। मोदी सरकार किसानों की बेहतरी के लिए नया कृषि कानून लेकर आई थी परंतु इसके साथ भी वही हुआ। लिबरल लॉबी के साथ विपक्षी नेताओं ने मिलकर कृषि कानूनों पर किसानों के बीच ऐसी कई झूठी बातें फैलाई जिसके बाद किसान इसके विरोध में उतर आए। कृषि कानूनों को लेकर महीनों तक प्रदर्शन चले जिसके बाद अंत में सरकार को इन्हें वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा।
झूठी खबरों के जाल में फंसाकर कैसे लोगों को भ्रमित किया जाता है इसका सबसे हालिया उदाहरण अग्निपथ स्कीम पर मचा बवाल है। सरकार हाल ही में सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम लेकर आई। इसे लेकर भी झूठी अफवाहों को तेजी से प्रसारित किया गया। वामपंथियों ने अपने फायदे हेतु युवाओं को भड़काने का काम किया जिसके बाद अलग-अलग राज्यों में युवा सड़कों पर आ गए और अग्निपथ स्कीम के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गया।
परंतु इस बार सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह इन प्रदर्शनों के आगे झुकेगी नहीं और किसी भी कीमत पर अपने कदम पीछे नहीं खींचेगी यानी सरकार ने साफ कर दिया कि अब बस बहुत हुआ। सरकार ने अपने इस कदम से स्पष्ट कर दिया है कि जिस तरह हर योजना या कानून को लेकर विपक्ष और वामपंथियों द्वारा झूठ फैलाया जाता है और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की जाती है, वो अब और नहीं चलेगी। सरकार गलत सूचना और दुष्प्रचार के विरुद्ध अब लड़ने को पूरी तरह तैयार हो गई है।
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