कुछ लोग दमदार एक्टिंग और भौकाल स्क्रिप्ट के दम पर दर्शक तो छोड़िए फिल्म उद्योग को भी अपनी ओर नहीं खींच पाते लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं कि चाहे उनकी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 5000 रुपये भी न कमा पाए परंतु उन्हें एक के बाद एक फिल्में मिलती ही जाती हैं और तापसी पन्नू भी इसी बिरादरी की सदस्या हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे अब तापसी पन्नू आधिकारिक तौर पर अब फ्लॉप की महारानी बन गई हैं और एक के बाद एक फ्लॉप देने के बावजूद भी उन्हें बेहिसाब फिल्में दी जा रही हैं।
हाल ही में तापसी पन्नू अभिनीत ‘शाबाश मिट्ठू’ का बॉक्स ऑफिस पर हाल विराट कोहली जैसा हो गया है, कितना भी प्रयास कर लो, बढ़ता ही नहीं। लाख कवरेज और प्रोमोशन के बाद भी मिताली राज के जीवन पर आधारित एवं 30 करोड़ के बजट पर बनी इस फिल्म ने ओपनिंग डे पर मात्र 40 लाख और पूरे हफ्ते में केवल 2 करोड़ कमाए हैं। परंतु आश्चर्य की बात यह नहीं है और आश्चर्य की बात यह भी नहीं है कि इस फिल्म से कहीं अधिक तो वर्षों पूर्व आई द्विभाषीय फिल्म ‘काना’ ने बॉक्स ऑफिस पर कमाए थे जिसमें ऐश्वर्या राजेश मुख्य भूमिका में थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने फ्लॉप होने के बाद भी निरंतर बॉलीवुड की नाक कटवाने के पश्चात भी तापसी पन्नू को आखिर फिल्में मिल क्यों रही हैं?
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आपको विश्वास नहीं होता तो तनिक स्वयं से एक प्रश्न पूछिए – तापसी ने अपने सामर्थ्य से अंतिम बार कोई फिल्म कब हिट कराई थी? सोचिए, विचार कीजिए! अगर आधिकारिक रिकॉर्ड के हिसाब से देखें तो शायद मिशन मंगल परंतु उसमें भी एक झोल है – मिशन मंगल एक मल्टी स्टारर फिल्म थी जिसमें प्रमुख भूमिका में अक्षय कुमार और विद्या बालन थे और उसमें तापसी पन्नू का प्रभाव उतना ही था जितना 1983 की विश्व कप विजय में सुनील गावस्कर का!
इसके अतिरिक्त तापसी पन्नू ने अपने दम पर जितनी भी फिल्में चलाने का प्रयास किया है सब की सब औंधे मुंह गिरी है। अनुभव सिन्हा की ‘मुल्क’ ने क्रिटिक्स की खूब वाहवाही बटोरी पर जनता ने उतना ही प्रेम दिया जितना स्वरा भास्कर के ट्वीट्स को मिलता है। इसके अतिरिक्त ‘मनमर्जियां’ में इनकी और विकी कौशल की कम और अभिषेक बच्चन के अभिनय की अधिक चर्चा हुई जिनसे उस समय किसी को तनिक भी आशा नहीं थी।
परंतु ठहरिए, ये तो मात्र प्रारंभ है। अगर मेडुसा की कोई खोई हुई रिश्तेदार होंगी तो वो तापसी से भिन्न न होंगी! ऐसा इसलिए क्योंकि यह जिस प्रोजेक्ट को हाथ लगाती हैं, उसका सर्वनाश हो जाता है। ‘हसीन दिलरुबा’, ‘लूप लपेटा’, ‘रश्मि रॉकेट’, कोई भी फिल्म दर्शकों को OTT तक पर लुभाने में सफल नहीं हो पाई परंतु फिल्मों की कोई कमी नहीं है इनके पास। इनकी आगामी फिल्मों की बात करें तो दोबारा, ब्लर, एलियन, वो लड़की है कहां, यहां तक कि राज कुमार हिरानी की फिल्म ‘दुनकी’ में भी यह प्रमुख भूमिका में हैं जहां इनके साथ हैं- शाहरुख खान।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि तापसी पन्नू भले ही अब एक अयोग्य अभिनेत्री बन चुकी हों परंतु बॉलीवुड अभी इनका तब तक उपयोग करने को तैयार है, जब तक या तो ये बॉलीवुड की छवि अपने कर्मों से तार तार न कर दे या फिर इनका विनाश न हो जाए!
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