देश में इस्लामिक कट्टरता दिन पर दिन बढ़ती ही चली जा रही है। हिंदुओं के विरुद्ध नफरत का माहौल बनाने के प्रयास हो रहे है। कभी “सर तन से जुदा” गैंग देशभर में सक्रिय हो रहा है तो कभी हिंदुस्तान में ही हिंदुओं का बहिष्कार करने जैसी बातें कही जा रही है। अजमेर की सुप्रसिद्ध दरगाह जो देश और दुनिया में एकता और भाईचारे की मिसाल देती थी अब उसी दरगाह का इस्तेमाल धार्मिक विद्धेष फैलाने के लिए किया जा रहा है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि कैसे शांति और सद्भावना का प्रतीक माना जाने वाला अजमेर दरगाह अब कट्टरपंथियों और सर तन से जुदा गैंग का हिमायती बन गया है!
अजमेर दरगाह को भाईचारे का प्रतीक माना जाता रहा है। बॉलीवुड सितारों से लेकर तमाम बड़े-बड़े राजनेता दरगाह में चादर चढ़ाने के लिए आते हैं। परंतु जिस अजमेर दरगाह को अमन, शांति और सद्भाव की मिसाल के तौर पर देखा जाता था उसकी हकीकत अब धीरे-धीरे सामने आने लगी है। दरगाह के खादिमों द्वारा हिंदुओं के विरुद्ध जमकर भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं जिससे इन खादिमों के शराफत के चोले के पीछे छिपा उनका असली कट्टरपंथी चेहरा बेनकाब हो रहा है।
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खादिमों की विकृत मानसिकता
दरअसल, दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने हाल ही में हिंदुओं का आर्थिक बहिष्कार करने की बात कहते हुए मुसलमानों को भड़काने का प्रयास किया। नूपुर शर्मा के बयान के समर्थन में हिंदू समाज द्वारा निकाले गए जुलूस के बाद सरवर चिश्ती ने हिंदू दुकानदारों को निशाने पर लेते हुए मुसलमानों से मांग की कि हिंदुओं से एक रुपये का भी धंधा मत करो और इन्हें तरसा दो। केवल इतना ही नहीं सरवर चिश्ती का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह “हिंदुस्तान को हिलाने की बात” कहते दिख रहा था।
चिश्ती ने कहा था कि नबी की शान में गुस्ताखी हो रही है। अब ऐसा आंदोलन किया जाएगा जिससे पूरा हिंदुस्तान हिल जाएगा। अब वो किस आंदोलन के जरिए हिंदुस्तान को हिलाने की बात कह रहा था यह तो खादिम ही जाने। परंतु ऐसा बोलकर उसने अपनी कुंठित मानसिकता को जाहिर करते हुए हिंदुओं को खुलेआम चुनौती देने का प्रयास किया था।
अगर आप सोच रहे हैं कि केवल अजमेर दरगाह के खादिम ही जहर उगल रहे हैं तो आप गलत हैं। देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें सामने आ रही हैं। इससे पहले एक अन्य खादिम सलमान चिश्ती भी यूं ही जहर उगलते हुए नजर आया था। सलमान चिश्ती की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें उसने पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी का बदला लेने की बात कही थी। सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा की गर्दन काटने वाले को अपना घर देने तक का ऑफर दिया था।
ध्यान देने वाली बात है कि उदरयपुर में हुए कन्हैया लाल की नृशंस हत्या के तार भी अजमेर दरगाह के खादिम से जुड़ते हुए नजर आए थे। ‘खादिम’ गौहर चिश्ती ने अजमेर दरगाह के गेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगवाए थे। इसके अलावा यह भी दावा किया गया था कि गौहर चिश्ती ने कन्हैया लाल के हत्यारे रियाज मोहम्मद से मुलाकात भी की थी।
हिंदुओं ने शुरू कर दिया है अजमेर दरगाह का बॉयकॉट
हालांकि, अजमेर शरीफ दरगाह के इन खादिमों के बयान और उनके घटिया कृत्यों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि ये खादिम शरीफ तो कतई नहीं हैं। ये खादिम के वेश में भेड़िये हैं जो देश को भीतर ही भीतर खोखला कर रहे हैं! खादिमों के इन नफरत भरे बयानों का असर दरगाह पर पड़ते हुए दिखने लगा है। उनके भड़काऊ बयानों के बाद दरगाह पर आने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी देखी गई है। जहां पहले अजमेर की संकरी गलियों में भी भारी भीड़ हुआ करती थी वहां शुक्रवार को जुमे के दिन भी सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दिया।
वहां के रेस्टोरेंट्स की कमाई 90 प्रतिशत तक घट गई है तो वही होटलों की एडवांस बुकिंग भी रद्द की जा रही है। बड़ी संख्या में हिन्दू भी अजमेर शरीफ दरगाह पर जाया करते थे। हिंदुओं द्वारा दरगाह में दिल खोलकर दान दिया जाता था। परंतु अब हिंदुओं के विरुद्ध घृणास्पद बयानों का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। यानी जिन हिंदुओं के आर्थिक बहिष्कार करने की बात दरगाह के खादिम करे रहे थे उन्हीं की नफरत भरी बयानबाजी के कारण अजमेर दरगाह में सन्नाटा पसर गया है। इसका असर उन लोगों पर भी पड़ रहा है जिनकी कमाई वहां आने वाले हिंदुओं और अन्य लोगों पर ही टिकी हुई थी। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अब हिंदुओं ने अजमेर दरगाह को बॉयकॉट करना शुरू कर दिया है।
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