चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अचानक गायब होने की खबरें आने लगी है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने पिछले 13 दिनों से कोई भी सार्वजनिक उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। वो करीब दो हफ्तों से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए। जिनपिंग किन कारणों से सार्वजनिक दृश्य से दूर है इसका कारण भी अब तक सामने नहीं आ पाया है । इससे पहले शी जिनपिंग एक जुलाई को हांग कांग की ऐतिहासिक यात्रा पर गए थे। कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद जिनपिंग पहली बार चीन से बाहर आए थे। हालांकि इस यात्रा के बाद से चीनी राष्ट्रपति की किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थिति रिपोर्ट नहीं की गई।
शी जिनपिंग के ठिकानों की जानकारी रखने वाले एक सरकारी डेटाबेस के अनुसार उनके कार्यक्रम में यह अंतर इस साल में सबसे अधिक है। इससे पहले बीजिंग विंटर ओलपिंक के दौरान 7 फरवरी से 16 फरवरी के लिए भी जिनपिंग अनुपस्थित हो गए थे। इसके अलावा वे पिछले साल एक अगस्त से 16 अगस्त के बीच भी सार्वजनिक दृश्य से गायब हुए थे।
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शी जिनपिंग की अनुपस्थिति कई सवाल खड़े करते है
यहां बता दें कि शी जिनपिंग हांगकांग शहर को चीन को सौंपे जाने के 25वीं वर्षगाठ मनाने के लिए दो दिन की यात्रा पर यहां आए थे। कोरोना की लहर के आने के बाद चीनी राष्ट्रपति का देश की मुख्य भूमि के बाहर यह पहला दौरा था। एक जुलाई तक वो हांग कांग में रहे और फिर इसके बाद यहां से रवाना हो गए। परंतु अब इसके बाद से ही जिनपिंग के सार्वजनिक दृश्य से अनुपस्थित रहने की खबरें सामने आ रही है। यहां शी जिनपिंग ने हांगकांग के सांसद से भी मुलाकात की, जो इसके बाद ही कोरोना संक्रमित भी पाए गए थे।
शी जिनपिंग के यूं अचानक अनुपस्थित होने की खबरें इसलिए भी मायने रखती है क्योंकि चीन में जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है। जिनपिंग लगातार तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बन सकते हैं। हालांकि जिनपिंग के आलोचकों ने उनके खिलाफ अभियान चलाना भी शुरू कर दिया है। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार चीन की बड़ी आबादी जिनपिंग से नाराज है। चीन के लोगों का मानना है कि जिनपिंग ने चीन को पीछे धकलने का काम किया। कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए उन्होंने ऐसे कई गलत तरीके अपनाए, जिससे चीन को अपूरणीय क्षति हुई। रिपोर्ट आगे बताती है कि इन कारणों से चीन के लोग जिनपिंग से नाराज है और वो परिवर्तन चाहते है। ऐसे वक्त में जब राष्ट्रपति चुनाव के बीच जिनपिंग विरोधी लहर तेज हो रही है, चीनी राष्ट्रपति को लोगों में विश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है, तब ऐसे में उनकी यह सार्वजनिक अनुपस्थिति कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।
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अगर ऐसा हुआ तो चीन बर्बाद हो जाएगा
हालांकि चीनी राष्ट्रपति के अचानक गायब होने के पीछे का एक कारण उनकी बीमारी भी हो सकती है। दरअसल, बीते दिनों एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें दावा किया गया था शी जिनपिंग एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे है। रिपोर्ट में बताया गया कि शी जिनपिंग “सेरेब्रल एन्यूरिज्म” नाम की बीमारी का शिकार हो गए हैं। इस बीमारी के कारण वर्ष 2021 के आखिर में जिनपिंग को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। सेरेब्रल एन्यूरिज्म ब्रेन से जुड़ी एक बेहद ही खतरनाक बीमारी है, जिससे स्ट्रोक, कोमा या मौत तक होने की संभावना होती है।
अब ऐसे में स्पष्ट तौर पर यह तो फिलहाल नहीं कहा जा सकता था कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सार्वजनिक रूप से कब वापस आएंगे। या फिर वापस आएंगे भी या नहीं। परंतु एक बात तो साफ है कि अगर शी जिनपिंग गए तो चीन बर्बाद हो जाएगा। क्योंकि चीनी कम्युनिटी पार्टी का देश पर एकछत्र राज रहा है और शी जिनपिंग के अलावा चीन के पास कोई दूसरा विकल्प भी मौजूद नहीं है। ऐसे में अगर शी जिनपिंग हटते है तो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी गिर जाएगी और इससे चीन में लोकतंत्र की भी वापसी हो सकती है।
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