जैक मा जो चीन के सबसे धनी व्यक्ति थे वह अचानक 2 सालों के लिए गायब ही हो गए। इस बीच कई बार चीनी सरकार पर भी उन्हें गायब करवाने के आरोप लगाए गए। लेकिन अब आखिरकार 2 साल बाद जैक मा एक बार फिर नजर आए हैं लेकिन इस बार चीन में नहीं बल्कि इंग्लैंड में।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दो साल से लापता होने के बाद अलीबाबा समूह के सह-संस्थापक को ऑस्ट्रिया के एक रेस्तरां में देखा गया। खबरों के अनुसार वे यूरोप में स्थायी कृषि प्रथाओं के बारे में सीख रहे हैं। 2020 के अंत में जैक मा अपनी फिनटेक कंपनी एंड ग्रुप की सबसे बड़ी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) लॉन्च करने की योजना बना रहे थे। हालांकि, चीनी सरकार ने लगभग 34 अरब डॉलर के आईपीओ के अनापत्ति प्रमाण पत्र को रोक दिया और जैक मा की कंपनियों पर निगरानी बढ़ा दी। चीनी सरकार के इस निर्णय का कारण था अक्टूबर 2020 में चीनी अधिकारियों पर जैक मा का आलोचनात्मक भाषण। चीनी अधिकारी की आलोचना करते हुए जैक मा ने कहा था, “चीन में, बैंक अभी भी एक मोहरे की तरह काम करते हैं। यह एक ऐसा मॉडल जो भविष्य के विकास को बढ़ावा देने में विफल रहेगा।“
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सीसीपी ने जैक मा और उनके कारोबार को कुचलना शुरू किया
सीसीपी और चीनी सत्ता के प्रति जैक के आलोचनात्मक बयान उन्हें चीनी सरकार के निशाने पर ले आए। लेकिन जैक चीन के केवल सबसे अमीर आदमी ही नहीं बल्कि चीन में बहुत ही प्रसिद्ध भी है। विश्व में उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विश्व के लोग चीन से शी जिनपिंग के अलावा अगर किसी को जानते हैं तो वह है जैक मा। उनकी लोकप्रियता के कारण चीनी सरकार उन पर सीधा वार नहीं कर सकती थी। लेकिन जैक के बयान कम्युनिस्ट पार्टी के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे थे। जैक मा की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए सीसीपी ने उन्हें व्यापारिक साम्राज्य छोड़ने के लिए मजबूर करना शुरू कर दिया। परस्पर विरोधी प्रकरण के बाद सीसीपी ने जैक मा की कंपनियों पर निगरानी बढ़ा दी और उनके खिलाफ जबरदस्ती करना शुरू कर दिया।
इस परिदृश्य में उन्हें लोगों की नजरों से दूर होने के लिए मजबूर कर दिया गया। इसी के चलते लगभग दो वर्षों तक वे सार्वजनिक जीवन से गायब हो गए। हालांकि रिपोर्ट्स बताती हैं कि उन्हें न तो पकड़ा गया और न ही हिरासत में लिया गया। हालांकि, उनकी कंपनियों के खिलाफ सीसीपी की नियामक कार्रवाई के कारण उन्हें लोगों की नजरों से दूर रहने के लिए कहा गया था। करीब दो साल तक सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब रहने के बाद जैक मा अब यूरोप के दौरे पर नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है कि सीसीपी उन्हें सेवानिवृत्ति लेने के लिए मजबूर करने में सफल रही है जैसा कि एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि एंट ग्रुप के 50.52% शेयरों को नियंत्रित करने के बावजूद जैक मा के बोर्ड में कार्यकारी सीट नहीं है।
जैक मा जो एक आम परिवार से आए थे। उन्होंने अपनी मेहनत से चीन के सबसे अमीर व्यक्ति का दर्जा भी हासिल किया। लेकिन केवल इसलिए कि उनके ख्यालात कम्युनिस्ट पार्टी से मेल नहीं खाते थे। 2020 में CCP की आलोचना से पहले जैक मा एशिया के सबसे अमीर शख्स थे। लेकिन उनके कारोबार पर अधिक दबाव और दरार के कारण उनकी कुल संपत्ति 2020 में 44.5 बिलियन डॉलर से घटकर 2022 में 23.1 बिलियन डॉलर रह गई है। 5वीं में 2 बार और 8वीं में 3 बार फेल हुए जैक मा उद्यमियों के लिए प्रेरणा हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए जैक के आवेदन 10 बार खारिज कर दिए गए। नौकरी हासिल करने के उनके प्रयास कम से कम 30 बार विफल रहे। जब उन्होंने केएफसी में जॉब के लिए आवेदन किया तो 25 आवेदनकर्ताओं में से 24 चयनित हो गए और जो एक रिजेक्ट हुआ वह जैक मा थे।
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लगातार असफलताओं के बाद भी हार नहीं मानी
लगातार असफलताओं के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी निष्ठा और संघर्ष से उन्होंने चीन की सबसे सफल कंपनियों में से एक का निर्माण किया। एक सत्तावादी सरकार द्वारा शासित देश में होने के बावजूद वह अपने ज्ञान और प्रयासों से एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। चीन के लिए अपने सभी योगदानों के बावजूद, उन्हें सीसीपी ने सिर्फ इसलिए कुचल दिया क्योंकि उन्होंने पार्टी के फैसलों पर प्रश्न उठाना शुरू कर दिया था।
अपने अहम को बचाए रखने के लिए चीनी सरकार ने एक महान उद्योगपति की मेहनत से खड़ा किया कारोबार ईंट ईंट करके तोड़ना शुरू कर दिया। Apple, Amazon और Google को छोड़कर अकेले अलीबाबा की कीमत किसी भी अमेरिकी कंपनी से अधिक थी। लेकिन आज जैक मा के उसी साम्राज्य की कीमत 9 महीने पहले की तुलना में आधी रह गई है।
हालांकि चीनी सरकार इतने पर ही नहीं थमी। बीजिंग अब जैक मा के व्यवसाय के कुछ सबसे आकर्षक हिस्से अपनी पसंद के नए “साझेदारों” को दे रहा है। जिसमें पूरे चीन में सबसे भ्रष्ट और आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियां शामिल है। चीन की सरकार जैक मा की संपत्ति छीन रहा है बल्कि उन्हें नीचा दिखाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहा। एक कम्युनिस्ट पार्टी का इस तरह से एक उद्योगपति के खिलाफ हो जाना बहुत ही हैरानी वाली बात है।
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