TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    मध्य प्रदेश BJP अध्यक्ष पद के लिए कल से शुरू होंगे नामांकन, चुनाव की अधिसूचना जारी

    टी राजा सिंह (FILE PHOTO)

    BJP के फायरब्रैंड नेता टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफा, जानें क्या है वजह?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया की जगह डीके शिवकुमार बनेंगे CM?

    कर्नाटक में सिद्धारमैया से छिनेगा CM पद!; खरगे के बयान के बाद क्या हैं अटकलें?

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

    स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)

    ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

    कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)

    ‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

‘अफ्रीका का प्रवेश द्वार’ मिस्र भी भारत के साथ, क्या बदलने वाली है वैश्विक स्थिति?

मिस्र की राजनीति में अगर स्थिरता बनी रहती तो यह काफी पहले ही संभव था!

Awanish Tiwari द्वारा Awanish Tiwari
23 September 2022
in विश्व
मिस्र भारत

Source- TFIPOST

Share on FacebookShare on X

मजबूत आवाजों की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती हैं। वर्ष 2014 से पहले जब भारत से प्रधानमंत्री विदेश दौरों पर जाते थे तो उनके लौटने पर यह प्रश्न उठता था कि आखिर भारत को इस यात्रा से क्या मिला? आपके मन में देश के भूतकाल को लेकर ऐसी ही तस्वीर होगी लेकिन असल में अब यह तस्वीर अब बदल चुकी है क्योंकि आज की स्थिति में  भारत की कूटनीतिक ताकत के आगे अमेरिका जैसे देशों को भी अपने घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। भारत की स्थिति बदल चुकी है, हालात बदल चुके हैं और समय भी बदल चुका है। भविष्य भारत का ही है और इसके लक्षण भी हमें दिखने लगे हैं। भारत हर मोर्चे पर मजबूती के साथ डटा हुआ है। दुनिया के तमाम देश भारत के पीछे चलना चाहते हैं और भारत के साथ संबंधों को उड़ान देना चाहते हैं। इसी कड़ी में अफ्रीका का द्वार यानी मिस्र भी अब भारत का एक बड़ा समर्थक बन गया है। भारत के साथ इसका मौजूदा संबंध दोनों देशों की विकास की रफ्तार को काफी तेज कर सकता है

और पढ़ें: वैश्विक कल्याण के सबसे बड़े योगदानकर्ता के रूप में उभर रहा है भारत

संबंधितपोस्ट

विश्व बैंक की रिपोर्ट में दिखा मोदी युग के आर्थिक बदलाव का असर, 26.9 करोड़ लोग बेहद गरीबी से बाहर

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बीच मोदी सरकार के 11 साल का जश्न; BJP ने बनाया ये खास प्लान

भारत बनेगा हथियारों के निर्यात का नया हब, सैन्य ज़रूरतों के लिए दुनियाभर में देगा सस्ते ऋण

और लोड करें

राजनाथ सिंह की मिस्र यात्रा

दरअसल, हाल ही में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी तीन दिवसीय काहिरा यात्रा के दौरान आपसी हित के सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मिस्र में उनके समकक्ष जनरल मोहम्मद जकी ने समयबद्ध तरीके से दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग बढ़ाने के प्रस्तावों की पहचान करने पर सहमति व्यक्त की। हालांकि, राजनाथ सिंह के काहिरा जाने से पहले यह माना जा रहा था कि भारत के स्वामित्व वाली विमान निर्माता एचएएल-निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए एक सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे। यह काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि मिस्र अतीत में एचएएल के एलसीए तेजस विमान की खरीद को लेकर रुचि दिखा चुका था। पिछले महीने नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में बताया था कि मिस्र उन छह देशों में शामिल है, जिन्होंने तेजस जेट में रुचि दिखाई है।

अपने दौरे के दौरान राजनाथ सिंह ने मिस्र के समकक्ष को भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता और हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भी आमंत्रित किया, जो 18-22 अक्टूबर के बीच गुजरात के गांधीनगर में 12वें डेफ एक्सपो के हिस्से के रूप में आयोजित होने वाला है। बीते जुलाई में, दोनों वायु सेनाओं ने अपना पहला संयुक्त सामरिक वायु अभ्यास, ‘डेजर्ट वॉरियर’ आयोजित किया। नवंबर में, भारतीय वायु सेना के प्रमुख एसीएम वीआर चौधरी ने काहिरा का दौरा किया था और मिस्र की वायु सेना द्वारा आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लिया।

भारत, मिस्र के रक्षा संबंधो को मज़बूत करने के क्रम में मिस्र के वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल मोहम्मद अब्बास हेलमी मोहम्मद हाशेम ने भी रक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए जुलाई में भारत का दौरा किया था। अपने बैठक के दौरान, दोनों मंत्रियों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की और विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण के लिए कर्मियों के आदान-प्रदान को बढ़ाने के आम सहमति पर पहुंचे। हालांकि, दोनों देशों के संबंध इस स्तर तक पहुंचने में वर्षों लग गए लेकिन अगर मिस्र में स्थिर सरकार होती तो यह काफी पहले ही हो सकता था।

मिस्र की राजनीति में अस्थिरता

जी हां, मौजूदा समय में इजिप्ट यानी की मिस्र विकास की रफ़्तार पकड़े हुए है लेकिन पिछली कुछ शताब्दियों के दौरान, मिस्र पर कभी भी एक स्थिर राजनीतिक इकाई का शासन नहीं रहा। यह त्रासदी 1517 में ऑटोमन साम्राज्य द्वारा मिस्र की सल्तनत के विनाश के साथ शुरू हुई। अगले 288 वर्षों तक, मिस्रवासी ऑटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में रहे। 1805 के बाद, मिस्रवासियों ने अपनी वंशानुगत राजशाही, सैन्य, कानूनी व्यवस्था, मुद्रा और साम्राज्य की स्थापना की। मुहम्मद अली पाशा ने मिस्र का इस हद तक आधुनिकीकरण किया कि ब्रिटिश साम्राज्य उस पर राजनीतिक पकड़ बनाने के लिए उत्सुक हो गया। पाशा के उत्तराधिकारी उसके द्वारा अर्जित लाभ को भुनाने में असफल रहे लेकिन ‘इस्माइल द मैग्निफिकेंट’ ने मिस्र में समृद्धि वापस ला दी। इस समृद्धि की एक लागत थी और लागत वित्तीय थी। अपनी तीव्र औद्योगीकरण योजना को वित्तपोषित करने के लिए, इस्माइल द मैग्निफिकेंट को स्वेज की मैरीटाइम कैनाल की यूनिवर्सल कंपनी में मिस्र के शेयर बेचने पड़े।

इस हिस्सेदारी की बिक्री के परिणामस्वरूप मिस्र की राजनीति में ब्रिटिश साम्राज्य का सक्रिय हस्तक्षेप हुआ। कानूनी रूप से, मिस्र अभी भी ऑटोमन साम्राज्य का एक जागीरदार राज्य था लेकिन यह ब्रिटिश ही थे जो इसके मामलों को चला रहे थे। 1881 के ओराबी विद्रोह और 1919 की मिस्र की क्रांति जैसे आंदोलनों के बावजूद, अंग्रेजों का प्रभाव कम नहीं हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में भी लाभ उठाने के लिए अंग्रेजों ने मिस्र के भूगोल का व्यापक रूप से उपयोग किया। युद्ध के बाद भी, मुख्यतः स्वेज नहर से गुजरने वाले व्यापार को नियंत्रित करने के लिए अंग्रेजों ने देश में अपनी उपस्थिति बनाए रखी। राष्ट्रवादी क्रोधित हो रहे थे और 1948-1949 के फिलिस्तीन युद्ध ने आग में घी डालने का काम किया और उसके बाद जल्द ही फ्री ऑफिसर्स मूवमेंट का गठन किया गया।

1952- मिस्र की क्रांति

गमाल अब्देल नासिर नाम का एक युवा अधिकारी इसका नेतृत्व कर रहा था। कुछ ही समय में, उन्होंने महसूस किया कि अक्षम शासन को उखाड़ फेंकने के लिए उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड, एक कट्टरवादी संगठन की आवश्यकता होगी। उसके बाद 1952 में मिस्र की क्रांति हुई, जिसे 1952 तख्तापलट एवं 23 जुलाई क्रांति के रूप में भी जाना जाता है। राजा फारूक को गद्दी से उतार दिया गया था। मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रभारी सैय्यद कुतुब ने सक्रिय रूप से नासिर का समर्थन किया लेकिन 1954 में, कुतुब और अन्य ब्रदरहुड के सदस्यों ने नासिर को मारने और उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रची। हालांकि, उनकी योजना असफल रही, और उन्हें अन्य ब्रदरहुड सदस्यों के साथ कैद कर लिया गया। उन्हें 1964 में इराकी प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम आरिफ के अनुरोध पर जेल से रिहा किया गया था। आठ महीने के बाद, उन्हें फिर से सरकार के खिलाफ साजिश करने के लिए गिरफ्तार किया गया और अंत में उन्हें मुस्लिम ब्रदरहुड के छह अन्य प्रतिभागियों के साथ मौत की सजा दी गई।

अपने कथित विश्वासघाती स्वभाव के बावजूद, नासिर ने भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के साथ एक अच्छा बंधन साझा किया। अपने बढ़ते संबंधो के क्रम में 1955 में मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति नासिर और भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने दोनों देशों के बीच एक मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए। भारत के साथ मिस्र के संबंधो का विकास नेहरू और नासिर के नेतृत्व में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के साथ हुआ। मिस्र का भारत के साथ आर्थिक रिश्ता भी काफ़ी मज़बूत रहा है। यह देश ऐतिहासिक रूप से भारत के सबसे महत्वपूर्ण अफ्रीकी व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है।

और पढ़ें: भारतीय रुपये में आयात-निर्यात का निपटारा वैश्विक व्यवस्था को बदलकर रख देगा

अफ्रीका का प्रवेश द्वार है मिस्र

हालांकि, पश्चिमी देशों ने मिस्र के खिलाफ समन्वित कूटनीतिक हमले किए। आंतरिक राजनीतिक कलह ने इसे और भी नीचे गिरा दिया। 1970 में नासिर की मृत्यु के बाद, लगातार 3 राष्ट्रपति देश को स्थिरता प्रदान नहीं कर सके। 1981 में 53 वर्षीय होस्नी मुबारक सत्ता में आए। वह 3 दशकों तक राष्ट्रपति बने रहे। उनके 30 वर्ष के प्रशासन में आपातकाल सी स्थिति रही क्योंकि कहीं भी पांच से ज़्यादा व्यक्तियों के इकठ्ठा होने पर पाबंदी थी। लेकिन मोहम्मद मुर्सी के नेतृत्व में मुस्लिम ब्रदरहुड ने जल्द ही काहिरा पर कब्जा कर लिया और देश में आतंक का शासन शुरू कर दिया। होस्नी मुबारक को शासनकाल के दौरान दर्ज़ किए गए आपराधिक मामले के कारण राष्ट्रपति उम्मीवार होने के अयोग्य ठहरा दिया गया और मुस्लिम ब्रदरहुड दल से मोहम्मद मुर्सी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन उसके बाद विद्रोह भड़क उठा और मोहम्मद मुर्सी को पद छोड़ने के लिए 22 मिलियन हस्ताक्षर किए गए थे। अब्देल फत्ताह अल-सीसी का आगमन वह क्षण था जिसका भारत धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा था। हालांकि, इसके पीछे भी एक बड़ा कारण है।

नंबर एक कारण इसका भूगोल है। मिस्र को अफ्रीका का प्रवेश द्वार माना जाता है। मिस्र मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) क्षेत्र के केंद्र में स्थित है। इसकी सीमा पश्चिम में लीबिया, दक्षिण में सूडान और उत्तर पूर्व में इज़राइल और गाजा पट्टी से लगती है। ऐसे में अगर दोनों देशों के संबंध आसमान छूते हैं तो भारत पूरी तरह से मिस्र का उपयोग कर सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि होस्नी मुबारक के समय में, 4 भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव, आई.के. गुजराल और मनमोहन सिंह ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए मिस्र का दौरा किया। वहीं, मुबारक ने अपने 3 दशक के लंबे शासनकाल में तीन बार भारत का दौरा किया। मुबारक के उत्तराधिकारी मुर्सी ने भी 2013 में भारत का दौरा किया था। जाहिर तौर पर, मिस्र में भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए कुछ निवेशों को छोड़कर, इन सभी पहलों का ज्यादा असर नहीं हुआ।

अल-सीसी के सत्ता में आने के बाद बदल गई स्थिति

अब्देल फत्ताह अल-सीसी के सत्ता में आने के बाद द्विपक्षीय संबंध काफी तेज से आगे बढ़ा। पीएम मोदी ने खुद पहल की और 2015 में UNGA में अल-सिसी से मुलाकात की। एक महीने बाद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम मोदी दोनों ने नई दिल्ली में तीसरे भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन के दौरान मिस्र के राष्ट्रपति से मुलाकात की। उसके 11 महीने बाद, अल-सीसी ने भारत का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान एक संयुक्त बयान जारी किया गया था, जिसमें राजनीतिक-सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव और वैज्ञानिक सहयोग और सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों के तीन स्तंभों को रेखांकित किया गया।

दोनों देशों के बीच विभिन्न मंत्रिस्तरीय सहयोग भी हुए। दोनों देश अंतरिक्ष और अर्थव्यवस्था सहित विभिन्न क्षेत्रों में एक दूसरे की सहायता करते रहे हैं। वास्तव में, मिस्र उन देशों में से एक है जिसके साथ भारत को व्यापार अधिशेष प्राप्त है। व्यापार में बाधा डालने वाले ऐतिहासिक मुद्दों के बावजूद, दोनों देशों के औद्योगिक निकायों के बीच सहयोग से कई बाधाओं को दूर किया गया है। पिछले दस वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना से अधिक बढ़ा है। वर्ष 2018-19 में, द्विपक्षीय व्यापार कुल $4.55 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। महामारी के बावजूद, व्यापार की मात्रा 2019-20 में 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2020-21 में 4.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक गिर गई।

मिस्र के साथ व्यापार में भारत का मिस्र के साथ निर्यात 1.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंका गया, जबकि भारत से आयात का मूल्य 2.26 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। जिससे भारत का 372 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सकारात्मक व्यापार संतुलन बना रहा किंतु वर्ष 2021-22 में दोनों देशों के बीच व्यापार रिश्ते में तेज़ी देखी गई। वस्तुतः 2021-22 में दोनों देशों के बीच व्यापार $7.26 बिलियन तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में यह 75% की वृद्धि थी और भारत ने इस दौरान मिस्र को 3.74 बिलियन डॉलर का माल निर्यात किया।

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण, मिस्र को गेहूं की कमी का सामना करना पड़ा तत्पश्चात भारत को भी उन मान्यता प्राप्त राष्ट्रों की सूची में जोड़ा गया था, जो मिस्र को गेहूं की आपूर्ति कर सकते थे, जिसने लंबे समय से चली आ रही गैर-टैरिफ बाधा को समाप्त किया। भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के कारण शिपमेंट को पूरा करने में कठिनाइयों के बावजूद, भारत ने मई में मिस्र को 61,500 मीट्रिक टन गेहूं की पहली शिपमेंट की मंजूरी दी थी। ऐसे में मौजूदा समय में भारत, मिस्र का यह कदम न सिर्फ़ I2U2 ग्रुप को बल प्रदान करेगा बल्कि क्वॉड को भी सकरात्मक रूप से प्रभावित करेगा। वस्तुतः मिस्र में प्रचुर मात्रा में सोने इत्यादि संसाधन विद्यमान है, यदि भारत और मिस्र के सम्बंध और मज़बूत होते हैं तो भविष्य में यह भारत के विकास के लिए सहायक सिद्ध हो सकता है।

और पढ़ें: शीघ्र ही भारत के soverign bond वैश्विक बॉन्ड सूचकांक में होंगे शामिल, परंतु पश्चिम नहीं भारत तय करेगा कब और कैसे

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: अफ्रीकाअब्देल फत्ताह अल-सीसीमिस्रमोदी सरकार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Tajmahal kahan Per Hai and Kaise Phuche in Hindi

अगली पोस्ट

Badminton Game Essay in Hindi – बेडमिंटन पर निबंध

संबंधित पोस्ट

ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?
विश्व

ट्रंप और नेतन्याहू ‘खुदा के दुश्मन’ घोषित: ईरान के धर्मगुरु का फतवा बढ़ाएगा वैश्विक संकट?

30 June 2025

ईरान के वरिष्ठ शिया धर्मगुरु ग्रैंड आयतुल्ला नासेर मकारेम शिराज़ी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ एक...

स्विमिंग पूल में 2019 के पुलवामा हमले में शामिल चार आतंकियों मोहम्मद उमर फारूक, तल्हा राशिद अल्वी, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और राशिद बिल्ला ने इसी स्विमिंग पूल में तस्वीरें खिंचवाई थीं (चित्र: द प्रिंट)
विश्व

ऑपरेशन सिंदूर के कुछ हफ्तों बाद जैश-ए-मोहम्मद ने फिर खोला बहावलपुर आतंकी केंद्र

30 June 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में आतंकियों ने कम-से-कम 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान...

कांग्रेस नेता हरि किशन लाल भगत (बाएं) और दिल्ली में सोवियत सूचना विभाग के प्रमुख निकोले फेदिन (दाएं)
चर्चित

‘रूस के लिए दलाली करते थे 150 कांग्रेस सांसद’: दुबे ने जिस अमेरिकी खुफिया दस्तावेज का जिक्र किया उसमें क्या लिखा है?

30 June 2025

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के खिलाफ एक नया राजनीतिक मोर्चा खोलते हुए उसे विदेशी ताक़तों की कठपुतली करार देने की कोशिश की है।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34

HOW NDA IS MAKING IN- ROADS INTO TAMIL NADU?

00:05:57

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited