TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” पर बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    जेलेंस्की ने कभाजपा का चुनावी महायज्ञ: तमिलनाडु से बंगाल और बिहार तक हर किले पर भगवा फहराने की तैयारी छ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    जेलेंस्की ने कुछ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    'मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है', बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    ‘मौलाना भूल गया कि राज्य में सत्ता किसकी है’, बरेली हिंसा पर CM योगी का बड़ा बयान

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    बरेली का बवाल: नाबालिगों की ढाल, कट्टरपंथ की चाल

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    बरेली से अयोध्या तक: “आई लव मोहम्मद” पर बवाल, जानिए इसके पीछे की असली वजह

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    अमेरिका के बदले सुर: अब ट्रंप और मोदी के मुलाकात की तैयारी

    जेलेंस्की ने कभाजपा का चुनावी महायज्ञ: तमिलनाडु से बंगाल और बिहार तक हर किले पर भगवा फहराने की तैयारी छ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    जेलेंस्की ने कुछ ऐसा कहा कि ध्वस्त हो गया भारत के खिलाफ अमेरिकी नैरेटिव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    भारत की सुरक्षा में डीआरडीओ का नया कदम: सीमा पर रोबोटिक सैनिक को तैनात करने की तैयारी

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    MiG-21 का प्रणाम: राष्ट्र-आकाश में पराक्रम की अमिट छाप छोड़कर विदाई, शौर्य, पराक्रम और पराकाष्ठा का 62 वर्षों की गाथा को विराम

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    मिग-21 से तेजस Mk1A तक: भारतीय वायु सेना का स्वदेशी उत्कर्ष

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    अग्नि-प्राइम बनाम अग्नि-5: कौन है ज्यादा ताकतवर

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप का एक और टैरिफ बम: अमेरिका और वैश्विक व्यापार को झटका

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    ट्रंप की दो तस्वीरें: मोदी के साथ साझेदारी, पाकिस्तान के साथ बैठक

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में पर्यटन: आस्था से अर्थव्यवस्था तक

    तीर्थ, संस्कृति और समृद्धि: क्यों भारत का पर्यटन है अनोखा

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    1962 के भारत-चीन युद्ध के अमर वीर: परमवीर चक्र विजेता सूबेदार जोगिंदर सिंह को 104वीं जयंती पर नमन

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अगले 20 वर्षों में हिजाब मुक्त होंगे इस्लामिक मुल्क लेकिन एशिया और दक्षिण एशिया नहीं

एशिया और दक्षिण एशिया हिजाब मुक्त क्यों नहीं हो सकते, यहां समझिए!

Prashant Srivastava द्वारा Prashant Srivastava
24 September 2022
in मत
ईरान हिजाब

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

धर्म, यह शब्द देखने में जितना छोटा है स्वयं में उतना ही व्यापक अर्थ समेटे हुए है। कहा जाता है कि धर्म मनुष्य के जीवन में एक बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है यह बात काफ़ी हद तक सत्य भी है। वस्तुतः खान-पान, पहनावे, संस्कार आदि तमाम चीजों को धर्म अपने में समेटे रहता है किंतु यदि धर्म जीवन को सरल बनाने की बजाए उसे और मुश्किल बनाने लगे तो फिर शुरू होता है सुधार। ऐसे ही सुधार इतिहास में पन्नो में भी अंकित हैं किंतु समय के बढ़ते विकास क्रम के साथ धर्म में कुरीतियों ने अपना स्थान मजबूत कर लिया और हिजाब भी उन्हीं में से एक है। इस्लाम में महिलाओं को हिजाब पहनने पर मजबूर किया जाता है और ऐसा उन्हें धर्म का डर दिखाकर किया जाता है! किंतु एक न एक दिन हर कुरीति के ख़िलाफ़ आवाज़ उठती ही है और अब ईरान में हिजाब के विरोध में कुछ ऐसी ही आवाज उठी है।

दरअसल, ईरान में हिजाब कानून को तोड़ने के आरोप में एक महिला को पुलिस ने हिरासत में लिया था और हिरासत में ही उसकी मौत हो गई. जिसके बाद से ही ईरान में बवाल मचा हुआ है. महिला की हिरासत में मौत के बाद ईरान में हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. महिलाएं बाल काट रही हैं और अपना हिजाब भी जला रही हैं. ईरान में महिलाएं सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रही हैं.

संबंधितपोस्ट

कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

बेअसर रहा अमेरिकी हमला?: CNN की रिपोर्ट में दावा कहा- ईरान में नहीं नष्ट हुआ ऐनरिच यूरेनियम; ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

और लोड करें
Hijab
Source- Google

ईरान में 16 सितंबर से शुरू हुआ हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है. महिलाओं के साथ पुरुष भी प्रदर्शन में शामिल है. अब यह 15 शहरों में फैल गया है. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें भी हो रही हैं. आंदोलन कर रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई. गुरुवार को फायरिंग में 3 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई. 5 दिन में मरने वालों की संख्या 31 हो गई है. सैकड़ों लोग घायल हैं. 1000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. प्रदर्शकारियों का कहना है कि सरकार हमारे विरोध को बगावत समझ रही है लेकिन मौलवियों को ये बात समझ में नहीं आएगी, वे आंखें मूंद कर बैठे हैं. सरकार इन मौलवियों के भरोसे ज्यादा दिन तक हुकूमत नहीं कर पाएगी. ये मौलवी महिलाओं को अधिकार देने के खिलाफ हैं.

और पढ़ें: हिजाब आंदोलन ‘सांस्कृतिक’ नहीं, बल्कि ‘राजनीतिक इस्लाम’ का हिस्सा है

क्या कहते हैं ईरान में हिजाब क़ानून

1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान में शरिया कानून लागू हो गया और मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य हो गया, हेडस्कार्फ और ढ़ीले कपड़े अनिवार्य हो गए. इसी क्रम में मॉरल पुलिस जिसे औपचारिक रूप से “गश्त-ए इरशाद” के रूप में जाना जाता है, उसे यह सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा गया कि महिलाएं तय किए गए कपड़ों को उचित ढंग से पहन रही हैं कि नहीं? वस्तुतः पुलिस अधिकारियों के पास इस सम्बंध में महिलाओं को रोकने और उनसे पूछताछ करने की शक्ति है कि क्या वे बहुत अधिक बाल दिखा रही हैं; उनके ट्राउजर और ओवरकोट बहुत छोटे तो नही हैं और क्या वह बहुत अधिक मेकअप तो नही कर रही हैं. ध्यातव्य रहे की नियमों का उल्लंघन करने पर सजा के रूप में जुर्माना, जेल या कोड़े लगना शामिल है.

कहते हैं कि चिंगारी से ही आग पकड़ती है, ईरान में यह चिंगारी 2014 से लगनी प्रारंभ हुई, जब 2014 में ईरानी महिलाओं ने “माई स्टेल्थी फ्रीडम” नामक एक ऑनलाइन विरोध अभियान के हिस्से के रूप में हिजाब कानूनों का सार्वजनिक रूप से उल्लंघन करते हुए स्वयं की तस्वीरों और वीडियो को साझा करना शुरू किया. इसके बाद से “व्हाइट वेडनेस डे ” और “गर्ल्ज़ ऑफ़ रेवलूशन स्ट्रीट” सहित अन्य आंदोलनों को प्रेरित किया गया. इनका सम्मिलित परिणाम आज हमें ईरान में सड़कों पर हो रहे महिलाओं द्वारा विरोध प्रदर्शन के रूप में देखने को मिल रहा है. हालांकि, हिजाब के विरोध में महिलाओं द्वारा उठाए गए इस कदम की जमकर सराहना हो रही है. काफी लंबे समय बाद मुस्लिम महिलाएं अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर कर लड़ती हुई दिख रही हैं.

Iran Women Protest
Source- Google

ज्ञात हो कि मानव के जीन (gene) में धर्म या संस्कृति नहीं होती है. उनके साथ मूल्य या विश्वास प्रणाली आगे नहीं बढती. वे बस अगली पीढ़ी के लिए जानकारी कॉपी और पेस्ट करते हैं. मानव के अतीत के अनुभव जीन कोड में लिखे जाते हैं. इसी प्रकार अधीनता की संहिता एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चलती जाती है. एक पुरुष की तुलना में एक महिला का ब्रेनवॉश करना अभी भी आसान है. उसी के अंगूठे से, उसके द्वारा, उसके लिए एक ऐसी रेखा बनाना अभी भी आसान है, जो उसी के लिए विनाशकारी भी हो सकती है. हिजाब भी इसी श्रेणी में आता है. वस्तुतः हिजाब की शुरुआत धर्म के आधार पर नहीं बल्कि महिलाओं की ज़रूरत के आधार पर हुई थी. महिलाओं ने तेज धूप, धूल और बारिश से बचने के लिए सर पर स्कार्फ़ डालना शुरू किया लेकिन किंतु इस्लामिस्टों ने उनपर यह थोपना प्रारम्भ कर दिया और बाद में चलकर यह उनके मनोमष्तिस्क में इस कदर बस गया कि उन्होंने इसे अपनी अभिन्न परम्परा ही मान ली.

और पढ़ें: हिजाब के खिलाफ फैसला देने वाले न्यायाधीशों को धमका रहे हैं पागल कट्टरपंथी!

हिजाब से होने वाली परेशानियाँ

असुविधा: हिजाब अनावश्यक होने का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि यह शरीर को ढकता है, जिससे गर्मियों के दौरान हिजाब पहनी महिला को अत्यधिक पसीना आता है. गर्मियों में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो एक ऐसा कपड़ा, जो आपको सिर से पैर तक ढक दे, वह नुकसानदेह और असुविधाजनक हो सकता है.

दृष्टिबाधक: हिजाब आपके चेहरे को इस हद तक ढक लेता है कि यह दृष्टि (देखना) और परिधीय दृष्टि (दाएं-बाएं देखना) को भी अवरुद्ध कर देता है. कम से कम, ऐसी दृष्टि से पूरे दिन कार्य करना कैसे संभव है?

व्यक्तित्व बाधक: बाल एक महिला को और भी खूबसूरत बनाते हैं, किसी को यह समझने के लिए किसी स्नातक की डिग्री की आवश्यकता नहीं है. हिजाब पहनने से एक महिला न सिर्फ अपने व्यक्तित्व बल्कि अपने बालों के स्वास्थ्य से समझौता कर रही होती हैं. सिर को लंबे समय तक ढकने से बालों की समस्या होना लाजमी है और इससे आपके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

तकनीक के उपयोग में बाधक: हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं, जो अपने तकनीकी क्षेत्र का नाटकीय रूप से विकास कर रहा है. जहां ज्यादातर मोबाइल यूजर्स अपने फोन को अनलॉक करने के लिए फेस डिटेक्शन टूल का उपयोग करते हैं. वहीं, हिजाब पहनने वाली महिलाएं अभी भी अल्फाबेटिकल और न्यूमेरिक पासवर्ड का सहारा ले रही हैं.

शारीरिक असुविधा: यदि आप यह जानने के लिए शोध करेंगे कि कैसे हिजाब शारीरिक असुविधाओं का कारण बन सकता है तो आप निश्चित रूप से त्वचा पर होने वाले बीमारियों से अवगत होंगे. हिजाब के लंबे समय तक उपयोग से मुंहासे, दाने, त्वचा का मुरझाना और अव्यवस्थित मनः स्थिति भी हो सकती है.

अरब देशों में मिल रहा है महिलाओं को अधिकार

ऐसे में मौजूदा समय में ईरान में महिलाओं द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन से आस पास के मध्य पूर्व एशियाई देशों में महिलाओं के अंदर एक जागरूकता पैदा होगी, वे भी कल को आगे बढ़कर अपने अधिकारों की मांग करेंगी. वस्तुतः अरब देश भी अब प्रगतिशील सोच रख रहे हैं, उन्हें भी पता है कि वह अब अपनी आधी जनसंख्या को इस प्रकार से पिछड़ा बनाकर नहीं रख सकते हैं. इसी क्रम में स्वयं को मुस्लिम देशों का नेता मानने वाले सऊदी अरब ने भी महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया है. साथ ही साथ उन्हें गाड़ी चलाने के लिए अनुमति देते हुए ड्राइविंग लाइसेन्स भी दिया गया है. इसी क्रम में यह भी कहा जा सकता है कि उन देशों में महिलाएं, जहां से इस्लाम की मूल उत्पत्ति मानी जाती है अपने अधिकारों के प्रति सजग हो रही हैं. वे पुरुष प्रधान मानसिकता को सिरे से नकार रही हैं, वे अब ऐसे तमाम दकियानूसी रिवाजों से बाहर आ रही हैं जो उन्हें उनकी मूलभूत स्वतंत्रता को बाधित करता है.

जिस गति के साथ महिलाएं अपने अधिकारो के प्रति जागरूकता दिखा रही है उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि आने वाले 20 वर्षों में लगभग सभी इस्लामिक देश हिज़ाबमुक्त हो जाएंगे, सिवाय दक्षिण एवं दक्षिण एशियाई देशों के। दक्षिण और दक्षिण एशियाई देशों में क्यों नहीं इसके पीछे भी कारण है. वस्तुतः एक ओर जिन देशों में इस्लाम की उत्पत्ति मानी जाती है, वहां पर महिलाएं जागरूक हो रही है, ऐसी बकवास विचारों को धर्म से अलग करके देख रही हैं तो वही दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मुस्लिम महिलाओं में हिजाब उनके मस्तिष्क में घुसता चला जा रहा है, स्थिति यह बन गई है की स्कूलों में भी लड़कियां हिजाब पहन कर आने लगी हैं.

Arab women driving
Source- Google

और पढ़ें: Dear Indian Liberals, आप हिजाब के नाम पर आतंकवाद का प्रभावी रूप से समर्थन कर रहे हैं

वस्तुतः हिजाब को इन देशों की महिलाएं, लड़कियां स्कूल के ड्रेस से ऊपर मानती हैं और तर्क दिया जाता है यह इस्लाम की अनिवार्य प्रथा है. हाल ही कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ और धीरे-धीरे यह प्रदर्शन भारत के कई राज्यों में भी फैल गया था, कॉलेज परिसरों में पथराव की घटनाओं के कारण पुलिस को बल प्रयोग करने पर भी मजबूर होना पड़ा था. जिससे टकराव-जैसी स्थिति देखने को मिली थी. ज्ञात हो कि भारत में हुए हिजाब विवाद को लेकर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और ‘कथित’ महिला अधिकार कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने भी अपनी राय दी थी.

उन्होंने कहा था कि लड़कियों को उनके हिजाब की वजह से स्कूल में एंट्री देने से मना करना भयावह है. मलाला यूसुफजई ने ट्वीट किया था कि ‘कॉलेज हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच चुनने के लिए मजबूर कर रहा है. लड़कियों को उनके हिजाब में स्कूल जाने से मना करना भयावह है. भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए.’ वस्तुतः नोबेल पुरस्कार विजेता द्वारा दिया गया इस तरह का वक्तव्य यह दर्शाता है कि इन क्षेत्रों में मुस्लिम महिलाओं के मस्तिष्क पर किस सीमा तक मुसलमान पुरुषों ने अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है. मूलतः हिजाब को लेकर इतना बड़ा बवाल करने का कोई कारण नहीं था. वस्तुतः दक्षिण एवं दक्षिण एशियाई देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, मलेशिया, श्रीलंका इत्यादि देशों के मुसलमानों को स्वयं सऊदी के लोग सच्चा मुसलमान नहीं मानते, इसके बावजूद स्थिति क्या है आप बेहतर जानते हैं.

दक्षिण एशियाई देशों से खत्म होना मुश्किल है!

इसी क्रम में बात करें तो हम पाएंगे कि दक्षिण और दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में रह रहे मुसलमान स्वयं ही अपने मुस्लिम समाज में विद्यमान कुरीतियों को नहीं हटाना चाह रहे हैं, वह महिलाओं को एक वस्तु के रूप में मानते हैं, ऐसे में उन्हें यह डर भी होता है कि उनकी वस्तु पर किसी दूसरे की नज़र न पड़ जाए. एक अन्य कारण यह भी है कि इस क्षेत्र में मुसलमान न तो ज़्यादा पढ़े लिखे हैं और न ही धनवान हैं. वस्तुतः इन दोनों का समग्र परिणाम यह होता है कि वे बाहरी दुनिया से कट जाते हैं, वो ऐसे लोगों के सम्पर्क में ही नहीं आ पाते जो स्वयं में आधुनिक विचारों को लिए रहते हैं, परिणामस्वरूप कुएं के मेढ़क बनकर रह जाते हैं!

यही हाल इन देशों में रह रही मुस्लिम महिलाओं का भी हैं, वे तो और ज़्यादा पिछड़ी हुई हैं, शिक्षा से कोई नाता नहीं, घर से ज़्यादा बाहर निकलना नहीं, पढ़ाई के नाम पर क़ुरान पढ़ा देना, वो भी ग़लत व्याख्या के साथ ऐसे में उनको सिर्फ़ एक मशीन बनाकर छोड़ दिया जाता है. न तो उनमें सोचने समझने की शक्ति बचती है और न ही सवाल पूछने की हिम्मत, अब ऐसे में वह पूरी तरह से अपने घर के पुरुषों पर ही निर्भर हो जाती हैं. यदि सरकार उनके उत्थान के लिए कोई व्यवस्था लाती भी है जिससे महिलाओं की स्थिति में सुधार हो तो उस पर भी बवाल मच जाता है. ऐसे में ईरान की क्रांति का उनपर क्या असर पड़ेगा आप स्वयं ही अंदाज़ा लगा सकते हैं. एक समय ऐसा हो सकता है कि आने वाले 20 वर्षों में लगभग मुस्लिम देशों में हिजाब की प्रथा ख़त्म हो सकती है किंतु दक्षिण एवं दक्षिण पूर्वी देशों में इसका ख़त्म होना मुश्किल ही लगता है.

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने ‘हिजाब गैंग’ को उठा उठाकर पटका है!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: ईरानएशियाई देशहिजाब विवाद
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

15 Plus Ram Navami Wishes in Hindi language

अगली पोस्ट

भारतीय क्रिकेट को महान क्रिकेटरों ने ही बचाया, आज के ‘महान’ उसे डूबो रहे हैं

संबंधित पोस्ट

राजद में ‘परिवार बनाम करीबी’ विवाद? रोहिणी के तीखे पोस्ट के बाद संजय यादव की सफाई
चर्चित

राजद में ‘परिवार बनाम करीबी’ विवाद? रोहिणी के तीखे पोस्ट के बाद संजय यादव की सफाई

26 September 2025

बिहार की राजनीति में इस समय जो सबसे दिलचस्प और साथ ही सबसे संवेदनशील बहस चल रही है, वह लालू परिवार के भीतर की खींचतान...

85 साल बाद कांग्रेस को क्यों आई बिहार की याद? बीजेपी ने लगाए ये आरोप
चर्चित

85 साल बाद कांग्रेस को क्यों आई बिहार की याद? बीजेपी ने लगाए ये आरोप

25 September 2025

पटना के सदाकत आश्रम में बुधवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई। कांग्रेस ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह अतीत और वर्तमान...

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप
इतिहास

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

25 September 2025

अपने पिछले लेख में हमने इतिहास का अनुवाद हिस्ट्री नहीं होता है, यह तथ्य सिद्ध किया था। भारतीय चिंतन परम्परा में इतिहास कला नही है,...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

00:07:30

What A Space War Looks Like – And How India Is Preparing For it?

00:06:35

Story of The Battle of Dograi & Valiant Soldiers of 3 JAT

00:06:25

Why Kerala Is Facing a Deadly ‘Brain-Eating Amoeba’ Outbreak Like Never Before?

00:06:07

What Pakistan Planned After Hyderabad’s Surrender Will Shock You| Untold Story of Op Polo

00:03:43
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited