TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अज़रबैजान, पोप कमेटी और SCO विश्व में भारत का बढ़ता कद दिखाता है

इसको विस्तार से समझना बहुत आवश्यक है!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
19 September 2022
in विश्व
अज़रबैजान भारत
Share on FacebookShare on X

अज़रबैजान ने भारत का किया स्वागत: कभी-कभी आपको अपना आधार स्थापित करने के लिए किसी तुष्टीकरण, किसी सेवा सुश्रुषा की आवश्यकता नहीं पड़ती बल्कि आपकी जीवटता, आपका धैर्य एवं सबसे महत्वपूर्ण आपका स्पष्ट दृष्टिकोण आपके भाग्य को बनाने के लिए पर्याप्त है। आज भारत को अपने निर्णयों हेतु किसी वैश्विक मान्यता की आवश्यकता नहीं है अपितु वैश्विक देशों को भारत की मान्यता की आवश्यकता है, यह अपने आप में भारत की शक्ति का परिचायक है।

अज़रबैजान ने भारत का स्वागत किया

इसका हाल ही में प्रमाण देखने को मिला, जब अज़रबैजान और आर्मेनिया के संघर्ष में आश्चर्यजनक रूप से अज़रबैजान ने भारत के कथित शांतिवार्ता का स्वागत किया और कहा कि यदि भारत ऐसा कोई कदम उठाए तो वह निस्संदेह स्वागत करेगा।

संबंधितपोस्ट

जयशंकर SCO समिट के लिए पहुंचे पाकिस्तान; VIDEO में देखें कैसे हुआ उनका स्वागत

‘द्विपक्षीय सबंधों पर कोई चर्चा नहीं होगी’: पाकिस्तान जा रहे विदेश मंत्री S जयशंकर की दो टूक

UNGA में यूँ ही नहीं कश्मीर राग भूले एर्दोआन, भारत ने ऐसे उतारा ‘खलीफा’ वाला खुमार

और लोड करें

अज़रबैजान ने हाल ही में बताया कि वह आर्मेनिया के साथ बातचीत के लिए तैयार है, यदि भारत इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए कुछ प्रस्ताव करता है, तो वह ऐसे किसी पहल का स्वागत करेगा। अज़रबैजान ने दोनों कट्टर प्रतिद्वंद्वियों के बीच संघर्ष विराम समझौता होने के कुछ घंटों के बाद यह टिप्पणी की है।

अज़रबैजान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता लेयला अब्दुल्लायेवा ने पीटीआई के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में कहा, “हम बातचीत के लिए तैयार हैं और हम उन सभी पहलों का स्वागत करेंगे जो (दोनों पक्षों के बीच) संबंधों को सामान्य बनाने के लिए तथा क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के इरादे से की जाती हैं।”

अब्दुल्लायेवा ने आगे ये भी कहा कि “अज़रबैजान का भारत के साथ आर्थिक, मानवीय, सांस्कृतिक और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा सहयोग और अच्छे द्विपक्षीय संबंध हैं। भारत के साथ हम संयुक्त राष्ट्र, गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों और संगठनों के भीतर भी सहयोग कर रहे हैं। अगर भारतीय पक्ष का मदद करने का इरादा है या वह कोई प्रस्ताव करता है, तो जैसा मैंने कहा, अज़रबैजान इस तरह की किसी पहल के लिए हमेशा तैयार है।”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को कहा था कि भारत का मानना है कि द्विपक्षीय विवादों का कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि द्विपक्षीय विवादों का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए। किसी भी टकराव का कोई सैन्य हल नहीं हो सकता। हम दोनों पक्षों को स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत की खातिर प्रोत्साहित करते हैं।”

यह निस्संदेह रूप से बढ़ते वैश्विक शौर्य और कूटनीतिक पराक्रम को परिलक्षित करता है। परंतु यही एक उदाहरण नहीं है जिसके लिए भारत ने अपनी कूटनीति का लोहा मनवाया। रूस एवं यूक्रेन के बीच तनातनी ने जो हिंसक रूप धारण किया, उससे अब कोई भी अनभिज्ञ नहीं होगा।

और पढ़ें- पोलैंड ने रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की भारत की क्षमता पर दिखाया भरोसा

वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छा गए

परंतु मेक्सिको के राष्ट्राध्यक्ष के एक बयान ने ये सिद्ध किया कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वास्तविक कद क्या है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कद दुनिया में बढ़ता ही चला जा रहा है। पीएम मोदी अब सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि एक वैश्विक नेता बन चुके हैं। अब विश्व शांति दूत तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सामने आने लगा है। दरअसल, मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर चाहते हैं कि वैश्विक शांति के लिए एक आयोग का गठन किया जाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसका हिस्सा बनें। मैक्सिको के राष्ट्रपति इस संबंध में एक लिखित प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश करने की योजना बना रहे हैं। प्रस्ताव के अनुसार विश्व में शांति लाने के लिए पांच साल की अवधि के लिए वो आयोग बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने इस आयोग के लिए दुनिया के तीन नेताओं के नाम प्रस्तावित किए हैं जिनके नेतृत्व में आयोग बनाने की मांग की जाएगी। इन नेताओं की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस शामिल हैं।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्सिकन राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने कहा कि आयोग का उद्देश्य दुनिया भर में युद्धों को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पेश करना होगा। कमीशन का लक्ष्य होगा कि वह दुनियाभर में युद्ध को रोकने के लिए जो प्रस्ताव पेश करे वह अमल में आए और कम से कम 5 वर्ष के लिए एक शांति समझौता हो। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि मीडिया इस बारे में जानकारी फैलाने में हमारी मदद करेगा। ओब्रडोर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि युद्धों में निर्दोष लोगों की जान जा रही है और इसके लिए सभी को शांति कायम करने के प्रयास करने जरूरी है।

सोचिए, यहाँ बड़े से बड़े नेता का नाम लिया जा सकता था, स्वयं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और शिनज़ो आबे (जीवित रहने के दौरान) जैसे नेता भी हो सकते थे। परंतु नरेंद्र मोदी ही क्यों? इसका प्रमाण उनके सरकार के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर के बयान में स्पष्ट झलकता है। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। परंतु ये बात कुछ लोगों को हजम नहीं होती और बार-बार उन्हें स्मरण कराना पड़ता है। इस बात को सार्वजनिक करते हुए विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रूस के साथ उसके जो भी संबंध है, उससे किसी को कोई भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए और उसके लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सम्पूर्ण पश्चिमी जगत को खरी खोटी भी सुनाई है। विदेश मंत्रालय ने मीडिया को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया, “देखिए, हमारे निर्णय, चाहे तेल को लेकर हों या फिर किसी अन्य वस्तु को लेकर, जैसे ऊर्जा, सुरक्षा आवश्यकता इत्यादि, वो सभी हमारे दृष्टिकोण पर आधारित होगा।”

मंत्रालय ने अप्रत्यक्ष रूप से पाश्चात्य जगत को भारत की रूस से निकटता पर आलोचना के लिए आड़े हाथों लेते हुए कहा, “हम जो भी कुछ कर रहे हैं, अपनी इच्छा अनुसार कर रहे हैं और हमें नहीं लगता है कि हमें इसके लिए किसी की आज्ञा की आवश्यकता है या हम पर किसी प्रकार के दबाव का आभास है।” ज्ञात हो कि ये प्रथम ऐसा अवसर नहीं है जब विदेश मंत्रालय ने पाश्चात्य जगत को उसके दोहरे मापदंडों के लिए खरी खोटी सुनाई है। वन चाइना पॉलिसी पर भारत के विचारों के लिए भी भारत ने स्पष्ट किया कि उसको जो कहना था, वो कह चुका है और बार-बार स्पष्ट करने की आवश्यकता नहीं है।

और पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध के हुए 100 दिन, विश्व पटल पर भारत हुआ है और सशक्त

SCO सम्मेलन में मोदी-मोदी

ये तो कुछ भी नहीं है। अभी हाल ही में SCO के सम्मेलन में भारत ने अपने वैश्विक प्रभुत्व को जो स्थापित किया, उससे सिद्ध होता है कि भारत ने वैश्विक स्तर पर अपने प्रभुत्व का किस स्तर पर लोहा मनवाया है।

उदाहरण के तौर पर

SCO सम्मेलन में मोदी ने पुतिन को धोया

यूक्रेन युद्ध पर मोदी ने पुतिन को सुनाई खरी-खरी जैसी अनेक ख़बरें, कई तड़कती-भड़कती हैडलाइन्स, कई पोस्टर्स, कई पोस्ट, कई ट्वीट, आप सोशल मीडिया पर देख रहे होंगे और वैश्विक मीडिया, विशेषकर अमेरिकन मीडिया भी इसी तरह की ख़बरें चला रहा है, परंतु वास्तविकता इससे बिल्कुल भिन्न है।

कूटनीति दो और दो के जोड़ जितना सरल नहीं, ये बात नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन हमसे बेहतर जानते हैं, इसीलिए कूटनीति की चालें जितनी कैमरों के आगे चली जाती हैं- इससे कहीं ज्यादा कैमरों के पीछे चलती हैं। अब पीएम मोदी ने जो कहा और रूस ने जो उत्तर दिया वो कोई भारत और रूस के बीच में खटास पैदा करने वाला नहीं था, क्योंकि न ही भारत ने रूस को सुनाया था, न ही भारत ने यूक्रेन के मुद्दे पर अपना स्टैंड बदला है, ना ही सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी ने पुतिन को अपमानित किया है, ऐसा कुछ नहीं हुआ है बल्कि भारत ने SCO के मंच पर वही बोला जो पीएम मोदी पुतिन से फोन पर बोल चुके हैं। पुतिन ने भी वहां वही बोला जोकि भारत सुनना चाहता है, विश्व की दो प्रभावशाली और मैत्रीपूर्ण शक्तियों के बीच में इसी तरह से कूटनीति होती है। अब इसे अगर वाशिंगटन पोस्ट, न्यू यॉर्क टाइम्स, सीएनएन अपने एजेंडे के तहत रूस के विरुद्ध चलाना चाहते हैं तो चला सकते हैं।

अब वहीं पर भारत ने SCO के माध्यम से एक ऐसा अस्त्र चलाया कि फ्री मार्केट कथित पुरोधा तिलमिला कर रह गए, वो न घर के रहे, न घाट के।

वो कैसे? असल में विश्वभर में रूस-यूक्रेन युद्ध के पश्चात् परिस्थितियां बदल गयी हैं, एक तरफ जहां पश्चिमी देशों ने रूस पर भर-भर के प्रतिबंध लगाए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ अन्य देशों को रूस से व्यापार करने के लिए मना भी किया। अब देखिए इनका पाखंड, मूलतः ये पश्चिमी देश जिस भी देश के साथ व्यापार समझौता करते हैं वहां यह मुक्त व्यापार यानी फ़्री ट्रेड के झंडे को सबसे पहले आगे करते हैं और तो और इन सो कॉल्ड फ़्री ट्रेड प्रमोटर देशों ने तो फ़्री ट्रेड एवं ओपन मार्केट को बढ़ावा देने के लिए पूरा का पूरा एक संगठन ही बना दिया है जिसे WTO के नाम से जाना जाता है।

अब यह बात तो सबको पता है कि यह विश्व व्यापार संगठन इन देशों के लिए मात्र कठपुतली है इसके अलावा कुछ भी नहीं है। लेकिन मानना पड़ेगा कि ये देश इतनी चालाकी से अपनी चाल चलते हैं कि बेचारे अल्पविकसित एवं विकासशील देश इनके झांसे में आ जाते हैं, तत्पश्चात् अपनी घरेलू नीतियों का निर्माण इस प्रकार से कर लेते हैं कि उनका स्वयं का ही नुकसान हो जाता है। किंतु मुक्त व्यापार एवं खुले बाजार की बात करने वाले इन देशों की भारत ने इस बार लंका ही लगा दी है।

इसी क्रम में उज़बेकिस्तान में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन सम्ममेलन में जब मीडिया द्वारा भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा से रूसी तेल को ख़रीदने के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने जो जवाब दिया उसे सुनकर पश्चिमी देशों के कान से खून निकल आए होंगे। क्वात्रा ने पश्चिमी देशों की मुक्त व्यापार और खुले बाजार की नीतियों का ज़िक्र कर उन्हीं को चुप करा दिया।

क्वात्रा ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि तेल को ख़रीदने के क्रम में भारत सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है। यह तेल कंपनियों के ऊपर निर्भर करता है कि वो कहां से तेल ख़रीद रही हैं और कहां से नहीं। यह वही बात थी जिसे उपयोग कर पश्चिमी देश अपने हितों की पूर्ति के लिए अन्य देशों के समक्ष किया करते थे। ओपन मार्केट का झंडा उठाने वाले ये पश्चिमी देश आज स्वयं ही अपने देशों में कंपनियों को क्रय-विक्रय के संबंध में निर्देशित कर रहे हैं।

अपने ही हितों को हानि पहुंचता देख ये पश्चिमी देश अपनी ही व्यवस्था में फंस कर रह गए हैं, ऊपर से एससीओ में भारत के इस बयान से पश्चिमी देशों का पाखंड सबके समक्ष आ गया है। अगर हम खुले बाज़ार एवं मुक्त व्यापार का तात्पर्य समझें तो ऐसी व्यवस्था में सरकार रेग्युलेटर न होकर फ़ैसिलिटेटर होती है अर्थात् सरकार व्यापार को सुगम बनाती है न कि उनको नियंत्रण करती है। ऐसे में अब भारत वो पहले वाला भारत नहीं भारत जो गुट निरपेक्षता के नाम पर दुनिया भर में नौटंकी करता था, अब भारत को चाहिए फुल सम्मान।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: अज़रबैजानआर्मेनियाएससीओगुट निरपेक्षता
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण डीके शिवकुमार छोड़ देंगे कांग्रेस?

अगली पोस्ट

चिप के खेल में चीन को मात देना चाहता है भारत? यह सबसे बढ़िया वक्त है

संबंधित पोस्ट

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क
आयुध

दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

11 November 2025

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट ने न केवल हमारी राजधानी की रफ्तार और सुरक्षा की संवेदनशीलता को झकझोर कर रख दिया...

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति
आयुध

राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

11 November 2025

दक्षिण एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में हालिया घटनाएं स्पष्ट संकेत दे रही हैं कि पड़ोसी बांग्लादेश अब अपनी दिशा बदल चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ...

आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व
आयुध

आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

10 November 2025

भारतीय नौसेना का स्वदेशी गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री उत्तरी प्रशांत महासागर स्थित गुआम पहुंच गया है। यह जहाज बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास ‘मालाबार-2025’ में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01

Why AH-64 Apaches Made a Mysterious Return To U.S. On Their Delivery Flight To India?

00:06:07
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited