TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    मस्जिदों में कुत्ते बांधने वाली पाकिस्तानी सेना: खैबर पख्तूनख्वा के विद्रोह से टूटा ‘एक पाकिस्तान’ का भ्रम, भारत के लिए रणनीतिक दृष्टि से बड़ा अवसर

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अब इंडियन आर्मी का भी होगा ‘भारतीयकरण’, गुलामी के प्रतीकों की दी जाएगी तिलांजलि

स्वतंत्रता के बाद भी भारतीय सेना, 'भारतीय' कैसे नहीं बन पाई?

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
22 September 2022
in समीक्षा
इंडियन आर्मी भारतीयकरण

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

जो 1947 में हो जाना चाहिए था, वो 2022 में होने जा रहा है. राजपथ पर1947 की अर्धरात्रि को जब हिंदुस्तानियों ने कदम रखा उसी वक्त उसे कर्तव्यपथ बना देना चाहिए था, जब हिंदुस्तानियों ने पीछे मुड़कर देखा तब उन्हें नेशनल वॉर मेमोरियल दिखना चाहिए था, हिंदुस्तानियों ने जब अपना हाथ उठाकर तिरंगे को सैल्यूट किया तब उन्हें वहां खड़ी इंडियन आर्मी दिखनी चाहिए थी, इंडियन आर्मी ही दिखी लेकिन ब्रिटिशों के नियम-कायदे से बंधी हुई, अंग्रेजों की घटिया परंपराओं को निभाती हुई, गोरों की दी हुई रैंक और यूनिफॉर्म से लिपटी हुई. जी हां, बुरा लगता है लेकिन यही सच है और सच हमेशा कड़वा होता है. इंडियन आर्मी सही मायनों में तब तक इंडियन बन ही नहीं पाई थी या फिर यह कह सकते हैं कि उसे इंडियन बनाने की कोशिशें ही नहीं की गईं थी लेकिन अब इंडियन आर्मी का भारतीयकरण होने जा रहा है.

और पढ़ें: भारत को गोरा-भूरा साहब और मुगलों से मुक्त कराने के पीएम मोदी के प्रयास में ‘कर्तव्य पथ’ एक और मील का पत्थर है

संबंधितपोस्ट

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

भारत सरकार का ‘भारती’ इनिशिएटिव: कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रोडमैप

कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

और लोड करें

देश को मिलेगी गुलामी के निशानी से मुक्ति

भारत में प्रधानमंत्रियों के काम करने के अलग-अलग तरीके रहे हैं. स्वतंत्रता के बाद से ही हमने यह देखा है. प्रधानमंत्री पद पर बैठा कोई नेता स्वयं अचकन में गुलाब लगाकर शिमला की वादियों में घूमने को प्राथमिकता देता था और देश बाबुओं के भरोसे छोड़ देता था. किसी प्रधानमंत्री को राष्ट्र को इमरजेंसी की बेड़ियों में जकड़कर अपने निर्णय लेने में आनंद आता था, कोई प्रधानमंत्री हिम्मत के साथ पोखरण में विस्फोट कर लेता था. वर्तमान में जो प्रधानमंत्री हैं वो मुद्दों को जनांदोलन बनाकर लोगों के बीच में चर्चा, वाद-विवाद और संवाद कराकर फैसले करते हैं. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति को जो भी समझता है, वो जानता है कि पीएम मोदी कोई भी फैसला यूं ही उठकर लागू नहीं कर देते बल्कि पहले उस पर देश में चर्चा होती है, फिर फैसला होता है.

2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को उसका पहला स्वदेशी विमान वाहक INS विक्रांत सौंपा और इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय नौसेना के नए निशान का भी अनावरण किया. नौसेना के पुराने ध्वज में सेंट जॉर्ज क्रॉस ब्रिटिश कालीन प्रतीक चिह्न था, जिसे अब हटा दिया गया है. इसके स्थान पर जो नया निशान आया है वह भारत के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है. नौसेना के इस नए निशान को छत्रपति शिवाजी महाराज की मुहर से लिया गया है. नए ध्वज में ऊपर में बाईं ओर तिरंगा बना हुआ है, साथ ही एक गोल्ड अष्टकोण भी हैं, जिसके अंदर अशोक चिह्न बनाया गया है. अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते लिखा है और साथ ही ध्वज में नीचे संस्कृत भाषा में “शं नो वरुण:” लिखा है, जिसका अर्थ होता है “जल के देवता हमारे लिए शुभ हों”.

Navy flag
Source- Google

अब आप विचार कर रहे होंगे कि हम यह सब आपको क्यों बता रहे हैं, इसके पीछे का उद्देश्य क्या है? दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पंच प्रणों में गुलामी की निशानियों से मुक्ति की बात कही थी. नौसेना से शुरू हुआ मुक्ति का यह अभियान अब आगे बढ़ रहा है. जी हां, नौसेना के निशान का भारतीयकरण हिंदुस्तानियों को बहुत पसंद आया. इसके बाद से ही चर्चा होने लगी थी कि भारतीय सेना से भी उन चीजों को हटाना चाहिए, जो अंग्रेजों ने शुरू की थी या फिर उसी वक्त से चली आ रही हैं. अब भारतीय सेना ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. भारतीय सेना किन-किन चीज़ों में बदलाव करने जा रही है वो हम आपको बताएंगे लेकिन उससे पहले जान लीजिए कि सेना ने अपने बयान में क्या कहा है?

सेना के एक दस्तावेज में कहा गया है कि ”विरासत की कुछ प्रथाओं जैसे औपनिवेशिक और पूर्व-औपनिवेशिक युग के रीति-रिवाज व परंपराएं, सेना की वर्दी व परिधान, नियम, कानून, नीतियां, इकाई स्थापना, औपनिवेशिक काल के संस्थान, इकाइयों, इमारतों, प्रतिष्ठानों, सड़कों, पार्कों के अंग्रेजी नामों की समीक्षा की आवश्यकता है.” इसके साथ ही सेना ने एक टीम बनाकर सर्वे का निर्देश दिया है.

बदलाव क्यों आवश्यक है?

अब हमारे सामने एक सवाल है कि इंडियन आर्मी का भारतीयकरण आवश्यक क्यों है? इंडियन आर्मी जैसी अभी है, हम उसे वैसा ही क्यों नहीं रहने दे रहे? वामपंथियों की दृष्टि से देखें तो सवाल यह भी है कि क्या भाजपा सेना पर अपना एजेंडा थोप रही है? इन सवालों की पड़ताल के लिए हमें इतिहास के पन्ने पलटने होंगे. तो बात है 1903 की, एक अंग्रेजी अफसर था हबर्ट किचनर (Herbert Kitchener). उसने ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रेशिडेंशियल सेना के बचे-खुचे सैनिकों, भारतीय उपमहाद्वीप में तैनात ब्रिटिश सैनिकों और दक्षिण एशियाई देशों के स्वयंसेवकों को संयुक्त करके एक सेना बनाई, जिसे नाम दिया गया- ब्रिटिश इंडियन आर्मी.

यह ब्रिटिश इंडियन आर्मी, गोरों की सेना थी. गोरे अपने तरीकों से, अपनी परंपराओं से, अपने नियमों से उसे ढाल रहे थे, उसके लिए नियम बना रहे थे, उसके प्रोटोकॉल तय कर रहे थे. गोरों ने कभी सोचा ही नहीं कि इस ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सबसे ज्यादा भारतीय सैनिक हैं लेकिन भारतीय सैनिकों की कीमत वो क्या ही समझेंगे जिन्होंने हर युद्ध में भारतीय सैनिकों को मरने के लिए झोंक दिया वो भी बिना यह समझे कि इसका नतीजा क्या होगा.

प्रथम विश्व युद्ध में भारत सीधे-सीधे किसी भी धड़े की तरफ नहीं था लेकिन ब्रिटेन तो था. 28 जुलाई,1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला यह विश्व युद्ध अलाइड पावर्स यानी मित्र देशों और सेंट्रल पावर्स यानी मुख्य शक्तियों के बीच लड़ा गया था. मित्र देशो में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली और जापान जैसे बड़े और शक्तिशाली देश शामिल थे. वर्ष 1917 में अमेरिका भी इस अलायन्स में शामिल हो गया. मित्र देश इस युद्ध में विजय हुए यानी कि ब्रिटेन जीत गया लेकिन भारत हार चुका था.

और पढ़ें: नौसेना का नया प्रतीक चिह्न क्यों छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतीक चिह्न पर आधारित है

IMA
Source- Google

करीब 11 लाख भारतीय नौजवानों ने ब्रिटेन के लिए युद्ध लड़ा. प्रथम विश्व युद्ध में करीब 70 हजार भारतीय नौजवान शहीद हो गए, हजारों विकलांग हो गए, हजारों लापता हो गए लेकिन गोरों को इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ा. गौरों ने भारत को स्वतंत्रता नहीं दी बल्कि इसके बाद ही मार्च 1919 में रॉलैट एक्ट कानून आया और लोगों को बिना किसी कारण जेलों में ठूंसा जाने लगा. 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में नरसंहार हुआ. हिंदुस्तान में यह जो घटनाएं हो रही थी इनमें प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष तौर पर कहीं न कहीं ब्रिटिश इंडियन आर्मी अपने आप ही जुड़ जाती थी. ब्रिटिश इंडियन आर्मी अंग्रेजों की वफादार रही क्योंकि ब्रिटिश इंडियन आर्मी में इंडियन कुछ था ही नहीं, सबकुछ ब्रिटिश-ब्रिटिश ही था.

1947 में अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्रता दी और इसके साथ ही ब्रिटिश इंडियन आर्मी को भी बांट दिया गया. इसका भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच बंटवारा हो गया. सेना का एक बड़ा हिस्सा भारत के पास आया, ब्रिटिश इंडियन आर्मी को आज़ाद भारत में इंडियन आर्मी कहा गया लेकिन नाम के सिवाय और कुछ नहीं बदला. दुखद बात तो यह है कि पंडित नेहरू जो कि जबरदस्ती भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बन गए थे, उन्होंने इंडियन आर्मी में थोड़ा-बहुत बदलाव भी नहीं किया. यहां तक कि आर्मी के झंडे पर जो ब्रिटेन का क्राउन था, उसे भी नहीं हटाया. बाद में माउंटबेटन ने एक चिठ्ठी लिखी कि इसे बदल लीजिए तब क्राउन को हटाकर अशोक चक्र रखा गया.

1947 के करीब दो दशक बाद तक ब्रिटिशर्स और एंग्लो-इंडियन, इंडियन आर्मी से जुड़े रहे. वे कोई न कोई भूमिका इंडियन आर्मी में निभाते रहे. सीनियर, सलाहकार, कमांडर के तौर पर वे इंडियन आर्मी से जुड़े रहे यानी कि स्वतंत्रता के दो दशक बाद भी इंडियन आर्मी में बहुत कुछ नहीं बदला था. बाद के वर्षों में बहुत बदलाव हुए, ओल्ड इंडियन आर्मी की जगह ट्रू इंडियन आर्मी बनी लेकिन इसके बाद अभी भी बहुत से बदलाव होने बाकी हैं. इंडियन आर्मी में अभी भी कई अंग्रेजों के वक्त के प्रोटोकॉल चलते हैं, अभी भी कई अंग्रेजों की परंपराएं चलती हैं, अभी भी कई इमारतों, हॉस्टल्स या स्थानों के नाम अंग्रेजों के नाम पर इन सभी में बदलाव की बहुत आवश्यकता थी, जिससे कि इंडियन आर्मी साम्राज्यवाद के बोझ से स्वयं को बाहर निकाल पाए.

क्या होंगे बदलाव?

तो चलिए, अब हम आपको बताते हैं कि आर्मी के निर्देशों को अगर देखें तो इंडियन आर्मी में क्या-क्या बदलाव आने वाले वक्त में देखने को मिल सकते हैं. सेना की वर्दी और साज-सामान में परिवर्तन लाने पर विचार किया जा रहा है. रेजीमेंटों, इमारतों और समारोहों में भी परिवर्तन देखने को मिल सकता है. कई आर्मी बिल्डिंग्स, सड़क, लेन और पार्कों के नाम भी ब्रिटिश अफसरों के नाम पर हैं, अब उन सभी को भी एक-एक करके बदला जाएगा. सिख, गोरखा, जाट, पंजाब, डोगरा, राजपूत और असम जैसी इन्फैंट्री रेजिमेंटों का नाम अंग्रेजों के द्वारा ही रखा गया था.

बीटिंग द रिट्रीट जैसी सेरेमनी के नाम की भी समीक्षा कर उन्हें बदला जाएगा. यूनिटों की यूनिफॉर्म, पॉलिसी, रूल्स, कानून भी अंग्रेजों के जमाने के हैं. अंग्रेजों के जमाने के अवार्डों के नाम भी बदले जाएंगे. ऑफिसर्स मेस की ब्रिटिशकालीन परंपरा, यूनिटों के झंडे और उनके नाम भी बदले जा सकते हैं. इन सभी बदलावों के साथ इंडियन आर्मी, सही मायनों में इंडियन बनेगी, इसलिए यह बदलाव जितनी जल्दी हो, उतना ही अच्छा होगा.

इसे विषयांतर मत समझिए, लेकिन एक बात हम आपसे पूछना चाहते हैं कि क्या कई बार आपके मन में यह सवाल नहीं आता कि यह बदलाव क्यों? नामों को बदल देने से क्या होगा? अवश्य आता होगा, वामपंथियों ने इको-सिस्टम को इतना मजबूत बना रखा है कि यह सवाल कहीं न कहीं से आपके कानों तक पहुंचता होगा तो इसका जवाब बहुत सरल है, आप जो हैं वही बनकर रहिए, तभी विश्व आपकी ओर देखेगा, आपकी ताकत को समझेगा. उधार के प्रतीक लेकर, उधार की परंपराएं लेकर, उधार के नियम लेकर, उधार की संस्कृति लेकर, आप अपना वर्चस्व खो देते हैं और जब आप अपनी संस्कृति को स्वाभिमान के साथ ओढ़कर चलते हैं तो दुनिया आपका सम्मान करती है. इसलिए, गुलामी के प्रतीकों को मिटाकर- इंडियन आर्मी का भारतीयकरण करने की आवश्यकता है.

और पढ़ें: प्रिय उदारवादियों, कम से कम अपने ‘आदरणीय बापू’ की बात तो सुन लो

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: इंडियन आर्मीब्रिटिशमोदी सरकार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सभी संवैधानिक पीठ की सुनवाई की अब होगी लाइव स्ट्रीमिंग

अगली पोस्ट

गुजराती फिल्म ‘छेलो शो’ क्या ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि है?

संबंधित पोस्ट

कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश
चर्चित

कट्टर इस्लाम की गिरफ्त में बांग्लादेश: यूनुस की नीतियां, हिंदुओं पर हिंसा और भारत के खिलाफ नई साजिश

8 November 2025

बांग्लादेश की राजनीति आज एक खतरनाक मोड़ पर खड़ी है। मोहम्मद यूनुस सरकार की कट्टरपंथी नीतियों, अल्पसंख्यकों पर हिंसा और लोकतांत्रिक संस्थाओं की उपेक्षा ने...

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल
क्राइम

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

7 November 2025

हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा मोड़ उस वक्त आया, जब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की वह याचिका खारिज...

बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर
चर्चित

बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

7 November 2025

बिहार की राजनीति में जिस लहर का नाम अक्सर मतदाता के दिल की गहराइयों से उठता है, वह इस बार किसी सर्वे या नारे की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited