Labh Pancham क्या है और यह क्यों मनाई जाती है?
लाभपंचम (Labh Pancham) – सनातन धर्म में लाभ पंचम पर्व बहुत अधिक महत्व होता है. इस साल 29 अक्टूबर 2022 के दिन पंचमी (Labh Pancham) मनाई जाएगी. इसे सौभाग्य पंचमी और ज्ञान पंचमी के नाम से भी जानते हैं. दीवाली के बाद की पंचमी को लाभ पंचमी कहते हैं.
लाभ पंचम (labh pancham) अर्थ- लाभ पंचम (labh pancham) का अर्थ भाग्य की उन्नति होता है. सुख समृद्धि की दृष्टि से इस पर्व का बहुत बड़ा महत्व होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार लाभ पंचम या लाभ पंचमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पंचमी तिथि को मनाई जाती है. लाभ पंचम का मतलब सौभाग्य की प्राप्ति होती है. लाभ का अर्थ सौभाग्य होता है. वहीं पंचम का अर्थ पांचवां होता है. लाभ पंचम (labh pancham) को ‘लाखनी पंचमी’‘ज्ञान पंचमी’ और ‘सौभाग्य पंचमी’ भी कहा जाता है. लाभ पंचम आमतौर पर काली चौदस के एक सप्ताह बाद और दिवाली के पांच दिन बाद मनाई जाती है.
इस दिन भगवान शिव का पूजन करना भी विशेष फलदायी होता है. लाभ पंचमी के दिन पूरे मन से भगवान शिव की पूजा करने से परिवार में सुख-शांति आती है और जीवन के समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही लाभ पंचमी के दिन को अपने व्यापार में तरक्की के लिए बेहद शुभ दिन मानते हैं.
कब मनाते है लाभ पंचमी
लाभ पंचमी की तारीख: 29 अक्टूबर 2022
पंचमी तिथि शुरू: 29 नवम्बर 2022
पंचमी तिथि खत्म: 30 नवम्बर 2022
लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त: सुबह 08:10 AM से 05:50 PM तक
Labh panchami Puja Vidhi
पंचम पूजा के दिन भक्तों को प्रातः उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य देना चाहिए
शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भगवान गणेश और शिव की मूर्तियों को स्थापित करें.
एक सुपारी लेकर उसको चारों ओर पवित्र धागा लपेटें. इसके बाद उसे चावल की गोल ढेरी रख दें. हो सके तो भगवान गणेश की प्रतिमा को भी उसपर ही रखें.
भगवान गणेश को चंदन, सिंदूर, फूल और दूर्वा अर्पित करना चाहिए. वहीं भगवान शिव पर भस्म, बिल्व पत्र, धतूरे के फूल और सफेद वस्त्र अर्पित करना चाहिए.
भगवान गणेश को मोदक और भगवान शिव को दूध से बना प्रसाद चढ़ाना चाहिए.
भगवान शिव और गणेश के लिए लाभ पंचम मंत्र का जाप करना चाहिए.
भगवान गणेश के लिए लाभ पंचम मंत्र
लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्. आवाह्याम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्..
भगवान शिव के लिए लाभ पंचम मंत्र
त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे. त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:..
मंत्र जाप के बाद भक्तों को आरती के लिए धूप और दीप जलाना चाहिए. दोनों देवताओं की आरती करने से लाभ की प्राप्ति होती है.
अपने द्वार के दोनों ओर स्वास्तिक बनाएं. एक बार लाभ पंचमी की पूजा हो जाने के बाद भगवान को प्रसाद चढ़ाएं
Significance of Labh Pancham Puja
दुकान, व्यवसाय या फैक्ट्री शुरु करने वाले लोग इस दिन को अत्यंत शुभ मानते है. लोग विशेष रूप से अपने नए व्यवसाय को शुरु करते है. हर साल भक्त इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं.
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FAQs realated to Labh Pancham
Ques- लाभ पंचम का त्यौहार कब होता है?
Ans- दीवाली के बाद की पंचमी को लाभ पंचमी कहते हैं.
Ques लाभ पंचम 2022 में कब है?
Ans –29 अक्टूबर 2022 को.
Ques- लाभ पंचम का कुछ अन्य नाम भी है क्या?
Ans – लोग सौभाग्य लाभ पंचमी भी कहते हैं.
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