वाक्य के भेद : प्रकार और वाक्य की परिभाषा –
स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे वाक्य के भेद के बारे में साथ ही इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह लेख अंत तक जरूर पढ़ें.
वाक्य -दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं।
उदाहरण – सत्य कड़वा होता है ।
एक वाक्य है क्योंकि, इसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है किन्तु ‘सत्य होता कड़वा’ वाक्य नहीं है क्योंकि , इसका अर्थ नहीं निकलता है।
वाक्य में उद्देश्य –
- वाक्य मे प्रयुक्त कर्ता (जो कार्य कर रहा है ) उसे उद्देश्य कहा जायेगा ।
- साथ ही कर्ता का विस्तारक या विशेषण हो तो उसे भी हम उद्देश्य मे रखेंगे।
- जैसा कि हम जानते है कर्ता एक कारक है, वह संज्ञा या सर्वनाम होता है उसी के संबंध मे अगर कुछ और कहा जाये तो वह कर्ता का विस्तारक कहलाता है।
- कर्ता की विशेषता बताई जाये तो विशेषण कहलाता है।
- साथ ही हम यह भी कह सकते है कि विधेय जिसके लिये आये वही कर्ता है वही उद्देश्य है।
उद्देश्य –किसी वाक्य में जिसके बारे में बताया जाता है अथवा बात की जाती है, उसे उद्देश्य कहते हैं।
जैसे – राम खेलता है।
विधेय –
किसी वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी बताया जाता है अथवा जो बात की जाती है, उसे विधेय कहा जाता है।
जैसे – राजेश पढ़ रहा है।
वाक्य के कितने भेद –वाक्य के कुल 3 प्रकार पाए जाते हैं, जिन्हें अलग-अलग आधारों पर विभाजित किया गया है।
- रचना/प्रयोग के आधार पर वाक्य के भेद
- अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद
- क्रिया के आधार पर वाक्य के भेद
साधारण वाक्य –
हिंदी भाषा में ऐसे वाक्य जिसमें सिर्फ एक उद्देश्य और एक विधेय होता है, उस वाक्य को विशेष रुप से सरल वाक्य कहते हैं।
सरल वाक्य के नियम –
- सरल वाक्य में सिर्फ एक विधेय और एक उद्देश्य पाया जाता है।
- अगर किसी सरल वाक्य में एक से अधिक कर्ता हैं और उसमें मौजूद क्रियाएं एक समान है, तो उस वाक्य में मौजूद सभी उद्देश्य एक ही उद्देश्य के रूप में माने जाएंगे
- अगर किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हैं और उसमें मौजूद क्रियाएं भी एक से अधिक है, लेकिन प्रत्येक कर्ता द्वारा की गई क्रिया एक समान है, तो इसे सरल वाक्य माना जाएगा।
- अगर किसी सरल वाक्य में क्रिया सिर्फ एक है, तो इस वाक्य में मौजूद सभी कर्ता एक ही उद्देश्य माने जाएंगे।
मिश्र वाक्य –
ऐसे वाक्य जिसमें किसी प्रधान उपवाक्य के अलावा कई आश्रित उपवाक्य भी मौजूद होते हैं, उन्हे विशेष रुप से मिश्र वाक्य कहते हैं।
मिश्र वाक्य के नियम
- मिश्र वाक्य में एक से अधिक आश्रित उपवाक्य पाए जा सकते हैं, लेकिन प्रधान उपवाक्य एक ही होगा।
- मिश्रित वाक्य में एक मुख्य उद्देश्य तथा एक मुख्य विधेय के साथ साथ एक से अधिक सकर्मक क्रियाएं भी पाई जाती है।
- मिश्रित वाक्य में आश्रित उपवाक्य का आरंभ एक योजक शब्द के साथ होता है।
- मिश्रित वाक्य में मौजूद प्रधान उपवाक्य एक साधारण वाक्य की तरह होता है, लेकिन आश्रित उपवाक्य साधारण उपवाक्य की तरह नहीं होते हैं।
संयुक्त वाक्य –
ऐसे वाक्य जिसमें दो से अधिक उपवाक्य मौजूद होते हैं और वे दोनो किसी निर्दिष्ट योजक शब्द की मदद से आपस में संयुक्त हो; तो उन्हें संयुक्त वाक्य कहा जाता है।
संयुक्त वाक्य के नियम –
- संयुक्त वाक्य में पाए जाने वाले सभी उपवाक्य साधारण होते हैं।
- संयुक्त वाक्य के सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं।
- संयुक्त वाक्य में बहुत सारे उपवाक्य पाए जाते हैं।
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं
हिंदी भाषा में अर्थ के आधार पर वाक्य के कुल 8 प्रकार पाए जाते हैं
विधानवाचक वाक्य- हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य, जिसमें किसी क्रिया के करने अथवा होने का बोध होता है, उसे विधानवाचक वाक्य अथवा विधिवाचक वाक्य कहा जाता है।
उदाहरण
राजेश दौड़ रहा है।
श्याम पढ़ रहा है।
इच्छावाचक वाक्य –
ऐसे वाक्य जिनसे किसी प्रकार की इच्छा जैसे: शुभकामना, श्राप, आशीर्वाद का बोध प्रकट होता है, तो उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहा जाता है।
उदाहरण–
मैं घर जाना चाहता हूं।
मैं पढ़ाई करना चाहता हूं।
संकेतवाचक वाक्य –
ऐसे वाक्य, जिनसे किसी प्रकार के शर्त का भाव प्रकट होता है, उसे संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण–
तुम पढ़ोगे तो जरूर पास हो जाओगे।
अगर तुम मेहनत करोगे, तो जरूर सफलता प्राप्त करोगे।
संदेहवाचक वाक्य –ऐसे वाक्य, जो किसी प्रकार के संदेह का बोध कराते हैं, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं
उदाहरण–
शायद राजेश आज नहीं आ पाएगा।
मैं कल कॉलेज जा सकता हूं।
आज्ञावाचक वाक्य – जिन वाक्यों से किसी प्रकार के आदेश, प्रार्थना, उपदेश आदि भाव का बोध प्रकट होता है, तो उन्हे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
वहां जाकर बैठ जाओ।
कृपया एक गिलास पानी लेकर आओ।
निधेषवाचक वाक्य –शब्दों में जिन वाक्यों से किसी कार्य के न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।निषेधवाचक वाक्य के अंतर्गत नकारात्मक बातें आती हैं।
उदाहरण –
तुम्हें यह कार्य नहीं करना चाहिए।
तुम कल स्कूल मत जाना।
प्रश्नवाचक वाक्य –
ऐसे वाक्य, जिसमें किसी प्रकार के प्रश्न का बोध प्रकट होता है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
उदाहरण-
क्या तुम्हे संगीत सुनना पसंद है?
तुम्हारा घर कहां है?
विस्मयवाचक वाक्य –
ऐसे वाक्य जिनसे किसी प्रकार का गुस्सा, ईर्ष्या, आश्चर्य आदि के भाव प्रकट होते हैं, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहा जाता है।
उदाहरण –
हे भगवान वह कैसे बच गए!
अरे तुम यह काम भी करते हो
FAQs
Ques- वाक्य क्या है?
Ans-दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं।
Ques- संयुक्त वाक्य क्या है?
Ans-जिसमें सरल या मिश्र वाक्यों का मेल संयोजक अव्ययों द्वारा होता हो। वस्तुतः इसमें दो या दो से अधिक सरल या मिश्र वाक्य अव्ययों द्वारा संयुक्त होते हैं।
Ques- मिश्र वाक्य क्या है?
Ans-मिश्र वाक्य उसे कहते जिसमें एक सरल वाक्य के अतिरिक्त उसके अधीन कोई अन्य अंग वाक्य हो।
आशा करते है कि वाक्य के भेद के बारे में सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आएगा एवं ऐसे ही रोचक लेख एवं देश विदेश की न्यूज़ पढ़ने के लिए हमसे फेसबुक के माध्यम से जुड़े।