हमारे देश का एक समुदाय ऐसा है जो स्वयं को बताता तो ‘शांतिप्रिय’ है, परंतु उसकी हरकतें ठीक इसके विपरीत ही नजर आती है। उनका काम हिंदुओं के त्योहार में अड़चने डालना है। वे आपको एक भी त्योहार शांति से मनाने ही नहीं देंगे। आप समझ गये होंगे कि हम किस समुदाय के बारे में यहां बात कर रहे हैं। आप पिछले दिनों देखा होगा कि कैसे नवरात्रों में गरबा कार्यक्रम में मुस्लिम युवक घुसकर माहौल बिगाड़ने के प्रयास कर रहे थे। अब बीते दिन ऐसा ही कुछ होते हुए देखने को मिला, जब गुजरात के वडोदरा में दिवाली के अवसर पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठीं।
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वडोदरा में सांप्रदायिक हिंसा
दीपवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दौरान चारों ओर केवल खुशियां ही खुशियां देखने को मिलती हैं। सुंदर सुंदर दीयों और लाइटों से जगमग घरों को देखने का आनंद ही कुछ अलग आता है। लोग मिठाईयां खिलाकर और पटाखे जलाकर इस त्योहार को मनाते आये हैं। परंतु देश के ‘शांतिप्रिय’ समुदाय से यह कहां बर्दाश्त होता है कि हिंदू अपना कोई त्योहार आराम से मना ले। इसलिए उन्होंने दिवाली के दौरान भी देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।
दरअसल, वडोदरा से दिवाली के दिन सांप्रदायिक हिंसा की खबर सामने आयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वडोदरा में दिवाली की रात दो गुटों में जमकर बवाल हो गया। उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की। इस दौरान पेट्रोल बम तक का उपयोग किया गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस पर भी पेट्रोल बम से हमला किया गया। साथ ही साथ उपद्रवियों के द्वारा स्ट्रीट लाइट को बंद कर पथराव किया।
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घटना पर पुलिस का बड़ा बयान
यह घटना वडोदरा के पानीगेट के मुस्लिम मेडिकल सेंटर के पास की है। पूरा मामला पटाखे जलाने से शुरू हुआ। पटाखे जलाने और एक दूसरे पर रॉकेट बम फेंकने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद पैदा हुआ। इसको लेकर ही बहस बढ़ते बढ़ते यहां तक पहुंच गयी। परंतु क्या आपको ऐसा लगता है कि केवल संयोग था कि दिवाली के अवसर पर दो गुट भिड़े और वडोदरा में इतना हंगामा मच गया? वडोदरा पुलिस को तो ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता। पुलिस ने इस बवाल को सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा बताया है।
घटना को लेकर वडोदरा पुलिस ने अपने बयान में कहा– “दिवाली की रात बवाल और तोड़फोड़ साजिश प्रतीत होती है। स्ट्रीट लाइट्स को बंद करना, पेट्रोल बम का उपयोग बताता है कि यह हिंसा किस प्रकार से सुनियोजित थी।“ पुलिस अधिकारियों के अनुसार जैसे ही बवाल शुरू हुआ सबसे पहले स्ट्रीट लाइट्स को बंद किया गया और पेट्रोल बम का इस्तेमाल हुआ। वडोदरा पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। पुलिस ने 19 लोगों को हिरासत में लिया है।
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हिंदुओं के त्योहारों के दौरान बवाल
देखा जाये तो यह कोई नयी बात तो नहीं है जब यूं हिंदु त्योहारों के दौरान हंगामा मचाना, देश का माहौल बिगाड़ना तो शांतिप्रिय समुदाय की आदत ही बन गयी हैं। इससे पहले नवरात्रि के दौरान विभिन्न जगहों पर आयोजित हुए गरबा समारोह में यह लोग घुसे चले आ रहे थे। यह जानते हुए भी कि नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है और गरबा कोई आम नृत्य नहीं है, जिसका यूं ही लुफ्त उठाने वह पहुंच सकते हैं। कुछ दिनों पूर्व वडोदरा से ही गरबा के दौरान दो गुटों में झगड़ा होने की घटना सामने आयी थी। इसके अलावा अहमदाबाद, इंदौर समेत कई जगहों से भी ऐसे ही मामले सामने आये थे। इस दौरान गरबा कार्यक्रमों में शामिल होने वाले मुस्लिम युवाओं के साथ या तो मारपीट हुई या फिर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
वहीं अप्रैल माह में हनुमान जयंती के मौके पर भी कई कई जगहों से हिंदुओं की शोभायात्रा पर हमले की घटनाएं सामने आयी थीं। दिल्ली में तो इसने एक प्रकार से दंगे का रूप ही ले लिया था। हनुमान जयंती की शोभायात्रा जहांगीरपुरी के कुशल सिनेमा के पास से गुजरी थी और इस दौरान उस पर पथराव किया गया था। उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाते हुए आग के हवाले भी कर दिया था। हमले के दौरान गोली चलने और तलवार-डंडे दिखाने देने तक की बात सामने आयी थीं। इन सबसे स्पष्ट हो जाता है कि इन लोगों का उद्देश्य केवल एक ही रह गया है और वे यह कि हिंदुओं के त्योहारों में समस्याएं पैदा करना। यह आपको कोई भी त्योहार चैन से नहीं मनाने देंगे।
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