भारत एक कृषि प्रधान देश हैं और देश की अर्थव्यवस्था में किसानों का बेहद ही महत्वपूर्ण योगदान हैं, इस बात से कोई नकार नहीं सकता है। परंतु कुछ एंजेडाधारी लोग लगातार अपना एजेंडे को सफल बनाने के लिए भाजपा को किसान विरोधी साबित करने पर तुले रहते हैं। हालांकि वे अपनी इन कोशिशों में तनिक भी सफल नहीं हो पाते। देखा जाये तो बहुत से राजनीतिक दल ने किसानों के नाम पर जमकर राजनीति करते आये हैं, लेकिन उन्होंने किसानों कि भलाई के लिए काम करने की कभी कोशिश नहीं की। चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक पार्टियां किसानों से वादे बड़े बड़े करते हैं, परंतु उन वादों को अमल में लाते हुए कम ही नजर आते हैं।
वहीं भाजपा लगातार चाहे फिर केंद्र में हो या राज्य में किसानों की भलाई को देखते हुए उनके हित में फैसले लेती आयी हैं। अब कर्नाटक की बसवराज बोम्मई सरकार ने किसानों को लेकर एक बार पूर्ण यह साबित कर दिखाया है कि वे क्यों किसानों की हितैषी है।
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किसानों की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक हैं उनके द्वारा लेने वाला कर्ज। हमारे देश के बहुत से किसानों को किसी न किसी कारण से कर्ज लेने को विवश होना पड़ता हैं। परंतु कर्ज न चुका पाने की स्थिति में उन्हें घर पर कुर्की या फिर संपत्ति की नीलामी जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। आये दिन ऐसी खबरें भी सामने आती रहती हैं, जब किसान कर्ज के दलदल में डूबे होने की वजह से आत्महत्या जैसा भयंकर कदम तक उठाने को मजबूर हो जाते हैं।
सरकार कानून लाने की तैयारी में
परंतु अब किसानों की इस समस्या का हल निकालते हुए किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्यों के किसानों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। कर्नाटक में भाजपा कर्ज चुकाने पर देरी होने पर किसानों की संपत्ति को नीलामी से बचाने के लिए कानून लाने की योजना पर काम रही हैं, जो कि कर्नाटक के किसानों के लिए बेहद ही अच्छी खबर हैं। कुछ पार्टियां ऐसी हैं, जो चुनाव के दौरान किसानों को कर्ज माफी का वादा तो करती है और इसका ढिंढोरा भी खूब पटती हैं, परंतु चुनाव जीतने के बाद वे अपने इन वादों को भूल जाती हैं और अंत में पीड़ित रह जाते हैं तो वे केवल किसान।
हालांकि कर्नाटक सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनके लिए बड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है। यह बात स्वयं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कही है। कृषि मेला के समापन सत्र और गांधी कृषि विज्ञान केंद्र परिषर में किसानों को पुरस्कार वितरण के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्ज चुकाने में देरी होने पर किसानों की संपत्ति की जब्तीकरण रोकने के लिए कानून लेकर आएगी। सीएम ने कहा कि किसानों की संपत्ति जब्त करने के बजाये उन्हें कर्ज को चुकाने का समय दिया जाना चाहिए। इस संबंध में सहकारिता विभाग और अन्य संबंधित निकायों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं और वे उन्हें किसानों की दूर्दशा से अवगत करा रहे हैं।
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साथ ही सीएम बोम्मई ने कहा कि आर्थिक विकास कृषि पर ही निर्भर है इसलिए कृषि विश्वविद्यालयों को कृषि-अर्थशास्त्र के बारे में शोध करके सरकार को सुझाव देना चाहिए। सीएम बोम्मई ने इस दौरान किसानों से विज्ञैनाक तरीके से कृषि करने और नये किस्मों को अजमाकर कृषि करने की भी अपील की।
किसानों पर राजनीति
ज्ञात हो कि किसान आंदोलन के दौरान तथाकथित किसान नेताओं और बुद्धिजीवियों ने विपक्ष के नेताओं ने भाजपा के किसान विरोधी होने का ढिंढोरा जमकर पीटा था। परंतु हर बार की तरह उनके हिस्से में निराशा ही हाथ लगी। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान यह तक कहा गया कि इस बार किसान भाजपा से नाराज हैं और चुनावी रण में बड़ा झटका देंगे। परंतु इसका अधिक असर चुनाव पर पड़ता दिखा नहीं।
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अब देखा जाये तो कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अगले वर्ष 2023 में कर्नाटक में चुनाव होंगे। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री का यह निर्णय इस दौरान एक तीर से कई निशान साधने का कार्य कर सकता हैं। एक तो किसानों के हित में यह फैसला है, यकीनन वे इससे खुश होंगे। दूसरा आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला पार्टी के लिए चुनावों में लाभकारी साबित हो सकता हैं।
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