हरदीप सिंह पुरी ने CNN के कथित नैतिक मूल्यों की गर्दन पकड़ी और जमीन पर दे मारा

हरदीप सिंह पुरी ने CNN की एंकर की जो धुलाई की है, उसका वीडियो भले ही आपने देख लिया हो लेकिन उसका अर्थ भी आपको समझना चाहिए। आइए, हम बताते हैं कि इसके मायने क्या हैं?

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में वरिष्ठ मंत्री हरदीप सिंह पुरी इन दिनों एक इंटरव्यू में दिए गए अपने जवाबों के कारण चर्चा में हैं। अमेरिकी चैनल सीएनएन की एंकर को लताड़ लगाने वाले इंटरव्यू की वीडियो को ट्विटर, फेसबुक समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर कर लोग खूब मजाक बना रहे हैं। कोई कह रहा है कि पीएम मोदी ने मंत्री नहीं मिसाइल हायर किए हैं, कोई कह रहा है कि सही किया, सीएनएन के एजेंडा की पोल खोल कर रख दी। इस इंटरव्यू में हरदीप सिंह पुरी ने अपने धाकड़ जवाबों से सीएनएन को पटक पटककर धोया है।

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अमेरिका की कुलबुलाहट

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही अमेरिका चाहता था कि भारत अपने पुराने मित्र देश रूस के साथ व्यापार न करे बल्कि अमेरिका की हां में हां मिलाता रहे और इसके लिए अमेरिका ने एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगाया, अनेक गीदड़ भभकियां दीं कि भारत रूस से प्रत्येक स्तर पर व्यापार करना बंद कर दे। भारत पर दबाव डालने से लेकर मानमनौवल का दौर भी खूब चला पुरन्तु भारत ने वही किया जो उसके हित में था और जो उसे करना था।

इसी मामले को लेकर हाल ही में अमेरिकी चैनल सीएनएन ने भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से सवाल-जवाब किए जिसमें उन्होंने एंकर की गलत तथ्यों और मनगणंत बातों को लेकर बोलती बंद कर दी। फिर क्या था हरदीप सिंह पुरी का यह अंदाज लोगों ने विशेषकर भारत के लोगों ने हाथों हाथ लिया और इंटरव्यू सोशल मीडिया पर देखते ही देखते वायरल हो गया।

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सीएनएन की पत्रकार के गलत तथ्यों का खुलासा

एकंर बेकी एंडरसन ने हरदीप सिंह पुरी से सबसे पहला सवाल पूछते हुए कहा कि भारत रूस से सस्ता होने की वजह से कुल आयातित तेल का 2 प्रतिशत तेल खरीदता है। इसका जबाव देते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “भारत रूस से जितना तेल तीन महीने में खरीदता है, उतना तेल यूरोप एक दिन में खरीद लेता है, बाकी आपके तथ्यों को ठीक करते हुए बता दूं कि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022 में भारत ने रूस से कुल तेल आयात का 2 प्रतिशत नहीं बल्कि 0.2 प्रतिशत तेल खरीदा है। इसके बाद पुरी ने कहा कि रूस भारत के सबसे बड़े सप्लायर में नहीं बल्कि टॉप 4-5 तेल सप्लायर में से एक है. ऐसे में इस बात को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि भारत को पिछले महीने इराक ने सबसे ज्यादा तेल दिया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत 130 करोड़ जनसंख्या वाला देश है ऐसे में हमारी सबसे पहली प्राथमिकता यह है कि लोगों को एनर्जी उपलब्ध होती रहे फिर चाहे वह पेट्रोल, डीजल से हो या किसी अन्य माध्यम से।

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प्रतिबंध लगाने की बात पर कड़ा जवाब

बेकी एंडरसन ने इंटरव्यू के दैरान सवाल पूछते हुए कहा कि अगर पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाते हैं तो क्या भारत के पास कोई बैकअप प्लान है? इस पर हरदीप सिंह पुरी ने फटकार लगाते हुए कहा कि हम वैसा नहीं सोच रहे हैं जैसा कि आप सोच रहीं हैं। हमारे पास कई बैकअप प्लान हैं और हमारी अमेरिका और यूरोप के साथ लगातार स्वस्थ चर्चा भी चल रही हैं। आप सिर्फ स्टूडियो में बैठकर एजेंडा बना रही हैं।

चीन, जापान खरीदे तो भारत क्यों रहे पीछे?

हरदीप सिंह पुरी ने जवाब देते हुए कहा कि तेल खरीदी-विक्री पर लगे हुए तथाकथित प्रतिबंध के बाद जब हंगरी, चीन और जापान जैसे देश तेल खरीद सकते हैं तो भारत क्यों नहीं खरीद सकता है। उन्होंने ये तक कह दिया कि खुद यूरोप भी रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद रहा है।

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ऊर्जा क्षेत्र में भारत कर रहा है काम

ग्रीन एनर्जी को लेकर भारत के द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत पहला ऐसा देश है जिसने पूरे विश्व को बताया है कि सौर ऊर्जा की लागत को कम किया जा सकता है। इसके आलावा भारत ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल से तेल बनाने वाले विषयों पर भी काम कर रहा है।

यदि इस पूरे इंटरव्यू को आप देखेंगे तो पाएंगे कि इसमें अमेरिका की स्वार्थपूर्ण नीतियों की पोल तो खोली ही गयी है साथ ही न्यूज चैनल सीएनएन की अच्छी धुलाई भी की गयी है केंद्रीय मंत्री के द्वारा। इस इंटरव्यू के माध्यम से पश्चिम के एजेंडाधारी न्यूज चैनलों को यह समझ लेना चाहिए कि गलत तथ्यों को पेश कर भारत के साथ पैंतरेबाजी करने की उनकी कोई भी योजना सफल होने वाली नहीं है क्योंकि भारत में एक सशक्त सरकार है जो विश्व पटल पर अपनी बात दृढ़ता के साथ रख सकती है।

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