TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

    भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    पाकिस्तान, बांग्लादेश, 1971 युद्ध, विजय दिवस

    बाँध कर नदी में खड़ा कराते, बहती थी गोलियों से भूनी हुई लाशें… भारत ने न बचाया होता तो बांग्लादेश कैसे मनाता ‘विजय दिवस’?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बंगाल फिल्म उद्योग काफी समृद्ध था लेकिन यह मुंबई स्थानांतरित कैसे हो गया?

कलकत्ता कभी भारत की सांस्कृतिक एवं वित्तीय राजधानी हुआ करती थी. यही कारण था कि यहां फिल्म उद्योग ने काफी तेजी से अपना पैर पसारा लेकिन इसके मुंबई स्थानांतरण के पीछे कई बड़े कारण हैं.

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
17 November 2022
in चलचित्र
बंगाल फिल्म उद्योग

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

उद्योग और कोलकाता, वो क्या होता है? आज के परिप्रेक्ष्य में ये चुटकुला आप बहुत सुनते होंगे परंतु वो क्या है न, एक समय वो भी था जब कोलकाता, कलकत्ता हुआ करता था और वह भारत की सांस्कृतिक एवं वित्तीय राजधानी हुआ करती थी। परंतु समय का ऐसा फेर चला कि कभी जो फिल्म उद्योग बंगाल या यूं कहें कि कलकत्ता के हृदय की धड़कन हुआ करती थी, वो बॉम्बे यानी मुंबई स्थानांतरित हो गई। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कैसे कम्युनिस्टों के आगमन से पूर्व भारत का फिल्म उद्योग कलकत्ता से उड़नछू हो गया और कैसे इससे मुंबई को सर्वाधिक लाभ मिला।

7 जुलाई, 1896

संबंधितपोस्ट

महाराष्ट्र का गणेशोत्सव: जानें कैसे एक दंगे ने बदल दी महोत्सव की तस्वीर, बना राष्ट्रीय आंदोलन

‘न्याय से इनकार’: 2006 के मुंबई ट्रेन विस्फोट में बरी हुए लोगों का मामला क्या कहता है हमारी न्याय व्यवस्था के बारे में

भारत में अमेरिका से इतनी महंगी मिलेगी टेस्ला की कार, जानें हर जरूरी बात

और लोड करें

बॉम्बे के टाइम्स ऑफ इंडिया संस्करण में एक विज्ञापन छपा, जिसमें शहरवासियों को वॉटसन होटल में “सदी की महानतम उपलब्धि और दुनिया के सबसे बड़े चमत्कार” को देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। विज्ञापन के अनुसार, शाम को चार अलग-अलग समय पर इस चमत्कार को देखने वाली जनता को हॉल में आने की अनुमति थी और हर एक ‘शो’ का टिकट एक रुपया रखा गया था, जो उस समय के हिसाब से काफी अधिक था।

1896: This day 122 yrs ago, the 1st cinema show in India was held at Watson's Hotel, Bombay.
This ad appeared in Times of India pic.twitter.com/Y3gbNuy9el

— Mumbai Heritage (@mumbaiheritage) July 8, 2018

परंतु बॉम्बे को अभी फिल्म नगरी बनने में काफी समय लगने वाला था। वो कैसे? असल में कलकत्ता भी ऐसे आविष्कारकों की रुचि का केंद्र बना, जहां प्रारम्भिक ‘Motion Pictures’ दिखाई जाती थी। फ़िरोज़ रंगूनवाला अपनी किताब ‘ए पिक्टोरियल हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन सिनेमा’ में लिखते हैं कि “जल्द ही इन फिल्मों में यानी Motion Pictures में नए बदलाव और अविष्कार भी किये गए। उदाहरण के लिए, ग्लैडस्टोन का अंतिम संस्कार, नेल्सन की मृत्यु, यूनान और तुर्की के बीच युद्ध और लंदन के फायर ब्रिगेड पर आधारित कुछ वृत्तचित्र और ऐतिहासिक फिल्में भी अब दिखाई जाने लगी थी। कुछ ऐसी फ़िल्में भी दिखाई गई जो उपमहाद्वीप में ही बनाई गई थीं।”

और पढ़ें: ‘प्यासा’ वाले गुरुदत्त स्क्रीन पर ‘महान’ दिखते हैं, वास्तविक जीवन में अपनी पत्नी तक को बर्बाद कर दिया

किसी जमाने में बंगाल ही गढ़ था

अब फिल्मांकन और फिल्म प्रदर्शन तो एक पाश्चात्य कला थी परंतु इसका स्वाद भारतीयों को भी लग गया और इसके पुरोधा बने दादासाहेब फाल्के। परंतु पुरोधा बनना एक बात है और उद्योग स्थापित करना दूसरी। वास्तविक फिल्म उद्योग की नींव बंगाल या कलकत्ता में पड़ना स्वाभाविक थी क्योंकि यहां संसाधन भी थे, धनबल भी और 1912 से पूर्व ये भारत की राजधानी भी थी। टीएम रामचंद्रन द्वारा संपादित पुस्तक ‘सेवेंटी इयर्स ऑफ इंडियन सिनेमा’ के अंश अनुसार, “वर्ष 1900 में एक अन्य फिल्म निर्माता चार्ल्स पाथे ने भी भारत में फिल्म व्यवसाय शुरू किया। उनकी फिल्मों की ख़ास बात यह थी कि इनमें भारतीय दृश्य भी दिखाए जाते थे।”

अब विदेशी फ़िल्मकारों की सफलता का अनुसरण करते हुए कुछ अन्य भारतीयों ने भी ऐसी फिल्में बनाने की ओर रुख किया, जिनमें एफबी थानावाला, हीरा लाल सेन और जेएफ मदन के नाम बहुत महत्वपूर्ण हैं। एफबी थानावाला ने मुंबई के दृश्यों और मय्यत को ले जाते हुए लोगों का फिल्मांकन किया और उन्हें प्रदर्शनी के लिए प्रस्तुत किया, तो वहीं कलकत्ता के रहने वाले हीरा लाल सेन ने रॉयल बायोस्कोप के तहत सात लोकप्रिय बंगाली नाटकों के विभिन्न दृश्यों को फिल्माया। जेएफ मदन और उनकी एलफिंस्टन बायोस्कोप कंपनी (कलकत्ता) ने 1905 में नियमित रूप से फिल्में बनाना प्रारंभ कर दिया।

अब भारतीय फिल्म उद्योगों को स्थापित करने में एक नाम जे एफ मदान का भी है। वह मुंबई के एक पारसी परिवार से संबंधित थे परंतु थियेटर के प्रति उनका जुनून उन्हें कलकत्ता ले गया। यहां आकार उन्होंने कोरोनेशन हॉल में बेहद मामूली किरदारों के साथ अपने करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे एक प्रसिद्ध अभिनेता बन गए और फिर एक वो भी दिन आया, जब उन्होंने वो थियेटर कंपनी ही खरीद ली। जेएफ मदन थियेटर के अलावा, कई तरह के दूसरे कारोबार से भी जुड़े हुए थे, जिनमे खाने पीने की चीज़ें, शराब, दवा, बीमा और संपत्ति के लेन-देन जैसे व्यवसाय शामिल थे।

कलकत्ता से मुंबई स्थानांतरित होने के पीछे ये रहे कारण

कलकत्ता का फिल्म उद्योग कितना भव्य था, इसका एक अंश दिबाकर बनर्जी के ‘डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी’ में भी दिखाया गया है। तो फिर ऐसा सम्पन्न उद्योग कलकत्ता से अचानक बॉम्बे में कैसे आ गया? इसके तीन प्रमुख कारण हैं, जिनका समान रूप से विश्लेषण करना आवश्यक है। सर्वप्रथम कारण तो विश्वयुद्ध हो सकता है, जिसने कलकत्ता की कमर ही तोड़ दी थी। निरंतर बमबारी और हमलों ने कलकत्ता को काफी अयोग्य बना दिया था। परंतु हमले मुंबई पर भी कम नहीं हुए थे तो ये तो एक कारण नहीं हो सकता। एक कारण ऐसा है, जो तनिक राजनीतिक भी है और सामाजिक भी।

अब जैसे 1912 में कलकत्ता से राजधानी दिल्ली की ओर स्थानान्तरित हुई, वैसे ही बॉम्बे में फिल्मांकन को बढ़ावा मिलने लगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पर क्षेत्रवाद भी कम था और यहां कलाकारों को अधिक अभिव्यक्ति (हां बंधु, ये उस समय हुआ करती थी) मिला करती थी, जबकि कलकत्ता में बांग्ला भाषियों का प्रभाव अधिक था, जिसके कारण के एल सहगल जैसे स्टार भी बॉम्बे स्थानान्तरित होने को विवश हो गए। इसके अतिरिक्त बॉम्बे एक पोर्ट नगरी थी, जो कलकत्ता से अधिक समुद्र के निकट थी और ऐसे में वह हर प्रकार से संसाधनों से सुसज्जित थी।

और पढ़ें: संजय खान – सौम्य से दिखने वाला वो व्यक्ति जिसके पीछे छिपा था ‘हैवान’

बंगाल फिल्म उद्योग – परंतु जिस कारण पर सबसे कम प्रकाश डाला गया है, वो है 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे और उसके पश्चात का बंगाल। उससे पूर्व बंगाल एक समृद्ध, प्रगतिशील राज्य था, जहां संस्कृति और धनबल का आदान प्रदान खूब था परंतु जिन्ना और सुहरावर्दी की सनक ने सब नष्ट कर दिया और रक्तपात का जो तांडव मचा, उसे आज भी शब्दों में व्यक्त करना लगभग असंभव है।

भारत के विभाजन के बाद कलकत्ता और बंगाल बस नाममात्र का ही था और ऐसे में न वहां पर कोई सुरक्षित था, न ही कोई अपने फिल्म उद्योग को बसाने का खतरा मोल लेना चाहता था। परंतु बॉम्बे इन सबसे अछूता था और वह धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा था और शीघ्र ही बॉम्बे मायानगरी मुंबई बन गई और कलकत्ता के पास रह गए तो बस बंगाली सिनेमा के अवशेष, जिसके बल पर कुछ दशक तो खींच ले गए, परंतु आखिर कब तक?

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.

Tags: कलकत्ता फिल्म उद्योगडायरेक्ट एक्शन डेमुंबई
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Grab meaning in hindi : vilom paryayvachi and examples –

अगली पोस्ट

G20 शिखर सम्मेलन में भारत ने सभी देशों को अपने आगे झुका दिया

संबंधित पोस्ट

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited