TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

ब्रिटिश काल में भारतीयों को मलेरिया से बचाने वाले देशभक्त प्रफुल्ल चंद्र रे की कहानी

जब अंग्रेजी काल में मलेरिया का प्रकोप फैला तो अंग्रेजों ने अधिक दामों पर दवाइयां बेचनी शुरू कर दी. उस समय प्रफुल्लचंद्र रे ही थे, जो देशवासियों के लिए ढ़ाल बनकर खड़े हो गए थे.

Devesh Sharma द्वारा Devesh Sharma
23 December 2022
in इतिहास
Prafulla Chandra Ray

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

“वर्तमान युग विज्ञान का युग है” ये आप सभी ने अवश्य सुना होगा और यह भी सुना होगा कि विज्ञान की सहायता से किसी भी असंभव कार्य को संभव किया जा सकता है। परन्तु भारतीय इतिहास में असंभव को संभव करने वाले कुछ ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं, जिनके बारे में वर्तमान समय के लोग बहुत कम जानते हैं या यूं कहें कि जानते ही नहीं हैं। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे ही भारतीय वैज्ञानिक के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे, जिन्हें भारत में रसायन विज्ञान का जनक माना जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं डॉ. प्रफुल्ल चंद्र रे की, जिन्होंने न केवल भारतीय दवा उद्योग को एक मजबूती प्रदान की बल्कि आज जिस स्तर पर भारतीय दवा उद्योग पहुंचा है, उसका श्रेय प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) को ही जाता है।

और पढ़ें: जब ‘सभ्य यूरोपियन’ कुल्ला करने के लिए करते थे मानव मूत्र का उपयोग

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

प्रारंभिक जीवन

डॉ. प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) का जन्म 2 अगस्त, 1861 को जैसोर ज़िले के ररौली गांव में हुआ था। वर्तमान समय में यह गांव बांग्लादेश में है और खुल्ना ज़िले के नाम से जाना जाता है। प्रफुल्ल चंद्र रे के पिता इस गांव के एक प्रतिष्ठित जमींदार थे और अपने समय के लोगों से बहुत अधिक प्रगितशील और खुले विचारों के व्यक्ति थे। वो स्वयं भी पढ़ने लिखने वाले व्यक्ति थे और दूसरों को भी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया करते थे। प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) की माता जी भी एक पढ़ी लिखी और चेतना-सम्पन्न महिला थीं।

प्रफुल्ल की शिक्षा-दीक्षा के बारे में बात की जाए तो इनके पिताजी विज्ञान को बहुत अधिक महत्व देते थे, इसिलए उन्होंने गांव में एक मॉडल स्कूल की स्थापना भी की थी। उसी स्कूल में प्रफुल्ल बाबू ने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। जिसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अल्बर्ट स्कूल में दाखिला लिया और सन् 1871 में प्रफुल्ल अपने बड़े भाई नलिनीकांत के साथ कलकत्ता के डेविड हेयर स्कूल में चले गए। परन्तु प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) इस स्कूल में नियमित पढ़ाई न कर सके और उन्हें बीमारी के कारण पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।

लेकिन इस बीमारी के दौरान उन्होंने अंग्रेज़ी-क्लासिक और बांग्ला की ऐतिहासिक और साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन किया। जिसका लाभ उन्हें आगे चलकर देखने को मिला। पुस्तकों के पढ़ने के साथ-साथ उनकी रूचि इतिहास और जीवनियां पढ़ने में भी थी, ‘चैम्बर्स बायोग्राफी’ उन्होंने कई बार पढ़ी थी। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए मेट्रोपोलिटन कॉलेज (आज के विद्यासागर कॉलेज) में चले गए।

मेट्रोपोलिटन कॉलेज पहुंचने के बाद प्रफुल्लचंद्र, प्रोफेसर पेडलर की उत्कृष्ठ प्रयोगात्मक क्षमता देखकर धीरे-धीरे रसायन विज्ञान की ओर आकर्षित हुए और रसायन विज्ञान को अपने मुख्य विषय के रूप में चुन लिया। रसायन विज्ञान के प्रति प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) का प्रेम इतना बढ़ता गया कि वो पास के प्रेसिडेंसी कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई का अच्छा इंतजाम होने के कारण, वहां पर भी शोध के लिए बाहरी छात्र के रूप में जाने लगे।

और पढ़ें: फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, स्पेनिश और यहां तक कि अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है

इंग्लैंड में शोध और नौकरी न मिलने की व्यथा

डिग्री प्राप्त करने के बाद प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) के मन में गिलक्रिस्ट छात्रवृत्ति की परीक्षा में बैठने की इच्छा जागृति हुई। यह उस समय की बेहद कठिन छात्रवृत्ति हुआ करती थी क्योंकि इसमें लैटिन, ग्रीक और जर्मन भाषाओं का ज्ञान होना आवश्य होता था। परन्तु प्रफुल्लचंद्र ने कड़ी मेहनत के बाद इस परीक्षा को पास कर छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली और ऐडिनबरा विश्वविद्यालय में शोधकार्य करने के लिए रवाना हो गए। ऐडिनबरा विश्वविद्यालय में उन्होंने मैग्नीशियम समूह के ‘कॉन्जुगेटेड’ सल्फेटों” के बारे में अध्ययन किया।

इस अध्ययन पर तैयार किया गया शोधपत्र को उन्होंने 1885 में विश्वविद्यालय में सौंप दिया। 1887 में उन्हें इस शोधपत्र की जांच के बाद डी.सी.सी की उपाधि प्रदान की गई, जिसके बाद वो भारत आ गए। परन्तु यहां उन्हें एक वर्ष तक कोई नौकरी नहीं मिली। यह समय उन्होंने अध्ययन करने में व्यतीत किया। प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) अपनी जीवनी (biography) में लिखते हुए बताते हैं कि उस एक वर्ष में उन्होंने रॉक्सबोर्ग की ‘फ्लोरा इंडिका’ और हॉकर की ‘जेनेरा प्लाण्टेरम’ की सहायता से कई पेड़-पौधों की प्रजातियों को पहचाना एवं संग्रहीत किया।

प्रेसिडेंसी कॉलेज और व्यवसायिक जीवन

एक वर्ष की बेरोजगारी झेलने के बाद आखिरकार प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) जुलाई 1889 में प्रेसिडेंसी कॉलेज में 250 रुपये मासिक वेतन पर रसायन विज्ञान के सहायक प्रोफेसर बन ही गए। यहां से उनकी यात्रा एक रसायन विज्ञान के प्रोफेसर के साथ-साथ छोटे व स्वदेशी दवा व्यवसायी के रूप में शुरू हुई। भारत में उस समय अंग्रेजी शासन का दौर था और कपड़े से लेकर दवाई उद्योग सभी पर अंग्रजों का कब्जा था। उस समय मलेरिया एक जानलेवा बीमारी हुआ करती थी और उसकी दवाई इंग्लैंड से लाकर मंहगे दामों पर बेची जाती थी।

प्रोफेसर प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए कॉलेज में पढ़ाने के साथ-साथ 700 रूपए की लागत के साथ अपने घर में ही दवा बनाने का एक छोटा सा कारखाना खोला, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार देना और सस्ते दामों पर भारतीयों को दवा उपलब्ध कराना था। प्रोफेसर प्रफुल्ल चंद्र रे (Prafulla Chandra Ray) के द्वारा शुरु किया गया यह छोटा सा उद्योग धीरे-धीरे अपनी दिशा में चलता गया और एक बड़ी कंपनी के रूप में स्थापित हो गया। आज हम इसे “बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल वर्क्स” के नाम से जानते हैं। यह भारत की पहली कंपनी थी जिसने देश में मलेरिया की दवाई का निर्माण किया था। यही नहीं, दूसरे विश्व युद्ध में भारत की इस स्वदेशी कंपनी ने अंग्रजों को भी दवा की सप्लाई की थी।

और पढ़ें: जानिए दुनिया के सबसे पुराने बंदरगाह शहर लोथल की कहानी

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: चैम्बर्स बायोग्राफीप्रफुल्लचंद्र रेरसायन विज्ञान
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

इस तरह जनजातीय भाषाओं को मुख्यधारा में लेकर आ रही है UGC

अगली पोस्ट

क्या 137 वर्ष पहले अंग्रेजों की मदद के लिए हुई थी कांग्रेस की स्थापना?

संबंधित पोस्ट

Operation Polo
इतिहास

ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

14 September 2025

11 सितंबर 1948 की शाम पाकिस्तान के कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्ना कराची के गवर्नर हाउस में अपने बेड पर पड़े-पड़े अपनी आखिरी सांसें गिन...

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा
इतिहास

कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

13 September 2025

इतिहास की धूल में दबी कुछ कहानियां ऐसी हैं, जिनकी चमक आज भी आंखें चौंधिया देती है। कोहिनूर हीरा ऐसी ही एक कहानी है। यह...

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited