TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    Wajahat Khan Sharmistha Panoli

    अंडरग्राउंड हुआ शर्मिष्ठा पर केस करने वाला वजाहत खान, करता था देवी-देवताओं का अपमान

    bjp controversies and scandals in Madhya Pradesh

    हाईवे पर धाकड़, मंदिर में गुंडई : बेलगाम मध्य प्रदेश भाजपा नेताओं की फुल टाइम कंट्रोवर्सी

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गौरव कुंडी से मारपीट करती पुलिस (बाएं) अमृतपाल कौर के साथ गौरव कुंडी (दाएं) [PHOTO- 9News]

    ऑस्ट्रेलिया में नस्लभेदी बर्बरता? पुलिस ने भारतीय मूल के शख्स को मार-मारकर पहुंचाया ICU

    कराची जेल से फरार हुए कैदी

    पाकिस्तान में जेल तोड़कर फरार हुए 200 से ज़्यादा कैदी, शहरों में डर का माहौल; जानें कैसे भूकंप बना वजह?

    एलन मस्क के पिता एरोल मस्क

    ‘पूरी दुनिया शिव का अनुसरण करे तो…’: एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हिंदू धर्म पर क्या कहा?

    बांग्लादेश की नई करेंसी

    बांग्लादेश में बदले सियासी संकेत – नए नोटों से ‘राष्ट्रपिता’ मुजीब गायब, मंदिरों और सांस्कृतिक प्रतीकों ने ली जगह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

काला कपड़ा और जल्लाद के वो 11 शब्द: कुछ इस तरह दी जाती है फांसी की सजा

फांसी की सजा से जुड़ी इन बातों को नहीं जानते होंगे आप।

TFI Desk द्वारा TFI Desk
28 January 2023
in ज्ञान
फांसी की सजा

SOURCE TFI

Share on FacebookShare on X

किसी व्यक्ति को कानूनी रूप से  न्यायिक प्रक्रिया के तहत जब किसी अपराध के लिए प्राणांत का दण्ड दिया जाता है तब वह दंड मृत्युदण्ड कहलाता है और भारत में मृत्युदण्ड फांसी के रूप में दिया जाता है। सरल रूप में कहें तो किसी गंभीर अपराध के लिए दोषी को यह दंड दिया जाता है। फांसी की सजा को दिए जाने के कई नियम है, आइए जानते हैं फांसी दी जाने से जुड़ी उन बातों को जिनके बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं।

स्वतंत्र भारत में पहली फांसी की सजा कहां दी गई?

भारत में पहली फांसी जबलपुर सेंट्रल जेल में 9 सितंबर 1947 को दी गई थी। वहीं अभी तक की अंतिम फांसी की बात की जाए तो निर्भया केस के 4 गुनहगारों को 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई। एनसीआरबी के अनुसार देश में दिसंबर 2020 तक 442 कैदियों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी थी, जिनमें 29 की सजा कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दी, 413 कैदियों की सजा पर अमल होना बाकी है मतलब उनको लेकर अभी स्थिति कुछ साफ नहीं है।

संबंधितपोस्ट

UK के स्पीकर को रविशंकर प्रसाद ने बताया पाकिस्तानी आतंक का हाल, लिंडसे हॉयल बोले- ये लोकतंत्र के लिए खतरा

सीएम योगी ने धर्मनगरी अयोध्या को समर्पित किया एक और आध्यात्मिक केंद्र, भगवान राम की नगरी से ‘आतंकिस्तान’ के खात्मे की कही बात

आतंकी मुल्क PAK को आंख मूंदकर अरबों थमाने को लेकर अब IMF ने दी सफाई, कहा- पाकिस्तान ने….

और लोड करें

वहीं अगर साल 2021 की बात करें तो 144 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई। ऐसे में दिसंबर 2021 तक जेलों में 557 ऐसे कैदी थे, जिन्हें मौत की सजा सुनाए जाने के बाद भी फांसी पर नहीं लटकाया गया। ज्यादातर बार यह देखा जाता है कि निचली अदालतों के फैसले ऊपरी अदालतों में बदल दिए जाते हैं। कुछ अपराधियों की सजा तो देश के राष्ट्रपति भी माफ कर चुके हैं लेकिन आतंकवाद और वीभत्स अपराध की श्रेणी के अपराधियों को आज भी फांसी पर लटकाने से ज्यादा परहेज नहीं किया जाता है।

मुंबई हमले के आतंकी अजमल आमिर कसाब से लेकर संसद हमले के सरगना अफजल गुरु और निर्भया कांड के दोषियों ने भी ऐसे ही गुनाहों की सीमा को पार किया था जिसके बाद उन्हें मौत की सजा का फरमान सुनाए जाने के बाद फांसी के फंदे पर लटकाया गया और देश के किसी भी न्यायिक संस्थान ने उन्हें राहत नहीं दी।

और पढ़ें- अमेरिका की कुटिल चाल: चीन पर भारत के साथ रहो, पाकिस्तान पर ज्ञान दो

जेल में तैयार होता है ब्लैक वॉरंट

अब आपको बताते हैं कि फांसी की सजा होने के बाद क्या होता है। जिस भी अपराधी को फांसी दी जाती है तो सबसे पहली प्रक्रिया के तहत जेल में ही अपराधी का डेथ वॉरंट या फिर ब्लैक वारंट तैयार किया जाता है। ये ब्लैक वारंट काले रंग के बॉर्डर वाला एक पेपर होता है जिसमें कैदी का नाम, उसकी सजा-ए-मौत का दिन और जगह लिखी हुई रहती है, यह ब्लैक वॉरंट सीधे तौर पर अपराधी की मौत का फरमान होता है।

14 दिन पहले दी जाती है फांसी की जानकारी

इसके बाद कैदी को एक अलग सेल में रखा जाता है और वह किसी अन्य कैदी से नहीं मिल सकता है। जेल के अंदर बंद कैदी को 14 दिन का वक्त दिया जाता है, उसे यह बता दिया जाता है कि किस दिन और किस समय उसे फांसी पर चढ़ाया जाएगा। कैदी के लिए ये 14 दिन अहम होते हैं क्योंकि इस दौरान कैदी खुद को मानसिक तौर पर फांसी के लिए तैयार करता है और उसे अपने रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति दी जाती है, इतना ही नहीं यदि उसके पास कोई जायज प्रॉपर्टी है तो वह उसकी वसीयत भी तैयार करने के लिए सक्षम होता है।

और पढ़ें- जयशंकर को ज्ञान देने चले थे राहुल गांधी और केजरीवाल, लग गई

तैयार होता है फांसी का फंदा

फांसी के दौरान कैदी के स्वास्थ्य को भी पल-पल मॉनिटर किया जाता है और उनका समय-समय पर वजन भी चेक किया जाता है क्योंकि इसके आधार पर ही फांसी के नीचे के तख्त की गहराई रखी जाती है। इसके बाद जब फांसी के एक-दो दिन बचे होते हैं तो फिर फांसी के लिए अलग-अलग तरह से ट्रायल किए जाते हैं। बता दें कि फांसी के लिए रस्सी मुख्य तौर पर बिहार के बक्सर जिले से आती है जो कि काफी सहज मानी जाती है। आम तौर पर ये सारे ट्रायल जल्लाद ही करता है जो कि फांसी से दो दिन पहले ही जेल में आती है और कैदी के वजन के अनुसार ही होती है।

भारत में क्या होता है फांसी का समय

अभी तक हमने जब भी फांसी देने के समय के बारे में सुना है, सुबह के समय के बारे में ही सुना है। देश के नागरिक सुबह सोकर उठे हैं तो पता चला है कि आज सुबह ही किसी कैदी को फांसी दी गई। ऐसा नहीं है कि किसी भी समय कैदी को फांसी दी जाती है क्योंकि फांसी का समय स्थान तक दर्ज होता है। सर्दी गर्मी के हिसाब से फांसी देने का समय अलग-अलग होता है। नवंबर से फरवरी तक सुबह 8 बजे का वक्त फांसी के लिए निर्धारित होता है, वहीं मार्च, अप्रैल, सितंबर और अक्टूबर महीने में सुबह 7 बजे जबकि मई से अगस्त तक सुबह 6 बजे तक फांसी दे दी जाती है। इन महीनों में सामान्य तौर पर सूर्योदय का समय यही रहता है। सुबह का समय इसलिए चुना जाता है क्योंकि ये माना जाता है कि सुबह-सुबह फांसी देना कैदी के लिए मानसिक तौर पर आसान होता है। उसे पूरे दिन इंतजार नहीं करना पड़ता। एक खास बात यह भी है कि भारत में कभी भी सार्वजनिक अवकाश वाले दिन फांसी दी नहीं जाती है।

और पढ़ें- “स्वयं की कंपनियां डूब रही हैं, दूसरों को ज्ञान दे रहे हैं”, आइए शॉर्क टैंक इंडिया के जजों को जज करते हैं

क्या होता है फांसी वाले दिन का रुटीन

जानकारी के मुताबिक जिस दिन कैदी को फांसी होती है, उसे उस दिन नहलाया जाता है उसे उसकी इच्छानुसार सुबह का नाश्ता करवाया जाता है।  उसकी अंतिम इच्छा भी उसी दिन सुबह पूरी की जाती है। ये अंतिम इच्छा जेल मैनुअल के हिसाब से तय होती है. जैसे कैदी अपनी पसंद का खाना खाने की इच्छा जाहिर कर सकता है, किसी से मिलने की इच्छा या फिर पूजा-पाठ की इच्छा बता सकता है। फांसी के दौरान ऐसा नहीं है कि कोई भी वहां मौजूद हो सकता है। नियम के मुताबिक जेल सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट जेल सुपरिटेंडेंट, मेडिकल ऑफिसर, छह वार्डन और जल्लाद ही फांसी के समय मौजूद होते हैं। इस दौरान सुपरिटेंडेंट मुजरिम को वारंट पढ़कर सुनाता है और फिर कैदी को उस पर अपने हस्ताक्षर या अंगूठा लगाना होता है।

जल्लाद के हवाले कर दिया जाता है कैदी

इसके बाद कैदी को उसकी सेल से निकालकर फांसी वाली जगह तक ले जाया जाता है। इस दौरान कैदी के हाथ पीछे की ओर बंधे होते हैं। जितनी देर में कैदी फांसी के स्थान तक पहुंचता है उस दौरान ही जल्लाद फांसी का फंदा भी तैयार कर लेता है।  इसके बाद फांसी वाले तख्ते के पास कैदी को खड़ा करके उसे जल्लाद के हवाले कर दिया जाता है। जल्लाद  कैदी के सिर को पूरी तरह से काले कॉटन के कपड़े से ढक देता है और कैदी के कान में कहता है, ‘राम राम, मुझे माफ करना, मैं अपना फर्ज निभा रहा हूं’। जल्लाद के ये वाक्य कैदी के धर्म के अनुसार होते हैं, यदि कोई कैदी मुस्लिम हैं तो जल्लाद उसे यही बात राम राम की बजाए सलाम बोलकर कहेगा। इसके बाद फंदा उसके गंले में डालकर लीवर खींच दिया जाता है।

और पढ़ें- एकटा छला गोनू झा: चतुर और ज्ञानी गोनू झा जिनके पास था हर समस्या का समाधान 

धार्मिक आधार पर अंतिम संस्कार

कैदी की इस दौरान थोड़ी देर छटपटाने के बाद मौत हो जाती है और आधे घंटे बाद उसके शव को उतारकर मेडिकल किया जाता है फिर बॉडी को वहां से हटाकर उसका पोस्टमार्टम किया जाता है। ऐसे में यदि कैदी के परिजन उसके शव को लेने के लिए आते हैं तो उन्हें शर्तों के साथ शव दे दिया जाता है और पुलिस की मौजूदगी में ही कैदी के शव का अंतिम संस्कार होता है। वहीं कई मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि कैदी के परिजनों ने या तो उसके शव को लेने से मना कर दिया होता है या फिर परिजनों का कोई अता पता ही नहीं होता है। ऐसे में जेल प्रशासन कैदी के धार्मिक रिति रिवाज के आधार पर जेल में ही उसका अंतिम संस्कार कर देता है।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: capital punishmentgruesome crimehangingNational Institute of SportsTerrorismआतंकवादजबलपुर सेंट्रल जेलफांसीमृत्युदण्डवीभत्स अपराध
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Visit meaning in hindi : vilom paryayvachi and examples –

अगली पोस्ट

पश्चिम को टक्कर देने के लिए बना SCO अब अपनी ही समस्याओं में उलझकर रह गया है?

संबंधित पोस्ट

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन
ज्ञान

‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

3 June 2025

मैं जब छठी कक्षा में पढ़ता था तब एक श्लोक पढ़ा था: अभिवादन शीलस्य, नित्यं वृद्धोपसेविनः। चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशो बलम्।। भावार्थ: जो सदैव...

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited