“जो नेता के साथ फ़ोटो खिचाए वो गोदी मीडिया”, हिप्पोक्रेसी में रवीश कुमार ने टॉप किया है

दूसरों को गोदी मीडिया कहने वाले रवीश कुमार ने स्वयं को एक्सपोज़ कर दिया है

Ravish Kumar Hypocrisy, Hypocrisy is now equivalent to Ravish Kumar, here is the proof

SOURCE- TFI

नमस्कार मैं राजा रवीश कुमार गोदी मीडिया और हाफ गोदी मीडिया समझने का एक तरीका बताना चाहता हूं, आप देखें या न देखें गोदी मीडिया ऐसी हरकतें कर ही देता है कि उसकी करतूत आपके पास और दुनियाभर में पहुंच ही जाती हैं। हाफ गोदी मीडिया की करतूत को कई लोग पकड़ नहीं पाते हैं। ये कथन हैं नये-नये यूट्यूबर और पूर्व एनडीवी के चिट्ठी छाटने वाले ईमानदार पत्रकार, फायर ब्रांड एंकर रवीश कुमार के। वही रवीश कुमार जो इस समय बेरोजगार हैं और अब अपना मूल कार्य करने के लिए सड़क पर उतर आए हैं। हिप्पोक्रेसी की प्रतिमूर्ति रवीश कुमार (Ravish Kumar Hypocrisy) छाती चौड़ा करके कांग्रेस के चश्मोचिराग राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर गैरराजनीतिक भारत जोड़ो यात्रा में चलते दिखाई दिए हैं।

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रवीश कुमार और राहुल गांधी की तस्वीरें

रवीश कुमार और राहुल गांधी की इस मेल मिलउअल वाली तस्वीरें जोरोंशोरों से सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रही हैं। इन तस्वीरों के लिए प्रतिक्रियाएं भी आई हैं, कुछ लोगों ने कहा कि कभी बंद कमरे से समर्थन करने वाले पत्रकार रवीश कुमार अब खुलेआम समर्थन करने लगे हैं।

कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि अडानी रवीश कुमार को इसलिए नहीं खरीद सके, क्योंकि वह पहले ही एक परिवार को बेच दिए गए थे।

जब तक एनडीटीवी (NDTV) में रवीश कुमार रहे तब तक उन्होंने दूसरे मीडिया हाउस में काम करने वाले पत्रकारों को जमकर कोसा, भला बुरा कहते रहे। रवीश कुमार तो इन पत्रकारों को कोसते-कोसते पूरा एक प्राइम टाइम का सेगमेंट ही चला देते थे। इतना ही नहीं सबसे निष्पक्ष पत्रकार और कांग्रेस नेता के भाई ने तो मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों का नामकरण तक डाला था लेकिन अब खुद गलबहियां किए किए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ रवीश कुमार फोटो खिचवा रहे हैं, मुखमंडल पर गर्व के भाव छिटक रहे हैं सो अलग। जिसके बाद रवीश कुमार पर राहुल गांधी की चरण वंदना करने के आरोप लग रहे हैं क्योंकि ये तो वही रवीश कुमार हैं न जो नेताओं के साथ फोटो खिचवाने वाले पत्रकारों को गोदी मीडिया कहकर पुकारा करते थे। एक समय था जब रवीश कुमार (Ravish Kumar Hypocrisy) ने ही कहा था कि जो भी पत्रकार नेता के साथ फोटो खिचाए वो गोदी मीडिया है।

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अन्य नेताओं के साथ भी तस्वीरें

लेकिन ये पहली बार नहीं है कि जब रवीश कुमार ने नेताओं के साथ फोटोशूट कराया हो इससे पहले भी वो सपा नेता अखिलेश यादव के साथ भी मुस्कुराते हुए सेल्फी ले चुके हैं।

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इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली में तो रवीश कुमार को मंच पर चढ़कर फोटो खिचवाने का मौका मिला था।

ravish kumar

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में जब रवीश कुमार शामिल हुए और राहुल गांधी के साथ फोटोशूट कराया तो अधिकतर लोगों को आश्चर्य नहीं हुआ होगा क्योंकि रवीश का कांग्रेस के साथ तो गहरा नाता है क्योंकि सबसे ज्यादा ईमानदार और निष्पक्ष पत्रकार रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडे तो स्वयं ही कांग्रेस के नेता हैं।

आपने पत्रकारिता तो रवीश कुमार (Ravish Kumar Hypocrisy) की देखी ही होगी, एनडीटीवी को भी आप जानते ही हैं, रवीश कुमार कितने बड़े निष्पक्ष पत्रकार हैं ये तो जगजाहिर है। ऐसे में जब से अडानी के द्वारा एनडीटीवी पर अधिग्रहण किया गया है तब से ही रवीश दर-दर जाकर अपना दुखड़ा सुनाते फिर रहे हैं और उद्योगपति गौतम अडानी पर कटाक्ष कर करके अपनी कुंठा बाहर निकाल रहे हैं। एक बार फिर उन्होंने गौतम अड़ानी के द्वारा दिए गए एक साक्षात्कार का जिक्र करते हुए मीडिया के प्रति अपना जहर उगला है।

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रवीश कुमार की मूर्खता 

दरअसल, अपने यूटयूब चैनल पर पोस्ट की गई एक वीडियो में रवीश कुमार राहुल गांधी की यात्रा का असर बताते हुए कहते हैं कि गोदी मीडिया के एंकर एक बड़े उद्योगपति गौतम अडानी से सवाल पूछते हैं तो उनके पास पूछने के लिए अपने सवाल नहीं थे, उनके पास अपना रिसर्च नहीं था, जो उनके बारे में पिछले कुछ वर्षो से छप रहे हैं। उनका इशारा इंडिया टीवी (India tv) के मालिक और वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा (Rajat Sharma) की ओर था। लेकिन प्रश्न यह है कि रवीश कुमार ने अपने पत्रकारिता के करियर में किससे, कब और कितने कठिन प्रश्न पूछे हैं? रवीश कुमार ने कितनी ब्रेकिंग न्यूज दी हैं? उसके उलट हो ये रहा है कि अगर कोई पत्रकार किसी का साक्षत्कार करते हुए प्रश्न कर भी रहा है तो रवीश उसी पर प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं। जो केवल और केवल रवीश कुमार की मूर्खता को दर्शाता है।

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