भारत हर दिन भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में नई ऊंचाईयों को छू रहा है। अभी हाल ही में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए बेंगलुरु में E20 ईंधन को लॉन्च किया है। ये 20 प्रतिशत एथेनॉल के साथ आने वाला मिक्स पेट्रोल होने वाला है। पहले चरण में दस से अधिक शहरों में एथेनॉल पेट्रोल की बिक्री शुरू हुई है। लेकिन क्या है ये E20 ईंधन? आखिर इससे भारत को क्या लाभ होगा? आइये जानते हैं।
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क्या होता है एथेनॉल पेट्रोल?
ये पेट्रोल वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए एक बढ़िया और टिकाऊ विकल्प साबित हो सकता है। जब 80 प्रतिशत हिस्सा पेट्रोल का और 20 प्रतिशत हिस्सा एथेनॉल का मिलाया जाए तो इसे (एथेनॉल पेट्रोल) E20 पेट्रोल कहा जाता है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा-, “आज भारत विंड पावर कैपेसिटी के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर आता है। हम इस दशक के अंत तक 50 प्रतिशत नॉन फॉसिल फ्यूल कैपेसिटी के लक्ष्य को लेकर चल रहे हैं। वहीं पिछले 9 वर्षों में पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को हमने डेढ़ प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। अब हम 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।”
एथिल अल्कोहल या एथेनॉल (C2H5OH) एक जैव ईंधन कहलाता है, जो कि स्वाभाविक रूप से चीनी को किण्वित करके निर्मित किया जाता है। भारत ने जीवाश्म ईंधन की खपत में कमी लाने के लिए इस जैव ईंधन को पेट्रोल के साथ मिलाने के लिए एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इससे पहले सरकार ने E10 लक्ष्य को हासिल करने का ऐलान किया था। भारत सरकार लगातार ही इसे बढ़ावा देने का कार्य कर रही थी। इसके परिणामस्वरूप अब भारत में E20 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ रही है।
क्यों दिया जा रहा है इसको बढ़ावा?
ये कदम आने वाले समय में काफी लाभदायक हो सकता है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश हैं। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत से अधिक तेल का आयात विदेशों से करता हैं। ऐसे में अगर देश में इसके इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाए, तो इससे कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए भारत की निर्भरता कम होगी। इससे भारत में पेट्रोल के दामों में कमी आएगी क्योंकि अगर दूसरे देशों से आयात करने वाले फ्यूल में हम 20% स्वयं के देश का एथेनॉल मिलाकर फिर उसे बेचेंगे तो उसके दाम अपने आप ही कम हो जाएंगे। साथ ही साथ इससे भारत की तेल के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम हो जाएगी। साथ ही इससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी काफी बचत होगी, जो आने वाले समय में भारत के लिए लाभदायक साबित होगा। जून 2022 में आई एक खबर के अनुसार भारत ने इसी तरह एथेनॉल मिश्रण से 41 हजार करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा भंडार की बचत कर ली थी। आपको बता दें कि वर्तमान में पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल 90 प्रतिशत पेट्रोल मिलाया जाता है और सरकार वर्ष 2025 तक इस मात्रा को दोगुना करने वाली है।
ये इको-फ्रैंडली फ्यूल है, जो पर्यायवरण के लिए पेट्रोल-डीजल की तुलना में बेहतर विकल्प है। एथेनॉल के उपयोग से किसानों को भी लाभ होता है। यह किसानों को आय का एक अन्य स्त्रोत उपलब्ध कराता है।
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