TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जब इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह के पीठ में छुरा घोंपा था

पहले साथ दिया और फिर विश्वासघात किया

Vaishali Shukla द्वारा Vaishali Shukla
10 February 2023
in इतिहास
इंदिरा गांधी चौधरी चरण सिंह

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

25 जून 1975 देश के लोकतंत्र पर एक बदनुमा दाग की तरह है। ये वो दिन था जब इंदिरा गांधी ने अपनी हार स्वीकारने की जगह देश पर आपातकाल थोप दिया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास के पन्नों में ये सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल माना जाता था। जहां आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके खूब मनमानी हुई थी। परंतु आपातकाल खत्म होने के बाद भी देश में काफी राजनीतिक ड्रामा चला। इस दौरान इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह को पहले प्रधानमंत्री बनाकर और फिर उनकी पीठ में छुरा घोंपकर एक अलग ही खेल खेला था।

और पढ़ें: इंदिरा गांधी के संरक्षण में संजय गांधी ने जमकर मचाया था ‘उत्पात’

संबंधितपोस्ट

नेहरू से राहुल तक सरेंडर की विरासत, और आज कांग्रेस अलाप रही ‘Narendra Surrender’! जानें कैसा रहा है कांग्रेस का इतिहास

RSS के मंच पर आएंगे इंदिरा सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता अरविंद नेताम, क्या हैं मायने?

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

और लोड करें

मोरारजी देसाई बने प्रधानमंत्री

21 महीने की अवधि के बाद देश पर 21 मार्च 1977 को आपातकाल हटाया गया था। आपातकाल की समाप्ति के पश्चात देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। देश में इंदिरा गांधी के विरुद्ध आक्रोश अपने चरम पर था। इस दौरान बिखरी हुई छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां जनता पार्टी के बैनर तले एक हो गयी और इन्होंने मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुई और कांग्रेस और इंदिरा गांधी को अपने गलत निर्णय का परिणाम भुगतना पड़ा। खास बात ये थी इस दौरान जय प्रकाश नारायण इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व और चुनाव प्रसार किया था। जनता पार्टी की जीत के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बना दिया गया।

मोरारजी देसाई भारत के स्वाधीनता सेनानी, राजनेता और देश के चौथे प्रधानमंत्री बने थे। साथ ही वह प्रथम ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाये दूसरे दल से थे। मोरारजी देसाई के मन में हमेशा से ही प्रधानमंत्री बनने की इच्छा थी। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद मोरारजी देसाई उम्मीद लगाए बैठे थे कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तब दूसरी ओर एक और राजनेता थे, जो कई वर्षों से प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे थे। वह थे चौधरी चरण सिंह। लगातार 40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी का सदस्य रहने के बाद उन्होंने 1967 में इस पार्टी से इस्तीफ़ा दिया था। इसके एक साल बाद उन्होंने भारतीय क्रांति दल का गठन किया था।

चौधरी चरण सिंह एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने हमेशा ही किसानों के हित में बात की थी। उन्हें किसानों का मसीहा भी कहा जाता है। वे अपने उसूलों और सिद्धांतों के बड़े ही पक्के थे। वर्ष 1978 की बात है जब चौधरी चरण सिंह के 76वें जन्मदिन पर दिल्ली के बोट क्लब में किसान सम्मेलन हुआ था। इस दौरान लाखों की संख्या में किसान देश की राजधानी दिल्ली में इकट्ठा हुए थे। इसके जरिए उन्होंने अपनी ताकत को प्रदर्शित किया था। तब से ही 23 दिसंबर को उनके जन्मदिन के अवसर को किसान दिवस के रूप में मनाना आरम्भ हुआ था।

और पढ़ें: “इंदिरा गांधी ने BBC के दिल्ली ऑफिस पर ताला जड़वा दिया था”, आज कांग्रेस ‘अघोषित आपातकाल’ का रोना रो रही है

अनबन की आई खबरें

1977 में इंदिरा सरकार को हराने के बाद गठबंधन की सरकार तो बन गई थी, लेकिन कुछ ही समय में सरकार में खटपट की खबरें सामने आने लगीं। मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने तो चरण सिंह का नाम गृह मंत्री के लिए सुझाया गया। वो बात अलग है कि चरण सिंह की जनता सरकार से अधिक समय तक नहीं बनी। खासकर मोरारजी देसाई और चरण सिंह में बिलकुल भी नहीं बन रही थी। मोरारजी देसाई के विषय में चरण सिंह की राय थी कि वे Do-Nothing प्राइम मिनिस्टर की तरह हैं। साथ ही उनका ऐसा ही कहना था कि मोरारजी स्वयं ही अपने निर्णय लेते थे और वह किसी की भी सुनते नहीं। जल्द ही चौधरी चरण सिंह ने जनता सरकार से इस्तीफा दे दिया। हालांकि समझौता होने के बाद वे देश के उप प्रधानमंत्री बने थे।

दूसरी ओर इंदिरा गांधी दबे पांव सरकार में घुसने के रास्ते तलाश रही थी। तभी चौधरी चरण सिंह ने जनता पार्टी से सभी सांसदों को पार्टी से बाहर निकालते हुए स्वयं को अलग कर लिया। चरण सिंह के सामने ऐसी कठिन परिस्थितियां पैदा हो गयी थी जिससे उनके पास पार्टी तोड़ने के सिवा कोई चारा ही नहीं बचा था। चरण सिंह के जाते ही जनता पार्टी की जड़ें हिल गयी। बस फिर क्या था इंदिरा गांधी ऐसे ही अवसर की तलाश में थी और उन्होंने ये मौका अपनी हाथों से जाने नहीं दिया और इन्होंने चरण सिंह को अपना समर्थन दे दिया। चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री तो अवश्य बनें, परंतु अधिक समय तक वो इस पद पर रह न सकें।

और पढ़ें: जब भरी सभा में दिलीप कुमार ने इंदिरा गांधी की निकाल दी थी हेकड़ी

इंदिरा गांधी ने दिया समर्थन और फिर…

हुआ कुछ ऐसा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद अब इनको सदन में अपना बहुमत साबित करना था। कई दिनों तक इस पर बातचीत होती रही। उसके बाद इनको बहुमत साबित करने के लिए कहा गया तब इंदिरा गांधी ने अपना समर्थन ही वापस ले लिया, जिससे इनकी सरकार अल्पमत में आ गई और सरकार गिर गयी।

चौधरी चरण सिंह के प्रधानमंत्री बनने के समय हिम्मत नाम की मैगजीन में एक खबर आई थी कि इंदिरा गांधी मध्यावधि चुनाव चाहती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें प्रतीत होता था कि इससे उन्हें अधिक लाभ होगा और ऐसा भी हो सकता है कि सिंह की सरकार दो-तीन महीने भी न रह पाए। हुआ भी ऐसा ही। एक महीने के अंदर ही कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस्तीफे देने के बाद चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि वो इंदिरा गांधी से ब्लैकमेल नहीं होना चाहते थे। उनके अनुसार, इंदिरा गांधी ने यह शर्त रखी है कि आपातकाल के समय हुई ज्यादतियों से जुड़े जो भी केस उनके खिलाफ दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस ले लिया जाए। मुझे यह शर्त बिलकुल भी मंजूर नहीं है और इसलिए मैं प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। चौधरी चरण सिंह ने ये भी कहा था, “हम ऐसे किसी व्यक्ति पर मामले कैसे हटा सकते हैं, जो इमरजेंसी के दौरान लोगों पर हुए उत्पीड़न का जिम्मेदार हो। यदि हम सत्ता में रहने के लिए ऐसा करते भी हैं तो फिर ये देश हमें कभी माफ नहीं करेगा।”

अब इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम ने यहीं पर दिलचस्प मोड़ ले लिया था। तब सरकार बनाने के लिए न तो न तो कांग्रेस के पास बहुमत था न जनता पार्टी के पास और न ही चरण सिंह के पास। इस तरह कि स्थिति का एक ही समाधान था कि मध्यावधि चुनाव हो। हालांकि इसके लिए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से कुछ समय मांगा था और तब तक चरण सिंह ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे थे। लेकिन अगर देखा जाए तो सरकार गिरने से पहले चौधरी चरण सिंह केवल 23 दिनों तक ही प्रधानमंत्री के पद पर थे। चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री के पद से हटाने में सबसे बड़ा हाथ कांग्रेस पार्टी का था। पहले कांग्रेस पार्टी ने चौधरी चरण सिंह का समर्थन किया और फिर कुछ दिनों तक एक राजनीतिक ड्रामा खेला और आखिर में चौधरी चरण सिंह की पीठ में छुरा घोपा कर उनको प्रधानमंत्री के पद से रवाना करवा दिया। मध्यावधि चुनाव के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और इंदिरा गांधी जो चाहती थीं उसमें सफल भी हुईं।

और पढ़ें: भ्रम में मत रहिए, राजनीतिक लाभ के लिए इंदिरा गांधी ने किया था बैंकों का राष्ट्रीयकरण

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Chaudhary Charan Singhआपातकालइंदिरा गाँधीमोरारजी देसाई
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कांग्रेस छोड़ने जा रहे हैं शशि थरूर, पीएम मोदी ने इशारा दे दिया है

अगली पोस्ट

संसद में पीएम मोदी के भाषण की लोग ऐसे प्रतीक्षा कर रहे थे, जैसे कभी रामायण-महाभारत के लिए होती थी

संबंधित पोस्ट

कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा
इतिहास

कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

14 June 2025

एक समय था जब ईरान अग्नि और सूर्य उपासकों की भूमि था तब इसे फारस के नाम से जाना जाता था। यहां जरथुस्त्र धर्म (Zoroastrianism)...

राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’
इतिहास

संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

13 June 2025

  पुस्तक का नाम: तानसेन का ताना-बाना लेखक: राकेश शुक्ला प्रकाशक: सुरुचि प्रकाशन दिल्ली पृष्ठ: 115 एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रश्न है कि इतिहास लेखन और...

बिरसा मुंडा
इतिहास

‘मैं देह नहीं…जंगल का पुश्तैनी दावेदार हूँ’: जानिए कैसे पादरी के बेटे ने हिला दी थी ब्रिटिश हुकूमत की नींव – बिरसा मुंडा पुण्यतिथि पर विशेष

9 June 2025

भारत के इतिहास में कुछ नाम केवल स्मृति नहीं, चेतना बन जाते हैं। बिरसा मुंडा उन्हीं में से एक हैं एक ऐसा नाम जिसने जंगलों...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited