TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जब इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह के पीठ में छुरा घोंपा था

पहले साथ दिया और फिर विश्वासघात किया

Vaishali Shukla द्वारा Vaishali Shukla
10 February 2023
in इतिहास
इंदिरा गांधी चौधरी चरण सिंह

Source- TFI

Share on FacebookShare on X

25 जून 1975 देश के लोकतंत्र पर एक बदनुमा दाग की तरह है। ये वो दिन था जब इंदिरा गांधी ने अपनी हार स्वीकारने की जगह देश पर आपातकाल थोप दिया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास के पन्नों में ये सबसे विवादास्पद और अलोकतांत्रिक काल माना जाता था। जहां आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त करके खूब मनमानी हुई थी। परंतु आपातकाल खत्म होने के बाद भी देश में काफी राजनीतिक ड्रामा चला। इस दौरान इंदिरा गांधी ने चौधरी चरण सिंह को पहले प्रधानमंत्री बनाकर और फिर उनकी पीठ में छुरा घोंपकर एक अलग ही खेल खेला था।

और पढ़ें: इंदिरा गांधी के संरक्षण में संजय गांधी ने जमकर मचाया था ‘उत्पात’

संबंधितपोस्ट

Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

और लोड करें

मोरारजी देसाई बने प्रधानमंत्री

21 महीने की अवधि के बाद देश पर 21 मार्च 1977 को आपातकाल हटाया गया था। आपातकाल की समाप्ति के पश्चात देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। देश में इंदिरा गांधी के विरुद्ध आक्रोश अपने चरम पर था। इस दौरान बिखरी हुई छोटी-छोटी क्षेत्रीय पार्टियां जनता पार्टी के बैनर तले एक हो गयी और इन्होंने मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव में जनता पार्टी की जीत हुई और कांग्रेस और इंदिरा गांधी को अपने गलत निर्णय का परिणाम भुगतना पड़ा। खास बात ये थी इस दौरान जय प्रकाश नारायण इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व और चुनाव प्रसार किया था। जनता पार्टी की जीत के बाद मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बना दिया गया।

मोरारजी देसाई भारत के स्वाधीनता सेनानी, राजनेता और देश के चौथे प्रधानमंत्री बने थे। साथ ही वह प्रथम ऐसे प्रधानमंत्री थे, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बजाये दूसरे दल से थे। मोरारजी देसाई के मन में हमेशा से ही प्रधानमंत्री बनने की इच्छा थी। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद मोरारजी देसाई उम्मीद लगाए बैठे थे कि वे प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तब दूसरी ओर एक और राजनेता थे, जो कई वर्षों से प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे थे। वह थे चौधरी चरण सिंह। लगातार 40 वर्षों तक कांग्रेस पार्टी का सदस्य रहने के बाद उन्होंने 1967 में इस पार्टी से इस्तीफ़ा दिया था। इसके एक साल बाद उन्होंने भारतीय क्रांति दल का गठन किया था।

चौधरी चरण सिंह एक ऐसे राजनेता थे, जिन्होंने हमेशा ही किसानों के हित में बात की थी। उन्हें किसानों का मसीहा भी कहा जाता है। वे अपने उसूलों और सिद्धांतों के बड़े ही पक्के थे। वर्ष 1978 की बात है जब चौधरी चरण सिंह के 76वें जन्मदिन पर दिल्ली के बोट क्लब में किसान सम्मेलन हुआ था। इस दौरान लाखों की संख्या में किसान देश की राजधानी दिल्ली में इकट्ठा हुए थे। इसके जरिए उन्होंने अपनी ताकत को प्रदर्शित किया था। तब से ही 23 दिसंबर को उनके जन्मदिन के अवसर को किसान दिवस के रूप में मनाना आरम्भ हुआ था।

और पढ़ें: “इंदिरा गांधी ने BBC के दिल्ली ऑफिस पर ताला जड़वा दिया था”, आज कांग्रेस ‘अघोषित आपातकाल’ का रोना रो रही है

अनबन की आई खबरें

1977 में इंदिरा सरकार को हराने के बाद गठबंधन की सरकार तो बन गई थी, लेकिन कुछ ही समय में सरकार में खटपट की खबरें सामने आने लगीं। मोरारजी देसाई जब प्रधानमंत्री बने तो चरण सिंह का नाम गृह मंत्री के लिए सुझाया गया। वो बात अलग है कि चरण सिंह की जनता सरकार से अधिक समय तक नहीं बनी। खासकर मोरारजी देसाई और चरण सिंह में बिलकुल भी नहीं बन रही थी। मोरारजी देसाई के विषय में चरण सिंह की राय थी कि वे Do-Nothing प्राइम मिनिस्टर की तरह हैं। साथ ही उनका ऐसा ही कहना था कि मोरारजी स्वयं ही अपने निर्णय लेते थे और वह किसी की भी सुनते नहीं। जल्द ही चौधरी चरण सिंह ने जनता सरकार से इस्तीफा दे दिया। हालांकि समझौता होने के बाद वे देश के उप प्रधानमंत्री बने थे।

दूसरी ओर इंदिरा गांधी दबे पांव सरकार में घुसने के रास्ते तलाश रही थी। तभी चौधरी चरण सिंह ने जनता पार्टी से सभी सांसदों को पार्टी से बाहर निकालते हुए स्वयं को अलग कर लिया। चरण सिंह के सामने ऐसी कठिन परिस्थितियां पैदा हो गयी थी जिससे उनके पास पार्टी तोड़ने के सिवा कोई चारा ही नहीं बचा था। चरण सिंह के जाते ही जनता पार्टी की जड़ें हिल गयी। बस फिर क्या था इंदिरा गांधी ऐसे ही अवसर की तलाश में थी और उन्होंने ये मौका अपनी हाथों से जाने नहीं दिया और इन्होंने चरण सिंह को अपना समर्थन दे दिया। चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री तो अवश्य बनें, परंतु अधिक समय तक वो इस पद पर रह न सकें।

और पढ़ें: जब भरी सभा में दिलीप कुमार ने इंदिरा गांधी की निकाल दी थी हेकड़ी

इंदिरा गांधी ने दिया समर्थन और फिर…

हुआ कुछ ऐसा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद अब इनको सदन में अपना बहुमत साबित करना था। कई दिनों तक इस पर बातचीत होती रही। उसके बाद इनको बहुमत साबित करने के लिए कहा गया तब इंदिरा गांधी ने अपना समर्थन ही वापस ले लिया, जिससे इनकी सरकार अल्पमत में आ गई और सरकार गिर गयी।

चौधरी चरण सिंह के प्रधानमंत्री बनने के समय हिम्मत नाम की मैगजीन में एक खबर आई थी कि इंदिरा गांधी मध्यावधि चुनाव चाहती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें प्रतीत होता था कि इससे उन्हें अधिक लाभ होगा और ऐसा भी हो सकता है कि सिंह की सरकार दो-तीन महीने भी न रह पाए। हुआ भी ऐसा ही। एक महीने के अंदर ही कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। इस्तीफे देने के बाद चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि वो इंदिरा गांधी से ब्लैकमेल नहीं होना चाहते थे। उनके अनुसार, इंदिरा गांधी ने यह शर्त रखी है कि आपातकाल के समय हुई ज्यादतियों से जुड़े जो भी केस उनके खिलाफ दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस ले लिया जाए। मुझे यह शर्त बिलकुल भी मंजूर नहीं है और इसलिए मैं प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। चौधरी चरण सिंह ने ये भी कहा था, “हम ऐसे किसी व्यक्ति पर मामले कैसे हटा सकते हैं, जो इमरजेंसी के दौरान लोगों पर हुए उत्पीड़न का जिम्मेदार हो। यदि हम सत्ता में रहने के लिए ऐसा करते भी हैं तो फिर ये देश हमें कभी माफ नहीं करेगा।”

अब इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम ने यहीं पर दिलचस्प मोड़ ले लिया था। तब सरकार बनाने के लिए न तो न तो कांग्रेस के पास बहुमत था न जनता पार्टी के पास और न ही चरण सिंह के पास। इस तरह कि स्थिति का एक ही समाधान था कि मध्यावधि चुनाव हो। हालांकि इसके लिए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से कुछ समय मांगा था और तब तक चरण सिंह ही कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहे थे। लेकिन अगर देखा जाए तो सरकार गिरने से पहले चौधरी चरण सिंह केवल 23 दिनों तक ही प्रधानमंत्री के पद पर थे। चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री के पद से हटाने में सबसे बड़ा हाथ कांग्रेस पार्टी का था। पहले कांग्रेस पार्टी ने चौधरी चरण सिंह का समर्थन किया और फिर कुछ दिनों तक एक राजनीतिक ड्रामा खेला और आखिर में चौधरी चरण सिंह की पीठ में छुरा घोपा कर उनको प्रधानमंत्री के पद से रवाना करवा दिया। मध्यावधि चुनाव के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और इंदिरा गांधी जो चाहती थीं उसमें सफल भी हुईं।

और पढ़ें: भ्रम में मत रहिए, राजनीतिक लाभ के लिए इंदिरा गांधी ने किया था बैंकों का राष्ट्रीयकरण

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Chaudhary Charan Singhआपातकालइंदिरा गाँधीमोरारजी देसाई
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कांग्रेस छोड़ने जा रहे हैं शशि थरूर, पीएम मोदी ने इशारा दे दिया है

अगली पोस्ट

संसद में पीएम मोदी के भाषण की लोग ऐसे प्रतीक्षा कर रहे थे, जैसे कभी रामायण-महाभारत के लिए होती थी

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited