ई-बैंडेज: घाव ठीक करना एक बड़ी समस्या होती है, लेकिन अब चोट को ठीक करने के लिए एक ऐसा बैंडेज विकसित किया गया है जिसकी मदद से कोई भी घाव जल्दी ठीक हो सकता है। हमें कोई चोट लगती है तो हम सबसे पहले एक पट्टी की तरह दिखने वाला बैंडेज लगाते हैं।
यह रक्तस्राव को रोकने में सर्वाधिक सहायक और घाव को बंदकर उसे ठीक करने में सहायक माना जाता है किंतु यही घाव ठीक करने के लिए वैज्ञानिकों ने ऐसा ई-बैंडेज बनाया है जो घाव को ठीक करने का काम तीस प्रतिशत अधिक तीव्रता से करेगा। यह कैसे काम करता है चलिए इसे समझते हैं।
क्या है ई-बैंडेज?
वैज्ञानिकों ने एक विशेष तरह की पहली छोटी, लचीली और फैलने वाली ई-बैंडेज बनाई है। ये किसी भी चोट के घाव को 30 प्रतिशत तेजी से ठीक कर सकती है। ई-बैंडेज घाव वाली जगह पर इलेक्ट्रोथेरेपी की सीधा डिलीवरी करती है, जिससे वह तेजी से ठीक होता है और मरीज़ को बहुत जल्द आराम मिलता है। जानकारी के अनुसार अभी यह शोध केवल जानवरों तक सीमित रखा गया है।
जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित एक एनिमल स्टडी में सामने आया है कि ये नई बैंडेज चूहों में डायबिटिक अल्सर को तेजी से ठीक कर सकती है। ये बैंडेज एक्टिव तरीके से ट्रीटमेंट प्रोसेस को मॉनिटर करती है। इसके साथ ही जब इलेक्ट्रोड की घाव वाली जगह पर जरूरत नहीं होती है तो उन्हें डिजॉल्व कर देता है और यह पूरा प्रयोग सफल माना गया है जो कि किसी खुशखबरी से कम नहीं है।
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अब प्रश्न यह है कि यह इंसानों के लिए किस प्रकार लाभदायक है। इस विषय पर शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह नई ई-बैंडेज डायबिटिक रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। जिन लोगों को अल्सर के कारण कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है उनके लिए यह ई-बैंडेज उत्कृष्ट हो सकती है। इन जानलेवा बीमारियों से पीड़ित मरीजों की चोट भी ठीक होना मुश्किल माना जाता है। ऐसे में यह ई-बैंडेज मरीजों की चोट को तेज़ रफ़्तार से ठीक कर उनका जीवन बचा सकती है।
जानवरों पर हो रहा है प्रयोग
वैज्ञानिकों ने बताया है कि ई-बैंडेज इलेक्ट्रोथेरेपी दे सकती है और इसी वजह से यह बायोरेसोरेबल बैंडेज और स्मार्ट रीजेनरेटिव सिस्टम का पहला उदाहरण है। इस स्टडी को करने वाले नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के गुइलेर्मो ए. अमीर ने कहा है कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए संक्रमण का इलाज करना और भी मुश्किल और ज्यादा खतरनाक है।
इन रोगियों के लिए लागत प्रभावी समाधानों की एक बड़ी आवश्यकता है। ये नई बैंडेज इसी में मरीजों की मदद कर सकेगी। हालांकि ये एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसकी हानियों पर भी रिसर्च जारी है।
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रिपोर्ट्स के अनुसार शोधकर्ताओं ने बताया कि इस बैंडेज में एक तरह का सेंसर भी लगा है जो इस बात की निगरानी करता है कि घाव ठीक से सही हो रहा है या नहीं या वह कितना सही हो गया है। इससे आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि कहीं घाव के ठीक होने में कोई गड़बड़ी तो नहीं है और गड़बड़ी है, तो उसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
जानवरों पर इनकी रिसर्च को सफलता मिलने के बाद यदि यही परिणाम इंसानों के लिए भी आए तो यह चिकित्सा प्रणाली में एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है क्योंकि इसकी लागत भी ज्यादा नहीं होगी और यह बड़े से बड़े रोगों को रोकने में सहायक होगी।
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