कुछ लोगों की हरकतें ऐसी होती हैं, जिन्हे देख स्वत: “रामायण” सीरियल का एक संवाद स्मरण हो आता है, “निर्लज्ज, तू फिर आ गया?” अमृतपाल के पीछे केंद्र सरकार और पंजाब प्रशासन दोनों ही लामबंद हैं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कोई भी राष्ट्र भारत से इस विषय पर पंगा नहीं मोल लेना चाहता, पर मजाल है कि कुछ लोग अमृतपाल का समर्थन करना छोड़ दें।
इस लेख में पढिये कि कैसे अब भी कुछ लोग अपने हितों को साधने के लिए अमृतपाल सिंह जैसे असामाजिक तत्वों का बचाव करने को तैयार है। तो अविलंब आरंभ करते हैं।
अमृतपाल का SGPC कनेक्शन….
“वारिस पंजाब दे” का सरगना और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के विरुद्ध पंजाब पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। अमृतपाल सिंह से जुड़े लगभग हर व्यक्ति से या तो पुलिस पूछताछ कर चुकी है या फिर हिरासत में ले चुकी है। इतना ही नहीं, अमृतपाल सिंह को बढ़ावा देने वाले हर व्यक्ति, चाहे पंजाब में हो या फिर विदेश में, सबके विरुद्ध केंद्र और पंजाब की स्थानीय एजेंसियां संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है।
परन्तु इन सब घटनाओं के बीच कुछ ऐसे भी निर्लज और विषैली मानसिकता के लोग भी हैं जो अपने निजी स्वार्थः साधने हेतु अब भी अमृतपाल का समर्थन कर रहे हैं और उसका बचाव करने के नाम पर पंजाब में अराजकता को बढ़ावा देना चाहते हैं।
इनमें सबसे अग्रणी है पंजाब की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी। अमृतपाल के विरुद्ध पुलिस की कार्रवाई के संबंध में भले ही प्रत्यक्ष तौर पर इन्होने अमृतपाल का नाम नहीं लिया गया, लेकिन सिख युवाओं के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना की।
19 मार्च 2023 को दिए गए अपने पहले बयान में SGPC के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा था, “पंजाब पुलिस और [पंजाब और हरियाणा] उच्च न्यायालय द्वारा नियम निर्धारित किए गए हैं कि अगर प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो किसी को गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाए जाएँगे। मेरा मानना है कि कल से अब तक की गई कार्रवाई से जनता में दहशत का माहौल है। बसों को रोक दिया गया है। धारा 144 लगा दी गई है। इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया है।”
इसके बाद SGPC ने एक आधिकारिक बयान जारी किया। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, “सरकारों को लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलने वाले युवाओं के उत्पीड़न और अवैध हिरासत की प्रथा को अपनाने से बचना चाहिए, क्योंकि पंजाब ने पहले ही बहुत कुछ झेला है और बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने के लिए अब यह आवश्यक है।”
SGPC ने दावा किया कि युवा (अमृतपाल और उनके सहयोगी) ‘लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलते हैं’। साथ ये भी कहा गया, “ऐसा लग रहा है कि सरकार जनता के बीच अनावश्यक दहशत पैदा कर रही है। इंटरनेट ठप है और इस वजह से लोगों के बीच गलत सूचनाएँ फैल रही हैं।
लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुँच रही है। इसी तरह का दुस्साहस तत्कालीन सरकार ने तीन दशक पहले किया था। सिखों और देश के बाकी हिस्सों ने इसके प्रभावों का सामना किया। सिखों की छवि खराब करने, पंजाब को नुकसान पहुँचाने और राजनीतिक फायदे के लिए इसी तरह की योजना चलाई जा रही है। 16-17 साल की उम्र के सिख युवाओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया जा रहा है।”
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शिरोमणि अकाली दल देगा कानूनी सहायता
परंतु SGPC अकेला नहीं है, जो अमृतपाल पर इतनी कार्रवाई के बाद भी उसका साथ दे रहा है। अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का शिरोमणि अकाली दल और कॉन्ग्रेस भी विरोध कर रही है।
अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इन सिख युवकों को कानूनी मदद उपलब्ध कराने की बात कही है। वहीं, कॉन्ग्रेस के पंजाब अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर समर्थकों की गिरफ्तारी पर चिंता जताई है।
सुखबीर सिंह बादल ने अमृतपाल के समर्थकों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को ‘अतिरिक्त संवैधानिक’ कार्रवाई बताया। बादल ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर सिख युवकों की अंधाधुन कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने इन युवाओं को कानूनी मदद देने के लिए पार्टी के नेताओं को कहा है। वहीं, अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि अमृतपाल के समर्थकों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि NSA लगाने का विरोध करते हुए उसे वापस लेने की माँग की।
Shiromani Akali Dal has decided to provide complete legal assistance to all Sikh youth arrested in the ongoing extra-constitutional crackdown in Punjab and ensure their rights are not trampled upon by @AAPPunjab govt.
Helpline numbers are given below: pic.twitter.com/SHspqXPqLl
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) March 21, 2023
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गिरगिट को टक्कर देता कांग्रेस
लेकिन इस मामले में कांग्रेस इन सबसे अलग है। बाकी दोनों ने मौखिक समर्थन से अपने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। पर जो कांग्रेस कभी भिंडरावाले को मार गिराने और “खालिस्तान का खात्मा” करने का दंभ भर्ती थी, आज वही कांग्रेस न केवल अमृतपाल पर हो रही कार्रवाई का विरोध कर रही है, अपितु उसके अराजक समर्थकों को छत्तीसगढ़ में समर्थन रैली निकालने की खुली छूट दे रही है।
इससे पहले पंजाब काँग्रेस के अध्यक्ष भी गिरफ्तारियों को लेकर चिंता जता चुके हैं। स्थानीय पुलिस ने बिना अनुमति रैली निकालने पर विवाद बढ़ता देख आयोजकों को नोटिस जारी किया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अमृतपाल के समर्थन में निकाली गई रैली में नारेबाजी की गई। पंजाब पुलिस का पुतला फूँका गया। रैली रायपुर के तेलीबाँधा गुरुद्वारे से AAP ऑफिस तक निकाली गई।
इसमें शामिल लोगों ने आप ऑफिस के बाहर पंजाब सरकार का पुतला जलाया और पुलिस एक्शन का विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अमृतपाल ड्रग माफियाओं के खिलाफ काम कर रहा था। सरकार उसे बदनाम कर आतंकवादी बताने की कोशिश कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पंजाब में जब से नई सरकार बनी है, वहाँ के हालात लगातार खराब हो रहे है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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इससे पहले बघेल के सुर में सुर मिला पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग भी बात कर चुके हैं। उन्होंने पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर गिरफ्तारी चिंता जताई थी और कहा था कि पार्टी चरमपंथियों के खिलाफ नरमी का समर्थन नहीं करती, लेकिन भटके नौजवानों के पुनर्वास की जरूरत है। उन्होंने कहा था कि पंजाब की पुलिस सिख युवकों को अमृतपाल समर्थक बताकर गिरफ्तार कर रही है जो चिंता का विषय है।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जहां एक तरफ अमृतपाल को कानून के गिरफ्त में लाने हेतु पंजाब सरकार और केंद्र सरकार जी तोड़ प्रयास कर रही है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अब भी इस अराजकतावादी का समर्थन कर पंजाब को आग में झोंकने को उद्यत है, ताकि इनकी राजनीति चलती रहे।
"AmritpalSingh No Holy Man"; #AmritpalSingh used to blackmail and extort women, was having multiple extra-marital affairs, use to do obscene and objectionable talks via SM, despite being claimed by him that he is happily married. pic.twitter.com/NwCHafpPQY
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) March 22, 2023
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