TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

रघुनाथ राव और माधवराव के बीच वह “महाभारत”, जिसे रोका जा सकता था

एक अंतरयुद्ध, जिसमें पराजित हुआ केवल भारत ...

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
30 March 2023
in इतिहास
रघुनाथ राव
Share on FacebookShare on X

काफी समय पूर्व, जब औरंगज़ेब के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर कोने कोने से विद्रोह प्रारंभ हुआ था, तो एक व्यक्ति ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। उन्होंने न केवल इस युद्ध में भाग लिया, अपितु संकल्प भी लिया, “हे हिंदवी स्वराज्य श्री हरीची इच्छा!”, अर्थात भारतवर्ष की स्वतंत्रता ही ईश्वर की श्रेष्ठ इच्छा है। परंतु ये संकल्प लेते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा कि उनके वंशजों में एक ऐसा अंतरयुद्ध होगा, जो महाभारत समान होगा, और जिसमें केवल भारतवर्ष का स्वाभिमान पराजित होगा। इस लेख में पढिये कथा रघुनाथ राव और माधवराव के बीच उस अंतरयुद्ध की, जिसे रोका जा सकता था, परंतु वही मराठा साम्राज्य को लील गया। तो अविलंब आरंभ करते हैं।

कभी मराठा साम्राज्य का गौरव थे रघुनाथ राव

आज मराठवाड़ा के इतिहास में रघुनाथ राव को कोई भी सम्मान की दृष्टि से नहीं देखता। सब उन्हे उस क्षण के लिए जानते हैं, जब सत्ता पाने की लालसा में उन्होंने अपने ही भतीजे नारायणराव की हत्या करा दी।

संबंधितपोस्ट

ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

सादगी की सरकार, शीशे के महल में बंद: दिल्ली से चंडीगढ़ तक केजरीवाल की चमचमाती सादगी की कहानी

भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

और लोड करें

परंतु क्या रघुनाथ राव प्रारंभ से इतने कुटिल थे? शायद नहीं, क्योंकि जब बाजीराव की 1740 में असामयिक मृत्यु हुई, तो मराठा साम्राज्य के समक्ष सबसे बड़ा प्रश्न था : अब उनकी विरासत को कौन बढ़ाएगा? स्वाभाविक तौर पर उनके ज्येष्ठ पुत्र, बालाजी बाजीराव को चुना गया, और जो काम बाजीराव के लिए उनके अनुज चिमाजीराव करते थे, वही बालाजी बाजीराव यानि नानासाहेब पेशवा के लिए उनके अनुज रघुनाथ राव करने लगे।

परंतु रघुनाथ राव कूटनीति और युद्धनीति में अपने पिता और चाचा, दोनों से ही दस कदम आगे थे। उन्होंने अखंड भारत को पुनर्जीवित करने की ओर सशक्त कदम बढ़ाए, और बंगाल में उनके नेतृत्व में सेनाओं ने वहाँ के इस्लामिक आक्रान्ताओं में त्राहिमाम मचा दिया था।

केवल इतना ही नहीं, जिन समुदायों से बात करना भी लगभग असंभव था, जैसे सिख और जाट, उनके साथ इन्होंने मित्रता का हाथ बढ़ाया। बहुत कम लोग जानते हैं कि जब लाहौर पर अफ़गान आक्रान्ताओं ने नियंत्रण जमाया था, तो उसे छुड़ाने हेतु एक संयुक्त सेना ने धावा बोला, जिसमें सिख और मराठा दोनों सम्मिलित थे। यूं ही नहीं “कटक से अटक” तक रघुनाथ राव ने अखंड भारत को पुनः स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

और पढ़ें: “द लास्ट स्टैंड ऑफ द मराठास: नाना फडणवीस का अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष”

एक निर्णय ने सब नष्ट कर दिया ….

परंतु फिर इतना कुशल और बलशाली योद्धा अचानक से मराठा साम्राज्य का शत्रु कैसे बन गया? कारण थे नानासाहेब पेशवा। ये वो समय था, जब दिल्ली पर रुहिल्ला समुदाय ने आक्रमण किया था, और इसी प्रकरण में नानासहेब पेशवा ने मुगलों और रुहिल्लाओं की संयुक्त फौज को इतना कूटा कि उनके पास आत्मसमर्पण करने के सिवा कोई विकल्प न था। अब मराठा साम्राज्य ने लगभग सम्पूर्ण भारतवर्ष को अपना बना लिया था, और अगला निशाना थे अफ़गान।

परंतु ये लड़ाई इतनी सरल नहीं थी। रघुनाथ राव के जाते ही रुहिल्ला आक्रान्ताओं ने पुनः अपना विश्वासघाती रूप दिखाया, और 1760 में दत्ताजी शिंदे की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। उन्होंने अफ़गान शासक अहमद शाह अबदाली को भारत पर आक्रमण करने का निमंत्रण दिया।

जैसे ही मराठाओं को इसकी सूचना लगी, उन्होंने अविलंब योजना बनानी प्रारंभ कर दी। रघुनाथ राव अपने अनुभव से जानते थे कि अबदाली को पराजित करने में काफी व्यवस्था करनी पड़ेगी, क्योंकि वह कोई मामूली आक्रांता नहीं।

परंतु पेशवा के तत्कालीन दीवान, सदाशिव राव “भाऊ” ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इतना ही नहीं, सदाशिवराव “भाऊ” को मराठा सेनाध्यक्ष भी बना दिया गया, जबकि उन्हे उत्तर भारत के भूगोल और राजनीतिक समीकरणों का लेशमात्र भी ज्ञान नहीं था। नानासाहेब पेशवा की इसी नासमझी के कारण मराठा सेनाओं के पास अवसर होते हुए भी वह अपनी क्षमताओं का सम्पूर्ण प्रदर्शन नहीं कर पाए, और पानीपत के तीसरे युद्ध में उन्हे पराजय का सामना करना पड़ा।

और पढ़ें: “जिस शख्स ने पेशवाई का गौरव चरम पर पहुंचाया”, मराठा साम्राज्य के महान पेशवा बालाजी विश्वनाथ की कहानी

वहम की कोई दवा नहीं….

निस्संदेह रघुनाथ राव के साथ अन्याय हुआ था, परंतु ये अन्याय कब कुंठा में परिवर्तित हुई, किसी को पता नहीं चला। रघुनाथ राव ने सम्पूर्ण मराठा साम्राज्य को अपना शत्रु मान लिया, और धीरे धीरे उसे हथियाने के षड्यन्त्र रचने लगे। लेकिन ये बात एक व्यक्ति को बहुत कष्ट दे रही थी, और वे थे माधवराव भट्ट, उनके अपने भतीजे।

माधवराव न तो बहुत प्रभावशाली थे, और न ही उन्हे शासन का बहुत अधिक ज्ञान था। वे तो सत्ता के लिए कोई लालसा भी नहीं रखते थे। परंतु पानीपत के तीसरे युद्ध ने सब कुछ बदलकर रख दिया।

सदाशिव राव भाऊ के साथ उनके अपने ज्येष्ठ भ्राता, विश्वासराव भी वीरगति को प्राप्त हुए, और मात्र 16 वर्ष की आयु में पेशवा माधवराव को मराठा साम्राज्य का शासन अपने हाथ में लेना पड़ा।

माधवराव अपने पूर्वज पेशवा बाजीराव बल्लाड़ की भांति परिपक्व एवं कुशल नेतृत्व से परिपूर्ण थे। वे भली-भांति परिचित थे कि योग्य नेतृत्व ही हिंदवी स्वराज्य को उसका खोया हुआ सम्मान पुनः दिला सकता है।

उनके नेतृत्व में सर्वप्रथम ये अधिनियम स्थापित किया गया कि जो भी अपने कार्यों में भ्रष्ट सिद्ध हुआ या जिसने भी राष्ट्रद्रोह किया, उसे सार्वजनिक दंड दिया जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली और शक्तिशाली क्यों न हो। इसका उदाहरण उन्होंने अपने ही परिवार के माध्यम से दिया जब उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर अपने ही काका रघुनाथ राव को कारावास में डालने का निर्णय भी किया।

अब पेशवा माधवराव के जीते जी रघुनाथ राव मराठा साम्राज्य का बाल भी बांका न कर पाए। इसमें महादजी शिंदे एवं नाना फड़नवीस जैसे सलाहकारों ने उनका भरपूर साथ दिया। परंतु पेशवा माधवराव की असामयिक मृत्यु ने रघुनाथ राव को एक नई उम्मीद दी, और नारायणराव का उदार स्वभाव उन्ही को लील बैठा।

1773 में पेशवा पद पाने हेतु रघुनाथ राव ने षड्यन्त्र रचा, और पुणे में पेशवा के आधिकारिक निवास, शनिवार वाड़ा में नारायणराव की बर्बरतापूर्ण हत्या की। परंतु वह सत्ता का लाभ नहीं उठा पाए, क्यों जब महादजी शिंदे को यह बात पता चली, तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से पुणे को अपने नियंत्रण में लेने का कदम उठाया।

रघुनाथ राव ने अंग्रेजों से सहायता मांगी, जिसके कारण प्रथम एंग्लो मराठा युद्ध हुआ, परंतु न केवल मराठा विजयी हुए, अपितु रघुनाथ राव को आजीवन कारावास का दंड मिला, और 1783 में अपना दंड भोगते भोगते उनकी मृत्यु हो गई। कहते हैं कि जिस स्थान पर उनकी मृत्यु, वहाँ आज भी उनकी आत्मा वास करती है, ठीक वैसे ही, जैसे शनिवार वाड़ा में नारायणराव की आत्मा भटकती है।

पेशवा माधवराव भट्ट के नेतृत्व में नाना फड़नवीस जैसे कूटनीतिज्ञ, राम शास्त्री प्रभुने जैसे न्यायाधीश एवं महड़जी शिंदे जैसे सेनापति को खूब शक्तियां दी गई, जिनके कारण कुछ ही वर्षों में माराठाओं ने फिर से अपना परचम लहराया। जितनी भूमि मराठा साम्राज्य ने खोई थी, पेशवा माधवराव भट्ट के शासनकाल में उन्होंने उससे ज्यादा पुन: प्राप्त कर ली। जब तक वे जीवित थे, तब तक ब्रिटिश साम्राज्य बंगाल से आगे अपने फन नहीं फैला पाया।

और पढ़ें: सिंधुदुर्ग किला: मराठा साम्राज्य का अभेद्य गढ़, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था

अब कल्पना कीजिए, यदि अपने ही परिवार के विरुद्ध षड्यन्त्र रचने के स्थान पर रघुनाथ राव ने चाणक्य की भांति युवा माधवराव को अपने विशाल अनुभव का ज्ञान, एवं युद्धनीति की दीक्षा दी होती, तो? शायद न अंग्रेज़ भारत में अपने पाँव जमा होता, और समय से पूर्व भारत एक जनतान्त्रिक देश भी होता, अखंड, और हर रूप में समृद्ध।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: alliancesambitionavoidedbetrayalCivil WarcompromiseconsequencesDiplomacyDissentdynastyGovernancehistorical conflictLeadershiployaltyMahabharataMaratha Empiremediationmilitary strategyPeshwa MadhavraoPoliticsPower StruggleRaghunath RaoRebellionsuccessionUnityनानासाहेब पेशवापेशवा माधवरावमराठा साम्राज्यरघुनाथ रावशत्रु
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सिद्धार्थ रॉय कपूर ने दिया बॉलीवुड को एक महत्वपूर्ण संदेश

अगली पोस्ट

सॉलिसिटर जनरल का सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट प्रश्न: हेट स्पीच पर भेदभाव क्यों?

संबंधित पोस्ट

नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन
इतिहास

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

14 November 2025

ऐसे समय में जबकि अपने राष्ट्र नायकों को लेकर भारत में राजनीतिक बहसें तेज़ हो रही हैं,  विचारधाराओं की लड़ाई भी पहले से ज़्यादा गहरी...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited