हर गलती के लिए भारत को दोषी ठहराकर क्या मिल जाएगा पाकिस्तान?

हर दर्द की दवाई होंगी, पर इनकी....

पाकिस्तान के साथ दो चीज़ें स्पष्ट दिखती है : भारत के लिए इनकी घृणा और आतंकवाद के लिए इनका अपार परएम। परंतु मजाल है कि एक बार को ये देश खुद को संभालने की दिशा में कुछ सोचें। और व्यंगात्मक बात यह है इसपे भी इनका मानना है कि पाकिस्तान के सारे गड़बड़ी का दोषी भारत है, भले ही खुद विनाश के मुहाने पर खड़े क्योन ना हो। ।

इस लेख में पढिये कि कैसे पाकिस्तान के आतंक पर के संबंध में नित नए तथ्य सामने आ रहे हैं, और कैसे पाकिस्तान द्वारा भारत पर ठीकरा फोड़ने का बहाना बार बार नहीं काम आने वाला।

मामला क्या है?

हाल ही में UN में भारत ने हथियारों की क्रॉस बॉर्डर स्मगलिङ्ग पर प्रकाश डाला, और ये भी बताया कि क्यों इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कहा है कि वह सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल कर हो रही अवैध हथियारों की आपूर्ति संबंधी ‘गंभीर चुनौती’ का सामना कर रहा है। भारत ने पड़ोसी पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम लिए बिना कहा कि यह सब पड़ोस के अधिकारियों की मदद के बिना संभव नहीं है।

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यूएन में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा,

“एटमी हथियारों के प्रसार के मामले में संदिग्ध रुख और छवि वाले कुछ देश जो आतंकियों के साथ सांठगांठ करते हैं, उन्हें उनके ‘कुकृत्यों’ के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर हथियारों व सैन्य उपकरणों का निर्यात, भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाता है। इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। ये खतरा तब और बढ़ जाता है, जब संवेदनशील तकनीकों को कपटपूर्ण ढंग से हासिल करने व एटमी हथियारों के प्रसार में छद्म भूमिका रखने वाले देशों की आतंकियों के साथ सांठगांठ हो। आतंकवादियों द्वारा ज्यादा मात्रा में छोटे व खतरनाक हथियारों का हासिल करना बताता है कि वे बिना किसी देश की सरकारी मदद के अस्तित्व में नहीं रह सकते”

सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यह टिप्पणी ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा : हथियारों व सैन्य उपकरणों के निर्यात को विनियमित करने वाले समझौतों के उल्लंघन से पैदा होने वाली जोखिम’ विषय पर चर्चा में की।

कंबोज ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ‘इस तरह के बर्ताव की निंदा करने और ऐसे राष्ट्रों को उनके कुकर्मों के लिए जवाबदेह ठहराने’ का आह्वान किया। उन्होंने पारंपरिक हथियारों के अवैध हस्तांतरण को रोकने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि देश ने वैश्विक अप्रसार उपायों को लागू करने के लिए एक मजबूत कानूनी और नियामक  प्रणाली स्थापित की है।

रुचिरा ने ये भी कहा, “भारत के संदर्भ में हम ड्रोन द्वारा सीमा पार से अवैध हथियारों की आपूर्ति की गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं जिसे उन क्षेत्रों को नियंत्रित करने वाले अधिकारियों का समर्थन हासिल है। भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) हथियार व मादक पदार्थ ला रहे पाकिस्तानी ड्रोनों को अक्सर मार गिराते हैं”।

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उत्पात तालिबान का, दोषी भारत….

अब जहां रुचिरा एक ओर क्रॉस बॉर्डर स्मगलिङ्ग पर पाकिस्तान की कलई खोल रही थी, तो पाकिस्तान ने भारत को घेरने के चक्कर में पुनः अपनी भद्द पिटवाई। हाल में तहरीक ए तालिबान  ने पाकिस्तान में क्या उत्पात मचाया है, ये किसी से नहीं छुपा है। परंतु पाकिस्तान ने तालिबान के आतंक के लिए भी भारत को दोषी ठहराया है।

हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने भारत के विरुद्ध अनर्गल प्रलाप किया। इनकी मानें तो तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) अब अफगानिस्‍तान की जमीन का प्रयोग आतंकी हमलों के लिए कर रहा है, और इन्होंने भारत पर भी आतंकियों की मदद करने का आरोप दोहराया है।

ख्वाजा मुहम्मद आसिफ के अनुसार,

“टीटीपी के पास एडवांस्‍ड उन्नत हथियार हैं जैसे कि नाइट विजन गॉगल्स। उनका कहना था कि ये वो हथियार हैं जो अमेरिकी सेना साल 2021 में अफगानिस्तान से बाहर निकलते हुए पीछे छोड़ दिए गई थी। दूसरे देश भी टीटीपी आतंकियों को एडवांस्‍ड उपकरण मुहैया करा रहे हैं। भारत जैसे कुछ देश जिनके पाकिस्‍तान के साथ अच्‍छे संबंध नहीं हैं, वो अब टीटीपी की मदद कर रहे हैं। पाकिस्‍तान ने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को इससे जुड़े सबूत भी दिए हैं। खैबर पख्‍तूनख्‍वां में सेना के बढ़ते विरोध प्रदर्शन पर आसिफ ने यह माना कि पाकिस्तान में राजनीतिक स्थिति के कारण कई क्षेत्रों में आतंकवाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को अक्सर मीडिया अनदेखा कर देती है। उनकी मानें तो प्रांत के लोग टीटीपी के साथ सह-अस्तित्व के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में वह तालिबान की वापसी का विरोध कर रहे हैं”।

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असली दोषी कौन?

वैसे ख्वाजा मियां गलत नहीं कहे है। गलती तो भारत से हुई है, और वो गलती थी ऐसे महानुभावों के पूर्वजों को वर्षों पूर्व 1947 में अपने भूभाग का एक हिस्सा सौंपना। ऐसे में कृपया पाकिस्तान तो भारत को उपदेश न ही दे।

पिछले कई दशकों से पाकिस्तान के दो ही स्पष्ट मुद्दे रहे हैं : एक तो भारत के अहित के लिए दिन एक रात एक करना, और दूसरा अपनी गलतियों के लिए भी भारत को ही दोषी ठहराना। एक दिन ऐसा आएगा कि पाकिस्तान या तो पूर्ण रूप से नष्ट हो जाएगा, या फिर उसके कई हिस्सों का भारत में पुनः विलय हो जाएगा, और इसके लिए भी दोषी कौन होगा? भारत ही होगा!

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