Chief Investigation Officer: भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, मोदी सरकार एक ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए तैयार है जो भारत के प्रशासनिक परिदृश्य को नया आकार देने का वादा करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की स्थापना द्वारा स्थापित मिसाल के बाद, सरकार अब एक नए पद – मुख्य जांच अधिकारी (Chief Investigation Officer) (सीआईओ) के निर्माण पर विचार कर रही है।
इस महत्वाकांक्षी प्रस्ताव के अंतर्गत, सीआईओ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दोनों की देखरेख करने वाले शीर्ष प्राधिकारी के रूप में कार्यभार संभालेगा। कमांड के इस एकीकरण का उद्देश्य जांच प्रयासों को सुव्यवस्थित करना, समन्वय बढ़ाना और सभी क्षेत्रों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करना है। आश्चर्यजनक रूप से, Chief Investigation Officer एक दोहरी रिपोर्टिंग संरचना रखेगा, जो न केवल प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) को जवाब देगा बल्कि इन महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों और सरकार के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में भी काम करेगा।
HUGE – Modi Govt to take historic decision against corruption🔥🔥
On the lines of NSA (National Security Advisor) and CDS (Chief of Defense Staff), Modi Govt is likely to create the post of Chief Investigation Office (CIO).
CIO will serve as the head of ED and CBI & ED & CBI…
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) August 29, 2023
यह महत्वपूर्ण प्रगति भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत की लड़ाई में क्रांति लाने की क्षमता रखती है, जिससे पूरे देश में पारदर्शिता और जवाबदेही के एक नए युग की शुरुआत होगी।
वर्तमान में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को क्रमशः वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाने और भ्रष्टाचार की जांच करने का काम सौंपा गया है। ईडी जटिल वित्तीय कदाचार के मामलों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन से जुड़े मामले भी शामिल हैं।
दूसरी ओर, विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार से निपटने में सीबीआई सबसे आगे है। हालाँकि, उनकी जांच की प्रकृति अक्सर एक ओवरलैप की ओर ले जाती है जहां वित्तीय अनियमितताएं भ्रष्टाचार के आरोपों के साथ जुड़ जाती हैं, जिससे एक ऐसी संस्था के उद्भव की आवश्यकता होती है जो इस जटिल इलाके को कुशलता से नेविगेट कर सके।
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दिलचस्प बात यह है कि Chief Investigation Officer के प्रतिष्ठित पद पर वर्तमान ईडी निदेशक संजय मिश्रा की संभावित नियुक्ति को लेकर चर्चा चल रही है। ईडी निदेशक के रूप में मिश्रा का कार्यकाल विवादास्पद और साज़िश दोनों से चिह्नित रहा है। यहां एक उल्लेखनीय पहलू उनके कार्यकाल का विस्तार है, जो गहन बहस का विषय बन गया था। भ्रष्ट राजनेताओं और निहित स्वार्थी समूहों के गठजोड़ ने उनके विस्तार को कम करने की मांग की, और उनके प्रयासों ने उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे तक पहुंचा दिया। परिणाम? एक आंशिक जीत, क्योंकि उनका कार्यकाल घटाया गया था, परन्तु वे पदच्युत नहीं हुए!
BIG ⚡️ Modi Govt likely to create a new secretary level position of Chief Investigation Officer (CIO) in a historical strike against corruption.
CIO will serve as the head of ED & CBI and ED & CBI will report to CIO.
Outgoing ED chief, Sanjay Kumar Mishra, could be appointed as…
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) August 29, 2023
Chief Investigation Officer भूमिका का निर्माण जांच और भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों के परिदृश्य को बदलने के लिए है। ईडी और सीबीआई दोनों पर अधिकार की भूमिका निभाते हुए, Chief Investigation Officer को दोहरी रिपोर्टिंग संरचना रखने की उम्मीद है।
इसका तात्पर्य यह है कि ये महत्वपूर्ण जांच एजेंसियां न केवल सीआईओ के प्रति जवाबदेह होंगी, बल्कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) तक अपनी सीधी संचार लाइन भी स्थापित करेंगी। यह जटिल व्यवस्था समन्वय बढ़ाने, तेजी से निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करने और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अधिक व्यापक दृष्टिकोण को सक्षम करने के लिए तैयार है।
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