अगर आपको लगता है कि राहुल गाँधी से अधिक कॉमेडी करने का सामर्थ्य किसी भारतीय राजनीतिज्ञ में नहीं, तो पुनः सोच लें. इस मोर्चे पर राहुल बाबा को अपने वक्तव्य देने के लिए स्वयं ममता दीदी मैदान में उत्तर चुकी हैं!
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा. एक अन्य वीडियो में ममता बनर्जी ने अपने “दिव्य ज्ञान” से ये सिद्ध कर दिया कि उनका कोई सानी क्यों नहीं है! TMC युवा मोर्चा को सम्बोधित करते हुए उनकी एक क्लिप वायरल हुई, जहाँ वह कहती हुई दिख रही है कि जब पीएम इंदिरा गाँधी चन्द्रमा पर पहुंची थी, तो उन्होंने राकेश शर्मा से पूछा था कि चन्द्रमा कैसा दिख रहा है वहां से.
हाँ जी, ये कोई मज़ाक नहीं है. ममता बनर्जी के अनुसार इंदिरा गाँधी चन्द्रमा पर पहुँच चुकी थी. ये तो कुछ भी नहीं है! ज़रा इसपे ध्यान दीजिये! “जब पिछली बार राकेश रोशन चंद्रमा पर उतरे थे, तो इंदिरा ने उनसे पूछा था कि वहां से भारत कैसा दिख रहा है?” देवियो और सज्जनो, ये सुवाक्य टीएमसी की सुप्रीम लीडर ममता बनर्जी के मुख से निकले हैं! वह इस इंटरगैलेक्टिक स्टैंड-अप रूटीन में स्टार कॉमेडियन की तरह है, जो यह सुनिश्चित करती है कि मेमर्स के पास आने वाले हफ्तों के लिए सामग्री का असीमित भंडार हो।
"When Indira Gandhi reached to Moon, She asked Rakesh how does India look from Moon"
1st Rakesh Roshan, now Indira Gandhi reached to Moon.
Didi 🙏🏻🤣🤣🤣🤣🤣 pic.twitter.com/Hm2WMkA41w
— Facts (@BefittingFacts) August 28, 2023
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Didi #Chandrayan3 ki landing ke jagah 'Koi Mil Gaya' dekh ke aayi hai 😭😭🤣🤣🤣🤣 Rakesh Roshan 😭 pic.twitter.com/ELABg07hFw
— Facts (@BefittingFacts) August 23, 2023
इससे पूर्व भी कई महान हस्तियों ने चंद्रयान ३ पर अपना दिव्य ज्ञान जनता के साथ साझा किया था, और नहीं, हम प्रकाश राज की बात तो बिलकुल नहीं कर रहे. उदाहरण के लिए लेकिन रुकिए, मल्लिकार्जुन खड़गे के सुर्खियों में आते ही कॉस्मिक कॉमेडी एक ऐतिहासिक मोड़ ले लेती है। वह कोई अंतरिक्ष प्रेमी नहीं है; वह वही व्यक्ति हैं जो इस चंद्र पलायन की सफलता का श्रेय किसी और को नहीं बल्कि जवाहरलाल नेहरू को देते हैं – यह सही है, वही नेहरू जो 1964 में इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब, मैं कोई गणितज्ञ नहीं हूं, लेकिन यहां कुछ गड़बड़ है। शायद किसी को खड़गे को याद दिलाना चाहिए कि इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को आधिकारिक तौर पर 1969 में लॉन्च किया गया था – नेहरू के परलोक सिधारने के पूरे पांच वर्ष बाद!
इसी भांति एक कांग्रेस मंत्री मीडिया के समक्ष आता है और टीम को उनकी महान अंतरिक्ष सफलता के लिए बधाई देता है। अच्छा लगता है, है ना? अपने स्पेस हेलमेट को थामे रखें, क्योंकि राजस्थान के कांग्रेस मंत्री अशोक चांदना ने चंद्रयान 3 के “यात्रियों” को उनकी भव्य चंद्र लैंडिंग के लिए बधाई दी! कौन नोलन, काहे का नोलन, ये हैं अपने भविष्य के कॉन्टेंट सम्राट!
पर छोड़िये, लॉजिक और कॉमन सेन्स पर अपना टाइम क्यों वेस्ट करना, जब आप ममता बनर्जी की भांति ऐसा ज्ञान दे सकती हैं, जो बड़े से बड़े वैज्ञानिक को हक्का बक्का कर दे! ये यूँ ही मीमर्स की प्रिय नहीं है, इनके इसके लिए काफी शोध करना पड़ा है, तब जाकर वे राहुल गाँधी को टक्कर देने योग्य बनी है!
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