TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    लाल किला समारोह में गैरहाज़िर रहे राहुल और खड़गे, कांग्रेस के राष्ट्रधर्म पर नई बहस

    लाल किला समारोह में गैरहाज़िर रहे राहुल और खरगे, कांग्रेस के राष्ट्रधर्म पर नई बहस

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    मौलाना हसरत मोहानी: द्विराष्ट्र समर्थक जो विभाजन के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत में रहे

    मौलाना हसरत मोहानी: द्विराष्ट्र समर्थक जो विभाजन के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत में रहे

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

    देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

    79वां स्वतंत्रता दिवस: दक्षिण भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम

    79वां स्वतंत्रता दिवस: दक्षिण भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    लाल किला समारोह में गैरहाज़िर रहे राहुल और खड़गे, कांग्रेस के राष्ट्रधर्म पर नई बहस

    लाल किला समारोह में गैरहाज़िर रहे राहुल और खरगे, कांग्रेस के राष्ट्रधर्म पर नई बहस

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    गलवान से लेकर व्यापार की मेज़ तक: 5 साल बाद भारत-चीन की सीधी बातचीत

    ट्रंप का पाकिस्तान तेल सौदा और बलूच विद्रोहियों पर अमेरिकी आतंकवाद का ठप्पा

    ट्रंप की पाकिस्तान से तेल डील और बलूच विद्रोही ‘आतंकी’, क्या संसाधन युद्ध की है तैयारी?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    बचत खाते के लिए 50 हज़ार रुपये का मिनिमम बैलेंस- क्या ICICI चाहता है सिर्फ अमीर ही खाता खुलवाएं ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी, ग्लोबल टेंडर को किया दरकिनार

    114 राफेल जेट के लिए भारत-फ्रांस में सीधे सौदे की तैयारी: रिपोर्ट

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    लाल किले से पीएम मोदी की हुंकार: स्वदेशी सुदर्शन चक्र बनेगा भारत की सुरक्षा ढाल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    सौदा होने तक कोई समझौता नहीं: अलास्का में बेनतीजा रही ट्रंप-पुतिन वार्ता

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत की मिसाइल ताकत का प्रदर्शन, 4,795 किमी नो-फ्लाई ज़ोन के साथ बड़ा परीक्षण जल्द

    भारत किसानों के हितों से नहीं करेगा कोई समझौता।

    किसानों के लिए दीवार की तरह खड़े हैं मोदी, पीएम ने ट्रंप को दिया भारत का कड़ा संदेश

    बांग्लादेशी घुसपैठ है देश की बड़ी समस्या।

    कोई अपना देश दूसरों के हवाले नहीं कर सकता, जानें पीएम मोदी ने क्यों कही ये बात

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    मौलाना हसरत मोहानी: द्विराष्ट्र समर्थक जो विभाजन के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत में रहे

    मौलाना हसरत मोहानी: द्विराष्ट्र समर्थक जो विभाजन के बाद पाकिस्तान छोड़ भारत में रहे

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    “जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

    देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

    देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

    79वां स्वतंत्रता दिवस: दक्षिण भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम

    79वां स्वतंत्रता दिवस: दक्षिण भारत के गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

रक्षाबंधन के उत्पत्ति की वास्तविक कथा!

रक्षा बंधन का त्यौहार कैसे प्रारम्भ हुआ?

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
30 August 2023
in धार्मिक कथा, संस्कृति
रक्षाबंधन के उत्पत्ति की वास्तविक कथा!
Share on FacebookShare on X

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥

संबंधितपोस्ट

यदि सद्गुणों से हानि होने लगे तो वे ‘सद्गुण’ नहीं ‘विकृति’ हैं

कांग्रेस के झूठे प्रचार के लिए कार्तिक ने लिया आड़े हाथ!

इज़राएल के लिए भारत के प्रेम से बिलबिला रहे आतंकी और अराजकतावादी!

और लोड करें

अर्थात, ‘जिस रक्षा सूत्र से महान शक्तिशाली दानवेन्द्र राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र मैं तुम्हें बांधती हूं, जो तुम्हारी रक्षा करेगा, हे रक्षा तुम स्थिर रहना, स्थिर रहना’।

कई घरों में ये प्रथा रही है कि रक्षा बंधन का त्यौहार है, या फिर कोई महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान, पूजा पाठ के बाद पंडितजी आपके हाथ पर मौली अथवा रक्षा सूत्र बांधते हैं, एवं इस मात्र का उच्चारण करते हैं. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है कि इस मन्त्र के पीछे की अंतर्कथा क्या है, एवं इस मन्त्र का महत्त्व क्या है?

सभी को हमारा नमस्कार, और आज हम बात करेंगे रक्षा बंधन के उत्पत्ति की अंतर्कथा, एवं इस मन्त्र के महत्त्व के बारे में!

कथा राजा बलि की!

रक्षा बंधन का त्यौहार कैसे प्रारम्भ हुआ, इसके बारे में कई कथाएं उपलब्ध हैं। परन्तु राजा बलि और भगवान विष्णु से संबंधित कहानी सबसे रोचक है।

इसका प्रारम्भ होता है दैत्यराज बलि से, जो भक्त प्रह्लाद के पौत्र भी थे। अपने परोपकारी शासन के लिए चर्चित राजा बलि से प्रजा बड़ी प्रसन्न थी, और उनसे बड़ा दानवीर संसार में कोई न था। उनके नेतृत्व में, उनके लोगों ने सुख और समृद्धि का अनुभव किया।

राजा बलि की बुद्धि उनके दादा प्रह्लाद और उसके बाद उनके गुरु शुक्राचार्य से वेदों की शिक्षाओं के माध्यम से विकसित हुई थी। समुद्र मंथन और देवताओं द्वारा अमृत प्राप्त करने के बाद देवताओं के राजा इंद्र द्वारा परास्त होने के बाद शुक्राचार्य की उल्लेखनीय शक्ति ने राजा बलि को भी पुनर्जीवित कर दिया था।

अपने धार्मिक स्वभाव और भगवान विष्णु के प्रति अनन्य भक्ति से प्रेरित होकर, राजा बलि की शक्ति तब तक बढ़ती रही जब तक कि उन्होंने तीनों लोकों पर विजय प्राप्त नहीं कर ली। उसने इंद्र को हराकर स्वर्ग पर अधिकार प्राप्त कर लिया। परन्तु ऐसा गौरव प्राप्त करने के बाद भी दैत्यराज बलि पुण्य के पथ पर अडिग रहे!

गुरु शुक्राचार्य ने राजा बलि की क्षमता को पहचानते हुए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव लेकर उनके पास पहुंचे। उन्होंने सलाह दी, “राजन, तीनों लोकों पर विजय प्राप्त करने के बाद यदि तुम 100 अश्वमेध यज्ञ करोगे तो तुम्हारा शासन चिरस्थायी होगा।” शुक्राचार्य ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह का गहन अनुष्ठान उनके कद के शासक के लिए उपयुक्त होगा और तीनों लोकों पर उनका शासन सुरक्षित होगा।

और पढ़ें: रक्षाबंधन पर्व का हिंदू शास्त्रों में क्या है महत्व? क्या हैं इसके पीछे की वास्तविक कथाएं?

कैसे भगवान विष्णु ने राजा बलि पर विजय प्राप्त की!

उधर राजा बलि के हाथों परास्त होने के बाद देवराज इंद्र काफी व्यथित थे. उन्होंने ऋषि कश्यप के आश्रम में शरण ली, एवं अपनी माता अदिति से परामर्श किया. माता अदिति ने भगवान विष्णु से स्तुति की, एवं उनसे इस संकट का समाधान माँगा!

भगवान विष्णु मुस्कुराये और उन्होंने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. परन्तु उन्होंने माता अदिति के साथ आश्चर्यजनक रहस्योद्घाटन भी साझा किया था: “बाली कोई खतरा नहीं है। उसका इंद्र बनना तय है।” अदिति आश्चर्यचकित रह गई, परन्तु विष्णु ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा, “परन्तु ये अभी नहीं होगा। यह बाद में होगा।” इससे ज्ञात इंद्र एक स्थायी व्यक्ति नहीं है, अपितु एक पद है जो देव लोक में कोई भी ग्रहण कर सकता है।

इसी के पश्चात् ऋषि कश्यप और माता अदिति के घर विष्णु ने वामन के रूप में जन्म लिया. वामन, एक तेजस्वी और ज्ञानी बालक था, जिसका जन्म एक उद्देश्य के साथ हुआ था। इस बीच, राजा बलि ने लगभग 99 अश्वमेध यज्ञ पूरे कर लिए थे, और उसे देवों के देव [सभी देवों का राजा] बनने के लिए केवल एक और यज्ञ की आवश्यकता थी। जैसे ही अंतिम यज्ञ अपने समापन पर पहुंचा, उनके समक्ष एक आकर्षक युवक, जिसका वर्ण मेघवर्ण था, सिंहासन के पास आया।

राजा बलि ने प्यार और सम्मान व्यक्त करते हुए, लड़के को अपना सिंहासन प्रदान किया। हालाँकि, गुरु शुक्राचार्य को कुछ गड़बड़ महसूस हुई और उन्होंने महाबली को चेतावनी दी कि वह लड़का वास्तव में भगवान विष्णु थे, जो उस बालक का भेस धारण करके आये थे। उन्होंने महाबली से आगे न बढ़ने का आग्रह किया।

परन्तु ऐसा लग रहा था कि महाबली ने अपने गुरु की चेतावनी का केवल एक हिस्सा ही सुना था, वह उस दिव्य अतिथि की इच्छाओं को पूरा करने के लिए दृढ़ थे। जब वामन ने तीन कदम जमीन मांगी, तो महाबली आश्चर्यचकित रह गए। वे तो इससे अधिक की आशा रख रहे थे, वे अपने प्राण भी अर्पण करने को तैयार थे, परन्तु इस इच्छा से वे भी चकित हुए. फिर भी उन्होंने वामन के इच्छा को अपनी सहमति दी.

हालाँकि, जैसे ही महाबली ने अपनी सहमति व्यक्त की, लड़का बड़ा होने लगा। वह विशाल आकार का हो गया और केवल दो कदमों में उसने पृथ्वी और आकाश को नाप लिया। महाबली इस परिवर्तन से आश्चर्यचकित थे, उन्हें एहसास हुआ कि ये कोई साधारण बालक नहीं है, स्वयं नारायण है!

वामन ने तब महाबली से प्रश्न किया, “अब मैं अपना तीसरा कदम कहाँ रखूँ?” अपने वचन पर कायम रहते हुए, महाबली ने तीसरे पग के लिए अपना सिर अर्पित कर दिया। वामन ने उसे स्वीकारते हुए राजा बलि के मस्तक  पर अपना तीसरा कदम रखा, और उन्हें पाताल लोक भेज दिया!

क्यों भगवान विष्णु बने राजा बलि के द्वारपाल!

देवलोक पुनः प्राप्त करने के बाद देवता स्वाभाविक रूप से प्रसन्न थे। हालाँकि, भगवान विष्णु पूरी तरह प्रसन्न नहीं थे। वह अपने समर्पित शिष्य राजा बलि के बारे में द्रवित थे, जो अब पाताल लोक में  थे। अपने वचन पर अटल रहते हुए उन्होंने नारायण की सेवा की, ये जानते हुए भी कि गुरु शुक्राचार्य इस बात पर प्रसन्न नहीं होंगे.

वहीँ राजा बलि के पास जो कुछ भी था, उसी में वे प्रसन्न थे । अपनी स्थिति पर उन्होंने शोक नहीं जताया। उन्हें तो अपने प्रभु की सेवा करने  और अपने वचन का सम्मान करने का अवसर मिला। एक दिन, एक सांवले रंग का हृष्ट पुष्ट व्यक्ति राजा बलि के पास आया। इस व्यक्ति ने महाबली का द्वारपाल बनने का प्रस्ताव दिया. राजा बलि भी उससे काफी प्रभावित थे, और सहर्ष उस युवक की मांग स्वीकार कर ली!

कुछ ही समय बाद, एक सुंदर और शक्तिशाली महिला महाबली के पास पहुंची। उसने यह कहते हुए सुरक्षा का अनुरोध किया कि उसका पति किसी कार्य से बाहर गया था, और अब तक लौटा ही नहीं। उसकी विनती से प्रभावित होकर, राजा बलि ने उसे अपनी बहन के रूप में अपने महल में उसका स्वागत किया।

एक दिन, राजा बलि ने महिला को प्रार्थना करते हुए सुना और इसके बारे में पूछताछ की। उसने बताया कि वह उनके लिए प्रार्थना कर रही थी। राजा बलि ने उन्हें वह सब कुछ दिया जो वह चाहती थी। फिर उसने अपने पति की वापसी की इच्छा व्यक्त की।

जब राजा बलि ने उनके पति के बारे में पूछा, तो उन्होंने उनके नए द्वारपाल की ओर संकेत दिया. उसी क्षण दोनों अंतर्ध्यान हुए, और स्वयं भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी राजा बलि के समक्ष प्रकट हुए.

और पढ़ें: गुमनाम नायक: रानी दुर्गावती की कहानी, जिन्होंने मुगलों की गिरफ्त की बजाय स्वयं का बलिदान कर दिया

राजा बलि ये जानकर दंग रह गए कि भगवान विष्णु ही उनके द्वारपाल थे! भगवान विष्णु ने बताया कि राजा बलि की अटूट भक्ति उन्हें वहां खींच लाई थी। उन्होंने खुलासा किया कि वे शीघ्र ही वर्तमान इंद्र के पश्चात अगले इंद्र बनेंगे, जिससे उनके भविष्य की समृद्धि सुनिश्चित होगी। राजा बलि अभिभूत होकर उनके चरणों में गिर पड़े.

अनजाने में उनके पति को खुद से दूर रखने के लिए देवी लक्ष्मी से माफ़ी मांगते हुए, राजा बलि ने देवी लक्ष्मी और नारायण को विदा किया। जाने से पहले, देवी लक्ष्मी ने उपरोक्त पाठ करते हुए महाबली के हाथ में एक रक्षा सूत्र बांधा:

“येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।

तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल॥”

इसी कारण से रक्षा बंधन के पवित्र अवसर पर, सर्वप्रथम रक्षा सूत्र को उस मंत्र के साथ बाँधा जाता है, जो महाबली और देवी लक्ष्मी के बीच के बंधन का सम्मान करता है! इस बंधन और भक्ति ने रक्षा बंधन की नींव रखी। इस विशेष दिन पर, बहनें अपने भाइयों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों के हर संकट से रक्षा का वादा करते हैं। रक्षाबंधन के उत्पत्ति की यह कथा इसके महत्त्व और इसकी निश्छल भक्तिभाव को परिलक्षित करती है. इसी बात पे आप सभी बंधुओं को रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: ancient traditionBhagwan Vishnucelestial protectioncherished festivalcultural significanceDevi Lakshmifestive celebrationHindu Mythologyhistorical accountshistorical rootsnarrativeRaja BaliRaksha Bandhan's originreal storyRitualssibling bondspiritual connectionTaletraditional customsVamana Avatar
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जानिये भारत के “सूर्य मिशन” के बारे में!

अगली पोस्ट

मणिशंकर अय्यर इज बैक इन एक्शन!

संबंधित पोस्ट

“जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:
चर्चित

“जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

15 August 2025

एक राष्ट्र के रूप में भारत सदैव से ही जीवंत रहा है। अपनी मूल्य संस्कृति, ज्ञान – विज्ञान और वैचारिक स्पष्टता के कारण प्राचीन काल...

देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस
चर्चित

देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

15 August 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी परंपरागत ‘साफा स्टाइल’ को बरकरार रखते हुए एक बार फिर अनोखे अंदाज़ में देश...

14 अगस्त: अखंड भारत संकल्प दिवस
इतिहास

14 अगस्त: अखंड भारत संकल्प दिवस

14 August 2025

“भारत आज से नहीं, युगों-युगों से है”,  यह वाक्य केवल एक भाव नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक है, जो भारत को केवल एक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

00:06:30

Why do Journalists like Ravish kumar Keep Speaking Pakistan’s Script all the time | Op Sindoor

00:05:55

why are Punjabi pop icons yo yo honey Singh, karan aujla abusing indian culture?

00:04:17

'We’ll Start from the East’: Asim Munir’s Threat – Who’s Arming Pakistan?

00:06:14

The Secret Power of India’s Unseen Army

00:07:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited