शीघ्र ही हिंडनबर्ग काण्ड के दोषियों पर चलेगा कानून एजेंसियों का डंडा!

सबका हिसाब होगा!

जब हिंडनबर्ग की कथित रिपोर्ट सामने आई थी, तभी समझ जाना चाहिए था कि अडानी तो बहाना है, भारतीय अर्थव्यवस्था असल निशाना है! परन्तु हमारे सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों भी मटर नहीं छील रहे थे. अब शीघ्र ही हिंडनबर्ग काण्ड के वास्तविक षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कानून का डंडा चलेगा!

जब हिंडनबर्ग की कथित रिपोर्ट सामने आई थी, तभी समझ जाना चाहिए था कि अडानी तो बहाना है, भारतीय अर्थव्यवस्था असल निशाना है! परन्तु हमारे सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों भी मटर नहीं छील रहे थे. अब शीघ्र ही हिंडनबर्ग काण्ड के वास्तविक षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कानून का डंडा चलेगा!

हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenberg Report) और अडानी ग्रुप (Adani Group) से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी शुरुआती जांच के बाद कहा है कि एक दर्जन कंपनियों ने अडानी ग्रुप के शेयर्स की शॉर्ट सेलिंग से ‘सबसे ज्यादा मुनाफा’ कमाया है.

ED ने जुलाई 2023 में भारत के शेयर मार्केट रेगुलेटर, Securities and Exchange Board of India (SEBI) के साथ अपनी जांच के कुछ निष्कर्ष साझा किए थे. आरोप है कि ये सब अडानी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाने वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने के दौरान हुआ. सभी कंपनियां टैक्स हेवन कहे जाने वाले उन देशों से काम करती हैं जहां व्यापार करने पर निवेशकों, कंपनियों या विदेशी निवेशकों पर बहुत कम या जीरो इनकम टैक्स लगता है.

इन कंपनियों में कुछ विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) और कुछ इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) भी हैं. ED के मुताबिक, इन कंपनियों ने हजारों करोड़ रुपये कमाकर विदेशों में बैठे ‘बड़े खिलाड़ियों’ को फायदा पहुंचाया है.

और पढ़ें: “पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री फिर FPO से बिल्कुल पहले अडानी के विरुद्ध रिपोर्ट”, भारत-विरोधी टूलकिट की क्रोनोलॉजी को समझिए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस साल जब 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी, उससे पहले ही इन 12 कंपनियों में से कुछ ने पोजीशनिंग कर ली थी। शॉर्ट सेलिंग में पोजीशन लेने का मतलब शेयर बेचना होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक कंपनी जुलाई 2020 में आधिकारिक रूप से शुरू हुई थी। सितंबर 2021 तक कंपनी कोई बिज़नेस नहीं कर रही थी और सितंबर 2021 से मार्च 2022 तक सिर्फ छह महीने में इस कंपनी का कारोबार 31 हजार करोड़ रुपये का हो गया, जिससे कंपनी ने 1,100 करोड़ रुपये की कमाई की थी।

ED ने इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़ी कुछ जानकारी जुटाई थी और अडानी ग्रुप पर वित्तीय गड़बड़ियों के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी को ये जानकारियां और अपनी जांच के नतीजे सौंपे थे. कमेटी ने 6 मई 2023 को 173 पेज की अपनी फाइनल रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. इसमें कमेटी ने कहा था कि ED को कुछ पक्षों द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए शेयर्स की बिक्री की जानकारी मिली है. और इससे भारतीय बाजारों को ठोस रूप से अस्थिर करने के आरोप लग सकते हैं. ऐसे में SEBI को क़ानून के तहत जांच करनी चाहिए.

इसके बाद बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट के सामने SEBI ने कहा था कि इस मामले में जांच की 22 रिपोर्ट्स फाइनल हैं जबकि 2 रिपोर्ट्स अंतरिम हैं. इनमें से एक रिपोर्ट SEBI के शेयर्स से जुड़े नियमों के उल्लंघन से जुड़ी है जबकि दूसरी अडानी ग्रुप की कंपनियों में शेयर्स की ट्रेडिंग के पैटर्न और शेयर्स की शॉर्ट पोजीशनिंग की जांच से जुड़ी है. 18 से 31 जनवरी के बीच चली जांच में SEBI ने ये पता करने की कोशिश की है कि क्या हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के आस-पास के वक़्त कुछ गड़बड़ियां हो रही थीं. SEBI का कहना है कई वो बाहरी एजेंसीज और संस्थाओं से कुछ जानकारी आने के इंतजार में है.

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि ED की जांच से इतना स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाने हेतु एक सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है, जिसमें एक से अधिक खिलाड़ी सम्मिलित है. अडानी समूह पर OCCRP, फाइनेंशियल टाइम्स की वर्तमान भी इसी उद्देश्य से निकाली गई है. परन्तु वे भूल रहे हैं कि भारत चुप नहीं बैठेगा!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version