भारत की अर्थव्यवस्था पर डेलॉयट इंडिया ने लगाई अपनी मुहर, जाने क्या कहा 

डेलॉयट इंडिया की हालिया आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक अंतर्निहित गति बन रही है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.9 से 7.2 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है। डेलॉयट इंडिया की तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक अलग ही मोमेंटम बन रहा है। इससे भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.9 से 7.2 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 6.4 से 6.7 प्रतिशत के बीच रहने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आर्थिक बुनियाद में सुधार के कारण है। डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा है कि आर्थिक बुनियाद में सुधार ने हमारी धारणा को मजबूत किया है और हमें उम्मीद है कि हमारे आधारभूत परिदृश्य में भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2023-24 में 6.9 से 7.2 प्रतिशत के बीच रहेगी। 

उन्होंने कहा, “वैश्विक आर्थिक परिदृश्य मध्यम बना हुआ है। ऐसे में यह भारतीय अर्थव्यवस्था को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। इससे देश बाकी दुनिया की तुलना में अनिश्चितताओं से बेहतर तरीके से निपट सकेगा।”

आयात करने के लिए प्रर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

डेलॉयट इंडिया की आर्थिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एक अंतर्निहित गति बन रही है। इसे आर्थिक बुनियाद में सुधार के रूप में देखा जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का चालू खाता घाटा (CAD) 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 प्रतिशत रहा और 2023-24 में इसके और कम होने की उम्मीद है। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा भंडार 568 अरब रुपये के अच्छे स्तर पर बना हुआ है, जो 10 महीने से अधिक के आयात जरूरतों को पूरा कर सकता है।

आइए देखते हैं देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर विभिन्न संस्थानों और रेटिंग एजेंसियों का क्या कहना है।

ग्लोबल इकोनॉमी अभी होगी और सुस्त, लेकिन बनी रहेगी भारत की रफ्तार- विश्व बैंक 

ऐसे समय में जब दुनिया भर में आर्थिक मोर्चे पर सुस्ती छाई हुई है, भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। विश्व बैंक ने भी कहा है कि ग्लोबल इकोनॉमी अभी और सुस्त रहेगी, लेकिन भारत की रफ्तार बनी रहेगी। विश्व बैंक ने कहा कि भारत अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर उठाए गए ठोस कदमों की वजह से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025 में 6.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 में 6.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी।

शताब्दी अंत तक भारत होगा दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति 

मोदी राज में भारत इस शताब्दी के अंत तक दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक ऐंड बिजनेस रिसर्च ( CEBR- सीईबीआर) की ताजा वर्ल्ड इकनॉमिक लीग टेबल रिपोर्ट में कहा गया है कि सदी के अंत तक भारत की अर्थव्यवस्था का आकार चीन से 90 प्रतिशत बड़ा और अमेरिका के जीडीपी से 30 प्रतिशत बड़ा हो जाएगा।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2032 तक जर्मनी और जापान को पीछे छोड़कर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसके साथ ही भारत की तेज वृद्धि दर बरकरार रहेगी और यह 2024 से 2028 के बीच औसतन 6.5 प्रतिशत रहेगी।

2030 तक बनेगा दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था- एसएंडपी

रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल (S&P Global) ने कहा है कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। इसके साथ यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2026-27 में देश की जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। एसएंडपी की ताजा ‘ग्लोबल क्रेडिट आउटलुक 2024: न्यू रिस्क, न्यू प्लेबुक’ रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है और साल 2026 में इसके सात प्रतिशत पहुंचने की उम्मीद है।

एसएंडपी ग्लोबल के अनुसार, भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है और यह अगले तीन सालों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आखिर तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद का आकार 3,730 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है जो भारत 2027-28 तक 5,000 अरब डॉलर के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

चीन नहीं, भारत बनेगा एशिया-प्रशांत का विकास इंजन

इसके पहले एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन नहीं, बल्कि भारत एशिया-प्रशांत का विकास इंजन बनेगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उम्मीद जताई है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र का वृद्धि इंजन चीन से हटकर दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की तरफ स्थानांतरित हो जाएगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2026 तक बढ़कर सात प्रतिशत तक पहुंच जाएगी, जबकि चीन के लिए इसके सुस्त पड़कर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत

मोदी सरकार की नीतियों के कारण भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इस बात पर ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने भी मुहर लगा दी है। मॉर्गन स्टेनली की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत साल 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी डॉलर के आधार पर भारत की सांकेतिक जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2025 तक बढ़कर 12.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी और यह चीन, अमेरिका और यूरो क्षेत्र से बेहतर प्रदर्शन करेगी। यह वित्त वर्ष 2024 में सात प्रतिशत रहेगी। उच्च विकास दर के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से बढ़ेगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि उम्मीद है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

2031 तक डबल होकर 6.7 ट्रिलियन डॉलर की होगी हमारी इकोनॉमी

एसएंडपी ने कहा है कि भारतीय इकोनॉमी साल 2031 तक बढ़कर डबल हो जाएगी। इसका आकार 3.4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा। रेटिंग एजेंसी ने अगस्त वॉल्यूम रिपोर्ट ‘लुक फॉरवर्ड इंडिया मोमेंट’ में भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर यह जानकारी साझा की है।

एजेंसी ने कहा है कि विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात और उपभोक्ता मांग के कारण यह तेजी बनी रहेगी। एसएंडपी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अर्थव्यवस्था लगभग दोगुनी होने से प्रति व्‍यक्ति आय भी बढ़ जाएगी। 2031 तक भारत पर कैपिटा जीडीपी 2500 से बढ़कर 4500 डॉलर तक हो जाएगी।

ग्लोबल ग्रोथ में भारत की होगी 18 प्रतिशत हिस्सेदारी- आईएमएफ

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का मानना है कि भारत विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है और ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में भारत का योगदान अगले पांच साल में मौजूदा 16 प्रतिशत बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। आईएमएफ के एशिया-प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन के अनुसार 2028 तक दुनिया की विकास दर में भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत होगी।

आईएमएफ का मानना है कि बड़े पैमाने पर पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर और रेजिलिएंट डोमेस्टिक डिमांड के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। आईएमएफ डेटा के अनुसार वर्ष 2023 और 2024 में भारत और चीन ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में संयुक्त रूप से करीब आधा का योगदान करेंगे।

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