भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम की बैंकिंग सर्विस के खिलाफ बुधवार 31 जनवरी को बड़ा एक्शन लिया। RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर क्रेडिट ट्रांजैक्शन और किसी भी तरह के डिपॉजिट लेनदेन की रोक लगा दी है। RBI ने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने की वजह से पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर एक्शन लिया गया है। यह कार्रवाई बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत की गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड(PPBL) को कस्टमर अकाउंट या वॉलेट और फास्टैग जैसे प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट में डिपॉजिट एक्सेप्ट करने या क्रेडिट ट्रांजेक्शन या टॉप-अप की परमिशन देने से रोक दिया गया है।
RBI ने यह भी कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक मौजूदा कस्टमर सेविंग्स अकाउंट, करेंट अकाउंट, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड में रखे अपने पैसे का इस्तेमाल बिना किसी प्रतिबंध के कर सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ऑडिट में सुपरवाइजरी खामियां मिली हैं। 15 मार्च तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नोडल अकाउंट सेटल करने को कहा गया है। नए ग्राहकों के डिपॉजिट लेने पर तत्काल रुप से रोक लगा दी है।
11 मार्च 2022 में नए अकाउंट खोलने पर लगी रोक
इससे पहले RBI ने 11 मार्च 2022 को पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए अकाउंट खोलने से रोक दिया था। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘आरबीआई ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य कानूनों के साथ-साथ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को नए ग्राहकों के बैंक खाते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है।”
अगस्त 2018 में KYC को लेकर हुई कार्रवाई
अगस्त 2018 में भी RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी। उस समय नियामक ने ‘नो योर कस्टमर’ (KYC) नॉर्म्स के उल्लंघन का हवाला दिया था।
2017 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक में शुरू हुआ काम
वहीं, 2015 में RBI ने पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा समेत 10 दूसरे लोगों को पेमेंट बैंक बनाने के लिए अनुमति दी थी। पेटीएम पेमेंट्स बैंक का गठन अगस्त 2016 में हुआ था। इसने मई 2017 में औपचारिक रूप से अपना काम शुरू किया था। पेटीएम ने अपनी पहली बैंकिंग ब्रांच नोएडा में खोली और सेविंग अकाउंट की शुरुआत की। इसमें IMPS, NEFT, RTGS, UPI, FASTAG और नेटबैंकिंग की सुविधा दी गई।
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2018 में लॉन्च हुआ फिजिकल डेबिट कार्ड
इसके बाद 2018 में फिजिकल डेबिट कार्ड लॉन्च किया गया। DMT, नोडल अकाउंट और NACH की शुरुआत भी की गई। 2019 में करेंट अकाउंट की भी सुविधा देना शुरू किया गया। 2020 से पेटीएम पेमेंट्स बैंक में वीडियो KYC की सुविधा मिलने लगी। बैंक ने ऑन डिमांड FD की भी शुरुआत की। 2021 में बैंक ने मास्टरकार्ड DC, NCMC, प्रीपेड कार्ड लॉन्च किए।
पेटीएम के पास 6 करोड़ बैंक अकाउंट
पेटीएम की वेबसाइट के मुताबिक, उसके पास 30 करोड़ से ज्यादा वॉलेट और 6 करोड़ बैंक अकाउंट हैं। पेटीएम पेमेंट्स बैंक अपने कस्टमर को जीरो बैलेंस सेविंग अकाउंट, स्पेंड एनालिटिक्स, डिजिटल पासबुक, वर्चुअल डेबिट कार्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, मनी ट्रांसफर की सुविधा देता है।
आइए अब जानते आरबीआई की इस कार्रवाई से पेटीएम के यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा।
क्या पेटीएम के जरिए यूपीआई पेमेंट संभव है?
आरबीआई के एक्शन से उन यूजर्स को परेशानी हो सकती है जिन्होंने अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट को यूपीआई से लिंक किया है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में 29 फरवरी तक पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है। इसके बाद इसे खत्म होने तक इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन अगर आपका यूपीआई एड्रेस एसबीआई या आईसीआईसीआई जैसे किसी दूसरे बैंक अकाउंट के साथ लिंक है तो आरबीआई के एक्शन से आप पर कोई असर नहीं होगा।
क्या दुकानदार पेटीएम के जरिए पेमेंट स्वीकार करेंगे?
जो दुकानदार अपने पेटीएम पेमेंट्स बैंक अकाउंट में पैसा रिसीव करते हैं, वे पेमेंट रिसीव नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि उनके अकाउंट्स में फ्रेड क्रेडिट की अनुमति नहीं है। लेकिन कई कंपनियों के पास दूसरी कंपनियों के क्यूआर स्टिकर्स हैं जिनके जरिए वे डिजिटल पेमेंट्स स्वीकार कर सकते हैं।
आपके वॉलेट बैलेंस का क्या होगा?
आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प यही है कि आप अपना वॉलेट बैलेंस अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लें। आप वहां पड़े पैसों से बिजली या टेलिफोन का बिल दे सकते हैं।
फूड और फ्यूल जैसे सब-वॉलेट का क्या होगा?
आरबीआई ने पेटीएम को किसी भी प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट में फंड स्वीकार करने से रोक दिया है। इनमें नेशनल कॉमल मोबिलिटी कार्ड्स भी शामिल है जिसका इस्तेमाल मेट्रो, फूड और फ्यूल वॉलेट में होता है। मौजूदा बैलेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन 29 फरवरी के बाद इसमें फ्रेश फंड्स नहीं जोड़ा जा सकता है।
अगर आपके पास पेटीएम का फास्टैग है?
पेटीएम फास्टैग यूजर्स को अन्य किसी इश्यूर से नया टैग खरीदना होगा और अभी जिसका इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे डिएक्टिवेट करना होगा।
पेटीएम के जरिए लिए लोन का क्या होगा?
पेटीएम के जरिए लोन लेने वालों को लगागार रिपेमेंट करते रहना होगा क्योंकि यह लोन थर्ड-पार्टी लेंडर का है, पेटीएम का नहीं। अगर कोई कर्जदार समय पर भुगतान नहीं करता है तो उसका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
स्टॉक, म्यूचुअल फंड सर्विसेज का क्या होगा?
इन सर्विसेज को सेबी रेगुलेट करता है और ये आरबीआई के ऑर्डर के दायरे में नहीं आती हैं। अभी यह साफ नहीं है कि सेबी इनकी समीक्षा करेगी या नहीं।
पेटीएम पेमेंट गेटवे का क्या होगा?
कुछ बड़े सरकारी प्लेटफॉर्म्स के पास मल्टीपल पेमेंट गेटवेज हैं। छोटी एंटिटीज को बदलाव करना पड़ सकता है।
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