TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

म्‍यांमार में हिंदुओं और बौद्धों का जीवन संकट में, फिर भी चुप है दुनिया।

म्यांमार में इस्लामिक आतंकवादी समूहों ने 1600 से अधिक हिंदुओं और 120 बौद्धों को बंधक बनाकर रखा है। दुखद यह है कि अब तक इस पर किसी भी अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। 

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
22 April 2024
in चर्चित, विश्व
म्यांमार, रोहिंग्‍या मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध, आतंकवादी, इस्लामिक आतंकवादी, रोहिंग्या आतंकी
Share on FacebookShare on X

म्यांमार में रोहिंग्या आतंकी समूहों ने 1600 से अधिक हिंदुओं और 120 बौद्धों को बंधक बनाकर रखा है। दुखद यह है कि इन पर हो रहे मानवीय अत्‍याचार के खिलाफ अब तक कोई भी अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यूएन एवं अन्‍य अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थाएं तो छोड़‍िए, जिनका काम ही मानवाधिकारों की रक्षा करना है, उसके हित में काम करना है और जो छोटी-छोटी बातों को भी कई बार तूल देकर वैश्‍विक रूप देने एवं किसी के भी खिलाफ माहौल बनाने में महारत रखती हैं, वह संस्‍थाएं भी इस विषय पर चुप्‍पी साधकर बैठी हैं, जैसे कि हिन्‍दू और बौद्धों के साथ होने वाला यह अत्‍याचार कोई खबर ही न हो!

म्‍यांमार में रोहिंग्‍याओं द्वारा हिंदुओं पर अत्‍याचार का इतिहास पुराना

देखा जाए तो पहले भी जब 2017 में रोहिंग्या आतंकी समूहों ने रखाइन राज्य में महिलाओं और बच्चों सहित 99 हिंदुओं का नरसंहार किया था, तब भी यह खबर तुरंत सामने नहीं आ सकी थी, किंतु रोहिंग्‍यओं ने इस घटना को अंजाम देते वक्‍त जिन हिन्‍दू महि‍लाओं और बच्‍चों को जबरन कलमा पढ़वाकर इस्‍लाम में कन्‍वर्ट किया और इन्‍हीं में से कुछ किसी तरह से भागने में कामयाब रहीं, तब इन महिलाओं की दुखद कहानियों से दुनिया को पता चला था कि ये रोहिंग्‍या इस्‍लाम को हर हाल में अधिक से अधिक फैलाने के लिए काम करने वाले और दूसरे धर्मों के प्रति कितने क्रूर हैं। 

संबंधितपोस्ट

यूपी की दलित लड़की को आतंकी बनाना चाहते थे कट्टरपंथी, केरल ले जाकर दी जिहाद की ट्रेनिंग; फिर ऐसे बची जान

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मुस्लिमों के लिए बढ़ाकर 15% किया आवास योजनाओं में आरक्षण, BJP ने किया पलटवार

‘ठीक होना है तो ईसाई बन जाओ…’: बीमार हिंदू महिला के जबरन धर्मांतरण की कोशिश, घर से मूर्तियां हटाकर लटकाया क्रॉस

और लोड करें

पूरा घटनाक्रम कुछ इस प्रकार का रहा कि 1962 से 2011 तक बर्मा (म्यांमार) में सैन्‍य शासन के दौरान यहां रोहिंग्‍या मुसलमान चुप बैठते हैं, लेकिन जैसे ही इस देश में लोकतंत्र की बहाली होती है, ये सड़कों पर प्रदर्शन करने, स्थानीय बहुसंख्‍यक बौद्ध समाज और अन्‍य हिन्‍दू समाज को प्रताड़‍ित करने लग जाते हैं। 

यहां तक कि महिलाओं के साथ बलात्‍कार करने, पुलिस और सेना तक को अपना निशाना बनाते हैं। तत्‍कालीन समय में म्‍यांमार का हाल इतना बुरा हो जाता है कि शांति के उपासक बहुसंख्‍यक बौद्ध जो कि पहले इनसे घबराए हुए थे, वह अपने अस्‍तित्‍व को बचाने के लिए शांति का मार्ग छोड़ देते हैं।

रोहिंग्‍याओं के कारण शांति प्रिय बौद्ध हुए आक्रोशित 

वर्ष 2012 में एक बुद्ध धर्म की युवती का बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी जाती है, इस घटना ने म्‍यांमार के सभी बौद्धों को इतना अधिक आक्रोशित किया कि उन्‍होंने भी सामने से खुलकर रोहिंग्‍याओं से लड़ना शुरू कर दिया। 

अब लड़ाई एकतरफा नहीं थी, अभी तक बौद्धों को ही एकतरफा नुकसान उठाना पड़ता था, लेकिन रोहिंग्‍या भी अब नुकसान उठा रहे थे। जिसके कारण से रोहिंग्‍या मुसलमान यहां की सत्‍ता को बड़ा सबक सिखाने की योजना बनाने लगे और फिर रोहिंग्‍याओं की ‘‘अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’’ (एआरएसए, इस्‍लामिक आतंकवादी संगठन), ने अक्टूबर 2016 में बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर म्‍यांमार की सैन्य चौकियों पर हमला कर दिया, जिसमें नौ सीमा अधिकारी और चार सैनिक मारे गए। 

इतने पर भी जब इनका मन नहीं भरा तो इस आतंकी संगठन एआरएसए ने 25 अगस्त 2017 को 30 पुलिस चौकियों और एक सेना के बेस पर आक्रमण कर दिया, जिसमें 12 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। 

म्‍यांमार के पुलिस कर्मियों और सेना के जवानों की एक के बाद हमलों में मौत होने पर जब म्‍यांमार की जनता सरकार के विरोध में सड़कों पर उतरी, तब असल में सही तरीके से म्यांमार की सेना रोहिंग्या बहुल क्षेत्र पर कार्रवाई करने आगे आई है, यहां कार्रवाई के दौरान सेना को हिंदुओं और बौद्धों की सामूहिक कब्र मिली और इसके बाद पूरी दुनिया को पहली बार पता चला कि ये रोहिंग्‍या कितने क्रूर और हिंसक हैं।

रखाईन प्रांत में रह रहे हिंदुओं पर सबसे भयंकर अत्‍याचार हुए 

तब से अब तक अनेक मीडिया रिपोर्ट सामने आ चुकी हैं। तत्‍कालीन समय में तमाम मीडिया संस्‍थानों समेत ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ ने रोहिंग्‍याओं द्वारा प्रताड़‍ित किए गए लोगों से बात की थी। साक्ष्‍यों के आधार पर इस अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍था (एमनेस्टी इंटरनेशनल) ने पाया कि इन रोहिग्‍याओं ने यहां अल्‍प जनसंख्‍या में रहने वाले हिन्‍दुओं पर भी भयंकर अत्‍याचार किए हैं। 

रोहिंग्या आतंकियों ने रखाईन प्रांत में रह रहे हिंदुओं पर आरोप लगाया कि वे म्यांमार की बौद्ध सरकार का समर्थन करते हैं और उनके अलगाववादी विचारधारा के खिलाफ सरकार की सहायता कर रहे हैं। 

इसलिए हम उनकी प्रताड़ना और नरसंहार जब तक जारी रखेंगे तब तक वह या तो इस्‍लाम कबूल नहीं कर लेते या फिर रखाईल प्रान्‍त छोड़कर भाग नहीं जाते हैं। ‘एमनेस्टी’ ने अपनी पड़ताल में पाया कि रोहिंग्या मुस्लिम आतंकियों ने वर्ष 2017 में म्यांमार में 99 हिंदुओं का नरसंहार किया था। हिंदू बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को मारकर जमीन में गाड़ दिया था।

उन हिंदुओं को ही जिंदा छोड़ा जिन्‍होंने कलमा पड़ा और स्‍वीकारा इस्‍लाम 

‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ की यह रिपोर्ट कहती है, नकाबपोश रोहिंग्या मुस्लिम आतंकियों ने सुबह-सुबह गांव में घुसकर हिंदु महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को घेरा, उनके घरों को लूटा। इसके बाद पुरुषों को अलग करके सबसे पहले उनका नरसंहार किया। इन इस्‍लामिक आतंकियों ने बच्‍चों तक पर कोई रहम नहीं किया, उन्‍हें भी बड़ी क्रूरता के साथ मार दिया गया। 

मारे गए इन हिंदुओं की लाशें बाद में एक सामूहिक कब्र में पाई गईं। इस दौरान रोहिंग्या मुस्लिमों ने कुछ महिलाओं को तभी छोड़ा, जब उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करा दिया गया। बाकी सभी को मारकर दफना दिया गया था। 

वहीं, जिन आठ महिलाओं ने मुस्लिम बनने की शर्त कबूल कर अपनी जान बचाई, उनकी गवाही भी आज एक साक्ष्‍य के रूप में मौजूद है। जांच में यह भी सामने आया है कि रोहिंग्या आतंकियों ने इसके अतिरिक्त भी अन्य कई मौकों पर हिंदुओं को निशाना बनाया था।

म्‍यांमार सरकार ने नहीं भगाया किसी रोहिंग्‍या को

म्‍यांमार की सरकार ने रोहिंग्‍याओं के द्वारा एक के बाद एक अनेक हत्‍याकांडों को अंजाम देने और बढ़ते अत्‍याचार को देखते हुए अपने देश में सख्‍त कानून बनाए और उन्‍हें सख्‍ती से लागू करना शुरू कर दिया, जिसमें प्रमुख तौर पर विवाह, परिवार नियोजन, आंदोलन की स्वतंत्रता, रोजगार, शिक्षा, धार्मिक पसंद ना पसंद पर बने कानूनों को देखा जा सकता है। 

अब इन कानूनों के पालन में ये रोहिंग्‍या फिट नहीं बैठ रहे थे तो इन्‍होंने यहां से पलायन करना आरंभ किया और इस पर पूरा आरोप म्‍यांमार की सरकार पर थोप दिया कि वह इन्‍हें यहां रहने नहीं दे रही है। फिर दुनिया भर में इनकी दयनीय तस्‍वीरें छपने लगीं।

ये रोहिंग्‍या, शरणार्थी का दर्जा लेकर और कई देशों में अवैध तरीके से घुस गए। यूएन ने इसके समर्थन में स्‍टोरी लिखवाना शुरू कर दिया, पहले यूएन ने अपनी अधिकारिक साइट पर इनकी दयनीयता के बारे में लिखा, फिर अन्‍य जगह भी लिखा जाने लगा और फिर देखते ही देखते कई अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार से जुड़ी संस्‍थाएं स्‍यापा करने लगीं कि हाय, इन रोहिंग्‍याओं के साथ म्‍यांमार की बौद्ध सरकार कितना बुरा बर्ताव कर रही है। लेकिन, हकीकत यही है कि अपनी आदत के मुताबिक ये जहां भी गए, वहीं इन्‍होंने अराजकता और हिंसा फैलाना जारी रखा है।

रोहिंग्‍याओं से जुड़ी घटनाओं की क्रूरता की कहानी 

वास्‍तव में यहां जिन भी लोगों को रोहिंग्‍याओं के प्रति हमदर्दी है, वह इन सभी घटनाओं पर जरूर गौर करें; म्यांमार में दमन के बाद करीब एक दशक में रोहिंग्या मुस्लिम भारत, नेपाल, बांग्लादेश, थाईलैंड, इंडोनेशिया, पाकिस्तान समेत 18 देशों में पहुंचे। एशिया में जिन देशों में इनकी घुसपैठ हुई, उनमें से छह देशों की सरकारों के लिए ये परेशानी का सबब बने हुए हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण आज भारत है। 

यहां भारत में यह हिंसा, अपराध और आतंकवादी गतिविधियां कर रहे हैं। वर्तमान में भारत का कोई राज्‍य नहीं बचा, जहां इनकी घुसपैठ न हो। दिल्ली से सटे हरियाणा के मेवात (नूंह), उत्तराखण्‍ड के हल्‍द्वानी, बनभूलपुरा इलाके में हुए दंगों को अभी बहुत समय नहीं बीता है, इस हिंसा में रोहिंग्‍या मुसलमानों के हाथ होने की बात सामने आ चुकी है। 

नूंह की हिंसा में शामिल दो रोहिंग्या युवकों सैफुल्ला और महबूब समेत कई अन्‍य अब तक एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं। प्रतिबंधित कट्टरपंथी पीएफआई संगठन से इनके संबंधों की तस्दीक हो चुकी है। बंगलुरू में भी इनकी अवैध बसाहट संकट पैदा कर रही है।

अभी हाल ही में एंटी टेररिस्‍ट स्‍क्‍वॉड (एटीस) ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन से बंग्लादेशी नागरिक मो. राशिद अहमद को अरेस्ट किया है। राशिद फर्जी दस्तावेज तैयार कर बंग्लादेशी और रोहिंग्‍याओं की भारत में घुसपैठ कराता था। एटीएस ने उसके पास सें कूटरचित दस्तावेज से तैयार किया हुआ आधार कार्ड, दारूल उलूम देवबंद मदरसे का आईडी कार्ड और मोबाइल बरामद किया। 

राशिद बंग्लादेश के लक्ष्मीपुर चटगांव में मदारी गांव का रहने वाला है। उसने बताया कि आठ साल पहले बंग्लादेश से टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आया था। वह अवैध रूप से बंग्लादेशियों को भारत में बसाने वाले गिरोह का सदस्य है। 

इस गिरोह के सक्रिय सदस्य शेख नजीबुल हक और अबु हुरैरा गाजी भी है। जिन्‍होंने उसके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद 2016 में देवबंद में बसाने में मदद की और फिर अपने गिरोह में शामिल कर लिया। 

राशिद को भारत में अवैध रूप से रह रहे बंग्लादेशियों और रोहिंग्‍याओं के कूटरचित दस्तावेज बनवाने का काम सौंपा गया था। पूछताछ में राशिद ने कई नाम भी बताए हैं जिनकी उसने घुसपैठ कराई और फिर उनके कूटरचित भारतीय दस्तावेज तैयार कराए हैं। 

इससे पहले यूपी एटीएस ने झकरकटी बस अड्डे से 8 रोहिंग्या मुस्लिमों को अरेस्ट किया था। इनमें सुबीर, मो. जकारिया, म्यामार निवासी मो. शोएब, नूर मुस्तफा, फारसा, सबकूर नाहर, नूर हबीब और रजिया को अरेस्ट किया था। यह सभी रोहिंग्या नागरिक बंग्लादेशी सीमा पार कर अवैध रूप से भारत की सीमा में दाखिल हुए थे। 

सोचने वाली बात है, आज देश में न जाने कितने राशिद घूम रहे हैं, जो रातदिन रोहिंग्‍याओं को अवैध तरीके से भारत में बसा रहे हैं। रोहिंग्या मुस्लिमों के आतंकवादी संगठन अका-उल-मुजाहिदीन के पाकिस्तान में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और लश्‍करे-तोयबा के साथ संबंध उजागर हो चुके हैं। 

ऐसी खबरें भी हैं कि जम्मू में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्याओं ने सनजूवान में सेना शिविर के स्थान के बारे में जैशे-मुहम्मद के आतंकवादियों की मदद की थी। सूचना के आधार पर ही जेएम ने एक सेना शिविर पर हमला किया, जिसमें छह भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। अब तक देश के अलग-अलग राज्‍यों में कई प्रकरण सामने आ चुके हैं जिनमें पाया गया कि कैसे ये रोहिंग्‍या मुसलमान अपराधों में लिप्‍त हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बनभूलपुरा इलाके में तकरीबन 5,000 रोहिंग्‍या मुसलमान और अन्‍य बाहरी लोग रहते हैं। बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल हुए रोहिंग्याओं ने नेपाल के बाद भारत के मैदानी और पहाड़ दोनों ही स्‍थानों पर अपनी अवैध बस्‍तियां बनाना जारी रखा है। 

देश की राजधानी दिल्‍ली, इससे सटे हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखण्‍ड, त्रिपुरा, राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, केरल, गुजरात, आंध्रप्रदेश, छत्‍तीसगढ़, जम्‍मू-कश्‍मीर, कर्नाटक समेत अन्‍य राज्‍यों में भी हिंसा, बालात्‍कार, लूट, ड्रग सप्‍लाई जैसे कई अपराधिक गतिविधियों में अनेकों बार इनकी संलिप्‍तता सामने आती रही है।

रोहिंग्या जहां गए वहीं सरकार के लिए सिरदर्द बने 

रोहिंग्याओं ने कमोबेश यही स्थिति बांग्लादेश में बनाई हुई है। यहां 10.10 लाख रोहिंग्या संकट का सबब बने हुए हैं। रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविर बांग्लादेश के चटगांव क्षेत्र में हैं जो इस्लामी चरमपंथ और अलगाववादी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। अतीत में, उत्तर-पूर्व के आतंकवादियों ने भारत में आतंकवादी हमलों से पहले और बाद में इस क्षेत्र में आश्रय लिया था। 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना कह रही हैं कि हमारे यहां अधिकांश रोहिंग्या ड्रग एवं महिला तस्करी शैसे अपराधों में लिप्त हैं। जोकि कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन गए हैं। ये स्थानीय संसाधनों पर लगातार काबिज होते जा रहे हैं।

मुस्लिम देश होने के बाद भी इंडोनेशिया इनके आपराधिक चरित्र से इतना परेशान हो चुका है कि इन्‍हें अपने देश से बाहर निकाल रहा है। जो रोहिंग्‍या नेपाल चले गए, वे वहां भी जिहादी गुट में शामिल होकर इस बहुसंख्‍यक हिन्‍दू देश में अति इस्‍लामिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। 

थाईलैंड में 92 हजार रोहिंग्याओं ने शरण ली थी, लेकिन इनकी आतंकी गतिविधियों से तंग आकर अब तक लगभग 14 हजार को वापस भेजा जा चुका है। पाकिस्तान में भी करीब ढाई लाख रोहिंग्या पहुंचे थे, जिनके बारे में अंतरराष्‍ट्रीय रिपोर्ट हैं कि ज्यादातर को आतंकवाद का प्रशिक्षण देकर बांग्लादेश की सीमा से भारत में टुकड़ियों में प्रवेश कराने के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।

यहां हम इन सभी देशों में रोहिंग्‍याओं के चरित्र पर ओर अधिक विस्‍तार से भी जानकारी दे सकते हैं किंतु इस पर हम विस्‍तार से चर्चा आगे करें, इससे पहले यह भी जान लें कि म्‍यांमार में जो रोहिंग्‍या आज रह रहे हैं, वह गैर मुसलमानों के लिए अब भी खतरा बने हुए हैं। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) न्‍यूज एजेंसी की इस रिपोर्ट ने तो जैसे आंखे खोलकर रख दी हैं।

अमेरिकन रिपोर्ट बता रही रोहिंग्‍याओं की सच्‍चाई 

वस्‍तुत: इसकी साल ही आई रिपोर्ट ने संकेत दिए हैं कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या आतंकवादी समूहों द्वारा 2017 में किए गए हिंदुओं के नरसंहार की पुनरावृत्ति इस क्षेत्र में भी हो सकती है। यहां अराकान राज्य के बुथिडुआंग में हिंदुओं और बौद्धों के एक समूह को बंधक बनाकर रखा गया है। 

‘बुथिदौंग में अशांति और अस्थिरता बढ़ने के साथ, अस्थिरता ने एक नया मोड़ ले लिया है और इस्लामी आतंकवादी समूह अपनी सेना ‘अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ (एआरएसए) और ‘अराकन रोहिंग्या आर्मी’ (एआरए) के इशारे पर धर्म के आधार पर जातीय समूहों को मारने और आतंकित करने के लिए काम कर रहे हैं।

वहां 1600 से अधिक हिंदू और 120 से अधिक बौद्ध हैं। फिलहाल वहां उनके द्वारा इन सभी को बंधक बना लिया गया है। इन बंधकों के जीवित रहने या रिहाई को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। 

यह रिपोर्ट बता रही है कि म्‍यांमार में पिछले साल नवंबर 2023 से इस क्षेत्र में देश की सेना ‘अराकन रोहिंग्या आर्मी’ (एआरए) और ‘अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी’ (एआरएसए) के साथ लड़ रही है। दरअसल, म्‍यांमार की सेना के लिए यहां बहुत मुश्‍किलें इसलिए पैदा हो रही हैं, क्‍योंकि आम जन और आतंकवादी में कई बार भेद करना मुश्‍किल हो रहा है। 

यह ठीक भारत में नक्‍सलवाद की तरह है, जिसमें सेना को कई बार यह समझ नहीं आ पाता कि फलां नक्‍सली है या आम ग्रामीण। यहां म्‍यांमार में भी यही हो रहा है। दूसरी ओर इस क्षेत्र में इन रोहिंग्या आतंकियों से आतंक से तंग आकर जब कोई भागने की कोशिश करता है तो उसे ये रोहिंग्‍या बुरी तरह से प्रताड़‍ित कर मार देते हैं। 

ऐसे ही दो युवक बीती 11 अप्रैल को गला रेतकर मार दिए गए। सामने आया है कि रोहिंग्या आतंकी समूह बंधक बनाए गए इस क्षेत्र के सभी 1600 हिंदुओं और 120 बौद्ध लोगों के घरों को लूट रहे हैं और उन्हें जला भी रहे हैं।

इस रिपोर्ट को एक सप्‍ताह से अधिक हो चला है, लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया, संयुक्‍त राष्‍ट्र समेत कहीं से भी कोई हलचल इन हिंसक रोहिंग्‍याओं को लेकर नजर नहीं आ रही है। अभी इनके आतंक से यहां कुल 1702 मानवों का जीवन संकट में है, जोकि इस वक्‍त इस्‍लामिक आतंकवाद के शिकार हैं। 

कोई भी मानवाधिकार संस्‍था इन हिंदुओं और बौद्धों की मदद करने आगे आती हुई नहीं दिख रही है। जोकि मानवता के लिए बहुत दुखद स्‍थ‍िति है। निश्‍चित ही यह संकट बहुत गहरा है। ऐसे में मानवीय मूल्‍य और मानवता यही कहती है कि इन सभी बंधक बनाए गए हिंदु-बौद्धों को क्रूर इस्‍लामिक आतंकी रोहिंग्‍याओं के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है।

ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि आज मानवता के हित सभी देश आगे आएं और इन बंधक बनाए हिंदु और बौद्ध लोगों को म्‍यांमार सरकार की मदद करते हुए इन्‍हें रोहिंग्‍या आतंकियों के दलदल से बाहर निकालें।

और पढ़ें:- मोपला कांड को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने बताया था हिंदू जेनोसाइड।

Tags: BuddhistHinduislamic terroristMyanmarRohingya Muslimterroristआतंकवादीइस्लामिक आतंकवादीबौद्धम्यांमाररोहिंग्या आतंकीरोहिंग्या मुस्लिमहिंदू
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या चीन की वजह से एलन मस्क ने टाला अपना भारत दौरा?

अगली पोस्ट

क्या इकोनॉमिक सुपरपावर बनने की राह पर है भारत? 

संबंधित पोस्ट

अखिलेश यादव के गृह प्रवेश में जाने से काशी के पंडितों ने किया इनकार, जानें क्या है मामला?
चर्चित

अखिलेश यादव के गृह प्रवेश में जाने से काशी के पंडितों ने किया इनकार, जानें क्या है मामला?

3 July 2025

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में अपनी सियासी जमीन और मजबूत करने...

प्रियांक खरगे के संघ को बैन करने के बयान पर RSS ने दी प्रतिक्रिया
चर्चित

प्रियांक खरगे के संघ को बैन करने के बयान पर RSS ने दी प्रतिक्रिया

3 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे के RSS पर बैन लगाने के बयान...

पाकिस्तान बना UNSC का अध्यक्ष: भारत की कूटनीतिक हार या कांग्रेस का प्रोपेगेंडा?
चर्चित

पाकिस्तान बना UNSC का अध्यक्ष: भारत की कूटनीतिक हार या कांग्रेस का प्रोपेगेंडा?

3 July 2025

पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी अध्यक्ष बनने की खबर ने भारत में सियासी हलचल मचा दी है। कांग्रेस ने इस घटना...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

00:04:34

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited