TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

वक्फ कानून संशोधन बिल को JPC में भेजना मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक या मजबूरी ?

मोदी सरकार के बिल को JPC में भेजने के पीछे की Inside Story, क्या है बांग्लादेश कनेक्शन ?

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
9 August 2024
in चर्चित
वक्फ कानून संशोधन बिल को JPC में भेजना मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक या मजबूरी ?
Share on FacebookShare on X

वक्फ कानून संशोधन बिल को केंद्र सरकार ने कल यानी 8 अगस्त को लोकसभा में पेश तो कर दिया, लेकिन इतना हंगामा हुआ कि सरकार ने खुद ही इसे संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी को भेज दिया।

दरअसल संसदीय कार्यमंत्री किरेण रिजिजू ने पहले ये बिल सदन में पेश किया, फिर इस पर चर्चा हुई। इस दौरान एनडीए के साथी दल जैसे जेडीयू और टीडीपी भी इस बिल के पक्ष में खड़े रहे, तो वहीं कांग्रेस, सपा,  AIMIM, TMC और लेफ्ट पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया था।

संबंधितपोस्ट

पंजाब की बाढ़: जब भाजपा ने जनता का हाथ थामा

पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

उपराष्ट्रपति चुनाव: राहुल गांधी ‘रणनीति’ बनाने की जगह मलेशिया में ‘रिलैक्स’ कर रहे हैं, हारने के बाद वहीं से ‘लोकतंत्र खतरे में है’ का बिगुल बजा देंगे

और लोड करें

लेकिन हैरानी तब हुई जब, बहुमत होने के बाद भी सरकार ने इस बिल पर वोटिंग नहीं करवाई, उल्टा खुद किरेण रिजिजू ने बिल को जेपीसी के पास भेजने की सिफारिश कर दी, ताकि इस बिल की और अच्छी तरह स्क्रूटनी की जा सके।

इसके बाद से ही जेपीसी का नाम चर्चा में है, जैसे ये क्या होती है, क्या काम करती है, इसके पास कितनी ताकत होती है और अब जब ये बिल जेपीसी के पास भेजा जा चुका है, तब इस बिल का क्या होगा ? क्या ये कभी वोटिंग के लिए दोबारा सदन में आएगा या वहीं अटका रहेगा?

संसद में कितनी समितियां होती हैं?

दरअसल आजादी के बाद से आज  तक इतने सा्लों में सिर्फ 8 बार ही ऐसी नौबत आई है, जब जेपीसी का गठन किया गया हो, और ये तो एकदम रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मामला है, जब सरकार ने खुद ही आगे बढ़कर जेपीसी का गठन कर दिया हो, नहीं तो जेपीसी को लेकर संसद में हमेशा हंगामा ही हुआ है।

तो चलिए पहले तो ये समझते हैं कि जेपीसी होती क्या है, और फिर समझेंगे कि जेपीसी को ये बिल सरकार ने खुद क्यों भेज दिया? क्या ये कोई सीक्रेट डील थी, या फिर इसका बांग्लादेश के ताजा हालात से कोई संबंध है?

शुरुआत पहले सवाल के जवाब से। दरअसल किरेण रिजिजू ने बिल पेश करने के बाद कहा कि इस बिल पर और चर्चा होनी चाहिए. स्क्रूटनी होनी चाहिए। हम इससे बच कर भाग नहीं रहे, क्योंकि हमारी मंशा साफ है। इसलिए इस बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी बनाकर वहां भेजा जाए, ताकि वहां इस पर विस्तार से चर्चा हो।

संसद में मुख्यत: दो तरह की समितियां होती हैं। ये समितियां कई तरह के विधाई कार्यों में संसद की और सरकार की मदद करने और उसे सलाह देने के लिए बनाई जाती हैं।

पहली प्रकार तरह की कमेटी स्टैंडिंग कमेटी होती है, इसे हिंदी में स्थाई समिति कहा जाता है।

जबकि दूसरी समिति होती है एडहॉक कमेटी, जिसे हिंदी में तदर्थ समिति कहते हैं।

अब जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, स्थाई समिति वो समिति होती है, जिसे एक स्थाई समय के लिए निर्वाचित किया जाता है या फिर उसका एक तय कार्यकाल होता है और ये अनवरत रूप से कार्य करती रहती हैं। यानी ये कभी भी विघटित नहीं होतीं।

जबकि दूसरी कमिटी जिसे एडहॉक या तदर्थ कमिटी कहते हैं वो किसी विशेष मुद्दे को लेकर गठित की जाती हैं। और जब ये कमिटी उस पर अपनी जांच पूरी कर लेती हैं, या अपनी रिपोर्ट जमा कर देती है, तो उसका अस्तित्व अपने आप ही समाप्त हो जाता है।

क्या होती है JPC?

JPC यानी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी भी एडहॉक श्रेणि की समिति है। इसमें संसद के दोनों सदन यानी लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के मेंबर्स शामिल होते हैं। इसलिए इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी कहते हैं।

अब ये कमिटी तभी बनाई जा सकती है, जब संसद के किसी भी एक हाउस में इसे लेकर प्रस्ताव पारित हो। अब वो सदन हाउस लोकसभा भी हो सकता है और राज्यसभा भी, लेकिन इस समिति के गठन के लिए दूसरे सदन की मंजूरी लेनी भी जरूरी है।

वैसे JPC में कितने मेंबर्स होंगे, इसका कोई नियत नियम  नहीं है, फिर भी इसमें 30 से 31 मेंबर हो सकते हैं। हां एक नियम ये जरूर है कि इस कमेटी में राज्यसभा से जितने भी मेंबर होंगे, उससे दोगुने सदस्य लोकसभा से होंगे।

जैसे कि मान लीजिए कुल 30 लोगों की समिति बनी, तो  इसमें 10 सदस्य राज्यसभा से, जबकि 20 सदस्य लोक सभा से होंगे।

अब दूसरा बड़ा सवाल आता है ये कि कमेटी में किस पार्टी के कितने सदस्य होंगे ? तो इसका जवाब ये है कि ऐसी समतियों में हर पार्टी का फिक्स कोटा होता है। यानी सदन में जिस पार्टी का जितना प्रतिनिधित्व होगा, उसी अनुपात में उनका जेपीसी में भी प्रतिनिधित्व होगा।

जैसे फिलहाल बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, तो इस जेपीसी में सबसे ज्यादा सदस्य भी बीजेपी के ही होंगे और अध्यक्ष भी बीजेपी या NDA  से ही हों।

अब ये पार्टी का अधिकार होता है कि वो किस सांसद को JPC का सदस्य  बनाएगी। वो अपने सांसदों का नाम इस कमिटी के लिए स्पीकर को भेज सकती है, और फिर स्पीकर उन्हें मंजूर कर देते हैं।

एक बार जब JPC गठित हो जाती है, तो इसे काफी ताकत मिल जाती है। वो इनका इस्तेमाल कर जरूरी जानकारियां जुटा सकती है। सरकारी विभागों, संस्थाओं से जानकारी मांग सकती है, उन्हें तलब कर सकती है। विषय से संबंधित विशेषज्ञों की सलाह ले सकती है। जेपीसी के सामने पेश नहीं होने को अवमानना माना जाता है।

वक्फ कानून के मामले में भी ये समिति सभी पार्टियों के सदस्यों और विशेषज्ञों से बात करेगी और उनके सुझावों और आपत्तियों को रिपोर्ट में शामिल कर सकती है।

हालांकि दिलचस्प बात ये है कि जेपीसी के सुझाव सरकार के लिए सिर्फ सुझआव ही होते हैं। सरकार इन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं होती। हालांकि इसमें ज्यादातर सांसद और अध्यक्ष सत्ताधारी पार्टी के ही होते हैं, इसलिए अक्सर इन्हें मंजूर कर लिया जाता है।

अब तक 8 बार ही गठित हुई है JPC

वैसे एक और दिलचस्प जानकारी है। आज तक 8 बार जेपीसी का गठन हुआ है और पांच बार ऐसे मौके आए हैं, जब जेपीसी गठित होने के बाद वो सरकार अगला चुनाव नहीं जीत पाई, सिर्फ मोदी सरकार इसमें अपवाद है।

बहुमत के बावजूद सरकार ने बिल को JPC में क्यों भेजा ?

अब बात दूसरे सवाल की कि आखिर सरकार  को इस बिल को जेपीसी को भेजने की जरूर क्यों पड़ी। आखिर जब सरकार के पास बहुमत है, तो उसने इस बिल पर वोटिंग करवा कर इसे पारित क्यों नहीं करवाया।

सूत्रों की मानें तो बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं, और जिस तरह वहां कट्टरपंथी ताकतें पैर पसार रही हैं, उसे देखते हुए सरकार इस बिल को लाकर अभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। क्योंकि इस बिल का विरोध पहले से ही तेज था और आशंका थी कि विपक्ष की आड़ में कई कट्टरपंथी ताकतें इस बिल के बहाने हालात बिगाड़ने की कोशिश में न जुट जाएं।

ऐसे में अब सरकार ने इस बिल को जेपीसी के पास भेज कर दो बड़े निशाने साधे हैं। पहला तो उसने स्थितियों के लिहाज से सही कदम उठाया है। यही नहीं सरकार ये मैसेज भी दे रही है कि देखो हम खुले दिल से चर्चा करने में यकीन करते हैं। इसीलिए बिल को जेपीसी में भेज दिया ।

Tags: JPCकट्टरपंथी ताकतेंकिरेण रिजिजूबांग्लादेश कनेक्शनभाजपामोदी सरकारलोकसभावक्फ कानून संशोधनविपक्ष का विरोधसंसदीय समितियां
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

मुस्लिम देशों से ज्यादा वक्फ बोर्ड हिंदुस्तान में कैसे हुआ मजबूत? सेना से ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड ने कैसे जुटाई ?

अगली पोस्ट

हरियाणा चुनाव : रायशुमारी के जरिये उम्मीदवारों की लोकप्रियता जांचेगी भाजपा

संबंधित पोस्ट

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न
चर्चित

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

12 September 2025

पुस्तक का नाम: खजाने की शोधयात्रा लेखक: प्रशांत पोल प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ: 221 क्या आप जानते हैं कि विश्व का सबसे प्राचीन स्टेडियम...

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज
क्राइम

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज

11 September 2025

साल 1999 की ठंडी शाम। सीवान की गलियों में दीपावली के बाद की चहल-पहल धीरे-धीरे थम रही थी। चंचल अपने दोनों भाइयों—गिरीश और सतीश—के साथ...

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?
इतिहास

मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

10 September 2025

लगभग चार हजार साल पहले मोहनजोदड़ो में मिली पत्थर की एक छोटी सी मूर्ति को लोग “पुजारी-राजा” (Priest King) कहते हैं। ये मूर्ति वर्ष 1925-26...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited