हाल ही में गणेश चतुर्थी के दौरान जब CJI डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरती में हिस्सा लेने पहुँचे, तब भी कहा गया कि यह देश के लिए ठीक नहीं, क्योंकि दोनों अपनी आस्था का सार्वजनिक प्रदर्शन कर रहे हैं। याद कीजिए, 1890 के दशक में वे महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक थे, जिन्होंने गणेश पूजा को घरों से निकालकर सार्वजनिक उत्सव बनाया, इसी बहाने देशवासियों को अंग्रेजी आक्रांताओं के खिलाफ एकजुट किया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल

    भारत की बढ़ी ताकत: जल्द ही सेना में शामिल होगी 800 किलोमीटर मारक क्षमता वाली ब्रह्मोस मिसाइल, अब कांपेंगे चीन और पाकिस्तानू

    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हिन्दू धर्म ही नहीं, जीवनशैली भी: संविधान में भी राम, फिर भारतीय संस्कृति में आस्था रखने पर CJI चंद्रचूड़ निशाना क्यों?

महात्मा गाँधी कहते थे - सत्य मतलब श्रीराम: फिर भारत का स्वतंत्रता संग्राम भी कम्युनल था?

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
23 October 2024
in चर्चित
CJI DY चंद्रचूड़, मुख्य न्यायाधीश

संविधान में श्रीराम की तस्वीर तो ये भी कम्युनल? CJI DY चंद्रचूड़ के बयान पर हंगामा

Share on FacebookShare on X

महात्मा गाँधी, जिन्हें भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘राष्ट्रपिता’ कहकर संबोधित किया — उनके लिए सत्य का अर्थ क्या था? गाँधी कहते थे, उनके लिए सत्य का एक ही नाम था — राम। वयोवृद्ध नेता ने अपने जीवन में श्रीराम से प्रेरणा ली। कांग्रेस पार्टी, भारतीय पत्रकारों एवं बुद्धिजीवियों का समूह — सब एक सुर से कहते हैं कि महात्मा गाँधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उत्तरार्ध में देश के सबसे बड़े नेता रहे। लेकिन, क्या इन्होंने कभी ऐसा कहा कि महात्मा गाँधी सांप्रदायिक थे? नहीं कहा, न। क्या श्रीराम को मानने से महात्मा गाँधी कम्युनल हो जाते हैं? क्या देश का पूरा स्वतंत्रता संग्राम कम्युनल हो जाता है? नहीं न। फिर भारत के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ निशाने पर क्यों हैं?

आइए, पूरा माजरा समझते हैं। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने जो फ़ैसला सुनाया, वह तो आपको याद होगा। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने 450 वर्षों से चल रहे विवाद का पटाक्षेप करते हुए फ़ैसला सुनाया कि अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि की भूमि हिन्दुओं को सौंपी जाए। मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज हो गया। यह साबित हो गया कि बाबरी ढांचा अवैध था और राम मंदिर को ध्वस्त करके उसे खड़ा किया गया था। चूँकि मामला साढ़े 4 सदियों से चल रहा था, फ़ैसले को लेकर देश-विदेश में इंतज़ार था।

संबंधितपोस्ट

देशद्रोह के आरोपी की चुनावी आकांक्षा, लोकतंत्र की आज़ादी या उसकी विडंबना?

भारत: अवैध विदेशियों का स्वर्ग या कानून का मज़ाक? सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी ने खोली आंखें

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री के सलाहकार संजीव सान्याल ने उठाये न्यायपालिका पर सवाल- क्या न्यायपालिका में होंगे बड़े बदलाव

और लोड करें

ज़ाहिर है, जिन जजों को फ़ैसला सुनाना था, उनके लिए भी यह एक बहुत बड़ा अवसर था — उनके करियर के सबसे बड़े फ़ैसलों में से एक। ये जज भी मनुष्य ही हैं, हमारी-आपकी तरह ही हाड़-मांस से बने हैं, सोचते हैं, भावुक होते हैं, ख़ुश होते हैं। कहने का अर्थ है कि एक सामान्य मानव जो भाव व्यक्त करता है, वे जज भी करते हैं। उनका भी परिवार होता है। हाँ, फ़ैसला लेते समय उन्हें संविधान, कानून, अपने अध्ययन और परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लेना पड़ता है। लेकिन, इससे उन्हें उनकी आस्था को मानने या अपनी परंपराओं का पालन करने से रोका नहीं जा सकता। कहीं किसी नियमावली में ऐसा नहीं लिखा है।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ के बयान पर काटा जा रहा बवाल

हाल ही में CJI DY चंद्रचूड़ ने कहा, “अक्सर हमारे पास मामले (निर्णय के लिए) होते हैं, लेकिन हम समाधान पर नहीं पहुँच पाते। अयोध्या (राम जन्मभूमि-बाबरी ढांचा विवाद) के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जो तीन महीने तक मेरे सामने था। मैं भगवान के सामने बैठा और उनसे कहा कि उन्हें समाधान खोजने की जरूरत है।” मुख्य न्यायाधीश ने इस दौरान ‘Deity’ शब्द का इस्तेमाल किया ईश्वर के लिए, और पूरी राम मंदिर की लड़ाई जिनके लिए लड़ी जा रही थी, वे रामलला भी ‘Deity’ ही हैं। यह शब्द देवी-देवताओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

जस्टिस चंद्रचूड़ ने ईश्वर से प्रार्थना की कि फ़ैसला सही से हो जाए, न्याय हो जाए, उनसे सही निर्णय हो। इसमें गलत क्या है? आइए, देखते हैं इस बयान के लिए उनका कैसे विरोध किया जा रहा है। ‘जनसत्ता’ के पूर्व ग्रुप एडिटर ओम थानवी ने लिखा, “फ़र्ज़ कीजिए कि जज साहब मुस्लिम होते और उन्होंने अल्लाह में भरोसा जताते हुए अयोध्या-बाबरी मामले में अल्लाह से मार्गदर्शन लिया होता?” इसी तरह लेखक सलिल त्रिपाठी ने सीजेआई को ढोंगी बता दिया। ट्रिब्यून से लेकर टेलीग्राफ जैसे संस्थानों में काम कर चुकीं सबा नकवी ने कहा कि कई CJI को संविधान ने नहीं बल्कि ईश्वर ने राह दिखाई। ‘The Wire’ के संस्थापक और अमेरिकी नागरिक सिद्धार्थ वरदराजन ने कहा कि यह हितों के टकराव का मामला है। उनका सवाल था कि जब देवता ही कटघरे में थे, तो देवता में जज की आस्था कैसे हो सकती है?

इस दौरान सिद्धार्थ वरदराजन यह भूल गए कि देवता अगर कटघरे में गए, तो यह 100 करोड़ से भी अधिक हिन्दुओं की सहिष्णुता का प्रतीक था। अपनी ही धरती पर अपने ही देवता के जन्मस्थान को ध्वस्त कर बनाए गए विदेशी मजहब के एक ढाँचे को वापस प्राप्त करने के लिए वे 450 वर्षों तक संघर्ष करते रहे और बलिदान देते रहे — तो यह उनका बड़प्पन था, यह उनके शांत स्वभाव को दर्शाता है, यह हिंसा में उनके अविश्वास और लोकतंत्र में उनके विश्वास का प्रतीक है। इसके लिए हिन्दुओं की प्रशंसा करने की बजाए उन्हें ही गाली दी जा रही है। तलवार के दम पर वहाँ खड़े किए गए ढाँचे का समर्थन करने वालों की तारीफ़ की जा रही है। अमेरिकी होकर भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने वाले विदेशी वरदराजन को अपने देश में झाँकना चाहिए, जहाँ उनके राष्ट्रपति बाइबिल पर हाथ रखकर पद एवं गोपनीयता की शपथ लेते हैं। तो क्या अमेरिका कम्युनल तरीके से चल रहा है? वहाँ की सरकार सांप्रदायिक है? अमेरिका एक धर्मनिरपेक्ष देश नहीं है? सिद्धार्थ वरदराजन ने कभी अमेरिका को लेकर ऐसा कहा? फिर भारत में एक हिन्दू व्यक्ति अपनी हिन्दू परंपरा का पालन कर रहा है, तो इस विदेशी को क्या समस्या है?

वहीं ओम थानवी यहाँ कहते हैं कि अगर जज साहब मुस्लिम होते और वे अल्लाह में आस्था जताते, तो बवाल हो जाता। ऐसे लोग यह भी कहते हैं कि सारे धर्म/मजहब एक हैं और ईश्वर/अल्लाह एक हैं। फिर ईश्वर में आस्था जताना गलत कैसे हो गया? यहाँ हमें धर्म और संस्कृति का अंतर समझना होगा। जहाँ इस्लाम एक मजहब है, वहीं हिन्दू केवल धर्म ही नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका भी है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू धर्म को ‘Way Of Life’ कहा है। क्या कोई व्यक्ति सिर्फ इसीलिए अपने जीवन जीने का परंपरागत तरीका बदल ले, क्योंकि किसी की नज़र में अपने देश की संस्कृति और परंपराओं का पालन सांप्रदायिक है?

“Conflict of interest with the deity” 😭😭 (3/n) pic.twitter.com/fs86yzEUEc

— Darshan Pathak (@darshanpathak) October 21, 2024

हाल ही में गणेश चतुर्थी के दौरान जब CJI डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरती में हिस्सा लेने पहुँचे, तब भी कहा गया कि यह देश के लिए ठीक नहीं, क्योंकि दोनों अपनी आस्था का सार्वजनिक प्रदर्शन कर रहे हैं। याद कीजिए, 1890 के दशक में वे महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक थे, जिन्होंने गणेश पूजा को घरों से निकालकर सार्वजनिक उत्सव बनाया, इसी बहाने देशवासियों को अंग्रेजी आक्रांताओं के खिलाफ एकजुट किया। उस दौरान भी गणेश यात्राओं पर मुस्लिम भीड़ ने हमले किए। ख़ैर, यह दूसरा विषय है। असली विषय यह है कि क्या बाल गंगाधर तिलक भी सांप्रदायिक थे? उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में कांग्रेस सांप्रदायिक थी? गणेश पूजा भारत की परंपरा है, जीवन जीने की पद्धति का हिस्सा है — फिर इससे समस्या क्यों?

हिन्दू सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि जीवनशैली भी, ये भारत की संस्कृति

आइए, देखते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू धर्म की परिभाषा देते हुए क्या कहा था। जस्टिस SP भरुचा ने कहा था, “हिंदुत्व को एक जीवन शैली या मन की स्थिति के रूप में समझा जाना चाहिए और इसे धार्मिक हिंदू कट्टरवाद के साथ समान नहीं माना जाना चाहिए या ऐसा नहीं समझा जाना चाहिए।” ‘इस्माइल फारुकी केस’ में 3 जजों ने फ़ैसला सुनाया था, उसी दौरान यह टिप्पणी की गई थी। इस्माइल फारूकी ने राम जन्मभूमि वाले क्षेत्र के सरकारी अधिग्रहण को 1993 में चुनौती दी थी और अगले ही साल फ़ैसले में यह टिप्पणी की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी फ़ैसले को सही ठहराया था।

इसके बाद आता है 1996 का एक मामला, जिसमें शिवसेना के राम जेठमलानी बनाम विरोधी पक्ष के अशोक देसाई के रूप में 2 दिग्गज वकील आपस में भिड़े। इस मामले की सुनवाई जस्टिस JS वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने की। इसे ‘रमेश यशवंत प्रभू बनाम प्रभाकर काशीनाथ कुंते’ केस के रूप में जाना जाता है। तब जस्टिस वर्मा ने स्पष्ट कहा था कि ‘हिन्दू’, ‘हिंदुत्व’ या Hinduism — इन शब्दों को किसी संकीर्ण परिभाषा में नहीं बाँधा जा सकता है, और भारतीय संस्कृति और विरासत को अलग करके इसे सिर्फ धर्म की सीमाओं में सीमित नहीं किया जा सकता है। इसे कट्टरता से अलग बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह भारतीय उपमहाद्वीप की जीवनशैली से संबंधित है। अक्टूबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया था कि वो 1995 के इस फ़ैसले पर पुनर्विचार नहीं करेगा।

ये मामला कोर्ट में क्यों पहुँचा था, ये भी जान लेते हैं। असल में 1990 के महाराष्ट्र चुनाव में शिवसेना के मनोहर जोशी ने कांग्रेस के भाऊराव पाटिल को मात दी थी। पाटिल ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि मनोहर जोशी ने भ्रष्ट तौर-तरीकों का इस्तेमाल कर के चुनाव जीता है। उन्होंने 1951 के जनप्रतिनिधि कानून का हवाला दिया था, जिसके तहत धर्म या जाति का चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करना मना है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कुछ शिवसेना नेताओं की जीत को किनारे रख दिया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। इस दौरान 1966 के ‘शास्त्री यज्ञपुरुषदासजी बनाम मुलदास भूदर्दा वैश्य’ केस की चर्चा हुई, उसमे भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिन्दू एक जीवनशैली है।

इसके एक दशक बाद 1976 में मद्रास वेल्थ टैक्स कमिश्नर बनाम आर श्रीधरन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर कहा कि हिन्दू धर्म संस्कृति का प्रतीक है, धार्मिक प्रथाओं का नहीं। 1996 के निर्णय के बाद ही भाजपा ने भी हिंदुत्व को एक विचारधारा के रूप में लिया और राम मंदिर आंदोलन को बल मिला। इतना ही नहीं, फरवरी 2023 में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदुइज्म एक जीवनशैली है और इसकी महत्ता को कम कर के नहीं आँका जाना चाहिए। जस्टिस BV नागरत्न ने वकील अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हिन्दू धर्म एक जीवनशैली है और इसी कारण भारत में सभी समुदाय एक साथ रह पाते हैं, इसी कारण हम सब साथ रह रहे हैं।

जस्टिस भानुमति ने जीसस क्राइस्ट में जताया था विश्वास

ऐसे में जब कोई कहता है कि CJI की श्रीराम में आस्था होना या उनके द्वारा गणेश आरती करना ठीक नहीं है, तो उससे सबसे पहले यही पूछा जाना चाहिए कि भारत के किसी भी नागरिक का अपने देश की संस्कृति में विश्वास रखना और उस अनुरूप कार्य करना अपराध है क्या? जब सनातन ही भारतीय संस्कृति है, तो सनातन से जुड़ी सभी परंपराएँ सिर्फ धार्मिक ही नहीं हैं बल्कि भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं और भारत में भारतीय संस्कृति का पालन किया जाना गलत नहीं है। प्रधानमंत्री भी भारतीय संस्कृति में विश्वास रख सकते हैं, राष्ट्रपति भी, मुख्य न्यायाधीश भी और कोई सामान्य नागरिक भी। न्यायपालिका को जाति-धर्म के चश्मे से देखने का यह कौन सा नया चलन है? जस्टिस भानुमति ने भी जुलाई 2020 में कहा था कि वह जीसस क्राइस्ट में भरोसा रखती हैं, उनके करियर के दौरान उन्होंने बाइबिल से प्रेरणा ली — लेकिन तब तो किसी ने उनका विरोध नहीं किया और इसे गलत नहीं माना गया। जबकि न तो जीसस भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं और न ही बाइबिल कोई भारतीय पुस्तक है।

जस्टिस भानुमति ने अपने रिटायरमेंट के दौरान यहाँ तक कहा था कि वह भले ही हिन्दू हैं, लेकिन उनकी शिक्षा-दीक्षा से लेकर उनकी सफलता तक का श्रेय जीसस क्राइस्ट को जाता है। उन्होंने कहा था कि उनके न्यायिक करियर के दौरान भी उनके सामने समस्याओं का पहाड़ खड़ा हुआ, लेकिन जीसस क्राइस्ट ने उनके जीवन के लिए जो लिख रखा है, उसे कोई भी व्यक्ति नहीं रोक सकता है। जस्टिस भानुमति के इस बयान पर किसी ने नहीं कहा कि वह सांप्रदायिक हैं। जबकि ईसाई तो एक मजहब है और भारतीय भी नहीं। ऊपर से ईसाई मिशनरियों पर भारत में धर्मांतरण अभियान चलाने के आरोप लगते रहते हैं।

श्रीराम न्याय के प्रतीक, फिर उनमें आस्था रखने वाला अन्यायी कैसे?

भारत का एक गिरोह ये उम्मीद करता है कि कोई भी हिन्दू व्यक्ति यहाँ किसी भी पद पर पहुँचने के बाद अपने घर से देवी-देवताओं की तस्वीरें व मूर्तियाँ निकाल कर बाहर फेंक दे और सारी भारतीय परंपराओं को त्याग दे। ऐसा नहीं होता है। खासकर जिस अमेरिका में राष्ट्रपति ही बाइबिल की शपथ लेता है, उसका कोई नागरिक भारत के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करते हुए ये कहे कि यहाँ के मुख्य न्यायाधीश को देश की परंपराओं के पालन का कोई अधिकार नहीं है – फिर इसका तो विरोध होना ही चाहिए। कोई व्यक्ति अपनी जीवनशैली क्यों छोड़ेगा, वो भी तब जब पश्चिमी जगत भी आज इसे अपना रहा है।

श्रीराम इसी देश में जन्मे, यहीं उन्होंने शासन किया, पूरा देश उनके आदर्शों पर चलने की बातें करता है – फिर उनमें आस्था रखने के कारण किसी व्यक्ति को अन्यायी कैसे बताया जा सकता है? श्रीराम तो न्याय के प्रतीक हैं। अन्याय के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक हैं। इस गिरोह को तो और भरोसा होना चाहिए कि CJI की श्रीराम में आस्था है तो उन्होंने और अच्छे से न्याय किया होगा, वो अच्छे मूल्यों को लेकर चल रहे होंगे। लेकिन, यहाँ उलटी नदी बहाई जाती है। खैर, इस दोहरे रवैया का विरोध होना चाहिए और वही हो रहा है।

भारत के संविधान की मूल प्रति में जहाँ मौलिक अधिकारों की बात है, वहाँ श्रीराम की तस्वीर है। यानी, संविधान भी मानता है कि श्रीराम उन्हीं आदर्शों के प्रतीक हैं, जिन पर भारत देश को चलना चाहिए। फिर तो ये गिरोह संविधान को भी कम्युनल बता देगा?

स्रोत: CJI DY Chandrachud, मुख्य
Tags: CJI DY ChandrachudRam Mandir JudgementSupreme Courtडीजेआई डीआई चंद्रचूड़राम मंदिर जजमेंटसुप्रीम कोर्ट
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जामिया: रंगोली पर गाड़ी चढ़ाने से न रंग मिटा पाओगे, न पैरों से दीये कुचलकर रोशनी बुझा पाओगे!

अगली पोस्ट

‘थूक जिहाद’ जारी: वायरल वीडियो के बाद बाराबंकी का ढाबा सील, रोटी में मिलाता था थूक

संबंधित पोस्ट

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी
इतिहास

आज़ाद हिंद फौज: भारत की वह बंदूक जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला दी

21 October 2025

1942 का वर्ष भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में केवल एक तारीख़ नहीं था, यह उस समय की गवाही थी, जब देश के भीतर...

भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा
चर्चित

आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

21 October 2025

भारत ने वह कर दिखाया है जो कभी केवल विकसित देशों की प्रयोगशालाओं की सीमाओं में संभव माना जाता था। देश ने अपना पहला स्वदेशी...

बिहार चुनाव में BJP के स्टार प्रचारक तय —मैदान में उतरेगी मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी, भजन लाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी को क्यों नहीं मिली जगह?
चर्चित

बिहार चुनाव में BJP के स्टार प्रचारक तय —मैदान में उतरेगी मनोज तिवारी, पवन सिंह और निरहुआ की भोजपुरी तिकड़ी, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी, भजन लाल शर्मा और पुष्कर सिंह धामी को क्यों नहीं मिली जगह?

16 October 2025

भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited