नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद को रोकने और देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की। यह कार्रवाई विशेष रूप से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक मामले में की गई। NIA ने 5 राज्यों में 22 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली शामिल है। यह छापेमारी आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए की गई है।
क्या है जैश-ए -मोहम्मद
जैश-ए-मोहम्मद एक आतंकवादी संगठन है, जिसका मुख्यालय पाकिस्तान में है और यह संगठन भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना और यहां के हालात को अस्थिर करना है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कई बार भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले कर चुके हैं।
यह संगठन पिछले कुछ समय से भारत में अपने नेटवर्क को फैलाने और स्थानीय लोगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए वह फंडिंग के जरिए और ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल कर रहा है।
NIA ने जिन 5 राज्यों में 22 ठिकानों पर छापेमारी की, उनमें आतंकवादी संगठनों से जुड़े संदिग्ध लोगों के घर और अन्य ठिकाने शामिल थे। जम्मू-कश्मीर में सबसे अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई, क्योंकि यह इलाका आतंकवादी गतिविधियों का मुख्य केंद्र रहा है। NIA की टीम जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले के संगरी कॉलोनी और कुछ अन्य इलाके में पहुंची। संगरी कॉलोनी में मौलवी इकबाल भट के घर में तलाशी ली गई है। अभी भी अन्य हिस्सों में छापेमारी जारी है।
इस मामले में शुक्रवार (4 अक्टूबर, 2024) की देर रात NIA की टीम नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में पहुंची। मुस्तफाबाद में काफी संदिग्ध सामान मिला है। NIA कुछ लोगों को पूछताछ के लिए ले गई है।
ऑपरेशन के दौरान NIA ने महाराष्ट्र के जालना, छत्रपति संभाजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) और मालेगांव में भी छापेमारी की। सूत्रों के मुताबिक, छत्रपति शम्भाजी नगर और मालेगांव से 1-1 शख्स को हिरासत में लिया गया है।
NIA की टीम असम और उत्तर प्रदेश भी पहुंची और अलग अलग जगह पर छापेमारी की और कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की। यहां से किसी को हिरासत में नही लिया गया है।
इन ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप, और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए गए, जिनमें आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों से जुड़े सबूत मिलने की संभावना है। NIA की टीमें अब इन जब्त सामग्रियों की गहन जांच कर रही हैं और उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
NIA की इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य आतंकवादी नेटवर्क को तोड़ना और उन लोगों की पहचान करना था, जो आतंकवादी संगठनों को फंडिंग या अन्य प्रकार की सहायता प्रदान कर रहे थे। जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन भारत में आतंकी हमले करने के लिए धनराशि जुटाते हैं और इसके लिए वे कई बार अवैध गतिविधियों में भी शामिल होते हैं।
इस छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई और कुछ को हिरासत में भी लिया गया है। इन लोगों से आतंकवादी गतिविधियों के संबंध में गहन पूछताछ की जा रही है और उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर NIA आगे की कार्रवाई करेगी।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम
भारत में पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। NIA की यह छापेमारी भी उसी दिशा में एक और प्रयास है। जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन जो भारत की शांति और स्थिरता को खतरे में डालने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ NIA की यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरतेंगी।
इस प्रकार की छापेमारी से आतंकवादी संगठनों के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलती है।