अरब में योग की अलख: सऊदी महिलाओं में बढ़ रहा क्रेज, पहली सऊदी योगाचार्य नौफ मरवाई की जुबानी पूरी कहानी

नौफ मरवाई को भारत के नागरिक सम्मान पद्मश्री से 2018 में सम्मानित किया जा चुका है।

नौफ मरवाई सऊदी अरब की पहली महिला योग टीचर

रियाद: भारत से अमेरिका तक लोग योग को अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं। प्राचीन भारत की पद्धति योग का सऊदी अरब की महिलाओं में भी क्रेज बढ़ रहा है। भारत के प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित योग टीचर नौफ मरवाई का कहना है कि भारतीय विधा सऊदी अरब में काफी लोकप्रिय है। खास बात यह है कि महिलाओं का इसमें वर्चस्व है। मरवाई का कहना है कि सात साल पहले सऊदी अरब ने योग को बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार किया था। उनका कहना है कि सऊदी लोग ऐसी कोई भी चीज को पसंद करते हैं, जो स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के लिए अच्छी हो।

सऊदी अरब की पहली महिला योग टीचर हैं नौफ

नौफ मरवाई लगातार अरब देशों में योग की अलख जगा रही हैं। 2017 में उन्हें आधिकारिक रूप से सऊदी अरब में पहली महिला योग टीचर के रूप में चुना गया था। उन्हें अरब देशों में योग के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। 2018 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2021 में स्थापित सऊदी योग समिति की वह प्रमुख हैं और अरब योग फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष हैं।

‘सऊदी अरब में योग में महिलाओं का वर्चस्व’

नौफ मरवाई कहती हैं, ‘आज सऊदी अरब में योग में महिलाओं का वर्चस्व है। अल-वहदा क्लब और सऊदी योग समिति की ओर से मक्का में आयोजित दूसरी सऊदी ओपन योग आसन चैम्पियनशिप में 56 लड़कियां और 10 लड़के थे।‘ कम लोगों को पता होगा कि मारवाई जब सिर्फ 17 साल की थीं, तब उन्हें ल्यूपस एरिथेमेटोसस नाम की एक ऑटो-इम्यून बीमारी का पता चला था।

डॉक्टरों ने कहा चंद दिन की मेहमान, योग से बदला जीवन

मरवाई उन दिनों को याद करते हुए कहती हैं, ‘डॉक्टरों ने मेरे माता-पिता से कहा कि मैं लंबे समय तक जीवित नहीं रहूंगी। मुझे स्कूल छोड़ने को कहा गया। तभी मैंने रियाद में अपने घर पर योग सीखा। मेरी सेहत में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हो रहा था। आखिरकार, मैंने योग के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करे के लिए भारत जाने का फैसला किया।‘

योग के लिए भारत आना मेरे जीवन में बड़ा बदलाव: मरवाई

भारत और योग के बारे में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए वह कहती हैं, ‘2008 में योग और आयुर्वेद का अध्ययन करने के लिए मैं भारत गई। यह मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव था।‘ जब उनसे पूछा गया कि इस्लाम के जन्मस्थान सऊदी अरब में योग करना कितना मुश्किल है, तो उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सऊदी लोगों को बस यह जानने की जरूरत है कि वे ऐसी किसी चीज का अभ्यास नहीं कर रहे थे, जो उनके धर्म के खिलाफ है।‘

‘मानवता के लिए हजारों वर्षों तक जीवित रहा योग’

नौफ मरवाई कहती हैं, ‘योग विशाल है और दर्शन अपने आप में प्राचीन है। मेरा मानना है कि किसी भी दर्शन का अध्ययन करने और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए सीखने में कोई बुराई नहीं है। बेशक, वेदों जैसी पृष्ठभूमि से आने वाला वैदिक दर्शन और योग वास्तव में प्राचीन है और यह मानवता की भलाई के लिए हजारों वर्षों तक जीवित रहा।‘

सऊदी लोग संस्कृतियों से प्यार करते हैं: मरवाई

मरवाई बताती हैं कि योग को लेकर सऊदी लोगों से ऐसा कोई विरोध नहीं था, लेकिन बाहर से जरूर थोड़ा विरोध हुआ। मरवाई कहती हैं, ‘सऊदी अलग-अलग संस्कृतियों से प्यार करते हैं, वे खोज करना पसंद करते हैं, वे अपने धर्म को जानते हैं। अगर कुछ विवादित नहीं है, तो वे बहुत संकोच नहीं करते हैं। ऐसा कुछ भी जो स्वास्थ्य और फिट रहने के लिए अच्छा है, उसे सऊदी अरब में लोग पसंद करते हैं।‘

पिछले साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सऊदी अरब के लोगों समेत कुल 10,000 लोगों ने हिस्सा लिया था। मरवाई बताती हैं कि इस साल हज की छुट्टी के बावजूद 8,000 लोगों ने योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

मरवाई ने ऐसे जगाई योग की अलख

दो दशक पहले नौफ सऊदी अरब की इकलौती योग शिक्षिका थीं। 2004 में योग को लेकर उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से बात की थी। सऊदी में योग को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए उनके शुरुआती प्रयासों को सफलता नहीं मिली। हजारों लोगों को उन्होंने योग का प्रशिक्षण दिया और योग शिक्षिकाओं को भी ट्रेनिंग देकर तैयार किया। 2015 में उनकी मुहिम को उस समय कामयाबी मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। उस समय तक सऊदी अरब में कुछ कट्टरपंथी महिलाओं के योग करने के खिलाफ थे। सऊदी प्रिंस सलमान कई नई चीजों को अपना रहे हैं। यही वजह है कि सऊदी अरब ने भी योग के महत्व को समझा। इसके बाद सऊदी अरब ने अरब के देशों में योग को प्रमोट करने के प्रयास शुरू किए। 2017 में नौफ मरवाई को आधिकारिक रूप से पहली महिला योग टीचर के रूप में चुना गया। मई 2021 में सऊदी अरब योग कमिटी की स्थापना हुई और नौफ को इसका अध्यक्ष बनाया गया। नौफ अब वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेशन के जरिए अरब के देशों में लोगों को जागरूक कर रही हैं।

पीएम मोदी से प्रभावित हैं नौफ

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नौफ मरवाई बहुत प्रभावित हैं। नौफ कहती हैं कि योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उनके अथक प्रयासों की वजह से मैं उनके बारे में जान पाई। पीएम मोदी की शख्सियत के साथ ही उनकी विदेश नीति की भी वह प्रशंसक हैं।

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