पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को कश्मीर मुद्दे को लेकर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मसार होना पड़ा । सोमवार (25 नवंबर 2024) को पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने शहबाज शरीफ को साफ तौर पर कश्मीर मुद्दे पर बात करने से रोक दिया। दुनियाभर में पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर समर्थन की गुहार लगता रहता है, लेकिन हर बार उसे मुंह की ही खानी पड़ती है।
बेलारूस के राष्ट्रपति का स्पष्ट संदेश
इस्लामाबाद में हुई बैठक के दौरान, शहबाज शरीफ ने बेलारूस के राष्ट्रपति के साथ कश्मीर का मुद्दा उठाया और उम्मीद जताई कि वह इस पर पाकिस्तान का समर्थन करेंगे। लुकाशेंको ने उनकी बात काटते हुए स्पष्ट कर दिया कि उनका दौरा केवल व्यापार और द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, “कश्मीर छोड़िए, मैं यहां सिर्फ व्यवसाय और सहयोग पर चर्चा करने आया हूं।”
कश्मीर पर पाक की कूटनीति विफल?
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को बार-बार उठाना अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय में महत्व खोता जा रहा है। बेलारूस के राष्ट्रपति का जवाब पाकिस्तान की इस नीति की सीमाओं को उजागर करता है ।
प्रोटोकॉल तोड़कर स्वागत, फिर भी मिली निराशा
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लुकाशेंको का स्वागत करने के लिए प्रोटोकॉल तक तोड़ दिया और खुद एयरपोर्ट पहुंचे। लेकिन इसके बावजूद, बेलारूस के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए कश्मीर पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
पहले भी हुई है फजीहत
कश्मीर मुद्दे को लेकर यह पाकिस्तान के लिए ये पहला अपमानजनक क्षण नहीं है। हाल ही में, पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी ने भी इसे लेकर विवादित बयान दिया था। जब उनसे इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ कश्मीर में हो रहे प्रदर्शनों पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कश्मीर को “विदेशी भूमि” कह दिया। उनके बयान ने पाकिस्तान की राजनीति में खलबली मचा दी और विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रीय नीति के खिलाफ बताया।