TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    How to Build a Home You Will Love for the Next Ten Years: Timeless Design Principles

    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सेर सिवराज है… वो महाकवि जिन्होंने ठुकराया औरंगजेब का प्रस्ताव, भूषण ने अपनी रचनाओं से छत्रसाल और छत्रपति को कर दिया अमर

भूषण ने अपनी रचनाओं में औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़े जाने की आलोचना की है

architsingh द्वारा architsingh
9 November 2024
in इतिहास, संस्कृति
सेर सिवराज है… वो महाकवि जिन्होंने ठुकराया औरंगजेब का प्रस्ताव, भूषण ने अपनी रचनाओं से छत्रसाल और छत्रपति को कर दिया अमर
Share on FacebookShare on X

मध्यकाल के उत्तरार्द्ध में जहाँ एक ओर निरंकुश केंद्रीय मुगल सत्ता अपनी कुनीतियों से छोटे–बड़े देशी रजवाड़ों को विवश कर भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीयता का भाव और हमारे अतीत के प्रति गौरव के भाव का ह्रास कर रही थी, जब कुछ देशी राज्य मुगलों की शर्तों को मानते हुए अपना राज्य चला रहे थे अर्थात सशर्त स्वतंत्रता के साथ सत्ता की विलासिता और अनैतिकता का भोग कर रहे थे। उसी दौर में शिवाजी और छत्रसाल जैसे वीर योद्धा विदेशी सत्ता से निरन्तर टकराते हुए वास्तविक स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हृदय में राष्ट्र प्रेम का तूफान लेकर कंटकों से भरे ध्येय मार्ग पर चल रहे थे।

इसी प्रकार मध्यकाल का यह दौर साहित्य, कला एवं संगीत की स्वतंत्रता का भी ह्रास कर रहा था। इस समय तक आते–आते अनेक कवि अपनी प्रतिभा का प्रयोग महज मुगल शासकों को खुश करने के लिए करते थे, जहाँ साहित्य का कार्य राष्ट्र में व्याप्त इन विषम परिस्थितियों को दूर करने के लिए जनमानस को जागरूक करने का होना चाहिए था किन्तु यह सिर्फ कवियों की आजीविका बल्कि यों कहें कि विलासिता का साधन बन गया था।

संबंधितपोस्ट

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

और लोड करें

मध्यकाल के इस दौर को हिंदी साहित्य में ‘रीतिकाल‘ के नाम से जाना जाता है। ऐसा नहीं है कि रीतिकाल के सभी कवियों में राष्ट्रीयता–बोध का लोप हो चुका था बल्कि अनेक ऐसे कवि थे जो भारतीय संस्कृति, अतीत के प्रति गौरव का भाव, राष्ट्रीय चेतना जैसे तत्वों को अपनी कविता के माध्यम से अभिव्यक्त कर रहे थे। महाकवि भूषण का नाम भी इसी फेहरिस्त में आता है, जिन्होंने अपनी कविता को बेचने के बजाय उसे राष्ट्रीयता–बोध की अभिव्यक्ति बनाया।  

हिंदी साहित्य में वीर रस के कवियों की श्रेणी में भूषण का नाम अग्रगण्य है। भूषण ने अपने समय के ही स्वातंत्र्य–चेता दो नायकों वीर शिवाजी तथा छत्रसाल को आदर्श व्यक्तित्व मानकर, इन्हें ही अपनी कविता का आधार बनाया। भूषण की कविता में राष्ट्रीय चेतना, भारतीय संस्कृति के तत्वों पर चर्चा करने से पहले उनके प्रारंभिक जीवन पर चर्चा कर लेना उचित रहेगा।

संवत् 1670 वि. में कानपुर के तिकवांपुर नामक गाँव में भूषण का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम रत्नाकार त्रिपाठी था। कहा जाता है कि हिंदी साहित्य के आचार्य कवि मतिराम और चिंतामणि इनके भाई थे। हालाँकि, इनके बचपन का क्या नाम था इसकी प्रामाणिक जानकारी नहीं प्राप्त होती है, ‘भूषण‘ नाम इन्हें चित्रकूट के सोलंकी राजा रुद्र द्वारा दिया गया था। इनकी ही रचना ‘शिवराज भूषण‘ में इस तथ्य की जानकारी मिलती है–

“कुल सुलंकि चित्रकूट–पति साहस सील–समुद्र।

कवि भूषण पदवी दई, हृदय राम सुत रुद्र॥“

भूषण शिवाजी के आश्रम क्यों गए इस सम्बंध में दो किंवदंतियाँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक दिन भाभी का ताना सुनकर इन्होंने घर ही छोड़ दिया। घर छोड़कर ये अनेक आश्रमों में गए और वहाँ शरण ली। ऐसे ही एक दिन ये शिवाजी के आश्रम में पहुँचे और वहाँ इनका मन ऐसा लगा कि ये अपने अंतिम समय तक वहीं रहे।

इसके अतिरिक्त एक और लोकमत के अनुसार एक बार भूषण अपने भाई के साथ दिल्ली दरबार में पहुंचे थे। वहाँ उन्हें और उनके भाई को मुगलों द्वारा निरादरित किया गया। मुगलों के इस व्यवहार से क्षुब्ध होकर भूषण ने निर्णय किया कि वे उन लोगों की महिमा का बखान करेंगे जो सच में वीर हैं। यही सोचकर वे शिवाजी महाराज के दरबार पहुंचे और उन्हें देखकर इतना प्रभावित हुए कि उन्हें ही असली राजा मान लिया।

भूषण के साहित्य की बात करें तो इनकी ‘शिवराज भूषण‘, ‘शिवाबावनी‘, ‘छत्रशाल दशक‘ आदि प्रमुख रचनाएं हैं। चूँकि इनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति के तत्वों, राष्ट्रीय चेतना के साथ ही न सिर्फ शिवाजी एवं छत्रसाल जैसे हिन्दू राजाओं की वीरता का गान हुआ है बल्कि प्रत्यक्ष एवं प्रकारांतर से हिंदुत्व का समर्थन भी दिखाई देता है, इसलिए कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी आलोचक इन्हें राष्ट्रकवि न मानकर भूषण को एक सम्प्रदाय विशेष का समर्थक कवि मानते हैं। किन्तु वास्तव में यदि हम तत्कालीन सामाजिक, राजनैतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक परिस्थितियों के आलोक में भूषण की रचनाधर्मिता को देखें तो वस्तुतः उन्हें सम्प्रदाय विशेष का समर्थक कवि कहना उनके राष्ट्र–प्रेम के साथ अन्याय होगा।

महाकवि भूषण की चेतना जातीय भावना अर्थात हिन्दू जाति की चेतना तक ही सीमित नहीं थी, वरन् हिन्दू शब्द उनके लिए राष्ट्र शब्द का परिचायक था। भूषण की कविताओं में हिन्दू का आशय साम्प्रदायिकता से सम्बंधित न होकर सांस्कृतिक था। आज भी जो हिन्दू शब्द को जाति या साम्प्रदायिकता से जोड़कर देखते हैं उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि हिन्दू शब्द का अर्थ संस्कृत के श्लोक ‘हिमालयात् समारभ्य यावत् इन्दु सरोवरम्। तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते‘ से ज्ञात होता है। अर्थात हिमालय से प्रारंभ होकर इन्दु सरोवर (हिन्द महासागर) तक यह देव निर्मित देश हिन्दुस्थान कहलाता है। व्यापक रूप से इसे देखें तो वस्तुतः हिमालय से समुद्र पर्यन्त विस्तृत भू–भाग में जन्मी उपासना पद्धति को मानने वाले ‘हिन्दू‘ हैं। यहाँ स्पष्ट है कि जो भी मत, पूजा–पद्धति इस भूभाग में जन्मी उसे मानने वाले हिन्दू हैं, अर्थात हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है। मध्यकाल की विपरीत परिस्थितियों में राष्ट्रीयता के भाव की व्यापकता के साथ अभिव्यक्ति ने ही भूषण को कालजयी बनाया।

भूषण जिस समय काव्य रचना कर रहे थे उस समय औरंगजेब केंद्रीय सत्ता पर विराजमान था। औरंगजेब और भूषण के सम्बंध में कहा जाता है कि एक बार मुगल बादशाह औरंगजेब ने भूषण को अपने दरबार में आने का निमंत्रण भेजा, तो भूषण ने इस निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। वह मुगलों के विरुद्ध स्वतंत्रता और वीरता के प्रतीक शिवाजी के साथ ही रहे। उन्होंने मुगलों के दरबार में जाने के बजाय, शिवाजी के सम्मान और उनकी वीरता को अपने काव्य में स्थान दिया। ऐसा समय जब धर्मांधता और कट्टरपन के कारण औरंगजेब ने हिंदुओं पर बेशुमार अत्याचार किया, उस समय भूषण का उसके निमंत्रण को स्वीकार न करना है उनकी वीरता और राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम को परिलक्षित करता है। इतना ही नहीं भूषण की कविता में औरंगजेब की खुले शब्दों में आलोचना भी दिखाई देती है– 

“देवल गिरावते फिरवते निसान अली, 

ऐसे समै राव–राने सर्वे गए लवकी। 

गौरा गनपत्ति आप, औरंग की देखि ताप, 

अपने मुकाम सब मारि गए लबकि।”

इन पंक्तियों में जहाँ उसके मंदिरों को तोड़ने की आलोचना की गई है वहीं उस समय के जो राजा सशर्त स्वतंत्रता के साथ विलासी जीवन जी रहे थे उनकी चुप्पी पर भी सवाल उठा रहे हैं। किंतु वीर नायक शिवाजी की प्रशंसा उनकी कविता में उसी तरह अभिव्यक्त हुई है जो सम्भवतः तत्कालीन जनता महसूस कर रही होगी। वे लिखते हैं–

“इंद्र जिम जंभ पर बाड़व ज्यौं अंभ पर रावन सदंभ पर रघुकुलराज है। 

पौन बारिबाह पर संभु रतिनाह पर ज्यौं सहस्रबाहु पर राम द्विजराज है। 

दावा द्रुमदंड पर चीता मृगझुँड पर भूषन बितुंड पर जैसे मृगराज है। 

तेज तम–अंस पर कान्ह जिम कंस पर यौं मलेच्छ–बंस पर सेर सिवराज है॥”

वास्तव में आज भी भूषण की इन पंक्तियों को पढ़कर मन में वीरता का स्थायी भाव जाग्रत हो जाता है तो निश्चित रूप से उस समय की परिस्थितियों में भूषण की इन कविताओं ने मनोवैज्ञानिक दृष्टि से निराश हिन्दू जनता में उत्साह अवश्य भरा होगा। 

भूषण भारतीय ज्ञान–परम्परा में आस्था रखते थे, भारतीय पौराणिक इतिहास में विश्वास रखने वाले भूषण राम नाम जपने की बात अपनी कविताओं में करते हैं। उनकी ये पंक्तियाँ “वेद राखे विदित पुरान परसिद्ध राखे, राम–नाम राख्यो अति रसना सुधर में।” इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं। भूषण की प्रत्येक पंक्ति में राष्ट्र के प्रति प्रेम, अतीत का गौरवगान, भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी आस्था परिलक्षित होती है। इनकी ये विशेषता ही भूषण को साहस, निष्ठा, और वीरता का प्रतीक बनाती है।

उनकी कविताओं ने उन्हें एक ऐसे कवि के रूप में स्थापित किया, जिन्होंने केवल काव्य नहीं लिखा, बल्कि एक पूरे युग को दिशा दी। इस तरह मुगल शासन के दौरान मुगल शासन की आलोचना करने का साहस करने वाला यह महान राष्ट्रकवि जीवन के अंतिम समय तक काव्य रचना करता रहा। भूषण की मृत्यु के विषय में प्रामाणिक और विस्तृत ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। भूषण का कार्यकाल शिवाजी के जीवनकाल के समय में था और वे उनके राज्याभिषेक के समय भी उनके साथ रहे। इसके बाद का उनका जीवन और मृत्यु के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए विद्वानों में उनकी मृत्यु को लेकर अलग–अलग धारणाएँ हैं।

ऐतिहासिक दस्तावेजों की अनुपलब्धता के कारण उनकी मृत्यु का समय और स्थान अज्ञात है लेकिन उनकी रचनाएँ और उनके वीर रस के कवित्त आज भी जीवित हैं, जो उनकी स्मृति को बनाए रखते हैं।

स्रोत: महाकवि भूषण, छत्रपति शिवाजी, औरंगजेब, रीतिकाल, मुगल काल, इतिहास, Mahakavi Bhushan, Chhatrapati Shivaji, Aurangzeb, Ritikal, Mughal period, history,
Tags: AurangzebChhatrapati ShivajiHistoryMahakavi BhushanMughal periodRitikalइतिहासऔरंगजेबछत्रपति शिवाजीमहाकवि भूषणमुग़ल कालरीतिकाल
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जिनके नाम की खा रहे कमाई, उन्हीं का मजाक उड़ा रहे श्याम रंगीला: चुनाव में बेइज्जती के बाद वापस मिमिक्री पर लौटे, हरियाणा के इस कलाकार से सीखें

अगली पोस्ट

हेमंत सोरेन के पीए के घर IT का छापा, 9 ठिकानों पर कार्रवाई; जमीन घोटाले में 5 महीने जेल में थे झारखंड के CM

संबंधित पोस्ट

नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन
इतिहास

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

14 November 2025

ऐसे समय में जबकि अपने राष्ट्र नायकों को लेकर भारत में राजनीतिक बहसें तेज़ हो रही हैं,  विचारधाराओं की लड़ाई भी पहले से ज़्यादा गहरी...

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी
चर्चित

अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

10 November 2025

पूर्वोत्तर भारत, जिसे कभी दिल्ली की नीतिगत दृष्टि में हाशिए का इलाका माना जाता था, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत के विकास...

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited