बप्पा रावल ने अपने पूर्वजों की तरह सोने के सिक्के का प्रचलन किया, जो उनकी प्रतिभा और वैभव का प्रतीक है। 115 ग्रेन के उनके सिक्के के दोनों तरफ कामधेनु, बछड़ा, शिवलिंग, नन्दी, दण्डवत करता हुआ पुरुष, नदी, मछली, त्रिशूल आदि का अंकन है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भारत की वो चट्टान, जिससे टकरा कर चूर-चूर हुआ अरब आक्रमण का ज्वार-भाटा: इस्लामी आक्रांताओं को ईरान तक खदेड़ने वाले बप्पा रावल

बप्पा रावल की लंबाई लगभग 9 फीट थी और वे 35 हाथ की धोती व 16 हाथ का दुपट्टा ओढ़ते थे

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
9 November 2024
in इतिहास
बप्पा रावल, मेवाड़

इस योद्धा के नाम पर पाकिस्तान का रावलपिंडी शहर आज भी है

Share on FacebookShare on X

भारतीय इतिहास में एक ऐसा नाम है, जिसे आज के बहुत कम लोग जानते हैं। यह नाम है बप्पा रावल का। बप्पा रावल का असली नाम कालभोज था। उन्होंने मुस्लिम आक्रमणकारियों को कई बार मात दी थी और उन्हें ईरान तक खदेड़ा था। बप्पा रावल ने अपने जीवन में सैकड़ों लड़ाइयाँ लड़ीं और जीवन के अंतिम क्षण तक अपराजेय रहे। विदेशी आक्रमणकारियों में उनका ऐसा डर था कि अगले 400 वर्षों तक किसी विदेशी आक्रांता ने भारत पर हमला करने की हिम्मत नहीं दिखाई।

बप्पा रावल को ‘हिंदू सूर्य’, ‘राजगुरु’, ‘विप्र’ और ‘चक्कवै’ (चारों दिशाओं के विजेता) की उपाधि मिली थी। बप्पा रावल सूर्यवंशी क्षत्रिय की एक शाखा गुहिल या गुहिलोत या गहलोत वंश के आठवें शासक थे। आगे चलकर इसी में एक वंश सिसोदिया हुआ, जिसमें महाराणा प्रताप सिंह का जन्म हुआ था और उनके शौर्य के कारण गहलोत या सिसोदिया वंश इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अमर हो गया। इस योद्धा के नाम पर पाकिस्तान का रावलपिंडी शहर आज भी है। यह कभी बप्पा रावल की सैन्य छावनी होती थी।

संबंधितपोस्ट

बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

भारत-अफगान रिश्तों की नई उड़ान: काबुल से दिल्ली तक, बदलते समीकरणों के बीच नई रणनीतिक धारा

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

और लोड करें

बप्पा रावल के जन्म को लेकर बहुत कम जानकारी है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उनका जन्म 713 ईस्वी में उदयपुर के ईडर में हुआ था। उनके पिता का नाम नागादित्य और माता का नाम कमलावती था। कर्नल जेम्स टॉड के अनुसार, राजा नागादित्य की हत्या के बाद उनकी विधवा रानी अपने 3 वर्षीय बेटे को बचाने के लिए जंगलों की ओर बढ़ गईं। वहाँ हरीत नाम के एक जैन मुनि से मुलाकात हुई। बप्पा रावल जैन मुनि के आश्रम में रहकर शिक्षा-दीक्षा ग्रहण करने लगे। बदले में वे हरीत मुनि के गायों को जंगल में चराते थे। वे भगवान शिव और माँ शक्ति के परम उपासक हुए। कहा जाता है कि भगवान शिव और माता शक्ति ने स्वयं उन्हें दर्शन देकर महाप्रतापी शासक होने का आशीर्वाद दिया था।

ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार बप्पा रावल का बचपन बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था। कुछ इतिहकारों का मानना है कि बप्पा एक उपाधि थी। यह भी कहा जाता है कि कालभोज को बप्पा की उपाधि मांडलिक नाम के भील सरदार ने दी थी। भील समाज उनसे बहुत प्यार करता था। कुछ इतिहासकारों के अनुसार, राजा के लिए उस समय बप्पा शब्द का प्रयोग होता था, जैसे कि आज भी गुजरात में क्षत्रियों के लिए ‘दरबार’ और पूर्वांचल में क्षत्रिय के लिए ‘बाबू साहेब’ का प्रयोग होता है।

धीरे-धीरे बप्पा रावल बड़े होने लगे। उस समय मेवाड़ में राजा मान मोरी का शासन था। उसने बप्पा रावल के ही पूर्वज राजा महेंद्र की छल से हत्या करके मेवाड़ पर कब्जा किया था। हालाँकि, बप्पा रावल के कौशल एवं दक्षता को देखते हुए मेवाड़ (मेवाड़, उदयपुर, राजसमन्द, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ का क्षेत्र) के शासक मान मोरी ने उन्हें राजधानी चित्तौड़गढ़ में बुलाकर अपनी सेना में शामिल कर लिया। यह भी कहा जाता है कि उन्हें स्वप्न में माँ भवानी ने मान मोरी की मदद करने का आदेश दिया था। इसी समय विदेशी मुस्लिम सेना ने चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। राजा मान ने अपने सामन्तों को मुकाबला करने के लिए कहा किन्तु उन्होंने इनकार कर दिया। हालाँकि, बप्पा रावल इसके लिए तैयार हो गए।

इस युद्ध में बप्पा रावल ने अद्भुत शौर्य का परिचय दिया और विदेशी आक्रमणकारी सिंध की तरफ भाग निकले। उन्होंने हमलावरों का पीछा अफगानिस्तान की राजधानी गजनी तक किया। वहाँ उन्होंने गजनी के शासक सलीम को हराया और अपने भाँजे को वहाँ की गद्दी पर बैठाया। बप्पा ने सलीम की बेटी के साथ विवाह किया और उसे लेकर चित्तौड़गढ़ लौट आए। इसके बाद राजा मान मोरी ने उन्हें सामंत की उपाधि दी और जागीरें भी दीं।

इस मेवाड़ में राजा मान मोरी और सामंतों के बीच विवाद हो गया। कई सामंत दरबार छोड़कर चले गए। इधर मान मोरी कमजोर होते गए और उधर मुस्लिम आक्रमणकारियों के हमले का लगातार डर बना रहता। इस बीच बप्पा के गजनी विजय अभियान को देखते हुए विद्रोही सामंतों ने राजा मोरी की जगह बप्पा को शासन करने के लिए राजी कर लिया।

सन 734 ईस्वी में चित्तौड़ पर आक्रमण करके बप्पा ने चित्तौड़ पर अधिकार कर लिया। हालाँकि, पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक इतिहास रखने वाले चारणों ने मौर्यवंश से ताल्लुक रखने वाले राजा मान मोरी को बप्पा रावल का नाना कहते हैं। यह भी कहा जाता है कि बप्पा रावल के अदम्य साहस को देखकर राजा मान मोरी ने स्वयं ही यह गद्दी उन्हें सौंप दी थी। खैर जो भी हो। मेवाड़ की सत्ता पर बप्पा रावल बैठे गए थे। इस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी।

चितौड़ पर अधिकार के बाद बप्पा रावल ने सबसे पहले अपनी सेना संगठित की। कहा जाता है कि उनके पास 12 लाख 72 हजार की सेना थी। इस सेना के बल पर उन्होंने मुस्लिम आक्रमणकारियों को बार-बार परास्त किया।पचास वर्ष की आयु में बप्पा रावल ने ईरान के खुरासान पर आक्रमण करके उस पर अपना अधिकार कर लिया। इसके बाद वहाँ अपना गवर्नर नियुक्त करके मेवाड़ लौट आए।

इधर, मोहम्मद बिन कासिम से हार के बाद के बाद राजा दाहिर के बेटा जयसिया ने हर जगह से थक-हारकर आखिरकार मेवाड़ में शरण ली। उसने बप्पा रावल को पूरी स्थिति के बारे में बताया था। महिलाओं के साथ इस तरह के अत्याचार को सुनकर बप्पा रावल क्रोधाग्नि में जलने लगे। वो एक लंबे युद्ध के लिए गठबंधन तैयार करने में लग गए। उन्होंने मालवा (मध्य प्रदेश) के शासक प्रतिहार राजवंश के नागभट्ट I के साथ गठबंधन किया। गुजरात के पुलकेशीन और जयभट्ट को भी साथ लिया। चालुक्य राजा जय सिम्हा वर्मन भी इस गठबंधन में शामिल हो गए। इन सबका का नेतृत्व बप्पा रावल कर रहे थे।

जिस समय भारत में मुस्लिम आक्रमणकारियों के खिलाफ हिंदू राजाओं का गठबंधन तैयार हो रहा था, उस समय अरब सेना का नेतृत्व कर रहे जुनैद अल मर्री ने दक्षिणी गुजरात, मालवा और दक्षिणी राजस्थान के कुछ इलाकों पर कब्जा कर लिया था। सन् 738 में हिन्दुओं की 6000 की सेना ने 60,000 की अरब फौज के साथ जोधपुर के नजदीक युद्ध किया। इस युद्ध में जुनैद मारा गया और इस्लामी फौज भाग खड़ी हुई।

उन्होंने इस्फन हान, कंधार, कश्मीर, इराक, ईरान, तूरान, काफरिस्तान, खुरासान आदि देशों के शासकों को पराजित कर उनकी पुत्रियों के साथ विवाह किया था। इतिहासकारों के मुताबिक, बप्पा ने हर मुस्लिम शासक को हराने के बाद उनकी बेटी से शादी की। इस तरह उनकी कुल 100 पत्नियाँ थीं, जिनमें 35 मुस्लिम रानी थीं। इन महिलाओं से उन्हें 130 बेटे हुए, जिनके वंशजों को आज ‘नौशेरा पठान’ कहा जाता है। मुस्लिम पत्नियों से जो उनके पुत्र हुए, उनमें से बड़े पुत्र जमरदीन को काबुल, दूसरे पुत्र अहमद नूर को तुर्कीस्तान तथा तीसरे पुत्र तीमार बेग को ईरान का राज्य दिया। इससे स्पष्ट है कि उन्होंने मुस्लिमों के खिलाफ कम-से-कम 35 युद्ध जीते।

अरब युद्ध से लौटते वक्त उन्होंने अपने द्वारा जीते गए हर भूभाग पर एक चौकी स्थापित की और वहाँ 1000 सैनिकों को तैनात किया। इनमें से प्रमुख चौकी रावलपिंडी थी, जो आज भी पाकिस्तान में है। इतिहासकार सी. वी. वैद्य ने बप्पा रावल की तुलना ‘चार्ल्स मार्टल’ (मुगल सेनाओं को सर्वप्रथम पराजित करने वाला फ्रांसीसी सेनापति) के साथ करते हुए कहा है कि उसकी शौर्य की चट्टान के सामने अरब आक्रमण का ज्वार-भाटा टकराकर चूर-चूर हो गया।

बप्पा रावल ने अपने पूर्वजों की तरह सोने के सिक्के का प्रचलन किया, जो उनकी प्रतिभा और वैभव का प्रतीक है। 115 ग्रेन के उनके सिक्के के दोनों तरफ कामधेनु, बछड़ा, शिवलिंग, नन्दी, दण्डवत करता हुआ पुरुष, नदी, मछली, त्रिशूल आदि का अंकन है। वे भगवान एकलिंग जी को मेवाड़ का अधिपति घोषित करके उनके नाम से शासन करने लगे।

जैन इतिहासकारों के अनुसार, बप्पा रावल की लंबाई लगभग 9 फीट थी। कहा जाता है कि वे 35 हाथ की धोती और 16 हाथ का दुपट्टा ओढ़ते थे। वे मेवाड़ के भगवान एकलिंग के परमभक्त थे और उन्हीं के नाम पर उन्होंने मेवाड़ में उनका दीवान बनकर शासन किया।

इतिहासकार गौरीशंकर ओझा के अनुसार बप्पा का देहांत नागदा में हुआ था और उनका समाधि स्थल ‘बप्पा रावल’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह भी माना जाता है कि बप्पा रावल की आयु 100 वर्ष की थी और जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने राज्य की बागडोर अपने पुत्र राजकुमार खुमाण को सौंपकर वन प्रस्थान कर गए और अंतिम साँस तक वहीं रहे। उनका समाधि स्थल एकलिंग जी मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

स्रोत: बप्पा रावल, इतिहास, महाराणा प्रताप, मेवाड़, रावलपिंडी, ईरान, राजस्थान इतिहास, Bappa Rawal, History, Maharana Pratap, Mewar, Rawalpindi, Iran,
Tags: Bappa RawalHistoryIranMaharana PratapMewarMuslim invadersRawalpindiइतिहासईरानबप्पा रावलमहाराणा प्रतापमेवाड़राजस्थान इतिहासरावलपिंडी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘राहुल बाबा की पोल खुल गई’: ऊपर भारत का संविधान, अंदर सारे पन्ने कोरे… अमित शाह ने क्यों किया जिक्र?

अगली पोस्ट

पाकिस्तान में ‘X’ बैन, फिर भी डोनाल्ड ट्रम्प को बधाई देने के लिए इसी का इस्तेमाल कर रहे PM शाहबाज़ शरीफ: VPN से तोड़ रहे अपना ही बनाया कानून

संबंधित पोस्ट

बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है
इतिहास

क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

26 November 2025

इतिहास की एक बड़ी विशेषता ये है कि वो नायकों और खलनायकों को परिभाषित करने का जिम्मा आने वाली पीढ़ियों पर छोड़ देता है, और...

26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस
इतिहास

संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

26 November 2025

भारत में संविधान दिवस  प्रतिवर्ष  26 नवंबर को मनाया जाता है। यह मात्र एक स्मृति-दिवस नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक क्षण का उत्सव है जब 1949...

श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति
Uncategorized

श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

25 November 2025

कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि मंगलवार को एक अद्वितीय आध्यात्मिक भाव से भर उठी, जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर राज्य...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited