अपने गुरु को देवगुरु का अवतार मानना रसलीन के सनातनी संस्कार का ही बोध होता है। रसलीन के साहित्य में तत्कालीन लोक जीवन की अनुभूतियाँ, प्रचलित लोक कथाएँ एवं भारतीय पौराणिक इतिहास के प्रसंगों की विविधता के साथ ही प्रचुरता भी है। उदाहरण के लिए वे एक हिन्दू भक्त की भाँति ही भगीरथी गंगा की भी स्तुति भारतीय पद्धति के अनुसार करते हुए स्मरण करते हैं कि गंगा विष्णु के पैरों से निकलकर शिव के सीस में जा बसी।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बिस्नु जू के पग तें निकसि संभु सीस बसि… माँ गंगा और गणेश के आराधक सैयद गुलाम नबी, सनातन परंपराओं से था स्नेह

भारत में जिस स्थान पर रसलीन रहते थे उस भूमि पर मुस्लिम ही रहा करते थे और रोचक तथ्य यह है कि वहाँ के सभी मुस्लिम साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में भारतीयता, सनातन को महत्व दिया। यह स्थान उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का बिलग्राम नामक गाँव है।

architsingh द्वारा architsingh
11 November 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
रसलीन, सैयद गुलाम नबी

रसलीन ने ब्रजभाषा सीखने के लिए उस भाषा में ग्रन्थ की ही रचना कर दी, निश्चित रूप से यह उनकी असाधारण प्रतिभा को परिलक्षित करता है

Share on FacebookShare on X

मध्यकाल में जो हिंदी साहित्य हमें प्राप्त होता है उसे समृद्ध करने में तत्कालीन रचनाकारों का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है। मध्यकाल के रचनाकारों ने जो साहित्य रचा, उस साहित्य की समृद्धि के कारण ही इसे स्वर्ण युग कहा गया। निःसन्देह मध्यकाल का यह दौर दो संस्कृतियों की टकराहट का दौर था, विदेशी संस्कृति भी भारतीय संस्कृति पर थोपी जा रही थी किन्तु वास्तविकता यह है कि संस्कृति थोपी नहीं जा सकती बल्कि जब भी दो संस्कृतियों का मेल होता है तो सहज ही दोनों एक दूसरे से अनेक तत्व ग्रहण करती हैं।

भारत में भी ऐसा हुआ किन्तु यहाँ बात ध्यान रखनी चाहिए कि भारतीय संस्कृति में विदेशी संस्कृति के कुछ तत्व भले ही शामिल हुए हों किन्तु मध्यकाल में भी अनेक विदेशी मूल के लोगों ने भारत में आकर भारतीय संस्कृति को अपनाया। आज हम बात करेंगे एक ऐसे ही मुस्लिम साहित्यकार ‘रसलीन‘ की जो मूलतः भारत से नहीं थे किंतु उनकी रचनाओं में भारत–बोध, भारतीय मूल्य आदि बेहद सुंदर ढंग से मिलते हैं। रसलीन ने स्वयं अपनी वंश परम्परा के बारे में बताते हुए कहा है कि इनके पूर्वज हिंदुस्तान में आकर बस गए थे– “प्रगट हुसेनी बासती, बंस जो सकल जहान। तामैं सैद अब्दुल फरह, आए मधि हिंदुवान।” रसलीन यहाँ हिंदुस्तान के स्थान पर हिंदुवान शब्द का प्रयोग करते हैं। हिंदुवान अर्थात जहाँ हिन्दू रहते हैं, हिंदुओं का जनपद आदि।

संबंधितपोस्ट

पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

मुहम्मद गौरी के दान किए 2 गांव से शुरू हुआ वक्फ, आज 9 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर कर चुका है कब्जा

स्वतंत्रता के लिए फांसी का फंदा चूमने वाले क्रांतिकारी काशीराम, जिन्हें अपने ही देशवासियों ने ठहराया था डाकू

और लोड करें

हालाँकि, कुछ तथाकथित लोग भले ही आज इस बात को न मानें किन्तु मध्यकाल के उस दौर में भारत में आने वाले अनेक मुस्लिम कवियों ने यहाँ की संस्कृति, मूल्यों और परम्पराओं को अपनाते हुए साहित्य रचना की। जिसके स्पष्ट साक्ष्य भी हमें प्राप्त होते हैं। हालाँकि इन कवियों के लिए यह करना आसान नहीं था क्योंकि केंद्रीय सत्ता कट्टर और रूढ़िवादी थी जिसकी वजह से भारतीय परम्पराओं, संस्कृति और मूल्यों को हीन बताने का कुत्सित प्रयास भी चल रहा था।

भारतीय परंपराओं से प्रेरित थे बिलग्राम के मुस्लिम साहित्यकार

अब रसलीन के विषय में हम यह तो जान चुके हैं कि वे एक विदेशी मूल के व्यक्ति थे। इनका पूरा नाम सैयद गुलाम नबी ‘रसलीन‘ था एवं इनके पिता का नाम सैयद मुहम्मद बाकर बताया जाता है। रसलीन का जन्म कब हुआ था इस सम्बंध में एक दोहे में संकेत मिलता है। इस दोहे में वे कहते हैं ‘मैं (रसलीन) सूरी के फूल (सूरजमुखी) के समान खिला हूँ और अपनी जन्म तिथि जो मैंने स्वयं कही ‘नूर चश्मे बाकरे अब्दुल हमीदम’ (1111 हिजरी) है।‘ इसी दोहे के आधार पर इतिहासकार रामनरेश त्रिपाठी ने रसलीन के जन्म का वर्ष सन 1689 ई. माना है। दोहा यहाँ पढ़ा जा सकता है– 

“नूर चश्मे मीर बाकर गुफ्त बामन, चूँ गुले खुरशीद दर आलम दमीदम
साल तारीखे तवल्लुद खुद बेगुफ्तम, नर चश्मे बाकरे अब्दुल हमीद।“

हमें ज्ञात हो गया कि ये विदेशी मूल के व्यक्ति थे किंतु भारत में ये किस स्थान पर रहते थे यह जानना भी महत्वपूर्ण है। महत्वपूर्ण इसलिए क्योंकि भारत में जिस स्थान पर रसलीन रहते थे उस भूमि पर मुस्लिम ही रहा करते थे और रोचक तथ्य यह है कि वहाँ के सभी मुस्लिम साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में भारतीयता, सनातन को महत्व दिया। यह स्थान उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले का बिलग्राम नामक गाँव है। बिलग्राम के मुस्लिम साहित्यकारों ने जिस तरह सनातन, भारतीय भक्ति, परम्पराओं को अपनी रचनाओं में अभिव्यक्त किया, हिंदी साहित्य में इस पर शोध कार्य हुए हैं एवं वर्तमान में भी हो रहे हैं।

सैयद ‘रसलीन’ ने ब्रजभाषा सीखने के लिए लिख डाला ग्रन्थ

यह ठीक है कि सैयद ‘रसलीन‘ मुस्लिम थे किंतु उन्हें संस्कृत भाषा और साहित्य का पंडित कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। ‘अंग दर्पण‘ (1737 ई.) और ‘रसप्रबोध‘ (1749 ई.) इनकी दो रचनाएँ हमें प्राप्त होती हैं। इनके अध्ययन से हमें ज्ञात होता है कि इन्हें भारतीय काव्यशास्त्र की परंपरा और रूढ़ियों की गहरी जानकारी थी। उसकी बारीकियों को समझकर उन्होंने इन रीतिग्रंथों की रचना की। विभिन्न लक्षणों का उल्लेख करने के बाद उन्होंने जो उदाहरण दिए हैं उनमें भारतीय संस्कृति, इतिहास, लोक और पुराण के संदर्भ निहित हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि वे संस्कृत के बड़े विद्वान थे। यह बात तो हो गयी इनकी विद्वता की। हालाँकि इनकी प्रतिभा का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि ‘अंगदर्पण‘ की रचना रसलीन ने ब्रजभाषा सीखने के लिए की।

जहाँ सामान्य व्यक्ति किसी भी भाषा को सीखने के लिए अनेक प्रयत्न करता है तब जाकर वह उस भाषा को बोल–समझ सकता है किंतु रसलीन ने ब्रजभाषा सीखने के लिए उस भाषा में ग्रन्थ की ही रचना कर दी, निश्चित रूप से यह उनकी असाधारण प्रतिभा को परिलक्षित करता है।

अब यदि रसलीन के काव्य में सनातन–राग को देखें तो वास्तव में इनके दोहों को पढ़कर यह अनुमान लगाना कठिन हो जाएगा कि ये रचना किसी मुस्लिम व्यक्ति ने लिखी है। रसलीन ने अपनी रचनाओं में गुरु को महत्व दिया है। राम, कृष्ण, सीता, पार्वती, गंगा, लक्ष्मण, हनुमान, सरस्वती, इंद्र आदि से जुड़े अनेक प्रसंग रसलीन  के दोहों में दिखाई देते हैं। भारतीय पौराणिक इतिहास से जुड़े इन प्रसंगों का रसलीन की रचनाओं में होना यह प्रमाणित करता है कि वे सनातन में गहरी आस्था रखते थे। रसलीन ने अपनी रचनाओं के लिए विषय–वस्तु एवं प्रतीकों का चयन भारतीय महाकाव्यों की परंपरा से किया है, फ़ारसी साहित्य से नहीं। इसीलिए सही अर्थों में इनका सम्पूर्ण साहित्य भारतीय संस्कृति का संवाहक प्रतीत होता है। रसलीन की सनातन में आस्था को जानने के लिए हम उनकी रचनाओं को ही आधार बनाएँगे। हम जानते हैं कि सनातन धर्म में किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने से पूर्व विघ्नहर्ता गणेश की प्रार्थना एवं स्तुति की जाती है। रसलीन भी अपने ग्रन्थ ‘रस प्रबोध’ में सोहिल विवाह के प्रसंग में गणेश की वंदना करते हैं – 

“गनपति आराधि आदि, उत्तम सगुन साधि, सुभ घरी, धरी लगन।
गावत गुनीन गायन, मोहत नर नारायन, इंद्रादिक सुन सुन होत मगन।” 

यहाँ गणेश की प्रार्थना, एक उत्तम शकुन साधना, शुभ घड़ी एवं शुभ लग्न विचारना और नर–नारायण तथा इंद्रादिक देवों का उल्लेख जिस तरह मिलता है इससे स्पष्ट होता है कि रसलीन सनातन परंपरा में पूर्णतः पगे हुए हैं। भारतीय मूल्यों में उनकी आस्था की गहराई को इस बात से भी मापा जा सकता है कि वे अपने गुरु तुफैल मुहम्मद बिलग्रामी की प्रशस्ति करते हुए उन्हें देवताओं के गुरु कहे जाने वाले ब्रहस्पति का अवतार बताते हैं।

जहाँ आज अनेक कट्टरपंथी लोग हिन्दू देवी–देवताओं एवं सनातन परंपराओं का सोशल मीडिया पर मखौल उड़ाते हुए दिखेंगे उनके ही धर्म में आने वाले लोग मध्यकाल के दौर में सनातन की खूबसूरती की तारीफ करते नहीं थके, सिर्फ तारीफ ही नहीं बल्कि सनातन को आत्मसात भी किया। अपने गुरु की बात करते हुए रसलीन लिखते हैं– 

“देस बिदेसन के सब पंडित, सेवत हैं पग सिष्य कहाई।
आयो है ज्ञान सिखावन को,सुर को गुरु मानुस रूप बनाई।“

गंगा नदी में श्रद्धा रखते थे रसलीन

अपने गुरु को देवगुरु का अवतार मानना रसलीन के सनातनी संस्कार का ही बोध होता है। रसलीन के साहित्य में तत्कालीन लोक जीवन की अनुभूतियाँ, प्रचलित लोक कथाएँ एवं भारतीय पौराणिक इतिहास के प्रसंगों की विविधता के साथ ही प्रचुरता भी है। उदाहरण के लिए वे एक हिन्दू भक्त की भाँति ही भगीरथी गंगा की भी स्तुति भारतीय पद्धति के अनुसार करते हुए स्मरण करते हैं कि गंगा विष्णु के पैरों से निकलकर शिव के सीस में जा बसी। जैसे आज भी हिंदुओं में गंगा, यमुना, सरस्वती आदि नदियों को लेकर मातृत्व का भाव है, उनके प्रति अपार श्रद्धा और भाव है। हम मानते हैं कि इन नदियों में स्नान से रजोगुण और तमोगुण का अंत होकर सत्वगुण की प्राप्ति होती है। रसलीन के इस दोहे में भी इसी आस्था और श्रद्धा को देखा जा सकता है– 

“बिस्नु जू के पग तें निकसि संभु सीस बसि, भगीरथ तप तें कृपा करी जहाँ पैं।
पतिततन तारिबे की रीति तेरी एरी गंग, पाइ रसलीन इन्ह तेरेई प्रमाण पैं।
कालिमा कलिंदी सुरसती अरुनाई दाऊ, मेटि–मेटि कीन्हैं सेत आपने विधान पैं।
त्यों ही तमोगुन रजोगुन सब जगत के, करिके सतोगुन चढ़ावत बिमान पैं॥“

आज कुछ कट्टरपंथी लोग नदियों को माता मानने पर सनातन का तिरस्कार करके अपनी मूढ़ता प्रदर्शित करते हैं, उन्हें रसलीन के इस दोहे को पढ़ना चाहिए और विचार करना चाहिए कि किस तरह एक विदेशी मूल एवं विदेशी धर्म से आने वाले व्यक्ति ने सनातन की खूबसूरती को पहचान कर उसे पूर्णतः आत्मसात कर लिया। उपर्युक्त उदाहरणों के अतिरिक्त रसलीन के काव्य में कृष्ण, राधा, गोपिकाएं, बंशी आदि भी खूब दिखाई देती है। शेषनाग को लेकर सनातन में कहा जाता है कि उन्होंने ही धरती का भार उठा रखा है रसलीन के दोहे में यह जिक्र भी दिखाई देता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सनातन के लगभग सभी पक्षों उससे जुड़े सभी प्रसंगों को रसलीन ने अपनी रचनाओं में स्थान दिया एवं सनातन को आत्मसात किया।

पठानों के साथ युद्ध करने वक्त हुई मृत्यु

इनका व्यक्तित्व कैसा था इनके दोहों से हमें ज्ञात होता है किंतु इनकी एक और विशेषता थी कि रसलीन ने ईश्वर और गुरु के अतिरिक्त किसी के सामने अपना मस्तक नहीं झुकाया। वे जीवन यापन के क्षेत्र में अपने कर्म के कारण प्रतिष्ठित थे। जहाँ एक ओर मध्यकाल में दरबारी कवि राजाओं को ही भगवान मां लिया करते थे वहीं रसलीन का स्वाभिमान उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता है। उनके यह दोहा इस दृष्टि से उल्लेखनीय है– 

“तजि द्वार ईस को नवायो सीस मानुस को।
पेट ही के काज सब, लाज खोइ बावरे।।“

रसलीन के विषय में यह ज्ञात होता है कि ये सिर्फ कवि ही नहीं बल्कि योद्धा भी थे। इतिहास की पुस्तकों का अध्ययन करने पर जानकारी मिलती है कि ये निपुण तीरंदाज, सुयोग्य सैनिक एवं अच्छे घुड़सवार थे। वो नवाब सफदरजंग की सेना में थे। कहा जाता है कि इनकी मृत्यु भी पठानों के साथ युद्ध करते हुए आगरा के समीप 1750 ई. में हुई। इस तरह मध्यकालीन साहित्य को अपना अमूल्य प्रदेय देकर सनातन में आस्था रखने वाले एक वीर योद्धा रसलीन इस भौतिक संसार से विदा ले गए। 

स्रोत: Rasleen, रसलीन, मध्यकाल, Medieval India, मध्यकाल का भारत, Poet, कवि, Syed Ghulam Nabi, सैयद गुलाम नबी
Tags: HistoryPoetRasleenइतिहासकविरसलीन
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ट्रंप और पुतिन की ‘सीक्रेट’ बातचीत; अब थम जाएगा रूस और यूक्रेन का युद्ध!

अगली पोस्ट

‘बच्चों की लाश पर टीआरपी का खेल’: आग से हुई 22 मौतें, जबरन PM मोदी का नाम डलवाना चाहते थे विनोद कापड़ी?

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य
इतिहास

नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

13 July 2025

एक हज़ार साल से भी पहले, जब दुनिया का ज़्यादातर हिस्सा अंधकार में डूबा हुआ था, तमिल हृदयभूमि का एक शक्तिशाली सम्राट समुद्र पर राज...

स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान
संस्कृति

स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

12 July 2025

योग प्राचीन काल से ही भारतीय जीवनशैली का महत्वपूर्ण अंग रहा है। यहां की संस्कृति, कला और परंपराएं आज भी विदेशी पर्यटकों को भारत आने...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20

Stalin’s DMK Faces Heat Over Brutal Custodial Killings in Tamil Nadu

00:08:06

Hindu girl r@ped, burned with cigarettes and forced to convert to Islam

00:03:31

Delhi’s Trump Card: Kejriwal Wants a Nobel for Surviving Politics

00:05:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited