भोजपुरी या लोक-गीतों में रुचि रखने वालों के लिए इसके कारणों का अनुमान लगाना भी कोई कठिन नहीं। शारदा सिन्हा स्वयं भी बताती हैं कि गीत भी स्तरीय नहीं थे और कुछ निर्माता कंपनियों के ताम-झाम ऐसे रहे कि दस वर्षों की दूरी हो गई।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    “सैलून का मायाजाल” हिमाचल के लिए खतरे की घंटी

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर मासूमियत पर बरसा लाल आतंक

    कम्युनिस्टों का रामभजन से डर: जन्माष्टमी यात्रा पर हमला और केरल की बदलती तस्वीर

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम

    हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

    लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत

    जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

दुखवा मिटाईं छठी मईया… बिहार के प्रवासियों को संस्कृति से जोड़ती रही शारदा सिन्हा की आवाज़

इस पूरे दौर में बिहार की स्थिति “जंगलराज” की थी, जिसके कारण फिल्म या संगीत जैसे उद्योग बिहार में पनप भी नहीं रहे थे

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
5 November 2024
in चलचित्र, ज्ञान, बैठक, संस्कृति, सिनेमा
शारदा सिन्हा, लोकगायिका

भिखारी ठाकुर की एक रचना “कौन सी नगरिया” पर आधारित एक गीत को शारदा सिन्हा ने स्वर दिया था

Share on FacebookShare on X

भारतीय फिल्मों में संगीत के फिर से प्रधान होने के 1990 वाले दौर में एक फिल्म आई – “मैंने प्यार किया”। आजकल खासे विवादों में चल रहे सलमान खान के लिए भी बतौर मुख्य अभिनेता ये पहली फिल्म थी, इसलिए भी इसे याद किया जाता है। जो पक्ष इस फिल्म को विशेष बना देता था, वो था इसका संगीत और इसी फिल्म ने एक बार फिर से भारतीय सिने प्रेमियों का परिचय बिहार के लोक गीतों तथा संगीत से करवा दिया। इस फिल्म का “कहे तोसे सजना” आज भी कभी-कभार बजता सुनाई दे जाता है। शारदा सिन्हा उस दौर में भी बिहार के लिए कोई अपरिचित नाम नही थीं।

मैथिली, भोजपुरी, मगही इत्यादि बिहार की भाषाओं के श्रोता उससे बहुत पहले से शारदा सिन्हा के नाम से परिचित हो चुके थे। ऐसा इसलिए क्योंकि तब के सहरसा और अब के सुपौल कहलाने वाले जिले में 1952 में जन्मी शारदा सिन्हा ने गायन की शुरुआत मैथिली गीतों से ही की थी।

संबंधितपोस्ट

बिना व्रत रखे अर्घ्य देने पहुंची दिल्ली CM आतिशी? सिंदूर भी रहा गायब: लोग बोले – ये छठ का अपमान, महापर्व पर ड्रामा

राजा प्रियंवद को संतान मिली, कवि मयूरभट्ट का कुष्ठ रोग ठीक हुआ: छठ से जुड़ी वो कथाएँ, जिन्हें नहीं जानते हैं आप

सुपवो न मिले माई… छठी मैया के श्रीचरणों में विलीन हुईं उनकी प्यारी बेटी, लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन

और लोड करें

बॉलीवुड से लेकर बिहार के महोत्सवों तक, हर जगह दिखीं शारदा सिन्हा

नब्बे के दौर के कई वर्ष बाद जब अनुराग कश्यप की “गैंग्स ऑफ वासेपुर 2” आई तो फिल्मों में एक बार उनकी आवाज फिर से “तार बिजली से पतले हमारे पिया” गाने में सुनाई दी। ऐसा नहीं है कि इसके बाद के दौर में उन्होंने दूसरी किन्ही फिल्मों में गाया नहीं था। एक गुमनाम रह गई फिल्म थी “चार फुटिया छोकरे” जो कि बिहार के ही मुद्दे पर आधारित थी, उसमें शारदा सिन्हा की आवाज सुनाई दी थी। विदेशों से बिहार के गाँव में एक स्कूल खोलने आई युवती की कहानी पर आधारित ये फिल्म 2014 में आई थी। इसमें मालिनी अवस्थी के एक गीत के अलावा, भिखारी ठाकुर की एक रचना “कौन सी नगरिया” पर आधारित एक गीत को शारदा सिन्हा ने स्वर दिया था। एक और भी छोटे से गाने में उनकी आवाज थी। हाँ अगर गीतों के पूरे एल्बम की बात करें तो ये अवश्य था कि 2006 में आये उनके एल्बम के बाद दूसरा एल्बम 2016 में, दस वर्षों बाद आया था।

भोजपुरी या लोक-गीतों में रुचि रखने वालों के लिए इसके कारणों का अनुमान लगाना भी कोई कठिन नहीं। शारदा सिन्हा स्वयं भी बताती हैं कि गीत भी स्तरीय नहीं थे और कुछ निर्माता कंपनियों के ताम-झाम ऐसे रहे कि दस वर्षों की दूरी हो गई। भारत सरकार ने शारदा सिन्हा को 1991 में ही पद्म श्री दिया था और बाद में उन्हें (2018 में) पद्मभूषण भी मिला। इस पूरे नब्बे से लेकर अबतक के पैंतीस के करीब वर्षों में बिहार से जुड़ा शायद ही कोई ऐसा महोत्सव था, जहाँ शारदा सिन्हा की उपस्थिति न रही हो। प्रयाग संगीत समिति का प्रयागराज में किया हुआ संगीत उत्सव हो या दिल्ली के प्रगति मैदान का बिहार उत्सव (2009), सभी में शारदा सिन्हा ने प्रस्तुतियाँ दीं। बिहार और आसपास के इलाकों में उनकी प्रसिद्धि की एक बड़ी वजह उनका छठ के गीतों से जुड़ा होना था।

छठ के गीतों का पर्याय बन गईं शारदा सिन्हा

लोक-आस्था के पर्व छठ के साथ दूसरे सभी त्योहारों की ही तरह लोक-गीत भी जुड़े होते हैं। भोजपुरी में अश्लीलता को गीतों के नाम पर परोसने का जो पिछले तीन दशकों का दौर था, उस दौर में बिहार की दूसरी भाषाओं में (जैसे मैथिली या मगही-अंगिका आदि) में फ़िल्में और गीत ना के बराबर आ रहे थे। यही दौर बिहार से व्यापक स्तर पर पलायन का दौर भी था। अपनी संस्कृति से जबरन काट दिए गए बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए एकमात्र शारदा सिन्हा की आवाज ही होती थी जो उसे वापस उसकी जड़ों से जोड़ती थी। छठ के गीत जैसे “सुपवो न मिले माई…” या “पहिले-पहिल छठी मैया…” उस प्रवासी मजदूर को छठ पर वापस घर बुलाती सी लगती थी। अपने संगीत करियर में शारदा सिन्हा ने केवल छठ के गीतों के कुल 9 एल्बम दिए जो टिप्स, एचएमवी और टी-सीरीज जैसी कंपनियों ने जारी किये। फिर उन्हीं कंपनियों से अच्छे गीत इत्यादि न मिलने के कारण वो थोड़े समय एल्बम निकालने से परहेज भी करती रहीं।

इस पूरे दौर में बिहार की स्थिति “जंगलराज” की थी, जिसके कारण फिल्म या संगीत जैसे उद्योग बिहार में पनप भी नहीं रहे थे। अब कहीं जाकर बिहार ने अपनी एक फिल्म नीति घोषित की है। हाँ, बिहार की फिल्म इंडस्ट्री को बनाने और आगे बढ़ाने के लिए इसी दौर में नीतू चंद्रा और नितिन नीरा चंद्रा जैसे कुछ लोग भी जुटे थे। मैथिली जैसी भाषाओं में उन्होंने हाल ही में पुनः फिल्में बनानी भी शुरू कर दी हैं। जो 2016 में शारदा सिन्हा का एल्बम आया था उसे भी नीतू चंद्रा, नितिन नीरा चंद्रा और अंशुमन सिन्हा (शारदा सिन्हा के पुत्र) ने ही निर्माता के रूप में सामने रखा था। इसके लिए स्वर शारदा (शारदा सिन्हा म्यूजिक फाउंडेशन), चंपारण टॉकीज और नीओ बिहार का बैनर प्रयुक्त हुआ। नितिन नीरा चंद्रा की आने वाली फिल्म “देसवा” के लिए भी शारदा सिन्हा ने स्वर दिया है।

शारदा सिन्हा के कद का अनुमान लगाना हो तो इस बात से भी लगा सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार एम्स में डॉक्टरों से संपर्क करके उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे हैं। जनता के लिए शारदा सिन्हा क्या होती हैं, ये समझना हो तो देखिए कि हर ओर शारदा सिन्हा का ही गाया हुआ “दुखवा मिटाईं छठी मईया” उनके ही शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ बज रहा है। छठ की शुभकामनाओं के साथ ही बिहार कोकिला शारदा सिन्हा के भी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।

स्रोत: Sharda Sinha, शारदा सिन्हा, लोकगीत, Lokgeet, छठ, Chhath,
Tags: ChhathFolk SongsSharda Sinhaछठलोकगीतशारदा सिन्हा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

चुनावी बांड पर ताली बजाते हैं लेकिन…:सोशल मीडिया से अदालतों पर दबाव बनाने की कोशिश का CJI ने किया भंडाफोड़

अगली पोस्ट

‘वो महिला नहीं, मर्द था’: महिलाओं के खेल में जिस इमान खलीफ को जिताया था ओलंपिक गोल्ड मेडल, वो निकला पुरुष

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन पोलो के बाद सरदार पटेल का झुक कर अभिवादन करते हैदराबाद के निजाम
इतिहास

हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

16 September 2025

82,698 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की हैदराबाद रियासत की गिनती हमेशा से भारत के प्रमुख और अमीर रियासतों में की जाती थी। इसका क्षेत्रफल ब्रिटेन और...

लक्ष्मणपुर बाथे: एक रात, जब 58 ज़िंदगियां बुझा दी गईं, भारत के दलितों का शोकगीत
इतिहास

जंगलराज की जड़ें: बिहार का अंधकारमय अध्याय और राजनीति की निर्णायक विरासत

16 September 2025

बिहार, जिसे भारतीय इतिहास और संस्कृति का धनी राज्य कहा जाता है, जहां चाणक्य की राजनीति जन्मी, जहां बुद्ध ने ज्ञान का प्रकाश फैलाया और...

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा
इतिहास

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

15 September 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई मोर्चे हैं—कुछ किताबों के पहले पन्नों पर दर्ज हैं, तो कुछ हाशिये पर दबे रह गए। 1947 में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

Where Is Kerala Heading? | The Shocking Truth of CPM’s Hate Towards Hindus

00:05:16

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited