संस्कृत के विद्वान डॉ. टी.एस. श्यामकुमार ने इस प्रथा की शुरुआत को जातिवाद से जोड़ा है...
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    चीन दुनिया के सामने खुद को शक्तिशाली दिखाता है, जबकि अपने ही देशवासियों से असुरक्षित महसूस करता है

    चीन भले ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शक्ति हो- लेकिन ड्रैगन के इस ‘शक्ति प्रदर्शन’ के पीछे  नागरिकों के उत्पीड़न की अंतहीन कहानियां छिपी हैं

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    पीएम मोदी का मास्टरस्ट्रोक: भागवत को बधाई, विपक्ष को ‘बाय-बाय’

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    मोहनजोदड़ो में मिले ‘प्रीस्ट किंग’ एक बार फिर चर्चा में क्यों है? और 4 हजार वर्ष पुरानी प्रतिमा का प्रधानमंत्री मोदी से क्या है ‘कनेक्शन’ ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

श्रद्धा या जातिवाद: कैसे शुरू हुई केरल के मंदिरों में शर्ट ना पहनने की परंपरा?

संस्कृत के विद्वान डॉ. टी.एस. श्यामकुमार ने इस प्रथा की शुरुआत को जातिवाद से जोड़ा है

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
13 January 2025
in इतिहास, चर्चित
सबरीमाला मंदिर में काली शर्ट और मुंडू (धोती) पहनने की परंपरा है

सबरीमाला मंदिर में काली शर्ट और मुंडू (धोती) पहनने की परंपरा है

Share on FacebookShare on X

केरल में पिछले कुछ दिनों से मंदिर में शर्ट उतारकर दर्शन करने की सदियों पुरानी परंपरा को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है। हाल ही में, केरल के प्रसिद्ध शिवागिरी मठ और श्री नारायण धर्म संघम ट्रस्ट के प्रमुख स्वामी सच्चिदानंद ने इस प्रथा को ‘घृणित’ बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की है। स्वामी सच्चिदानंद ने कहा है कि शर्ट उतारने की प्रथा को ब्राह्मणों द्वारा पहने जाने वाले पुणूल (यज्ञोपवीत या जनेऊ) को दिखाने के लिए शुरू किया गया था और समय के साथ इसमें बदलाव किए जाने की ज़रूरत है।

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी स्वामी सच्चिदानंद की इस मांग का समर्थन किया था और कहा था इस मांग को सभी मंदिरों को अपनाना चाहिए। विजयन ने कहा, “किसी को इसके लिए बाध्य करने की ज़रूरत नहीं है। समय के साथ कई प्रथाएं बदल गई हैं। श्री नारायण आंदोलन से जुड़े मंदिरों ने उस बदलाव को अपनाया है। मुझे उम्मीद है कि अन्य पूजा स्थल भी उस बदलाव का पालन करेंगे।” हालांकि, केरल बीजेपी और नायर सेवा समाज ने मुख्यमंत्री के बयान की निंदा की है।

संबंधितपोस्ट

ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

दिल्ली में IUML ने खोला कार्यालय, प्रियंका गांधी की गैरमौजूदगी ने बढ़ाई अटकलें

और लोड करें

मंदिरों का पहनावा और विवाद

सहस्त्राब्दियों से लोगों का पहनावा ना केवल उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बल्कि जाति, धर्म और लिंग के प्रतीक के तौर पर भी जुड़ा रहा है। विभिन्न समुदाय अपनी मान्यताओं के आधार पर अपने पहनावे का चुनाव करते आए हैं। इसमें भी मंदिरों के पहनावे को शारीरिक शुद्धता और पवित्रता के साथ जोड़ा जाता है। इसे ना केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है बल्कि कपड़ों के त्याग को भौतिकतावाद को छोड़कर आध्यात्मिक शुद्धता की ओर कदम बढ़ाए गए कदम के तौर पर देखा जाता है।

हालांकि, केरल के सभी मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले पुरुषों द्वारा शर्ट उतारे जाने की परंपरा नहीं है लेकिन तिरुवनंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, त्रिशूर के गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर और कोट्टायम के एट्टुमानूर महादेव मंदिर जैसे कुछ प्रमुख मंदिरों में यह परंपरा सख्ती से लागू की जाती है। पद्मनाभस्वामी मंदिर में महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। सबरीमाला मंदिर में एक काली शर्ट और मुंडू (धोती) पहनने की परंपरा है। हालांकि, परंपराएं समय के साथ बदलती रही हैं और इन्हीं बदलावों के चलते शर्ट पहनकर दर्शन किए जाने की मांग ने ज़ोर पकड़ा है।

गुरुवयूर स्थित गुरुवयूर मंदिर में महिलाओं के सलवार पहनने पर कुछ समय प्रतिबंध लगा दिया गया था और वे केवल साड़ी पहनकर ही जा सकती थीं। लेकिन 2013 में इसे संशोधित किया गया और उन्हें सलवार पहनकर भी मंदिर में दर्शन की अनुमित दी गई।

केरल सरकार ने 1970 के दशक में भी मंदिर के ड्रेस कोड को खत्म करने का प्रयास किया था लेकिन तब इसका प्रभाव बहुत सीमित ही थी और इस फैसले से पीछे हटना पड़ा था। केरल उच्च न्यायालय ने 2014 में गर्भगृह के अंदर कपड़ों पर प्रतिबंध हटाने की याचिका को खारिज कर दिया था और इस मामले में कोर्ट ने आगम (तांत्रिक साहित्य की एक शाखा) के सिद्धांतों को माना था। कोर्ट ने ने आगमों को ‘मंदिरों के निर्माण, उनमें मूर्तियों की स्थापना और देवता की पूजा के आचरण से संबंधित औपचारिक कानून’ के ग्रंथ के रूप में परिभाषित किया था।

शर्ट उतारने की परंपरा पर क्या हैं मत?

केरल के कई मंदिरों में जारी शर्ट उतारने की प्रथा का कुछ विद्वान कोई शास्त्रीय आधार नहीं मानते हैं और संस्कृत के विद्वान डॉ. टी.एस. श्यामकुमार ने इस प्रथा की शुरुआत को जातिवाद से जोड़ा है। श्यामकुमार ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में कहा कि इसका कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है कि मंदिरों में शर्ट उतारने की शुरुआत कैसे हुई क्योंकि लंबे समय तक शर्ट अस्तित्व में नहीं थी। उन्होंने कहा, “केरल के शास्त्रों में स्पष्ट रूप से ये विवरण मिलते हैं कि 10वीं से 19वीं सदी के बीच हाशिए पर रहने वाले समुदायों को मंदिरों में प्रवेश से रोका गया था।”

श्यामकुमार ने कहा, “शूद्रों को मध्यकाल तक पद्मनाभस्वामी मंदिर में प्रवेश के दौरान ऊपरी शरीर को ढकने की अनुमति नहीं थी।” उन्होंने कहा कि शर्ट उतारने की प्रथा को परंपरा समझा जाना बिल्कुल गलत है और यह जातिवाद से जुड़ी हुई है। श्यामकुमार के मुताबिक, इस बात के भी प्रमाण हैं कि समृद्ध नायर समुदाय के लोगों से भी ब्राह्मणों के सम्मान में ऊपरी वस्त्र उतारने को कहा जाता था।

वहीं, लेखिका और मंदिर के तंत्रों पर शोध कर चुकीं लक्ष्मी राजीव का कहना है कि केरल में महिलाओं को स्तन ढकने के अधिकार के लिए लड़ना पड़ा जबकि पुरुषों ने कभी भी कपड़े पहनने को लेकर कोई विरोध नहीं किया था। उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि पर्याप्त कपड़े न पहनने की यह प्रथा समय के साथ एक अनुष्ठान में विकसित हो गई।” उनका इस प्रथा को लेकर कहना है कि सभी पुरुष इस तरह के कपड़े पहनने में सहज नहीं होते हैं।

हालांकि, कुछ इतिहासकार और पुजारी इस प्रथा को जातिवाद के साथ जोड़े जाने से सहमत नहीं है और उनका मानना है कि यह गैर-ब्राह्मणों को मंदिरों से बाहर रखने के उद्देश्य से नहीं आई थी। इतिहासकार मनु एस. पिल्लई का कहना है कि केरल में यह सामान्य प्रथा थी कि लोग अपने कंधे से ‘थोर्थु’ हटा कर इसे कमर के चारों ओर लपेटते थे और यह बुजुर्ग और जमींदार जैसे लोगों के प्रति सम्मान दिखाने का एक तरीका था। पिल्लई ने कहा, “यहां लोग कभी भी अपने परिवार के बुजुर्ग के सामने ‘मेलमुण्डु’ (ऊपरी वस्त्र) या थोर्थु नहीं पहनता था।”

पिल्लई ने इस प्रथा को जनेऊ दिखाए जाने की वजह से शुरु किए जाने को खारिज करते हुए कहा कि मंदिर के पुजारी, ब्राह्मण व राजा भी मंदिरों में अपने ऊपरी वस्त्र उतारते थे और यह श्रद्धा व सम्मान का प्रतीक था। बकौल पिल्लई, तथाकथित उच्च जाति के अधिकांश लोग जनेऊ नहीं पहनते थे तो इस प्रथा जनेऊ से जुड़ी नहीं हो सकती है। उनका मानना है कि इस प्रथा की शुरुआत इस विश्वास के साथ हुई कि भगवान सभी से ऊपर हैं। उन्होंने कहा, “प्राचीन काल में त्रावणकोर और कोच्चि के राजा कभी भी अपनी कमर के ऊपर वस्त्र नहीं पहनते थे। उनके चित्रों में यह स्पष्ट रूप से नज़र आता है।”

केरल के ब्राह्मण पुजारियों के संगठन अखिल केरल तंत्री मंडलम के महासचिव एन. राधाकृष्णन पोट्टी ने कहा कि केरल के सभी प्रमुख मंदिरों में यह सदियों से प्रचलन में है। उन्होंने कहा कि माना जाता है कि पुरुष अपने हृदय और महिलाएं अपने माथे के माध्यम से मूर्ति की चमक को अवशोषित करती हैं। पोट्टी ने इस प्रथा का बचाव करते हुए कहा, “यह मंदिर में पूजा करने वालों के लिए आस्था का मामला है और इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।”

पोट्टी ने मंदिर के रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर कनिप्पय्युर शंकरन नंबूदिरीपाद द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘क्षेत्राचारंगल’ का हवाला भी दिया है। इस पुस्तक में उन प्रथाओं की सूची दी गई है जिनसे पुरुषों को मंदिरों में जाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, “इसमें आपके बालों पर घी और तेल लगाने और आपके शरीर के ऊपरी हिस्से पर कपड़े पहनने के साथ-साथ सिर पर टोपी पहनने का भी ज़िक्र है।” पोट्टी ने कहा, “किन्हीं भी सुधार को लागू करने और प्रथाओं में बदलाव करने का काम पुजारियों पर छोड़ दिया जाना चाहिए। यह संतों और राजनेताओं का मुद्दा नहीं है।”

स्रोत: केरल, मंदिर, पद्मनाभस्वामी मंदिर, गुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिर, सबरीमाला मंदिर, Kerala, Temple, Padmanabhaswamy Temple, Guruvayur Sri Krishna Temple, Sabarimala Temple,
Tags: Guruvayur Sri Krishna TempleKeralaPadmanabhaswamy TempleSabarimala TempleTempleकेरलगुरुवयूर श्री कृष्ण मंदिरपद्मनाभस्वामी मंदिरमंदिरसबरीमाला मंदिर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

MahaKumbh 2025: त्रिवेणी के संगम में अबतक 60 लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी; पढ़ें, 144 साल बाद बने इस अद्भुत संयोग का क्या है महत्व?

अगली पोस्ट

‘हम शाहजहाँ की औलाद हैं, एक भी हिन्दू को नहीं रहने देंगे’: बांग्लादेश के मौलाना ने उगला ज़हर, कहा – ये गुजरात नहीं

संबंधित पोस्ट

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता
इतिहास

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

12 September 2025

अपनी पुस्तक आर्य (श्रेष्ठ) भारत का प्राक्कथन लिखते समय जो जो विचार मन में आये उन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। किसी...

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न
चर्चित

प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

12 September 2025

पुस्तक का नाम: खजाने की शोधयात्रा लेखक: प्रशांत पोल प्रकाशक: प्रभात प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ: 221 क्या आप जानते हैं कि विश्व का सबसे प्राचीन स्टेडियम...

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज
क्राइम

सीवान की जलती रातें: चंचल की आंखों से देखें बिहार का जंगलराज

11 September 2025

साल 1999 की ठंडी शाम। सीवान की गलियों में दीपावली के बाद की चहल-पहल धीरे-धीरे थम रही थी। चंचल अपने दोनों भाइयों—गिरीश और सतीश—के साथ...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited