आत्मनिर्भर और सशक्त भारतीय अर्थव्यवस्था के निर्माण में मोदी सरकार एक बार फिर आर्थिक संजीवनी लाने को तैयार है। हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी बजट सत्र(Budget 2025) की तारीख़ 31 जनवरी से 13 फरवरी और फिर 10 मार्च से 4 अप्रैल के बीच होगी। राष्ट्रपति का अभिभाषण 31 जनवरी को होगा, जबकि बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। 5 फरवरी को दिल्ली चुनाव और 12 फरवरी को रविदास जयंती के कारण अवकाश रहेगा।
संसद के बजट सत्र की आ गई तारीख़:
31 जनवरी से 13 फरवरी
10 मार्च से 4 अप्रैल31 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करेंगी और 1 फरवरी, 2025 को #Budget पेश किया जाएगा।
5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव और 12 फरवरी को रविदास जयंती के कारण छुट्टी रहेगी।
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) January 17, 2025
सूत्रों की मानें तो देश में आर्थिक सुधारों और विकास को गति देने के लिए, सरकार बजट 2025 में कई अहम घोषणाएं कर सकती है। इनमें मिडिल क्लास, व्यवसाय और रोजगार से जुड़ी योजनाओं का ध्यान रखा जा सकता है, ताकि आर्थिक सुस्ती को दूर किया जा सके और देश को एक नई दिशा मिले। इन प्रयासों से भारतीय अर्थव्यवस्था को एक बूस्टर डोज़ मिल सकता है।
आर्थिक सुधार के तहत इनकम टैक्स में मिल सकती है 50,000 रुपये तक की छूट
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार आगामी बजट में आम नागरिकों के लिए राहत देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है, खासकर कंजंप्शन बढ़ाने के लिए। मीडिया सूत्रों के अनुसार, सरकार इनकम टैक्स रेट में कटौती और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है। वर्तमान में, पुराने टैक्स रिजीम में इनकम टैक्स में छूट की सीमा 50,000 रुपये है, जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 75,000 रुपये है। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस सीमा को 1 लाख रुपये तक बढ़ा सकती है, जो करदाताओं को ज्यादा राहत देगा।
यह बदलाव विशेष रूप से मिडिल क्लास और वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जो लंबे समय से इस बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे थे। इसके अलावा, जिनकी सालाना आय 12 से 15 लाख रुपये के बीच है, उनके लिए टैक्स रेट में राहत मिल सकती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है। यह कदम आर्थिक स्थिति को सुधारने और देश में उपभोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
निवेश को बढ़ाने पर जोर दे सकती मोदी सरकार
वित्त वर्ष 2025 के दौरान देश की जीडीपी 6.4 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो पिछले चार वर्षों का सबसे निचला स्तर हो सकता है। ऐसे में मीडिया सूत्रों की मानें तो इस परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार बजट(Budget 2025) के माध्यम से एक मजबूत संदेश देने की योजना बना सकती है, ताकि निजी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
इसके साथ ही, कॉर्पोरेट टैक्स की प्रक्रिया को और सरल बनाना और टीडीएस की प्रक्रिया को आसान बनाने जैसी घोषणाएं भी बजट में देखने को मिल सकती हैं। साथ ही मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को अधिक गतिमान बनाने हेतु उद्योगों के लिए टैरिफ उपाय और रोजगार के अवसरों के साथ निजी निवेश को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकती है।