उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में संन्यास की दीक्षा लेने के बाद महामंडलेश्वर बनाई गईं बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को पद से हटा दिया गया है। महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक कर उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। जिसके बाद किन्नर अखाड़े में ही आंतरिक विरोध शुरू हो गया था। ममता ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की थी जिसके बाद उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी देने की घोषणा की गई थी। अब आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने पद से हटा दिया गया है। इसके बाद लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी अजय दास के विरोध में आ गई हैं।
ऋषि अजय दास ने कहा कि त्रिपाठी को उनके पद से मुक्त किया जाता है और किन्नर समाज के उत्थान के लिए उनकी नियुक्ति हुई थी लेकिन वे पद से भटक गए हैं। साथ ही, ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े से निष्कासित कर दिया है। ऋषि अजय दास ने यह कार्रवाई की है और उनका कहना है कि जल्द ही नए महामंडलेश्वर का ऐलान किया जाएगा।
ऋषि अजय ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है जिसमें लिखा है, “आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने असंवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो कि फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है, उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया।” उन्होंने आगे लिखा, “जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।”
वहीं, इस विवाद में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी सामने आई हैं और उन्होंने अजय दास पर ही सीधे सवाल खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि पहले ही अजय दास को पद से हटा दिया गया था। इस घटना के बाद किन्नर अखाड़े में विवाद बढ़ने की आशंका है और कई सवाल खड़े हो गए हैं। ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर कई संतों ने भी सवाल उठाए थे और किन्नर अखाड़े में इसका आंतरिक विरोध भी शुरू हो गया था। जिसके बाद अखाड़े के दो गुट आमने-सामने आ गए हैं।