मध्य प्रदेश के विदिशा में एक शादी समारोह में एक युवती डांस कर रही थी और इसी बीच फिल्मी गीतों पर डांस करते-करते वह अचानक रुक गई। पल भर में ही वो मुंह के बल स्टेज पर गिर पड़ी जिसके बाद युवती की हालत देख वहां मौजूद लोग तुरंत उसे उठाने के लिए दौड़े। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, युवती की सांसें थम चुकी थीं। महिला को ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ आया था। कई मामलों में लोगों को खेलते, नाचते या हल्की-फुल्की गतिविधियों के दौरान अचानक दिल का दौरा पड़ने की घटनाएं देखी गई हैं और इसे ही ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ कहा जाता है।
भारत में बीते कुछ वर्षों में ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ के अनेकों मामले सामने आए हैं। पिछले हफ्ते भी इंदौर में एक दवा कारोबारी अमित चेलावत की बैडमिंटन खेलते-खेलते अचानक मौत हो गई थी। 45 वर्षीय अमित को उनके साथियों ने सीपाआर भी दिया, कुछ देर तक तो ठीक रहे लेकिन अंत में उनकी भी सांसें थम गईं। पिछले महीने ही गुजरात के अहमदाबाद में अपनी क्लास में जा रही एक 8 वर्ष की बच्ची की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। करीब, 2 महीने पहले ही मध्य प्रदेश के छिंडवाड़ा में एक जज को बैडमिंटन खेलते समय हार्ट अटैक आया था और उनकी मौत हो गई थी। भारत में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अब तो स्कूलों में छोटे-छोटे बच्चों को भी हार्ट अटैक आने के मामले तेज़ी से सामने आ रहे हैं।
कोरोना की वैक्सीन ‘हार्ट अटैक’ की वजह?
इन घटनाओं में अचानक हुई बढ़ोतरी को लेकर कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं है। अलग-अलग विशेषज्ञ इसके विभिन्न कारण बता रहे हैं जिनमें कोरोना वायरस की वैक्सीन के चलते ऐसा होने की भी संभावना जताई जाती रही है। पिछले शनिवार को ही झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी पुणे में आयोजित 14वीं भारतीय छात्र संसद में पहुंचे थे और उन्होंने भी इसका ज़िक्र किया। अंसारी ने कहा कि कुछ वर्षों में युवा वर्ग में हार्ट अटैक के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि देखी जा रही है और इस पर विचार करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कई विशेषज्ञ इन मामलों में बढ़ोतरी का कारण कोविड-19 के दौरान ली गई वैक्सीन के संभावित साइड इफेक्ट्स को मान रहे हैं।
हालांकि, सरकार का दावा इसके उल्ट है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने पिछले साल दिसंबर में इन मामलों को लेकर संसद में जवाब दिया था। नड्डा ने ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना की वैक्सीन के चलते हार्ट अटैक के मामले नहीं बढ़े हैं बल्कि इससे हार्ट अटैक के मामले कम हुए हैं। ICMR ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के साथ मिलकर एक परीक्षण किया था और उसमें पाया गया कि कोविड-19 वैक्सीन की कोई भी खुराक लेने से अचानक मृत्यु की संभावना कम हुई है। ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों में अकारण अचानक मृत्यु की संभावना और भी ज्यादा कम हो गई।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण?
आम तौर पर साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण इतने मामूली होते हैं कि इन्हें लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में निम्न चीज़ें शामिल हो सकती हैं:-
सीने में हल्का दर्द, दबाव या सिकुड़न जैसी स्थिति का होना
सांस लेने में तकलीफ या सांस फूलने जैसी समस्या
बेहोशी जैसा एहसास होना
बिना किसी कारण के पसीना आना
बिना किसी वजह के मतली या उल्टी आना
अत्यधिक कमज़ोरी या थकान महसूस होना
जबड़े, गर्दन, पीठ, कंधे या बांहों जैसी जगहों पर दर्द
हार्ट अटैक के संभावित कारण
दिल की धमनियों में रक्त प्रवाह बाधित होने और दिल को पर्याप्त ऑक्सीजन ना मिलने से हार्ट अटैक आता है। इसके कई संभावित कारण हो सकते हैं:-
1. कोलेस्ट्रॉल और ब्लॉकेज
- धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से ब्लड का सर्कुलेशन रुक सकता है जिससे हार्ट अटैक का गंभीर खतरा बन जाता है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से नसों में प्लाक (Plaque) जम जाता है, प्लाक के जमने से नसें पतली हो जाती हैं जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है। इसके चलते दिल का दौरा, स्ट्रोक का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
2. हाई ब्लड प्रेशर
- ब्लड प्रेशर लगातार हाई रहने से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे नसें संकरी हो सकती हैं।
3. डायबिटीज और मेटाबोलिक डिसऑर्डर
- मधुमेह (Diabetes) से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
4. मोटापा और अस्वस्थ जीवनशैली
- अधिक वजन से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी से दिल की क्षमता में कमजोरी आ सकती है।
5. धूम्रपान-शराब और मानसिक तनाव
- धूम्रपान से धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
- शराब का अत्यधिक सेवन दिल की धड़कन को प्रभावित कर सकता है।
- लंबे समय तक तनाव और चिंता से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और यह हार्ट अटैक का कारण बन जाता है।
6. आनुवंशिक कारण
- यदि परिवार में किसी को हृदय से जुड़ा रोग रहा हो तो हार्ट अटैक का जोखिम अधिक हो सकता है।
कैसे रखें दिल का ध्यान?
दिल की स्वस्थ रहने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम है। इसके लिए डॉक्टर आम तौर पर भोजन में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट को शामिल करें करने की सलाह देते हैं। साथ ही, रोज़ करीब 30 मिनट के लिए शारीरिक व्यायाम से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है जो स्वस्थ ह्रदय के लिए बेहद ज़रूरी है। दिल से संबंधी कोई भी समस्या से बचने के लिए धूम्रपान और शराब से बचने की सलाह भी दी जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक, हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें और अगर परिवार में पहले से हृदय रोग रहा हो तो नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।